- -प्रभावित पक्ष ने कोर्ट में वार्डबंदी की वर्तमान व पूर्व की स्थिति को लेकर पेश किए दस्तावेज
- -मोहाली का केस सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो मोगा के केस की सुनवाई 13 जनवरी को रखी
बठिंडा. नगर निगम चुनाव की वार्डबंदी को लेकर पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में निगम क्षेत्र के वार्डबंदी का नक्शा कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया गया है। इसमें शहर का वह नक्शा दिया गया है जिसमें पहले हदबंदी थी वही इसमें नई हदबंदी के दस्तावेज भी पेश किए गए है। इन दोनों दस्तावेजों के आधार पर कहा गया है कि कांग्रेस सरकार की तरफ से बनाई हदबंदी जहां जनप्रतिनिधियों के लिए परेशानी का सबब बन रही है वही इससे लोगों को भी अपने काम करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। फिलहाल इस मामले में हाईकोर्ट के जज ने अब 11 जनवरी को सुनवाई करने का फैसला लिया है। दूसरी तरफ माना जा रहा था कि हदबंदी को लेकर शुक्रवार को कोर्ट किसी तरह के निर्देश जारी कर सकती है लेकिन जज के व्यस्त होने के चलते इस सुनवाई को अगली तिथि तक टाल दिया गया है। इससे राजनीतिक हलकों में अब चुनावों को लेकर आगामी दो दिन तक इंतजार करना पड़ेगा। यह सुनावई इस मायने में भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि अदालत के फैसले के आधार पर ही शहर के वार्ड तय होंगे व इसमें चुनाव कब होने है इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट होगी। अगर कोई दायर याचिका के पक्ष में तथ्य के आधार पर फैसला करता है तो चुनाव फरवरी में होना संभव नहीं होगा व तिथि आगे बढ़ानी पड़ सकती है। सभी राजनीतिक दलों के अलावा एनजीओ कमर कस चुनाव की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। सुबह से शाम तक समय वार्डों में प्रचार तथा चुनाव में टिकटों के आबंटन व नतीजों को लेकर बीत रहा है, लेकिन वर्तमान में नगर निगम चुनाव पर एक बार फिर माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई 11 जनवरी को होनी है। नगर निगम बठिंडा की हदबंदी को माननीय पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में शिअद द्वारा चैलेंज किए जाने के बाद यह चौथी बार सुनवाई हुई है व पांचवी तारीख में किसी तरह के निर्देश मिलने की उम्मीद है। शिअद द्वारा हदबंदी की घोषणा में नियमों की उल्लंघना किए जाने की बात कहकर सितंबर 2020 में हाईकोर्ट में केस दायर किया था। वहीं दूसरी तरफ मोहाली के एक पक्ष ने हाईकोर्ट में स्टे खारिज होने के बाद माननीय सुप्रीम कोर्ट में हदबंदी को लेकर दरवाजा खटखटाया है, इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब दायर करने का निर्देश दिया है। ऐसे में चुनाव कब होंगे, इस पर कुछ भी कहना मुश्किल है। फिलहाल बठिंडा का केस जहां हाईकोर्ट में लंबित है वही मोहाली नगर निगम का केस अब सुप्रीम कोर्ट में चलेगा। नगर निगम मोगा के पूर्व मेयर अक्षित जैन तथा 35 पूर्व पार्षदों द्वारा पंजाब तथा हरियाणा हाईकोर्ट में फाइल की गई रिट पटीशन सीडब्लयूपी 19382 ऑफ 2019 में पिछले दिनों हाईकोर्ट द्वारा सुनवाई की गई थी। पूर्व मेयर अक्षित जैन ने बताया कि पूरे पार्षदों की सहमति तथा हस्ताक्षर सहित नगर निगम कमिश्नर अनीता दर्शी के व्यवहार तथा उसकी बदली करवाने के लिए यह रिट पटीशन दाखिल की गई थी। इसकी सुनवाई 26 मार्च 2020 को रखी गई थी। लेकिन कोविड-19 के कारण इस पटीशन पर उस समय सुनवाई नहीं की जा सकी थी कि पंजाब सरकार द्वारा नगर निगम चुनाव करवाने की घोषणा के बाद इसकी जल्दी सुनवाई करवाने के लिए हाईकोर्ट को अपील की गई थी। इस पर हरप्रीत सिंह बराड़ एडवोकेट द्वारा कमिश्नर के सरकार पक्षीय होने के कारण चुनावों में सरकार का पक्ष लेने का हवाला देते हुए इसकी सुनवाई अब 13 जनवरी 2021 को रखी गई है। हाईकोर्ट ने सरकार तथा संबंधित कमिश्नर को नोटिस ऑफ मोशन जारी कर दिया है। अब सरकार तथा कमिश्नर को 13 जनवरी 2021 को पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा। फिलहाल इन तीनों मामलों के चलते पंजाब सरकार भी चुनावों की तिथि को लेकर अभी स्पष्ट नहीं है।