-निगम हाउस बैठक में गिल को बोलने के लिए समय नहीं देने पर जताया रोष
बठिंडा. नगर निगम बठिंडा में शुक्रवार को फाइनेंस एंड कॉन्ट्रेक्ट कमेटी (एफएंडसीसी) का चुनाव संपन्न कर दिया गया। इसमें कमिश्नर विक्रमजीत सिंह शेरगिल, मेयर रमन गोयल, सीनियर डिप्टी मेयर अशोक कुमार प्रधान, डिप्टी मेयर मास्टर हरमंदर सिंह के अलावा दो जनप्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है। इसमें पार्षद प्रवीण गर्ग व पार्षद बलजिंदर सिंह ठेकेदार को कमेटी का मैंबर बनाया गया है। प्रवीण गर्ग वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पवन मानी गर्ग की धर्मपत्नी है। इस बाबत सुबह 11 बजे आयोजित की गई जरनल हाउस बैठक में एकमात्र एजेंडा पेश किया गया जिसमें दो जनप्रतिनिधियों को फाइनेस कमेटी में रखने पर सहमती जताई गई। वही इस दौरान कांग्रेस के ही वरिष्ठ पार्षद व पूर्व कौंसिल प्रधान जगरूप सिंह गिल ने अपनी तरफ से तीन प्रस्तावों पर विचार करने के लिए कई बार हाथ उठाया लेकिन उन्हें चेयरपर्सन ने अनुमति नहीं दी जिसके बाद उन्होंने हाउस बैठक का बायकाट कर बाहर आ गए। बाहर आकर उन्होंने बैठक को लेकर कई सवाल दागे।
गौरतलब है कि नगर निगम मे विकास कार्यों से लेकर निगम के विभिन्न खर्चों को मंजूरी प्रदान करने के लिए एफएंडसीसी कमेटी का काफी महत्व होता है। नियमानुसार कमेटी पहले सभी एजेंडों को मंजूरी प्रदान करने के साथ उसके खर्च संबंधी अवलोकन करती है व बाद में इसे मंजूरी के लिए हाउस में पेश किया जाता है। कई मामले में कमेटी सीधे पर भी प्रस्ताव को पास कर सरकार को मंजूरी के लिए भेज सकती है। नगर निगम बठिंडा में मेयर पद रमन गोयल को देने का शुरू में विरोध हुआ था व कई पार्षदों जिसमें जगरुप सिंह गिल शामिल थे ने सीधे तौर पर इस नियुक्ति पर इतराज जताया था। इसके बाद दूसरे वरिष्ठ सदस्यों की नाराजगी को दूर करने के लिए एफएंडसीसी में शामिल करने की बात हो रही थी। फिलहाल इस कमेटी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेटा पवन मानी की पत्नी व बलजिंदर ठेकेदार को शामिल कर पट रही खाई को भरने की कोशिश की गई है।
बैठक की प्रक्रिया पर कांग्रेस के ही वरिष्ठ पार्षद ने उठाए सवाल
नगर निगम की बैठक में पूर्व की तरह वरिष्ठ कांग्रेसी व पार्षद जगरूप सिंह गिल ने बैठक की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। जगरुप गिल ने बैठक में जीरो हावर में हाथ खड़े कर अपने प्रस्ताव रखने की मंजूरी देने की मांग रखी लेकिन उन्हें बैठक में बोलने नहीं दिया गया। इसके बाद गिल ने कहा कि डेढ़ माह में पहली बैठक हुई थी व इस बैठक में नियमों का पालन नहीं किया गया। बैठक में कोरोना काल के दौरान पूर्व पार्षद, प्रधान, 500 किसान, शहर के 800 से अधिक लोगों की मौत हुई। इन सभी को श्रद्धांजलि नहीं दी गई जबकि वह इस बाबत प्रस्ताव लाना चाहते थे जिसमें उनकी नहीं सुनी। वह बैठक में सीएम कोविड रिलीफ फंड में एक करोड़ रुपए देने तो सामाजिक संस्थाओं व आम लोगों की कोरोना मदद के लिए 50 लाख का फंड रखने का प्रस्ताव रखना चाहते थे लेकिन इस पर भी विचार नहीं किया गया। वर्तमान में बैठक को सिर्फ औपचारिकता के तौर पर आयोजित किया। शहर में सभी इलाकों में सीवरेज की विकराल समस्या है जिसमें सीवरेज जाम होकर गंदा पानी सड़कों में फैल रहा है इस बारे में भी बैठक में कोई विचार नहीं हुआ। उन्होंने मांग रखी कि हाउस में यह प्रस्ताव पास किया जाना चाहिए था जिसमें मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर अपने स्तर पर किसी जरूरतमंद की कोरोना में तय राशि की सहायता कर सके लेकिन इसे भी नजरअंदाज रखा गया।
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