बठिडा: घरों और व्यापारिक संस्थानों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने, सड़कों की सफाई करने व पब्लिक टायलेट पर काम करने वाले सफाई सेवक नगर निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल की अपील के बावजूद हड़ताल जारी रखेंगे। सफाई सेवक यूनियन अपनी मांगों को लेकर लगातार धरना दे रही है। वही उन्होंने इस आंदोलन को राज्य स्तर पर शुरू करने की घोषणा कर दी है। कोरोना काल में शहर के विभिन्न हिस्सों में गंदगी की भरमार होने लगी है वही घरों से कूड़ा नहीं उठने से लोग कचरे को खुले स्थानों में फैंकने लगे हैं। यूनियन के नेताओं ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, वे काम पर नहीं लौटेंगे।
अब आउटसोर्स कर्मियों ने हड़ताल का नतीजा नहीं निकलने तक काम पर लौटने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं बठिंडा में आउटसोर्स स्टाफ के 660 कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद शहर के 56 हजार से अधिक घरों व 17 हजार से अधिक कमर्शियल जगहों से कचरा उठाने के अलावा शहर के 32 पब्लिक टॉयलेट पर ताले लगे हैं। जिससे शहर के 50 वार्डों में घरों व बाजारों से निकलने वाला करीब 120 टन कचरा या तो घरों में ही डंप हो रहा है या फिर सड़कों के किनारे खाली प्लाटों में लोग फैंकने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसे में हड़ताल का अगले कुछ दिन तक हल नहीं होने से शहर में कोरोना के बीच गंदगी पनपने से मुहल्लों में बीमारी फैलने का अंदेशा भी बढ़ने लगा है।
वीरवार से हड़ताल पर गए टीपरी यूनियन के सदस्य भगवान श्री वाल्मिकी चौक पर स्थित सेंट्रल लोकेशन पर हड़ताल पर बैठे रहे व राज्य सरकार से मांगे पूरी करने की मांग की। टीपरी यूनियन के प्रधान रिंकू ने कहा कि शहर के 50 वार्डों में टीपरी घर-घर व गली-गली जाकर कचरा उठाकर उसे कचरा प्लांट में डंप करता है तथा सुबह से देर शाम तक काम जारी रहता है, लेकिन उनके वेतन बेहद कम हैं। दिनभर गंदगी में रहने के बाद भी उन्हें इतना वेतन नहीं मिल सकता, जिससे वह सही ढंग से अपना परिवार चला सकें।सफाई सेवक यूनियन पंजाब के प्रधान अशोक सारवान व सचिव रमेश गैचंड ने कहा कि शनिवार को एक बार फिर लोकल बॉडी मंत्री ब्रह्ममोहिंदरा ने उन्हें चौथी बार मीटिंग के लिए चंडीगढ़ बुलाया था। मीटिंग में ब्रह्मोहिंदरा जी ने उनसे मांगों को पूरा करने को लेकर ओर वक्त मांगा, लेकिन उन्होंने नौकरी रेगुलर करने व वेतन बढ़ाने की मांग को प्राथमिकता पर पूरा करने की मांग रखी जिस पर कहा कि 16 जून की कैबिनेट मीटिंग में वह इस बात को रखेंगे, तब तक हड़ताल स्थगित कर दी जाए, लेकिन पदाधिकारी मांग पर अड़े रहे।
शहर में वर्तमान में आउटसोर्स प्राइवेट कर्मी 32 पब्लिक टॉयलेट का रखरखाव करते हैं, लेकिन अब हड़ताल से शहर के सभी पब्लिक टॉयलेट की तालाबंदी हो चुकी है। पब्लिक टॉयलेट्स टीम के इंचार्ज दीपक भट्टी ने कहा कि कहा कि पिछले 8-9 साल से 100 से अधिक प्राइवेट कर्मी पब्लिक टॉयलेट्स पर डयूटी दे रहे हैं, लेकिन उन्हें प्रतिमाह मात्र 6100 रुपय मिलते हैं। मामले में निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने कहा कि मैंने स्टाफ को काम पर लौटने की अपील की है क्योंकि कई लोग दूसरे जिलों से आकर काम को बाधित कर रहे हैं इसलिए कर्मचारी इससे बचें। सफाई सेवकों की हड़ताल के चलते शहर में गह-जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं। इस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं घरों से भी कूड़ा न उठने के कारण परेशानी पैदा हो गई है।
फोटो -अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे कर्मी।
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