बठिंडा. एनपीए के विरोध में पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (पीसीएमएस) एसोसिएशन के आह्वान पर पूर्ण रूप से हड़ताल पर चल रहे सरकारी डाक्टरों ने हड़ताल के चौथे दिन सोमवार को भी सिविल अस्पताल में धरने वाली जगह टेंट, टेबल लगाकर ओपीडी की। इस दौरान डाक्टरों ने सरकारी पर्ची की वजाए एसोसिएशन की तरफ से छपवाई गई पर्चियों पर ही मरीजों का चेकअप किया और उन्हें अपनी तरफ से निशुल्क दवाइयां दी गई। सोमवार को डाक्टरों ने सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक 350 से अधिक मरीजों का निशुल्क चेकअप किया। इस दौरान केवल इमरजेंसी केसों को छोड़कर अस्पताल में आने वाले किसी भी मरीज का कोई भी खून टेस्ट,एक्सरे,अल्ट्रासाउंड, डोप टेस्ट, अाप्रेशन आदि नहीं किए गए, जिसके कारण मरीजों को इन सेहत सुविधा प्राप्त करने के लिए प्राइवेट लैब व अस्पतालों में ही जाना पड़ा। वहीं सरकार की तरफ से समय मांगे जाने के बावजूद भी डाक्टरों की मांगों पर अभी तक कोई भी फैसला नहीं लिए जाने पर डाक्टरों ने मंगलवार को निशुल्क ओपीडी भी बंद कर पूर्ण रूप से हड़ताल करने का ऐलान किया। पीसीएमएस के जिला प्रधान डा. जगरूप सिंह का कहना है कि वह मरीजों की समस्या को देखते हुए निशुल्क ओपीडी करने का फैसला लिया था, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर बिल्कुल भी गंभीरता नहीं दिखा रही है, इसलिए स्टेट कमेटी के आह्वान पर मंगलवार को ओपीडी ना कर पूर्ण रूप से हड़ताल की जाएगी। इस दौरान केवल इमरजेंसी ही चलेगी, जबकि बाकी सभी सेहत सेवाएं बंद कर अस्पताल परिसर में रोष धरना दिया जाएगा। वहीं 22 जुलाई वीरवार को चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय रोष रैली की जाएगी, जबकि 23 जुलाई से अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल की जाएगी। डा. जगरूप सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार उन्हें सिर्फ झूठे आश्वासन ही दे रही है, लेकिन उनकी मांगों को कोई भी हल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हड़ताल कोई शौंक नहीं मजबूरी है। इस मौके पर डा. सतीश जिंदल, डा. रविकांत गुप्ता, डा. हर्षित गोयल, डा. अरुण बांसल, डा. खुशदीप सिद्धू, डा विशेश्वर चावला, डा. रविंदर सिंह आहलूवालिया, डा. विजय मित्तल, डा. धीरज गोयल, डा. रिचा, डा. सीमा गुप्ता आदि मौजूद थे।
फोटो -सरकार की तरफ से वेतन जारी नहीं करने के विरोध में सिविल सर्जन को हड़ताल संबंधी ज्ञापन सौंपकर नारेबाजी करते कर्मी।
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