मुख्यमंत्री व सेहत मंत्री को शिकायत भेज लापरवाह अफसरों पर कार्यवाही करने की रखी थी मांग: सन्दीप अग्रवाल
बठिंडा. कोरोना वैक्सीन कैंपों को लेकर प्रशासन की तरफ से सामाजिक संस्थाओं के साथ किए जा रहे भेजभाव को लेकर ऊारतीय जनता युवा मोर्चा की तरफ से पंजाब के मुख्यमंत्री , सेहत मंत्री, चीफ सेक्रेटरी, व डिप्टी कमिश्नर बठिण्डा को ईमेल के जरिये शिकायत भेज कर सिस्टम को दुरुस्त करने की मांग की गई थी। इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री आफिस की तरफ से सेहत सचिव, सिविल सर्जन व संबंधित अधिकारियों को मामले में जरूरी एक्शन लेने व सरकारी तंत्र को दुरुस्त करने की हिदायत दी है।
वही भाजयुमों के जिला प्रधान संदीप अग्रवाल ने कहा कि जिले में कोविड वैक्सीन कैम्पों में भेदभाव के चलते बठिंडा जिले की सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं ने सिविल कोविड टीकाकरण कैम्पों का बायकाट करने का फैसला लिया है। इस स्थिति के लिए पूरी तरह से सरकारी तंत्र व सरकारी अस्पताल के अधिकारी जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि पूरे देश मे आफत बनी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जहां संस्थाए अपनी जान की परवाह न करते हुए युद्ध स्तर तक सेवा कर रही है वहीं सिविल अस्पताल प्रबंधन की तरफ से संस्थाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस सबंधी मुख्यमंत्री पंजाब, सेहत मंत्री, चीफ सेक्रेटरी, व डिप्टी कमिश्नर बठिण्डा को ईमेल के जरिये शिकायत भेजकर सिस्टम को दुरुस्त करने की मांग की गई है।
भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सन्दीप अग्रवाल ने कहा कि जहां सिविल अस्पताल व जिला प्रसाशन लोगों में कोविड टीकाकरण को ले जाने व प्रचार करने में फेल साबित हुआ था, वहीं शहर की प्रसिद्ध संस्थाओं की तरफ से दिन रात एक कर लोगों को कोविड टीकाकरण के लिए जागरूक किया गया, व खुद के वाहनों से लोगो को कैंपों में ले जाकर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। जिलाध्यक्ष सन्दीप अग्रवाल ने कहा कि इस टीकाकरण मुहिम को जन जन तक ले जाने के लिए संस्थाओं ने लोगों के लिए ईनामी स्कीम, जूस वितरण व अनेक तरह के माध्यम से कोविड से बचाने के लिए टीकाकरण से जोड़ा। लेकिन व्यवस्था में फेल रहा जिला प्रसाशन व सिविल अस्पताल प्रबंधन को टीकाकरण के लिए वेक्सिन में असमर्थता दिखाकर जान बूझ कर परेशान करके संस्थाओं का मनोबल गिराया जा रहा है। वही दूसरी तरफ कांग्रेसी पार्षदों व वित्त मंत्री के ऑफिस से आने वाली सिफारिशों वाले कैम्प देकर संस्थाओं के साथ किया जा रहा भेदभाव वाला व्यवहार बेहद निंदनीय है। इससे जहां संस्थायों में निराशा होगी, वहीं कोविड टीकाकरण अभियान भी प्रभावित होगा।
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