बठिंडा. कोरोना काल से दिन-रात सेवाएं देने वाले जिले के 100 के करीब सेहत मुलाजिमों को राज्य सरकार की तरफ 8 महीने से वेतन जारी नहीं करने के रोष में पैरा मेडिकल हेल्थ इंप्लाइज एसोसिएशन ने संघर्ष करने का ऐलान किया है। इसके तहत सोमवार को एसोसिएशन के प्रधान गगनदीप सिंह की अगुआई में कर्मचारियों ने सिविल सर्जन बठिंडा को ज्ञापन सौंपकर मंगलवार से पूर्ण रूप से हड़ताल करने का ऐलान किया है। एसोसिएशन के अनुसार मंगलवार से सभी सेहत कर्मी कामकाज बंद कर सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर रोष धरना देंगे। इस दौरान कोई भी सरकारी कामकाज नहीं किया जाएगा। एसोसिएशन ने कहा कि जब तक सरकार प्रदेश समेत जिले के सभी कर्मियों का आठ माह का वेतन जारी नहीं कर देती, उनकी यह हड़ताल जारी रहेगी।
वही दूसरी तरफ वेतन आयोग की सिफारिशों व एनपीए को लेकर सेहत कर्मियों ने अपनी हड़ातल जारी रखते अस्पताल के बाहर ओपीडी लगा मरीजों की जांच की। वही गंभीर बीमारियों का उपचार करवाने वाले मरीज अस्पताल में परेशानी का सामना करते रहे। दूसरी तरफ वेतन जारी नहीं करने पर एसोसिएशन ने कहा कि वेतन जारी करवाने को लेकर पहले भी कई बार सिविल सर्जन बठिंडा को कई ज्ञापन दिए जा चुके है, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। सरकार व विभाग के उच्चाधिकारियों के इस रवैये से परेशान होकर ही उन्होंने हड़ताल करने का ऐलान किया है। एसोसिएशन के प्रधान गगनदीप सिंह ने बताया कि बठिंंडा में करीब 100 पैरामेडिकल स्टाफ के अलावा आइसोलेशन वार्ड, ओटी, लेबर रूम, टेस्टिंग लैब, एक्सरे विभाग, सिविल सर्जन कार्यालय में तैनात करीब 50 से अधिक स्टाफ मेंबर है, जिन्हें पिछले आठ माह से वेतन जारी नहीं किया गया है। इसके पीछे तर्क दिया गया कि पैरा-मेडिकल स्टाफ नई नियुक्ति पर आया है और वित्तीय विभाग के एक आदेश के अनुसार सेहत विभाग में जिस भी स्टाफ की अपने पद के बजाय डेपुटेशन के पद पर नियुक्ति हुई है, उनका वेतन रोक गया है। ऐसे में पिछले करीब आठ माह से उनका वेतन रुका हुआ है, जबकि उनसे ड्यूटी ली जा रही है। एसोसिएशन ने कहा कि कर्मियों को आठ माह से वेतन नहीं मिलने के कारण दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार लेकर अपने परिवार का पालन पोषन कर रहे है। कर्मचारियों का कहना है कि एक तरफ वे दिन-रात एक कर कोरोना महामारी की जंग में काम कर रहे हैं, वही उन्हें वेतन जारी नहीं किया जा रहा है।
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