चंडीगढ़। Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ में भाजपा ने एक बार फिर मेयर सहित सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का पद हासिल कर लिया है। पार्टी के उम्मीदवार रविकांत शर्मा शहर के नए मेयर बन गए हैं। रविकांत शर्मा ने कांग्रेस के देवेंद्र सिंह बबला को हराकर मेेेेयर पद हासिल किया। भाजपा प्रत्याशी शर्मा को 17, जबकि कांग्रेस के प्रत्याशी बबला को 5 मत मिले। दो वोट खराब हुए, जबकि अकाली पार्षद ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। सीनियर डिप्टी मेयर का पद भाजपा के महेश इंद्र सिद्धू ने जीता, जबकि डिप्टी मेयर का पद भाजपा की ही फरमिला देवी ने जीता।
चुनाव के लिए सांसद किरण खेर स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण नहीं आ सकी। रविकांत शर्मा भाजपा के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह पिछले साल नगर निगम के सीनियर डिप्टी मेयर थे। वह ऐसे पहले पार्षद हैंं जो कि सीनियर डिप्टी मेयर के बाद सीधे मेयर बने हैं।
इससे पहले अकाली दल के पार्षद हरदीप सिंह काले कपड़े पहनकर निगम सदन में पहुंचे। उन्होंने कहा कि वह किसान आंदोलन के कारण मतदान नहीं करेंगे। अकाली पार्षद ने कहा कि आंदोलन के दौरान मृत किसानों की याद में दो मिनट का मौन रखा जाना चाहिए। बाद में वह सदन से बाहर चले गए।
आज ही डिप्टी मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर पद के लिए भी चुनाव हुआ। यह पद भी भाजपा ने जीते। कांग्रेस ने डिप्टी मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर के चुनाव का बहिष्कार किया। कांग्रेस ने मेयर पद के प्रत्याशी देवेंद्र सिंह बबला ने साथी पार्षदों के साथ यह कहते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया कि मेयर चुनाव में पारदर्शिता नहीं बरती गई। पार्षदों ने मतदान के दौरान अपने साथ मोबाइल रखा और मत डालने के बाद तस्वीरें खींची। इस कारण वह चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है जब कांग्रेस के पार्षदों ने मेयर चुनाव के बाद बहिष्कार किया हो।
नए मेयर को मिलेंगी यह सुविधाएं
- मेयर को सेक्टर-24 में सरकारी आलीशान घर के अलावा सरकारी गाड़ी मिलती है।
- मेयर को दो सुरक्षाकर्मी के अलावा सरकारी चालक मिलता है।
- घर पर काम करने के लिए दो सेवादार भी मिलते हैं।
- नगर निगम में जो भी वित्त एवं अनुबंध कमेटी और सदन में प्रस्ताव पास होने के लिए आता है, वह मेयर के माध्यम से ही आता है।
- मेयर किसी भी प्रस्ताव को रोक भी सकता है।
- मेयर को हर साल दो करोड़ रुपये का फंड मिलता है, जो वह पूरे शहर के विकास में खर्च कर सकता है।
- सीनियर डिप्टी मेयर को 20 लाख और डिप्टी मेयर को 10 लाख रुपये का फंड मिलता है।
- मेयर को हर माह 45 हजार रुपये का मानदेय मिलता है।
- सांसद के बाद मेयर का पद ही शहर में अहम है।
- मेयर का कार्यकाल एक साल का होता है।
- सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर के पास कोई अधिकार नहीं होता है।
- सुविधा के नाम पर सिर्फ उन्हें नगर निगम में कमरा मिलता है, लेकिन उनके पास कोई फाइल नहीं आती है।
- पार्षद कई बार सीनियर डिप्टी और डिप्टी मेयर के लिए सरकारी गाड़ी की मांग कर चुके हैं, लेकिन प्रशासन यह मांग खारिज कर चुका है।
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