गुरुवार, 28 जनवरी 2021

सिरसा डेरा प्रमुख राम रहीम की चिट्‌ठी वायरल:गुरमीत ने जेल से मां और समर्थकों के नाम भेजी चिट्‌ठी; लिखा- ईश्‍वर ने चाहा तो जल्‍द आकर मां का इलाज कराउंगा


जालंधर।
 डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम ने सुनारिया जेल रोहतक से अपनी मां और समर्थकों के नाम एक चिट्‌ठी लिखी है। इस चिट्‌ठी पर जेल की मुहर लगी हुई है। 23 जनवरी गुरमीत ने लिखा था, जिसे 25 जनवरी को जेल से जारी किया गया। डेरे के दूसरे गुरु शाह सतनाम सिंह के 102वें जन्मदिवस पर आयोजित नाम चर्चा के दौरान यह चिट्‌ठी संगत को पढ़कर सुनाई गई। बता दें राम रहीम इससे पहले भी 13 मई व 28 जुलाई 2020 को भी अपनी मां व संगत के नाम चिट्ठी लिखी थी।

राम रहीम ने चिट्ठी में लिखा कि अगर ईश्वर ने चाहा तो मैं जल्द आऊंगा और अपनी मां का इलाज करवाऊंगा। जब मैं अपनी मां से अस्पताल में मिलने आया था तो उनकी तबीयत गंभीर थी। लेकिन, मुझसे मिलने के बाद उनकी तबीयत में सुधार हुआ है। राम रहीम ने जनसंख्या को नियंत्रण करने के लिए एक मुहिम को शुरू करने का निर्देश डेरा श्रद्धालुओं को दिया। हम दो, हमारे दो या फिर हम दो, हमारा एक की मुहिम शुरू करने पर डेरा श्रद्धालुओं ने सहमति जताई है।


चिट्‌ठी पर जेल की मुहर लगी हुई है। 23 जनवरी को यह पत्र जेल से जारी किया गया।

शाह सतनाम सिंह के जन्मदिवस पर शाह सतनाम जी धाम, सिरसा में नामचर्चा का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में हरियाणा राज्य से भारी संख्या में साध-संगत ने ही शिरकत की। इस कार्यक्रम में हनीप्रीत इंसां, राम रहीम की पत्नी, दोनों बेटियां, दोनों दामाद और बेटा व बहू भी शामिल हुए। बाकी राज्यों की साध-संगत ने अपने-अपने ब्लॉकों में ही मानवता भलाई के कार्य करके शाह सतनाम का जन्मदिवस मनाया।

गुरमीत राम रहीम साध्वी यौन शोषण मामले और पत्रकार राम चंद्र छत्रपति हत्याकांड मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। एक मामले में उसे 20 साल की और दूसरे मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। तीन साल से राम रहीम जेल में है और उनके बिना ही अब डेरे में कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इस बार राम रहीम द्वारा डेरा सच्चा सौदा के नाम जेल से एक चिट्‌ठी भेजी गई, जिसे पढ़कर सुनाया गया।

आधी रात को पत्नी को ट्रैप किया तो पुलिस अधिकारी के साथ पकड़ाई, पति ने किया हंगामा

 


जालंधर। 
66 फुटी रोड पर जालंधर हाइट्स के पास बुधवार रात उस समय हंगामा हो गया, जब पति ने ट्रैप लगाकर ऑ​​​ल्टो कार में जा रही पत्नी को पकड़ लिया। कार कोई आम आदमी नहीं, बल्कि शहर में तैनात एक सीनियर पुलिस अधिकारी चला रहा था।

देर रात पुलिस ने पत्नी-पत्नी के विवाद को लेकर रिपोर्ट दर्ज की मगर सीधे तौर पर अधिकारी का नाम सामने नहीं आया था। हालांकि यह अधिकारी होशियारपुर में भी महिला के चक्कर में चर्चा में आ चुका है। पति के ट्रैप का कारण है कि वह पत्नी की पर्सनल लाइफ उजागर करके तलाक आसानी से ले सके।

शहर में रात करीब 11 बजे यह सूचना आई कि 66 फुटी रोड पर एक सीनियर पुलिस अधिकारी को एक पराई महिला के साथ पति ने पकड़ा है। इसके बाद मौके पर 30 मिनट तक हंगामा होता रहा। चौकी जालंधर हाइट्स की पुलिस मौके पर पहुंची तो ट्रैकसूट में उनके सीनियर अधिकारी पब्लिक के बीच घिरा हुआ था। सड़क से मामला सीधे चौकी में पहुंच गया। यहां पर एडीसीपी सिटी-2 अश्वनी कुमार और एसएचओ रश्मिंदर सिंह पहुंच गए। इस दौरान कुछ लोग काफी गुस्से में थे तो आरोपी पुुलिस अधिकारी भी वहां से निकल गया।

पीछा कर रहा था तो कार के ड्राइवर ने मार दी एक्टिवा को टक्कर

अवतार नगर के रहने वाले रेस्टोरेंट के मालिक ने पुलिस को बताया कि करीब 13 साल पहले उसकी शादी विदेशी नागरिक लड़की से हुई थी। इस बीच उनका पत्नी से विवाद हो गया था। विवाद को लेकर उस पर पर्चा दर्ज हुआ था। बुधवार को उसने देखा कि पत्नी ऑल्टो कार में जा रही थी। कूल रोड से कार का पीछा शुरू किया तो वह जालंधर हाइट्स तक पहुंच गया।

यहां पर कार के ड्राइवर ने उसकी एक्टिवा को टक्कर मार दी तो उसका ड्राइवर से झगड़ा हो गया। यहां पर पुलिस ने आकर मामला शांत करवाया। पति ने कहा कि वह पत्नी के खिलाफ अदालत में तलाक का केस दायर करेगा। दूसरी ओर महिला ने कहा कि पति उसे अक्सर तंग करता है। वह कार में जा रही थी कि उसे बदनाम करने के लिए हंगामा किया।

उज्बेकिस्तान की रहने वाली है महिला

40 साल की उज्बेकिस्तान की रहने वाली महिला की शिकायत पर बीते साल नवंबर में पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 325 व 498 ए केस दर्ज किया गया था। महिला का आरोप था कि उसे दहेज के लिए भी ताने मारे जाते हैं। 25 नवंबर को उस समय हद हो गई, जब पति ने उसे खूब पीटा। उसके बाएं कान पर इतने थप्पड़ मारे कि सुनना बंद हो गया था। उसे इलाज के लिए अस्पताल में लेकर गए थे तो कान की मेडिकल रिपोर्ट आने पर पता चला कि उसका कान का पर्दा फट गया है।

शिकायत में पुलिस अधिकारी का जिक्र नहीं : डीसीपी

उधर, डीसीपी गुरमीत सिंह ने कहा कि प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि पति-पत्नी के बीच विवाद को लेकर हंगामा हुआ था। जब उनसे पूछा गया कि मामले में पुलिस अधिकारी का नाम उछला है तो उन्होंने कहा कि पति ने अपनी शिकायत में एेसे किसी अधिकारी का जिक्र नहीं किया है। दूसरी ओर विवाद से जुड़े अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि उनकी कार का एक एक्टिवा से एक्सीडेंट हुआ था। उनका महिला से कोई-लेना देना नहीं है।

दिल्ली दंगे : तरनतारन का है लाल किले पर केसरिया झंडा फहराने वाला युवक, परिजन बोले- जुगराज सिंह को उकसाया गया


अमृतसर।
 किसान आंदोलन के नाम पर 26 जनवरी को दिल्ली में हुए घटनाक्रम से पूरा देश शर्मसार है। इसी दौरान के एक वीडियो में एक युवक लाल किले पर केसरिया झंडा फहराता नजर आ रहा है। इसकी पहचान हो गई है। 22 साल का जुगराज सिंह नाम का यह युवक पंजाब के सीमांत जिले तरनतारन के गांव वां तारा सिंह का रहने वाला है। परिवार और ग्रामीणों ने वीडियो से उसकी पहचान कर ली, वहीं पुलिस भी घर तक पहुंच गई। हालांकि इसके मां-बाप और बहन फिलहाल अंडरग्राउंड हैं।

वां तारा सिंह गांव पाकिस्तान बॉर्डर से सटा हुआ है। कंटीली तार के पास 2 एकड़ जमीन पर जुगराज सिंह का परिवार खेती करता है। तीन भैंसें और एक गाय भी रखी है। परिवार पर 5 लाख रुपए का कर्ज है। परिवार में उसके मां-बाप, दादा-दादी के अलावा तीन बहनें हैं, जिनमें से दो बहनों की शादी हो चुकी है। मैट्रिक पास जुगराज सिंह ढाई साल पहले चेन्नई स्थित निजी कंपनी में काम करने गया था, लेकिन पांच महीने बाद ही लौट आया था। अब मजदूरी करता है। जानकारी के अनुसार गांव से 24 जनवरी को दो ट्रैक्टर-ट्रॉलियां दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। जुगराज भी इनके साथ गया था।

लाल किले पर केसरिया झंडा फहराए जाने की घटना के बाद 26 जनवरी की रात 10 बजे पुलिस की टीम जुगराज सिंह के घर पहुंची। पूछताछ में जुगराज सिंह के पिता बलदेव सिंह ने सिर्फ यह बताया था कि उसका बेटा किसान आंदोलन में शामिल होने लिए दिल्ली गया है। इसके बाद से जुगराज के पिता बलदेव सिंह, मां भगवंत कौर और एक बहन भूमिगत हैं।

मीडिया से बात करते जुगराज सिंह के दादा महल सिंह।
मीडिया से बात करते जुगराज सिंह के दादा महल सिंह।

दादा महल सिंह और दादी गुरचरण कौर ने कहा कि परिवार का कोई भी सदस्य कभी किसी गैर सामाजिक गतिविधि में शामिल नहीं रहा है। दादी गुरचरण कौर ने कहा कि गांव में छह गुरुद्वारे हैं। जुगराज इन गुरुद्वारों में निशान साहिब पर चोला चढ़ाने की सेवा करता था। उन्होंने कहा कि दूसरे साथियों के नाकाम रहने और उकसाने पर जोश में आकर जुगराज ने लाल किले पर झंडा चढ़ा दिया होगा। अब जुगराज से उनका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।

जुगराज सिंह के घर पर जुटे पड़ोसी।
जुगराज सिंह के घर पर जुटे पड़ोसी।

उधर, ग्रामीण साधा सिंह, प्रेम सिंह, गुरसेवक सिंह और महिदर सिंह का कहना है कि कुछ शरारती लोगों ने यह गलत हरकत की है। परिवार और ग्रामीणों ने जुगराज के किसी भी खालिस्तानी मूवमेंट के साथ संबंध होने की बात से इनकार किया है। उनका कहना है कि उन्हें TV देखकर ही इस घटना का पता चला। दूसरी ओर एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि जांच की जा रही है कि मामला खालिस्तान आंदोलन से तो नहीं जुड़ा है।

NIA करेगी शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह हत्याकांड की जांच; घर में घुसकर आतंकियों ने मारी थीं गोलियां

 


अमृतसर। 
बहुचर्चित शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह हत्याकांड की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) करेगी। तरनतारन के भिखीविंड में आतंकियों ने 17 अक्टूबर 2020 को एक्टिविस्ट बलविंदर सिंह की हत्या कर दी थी। उनके परिवार ने हत्यांकाड की जांच CBI से कराने की मांग की थी।

बलविंदर सिंह ने पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद के दौर में बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला किया था। उन पर 42 बार हमले हुए थे। इसके चलते उन्हें परिवार समेत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उनके जीवन पर कई टेलीफिल्में भी बन चुकी हैं। बलविंदर सिंह कस्बे में निजी स्कूल चलाते थे।

परिवार के साथ मिलकर 200 आतंकियों को खदेड़ा था

सितंबर 1990 में पंजवड़ ने 200 आतंकवादियों के साथ बलविंदर सिंह के घर में हमला किया था। आतंकवादियों ने बलविंदर के घर को चारों तरफ से घेर लिया था। उनके घर जाने वाले सभी रास्ते भी ब्लॉक कर दिए थे, ताकि पुलिस व अर्धसैनिक बल मदद को न आ सकें। 5 घंटे चली मुठभेड़ में पंजवड़ भाग खड़ा हुआ था और उसके कई गुर्गे मारे गए थे।

घर में बनाए गए मोर्चे से परिवार के सभी सदस्यों ने आतंकवादियों का बहादुरी से मुकाबला किया था। इसके बाद बलविंदर सिंह का नाम सुर्खियों में आ गया था। 1993 में गृह मंत्रालय की सिफारिश पर तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने बलविंदर सिंह, उनके बड़े भाई रंजीत सिंह और उनकी पत्नियों को शौर्य चक्र से सम्मानित किया था।

कांट्रैक्ट किलिंग थी बलविंदर सिंह की हत्या

शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधू की हत्या कांट्रैक्ट किलिंग थी। गैंगस्टर सुख भिखारीवाल ने की तीन लाख रुपये की सुपारी ली थी, जो गुरजीत सिंह और सुखदीप सिंह ने दी थी। भिखारीवाल ने हत्या आरोपियों को बताया था कि बलविंदर सिंह मामूली आदमी है। उन्हें बाद में पता चला कि वो शौर्य चक्र विजेता है।

आखिरकार बठिंडा में सिरे चढ़ने लगी रिंगरोड 1 योजना :500 मीटर लंबे रेलवे अंडरब्रिज को मिली मंजूरी, बायपास होंगे शहर से 800 हैवी व्हीकल्स

 


  • पिछले करीब एक साल से लंबित थी अंडरब्रिज अप्रूवल, पहले ओवरब्रिज की योजना थी
  • रेलवे की मंजूरी मिली, 1 साल से कम समय में पूरा करना है प्रोजेक्ट, 26 करोड़ लागत

बठिंडा। 4.7 किलोमीटर लंबे रिंगरोड-1 अपनी शुरूआत के एक और कदम करीब पहुंच गया है। करीब 18 साल बाद जहां 2019 में रिंगरोड-1 का करीब 105 करोड़ रुपए से निर्माण शुरू किया गया, वहीं अब रेलवे अंडरब्रिज की अड़चन भी समाप्त हो गई है।

अंबाला रेलवे व बड़ौदा हाउस ने इस रिंगरोड पर बनने वाले अंडरब्रिज को हाल ही में मंजूरी दे दी है तथा इसका एक पत्र बीएंडआर विभाग को भेजा जा चुका है। इसके निर्माण से करीब 800 हैवी व्हीकल बायपास होंगे। करीब 500 मीटर लंबे अंडरब्रिज के निर्माण के लिए बीएंडआर विभाग ने करीब एक साल पहले अंबाला डिवीजन को परमिशन लैटर सब्मिट किया था। अब जल्द ही इसके लिए रेलवे टेंडर लगा अपनी देखरेख में इसका निर्माण करवाएगी। रेलवे ने बीएंडआर विभाग को 26 करोड़ रुपए निर्माण के लिए जमा करवाने के निर्देश दे दिए हैं जो कुछ दिनों में रेलवे को बीएंडआर ट्रांसफर करेगा।

करीब 2019 में ही इस अंडरब्रिज की मंजूरी के लिए रेलवे की अंबाला डिवीजन को बीएंडआर विभाग के अधिकारियों ने प्लानिंग भेज दी थी, लेकिन कोरोना काल के मध्य सिस्टम के रुकने से इस प्रोजेक्ट पर काम एक बारगी रुक गया, लेकिन रिंगरोड-1 के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस अंडरब्रिज की हाल ही में परमिशन अंबाला डिवीजन से मिल गई है, जिसके बाद बीएंडआर विभाग पूरा एक्टिव हो गया है। करीब 500 मीटर लंबाई के इस अंडरब्रिज की ऊंचाई 5.5 मीटर है जिसमें दो ब्लाक रेलवे लाइनों के नीचे लगाए जाएंगे।

वहीं दोनों तरफ के स्पैन करीब-करीब बराबर होंगे। इस अंडरब्रिज को हैवी ट्रैफिक के लिए डिजाइन किया गया है। करीब 26 करोड़ की लागत से बनने वाले इस अंडरब्रिज का निर्माण रेल लाइनों की सुरक्षा दृष्टि से रेलवे खुद करवाएगी जिसके लिए बीएंडआर विभाग को फंड जमा करवाने का निर्देश दे दिया गया है। टेंडर होते ही एक साल से भी कम समय में इस अंडरब्रिज को पूरा किया जाएगा।

पहले बनना था ओवरब्रिज, सुरक्षा दृष्टि से लगा एतराज

4.7 किलोमीटर लंबे इस रिंगरोड पर पहले विभाग की तरफ से एक ओवरब्रिज प्लान किया गया था, लेकिन सैन्य छावनी के बिल्कुल करीब से गुजरते इस रोड पर ओवरब्रिज को सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं माना गया तथा इस पर सैन्य एतराज लगने के बाद बीएंडआर विभाग ने इस प्लॉनिंग को अंडरब्रिज में बदला। हालांकि बठिंडा में पहले बने दो अंडरब्रिज में बारिश के पानी से होने वाले जलभराव की समस्या बेहद अधिक है। ऐसे में विभाग यहां पर अंडरब्रिज की बजाए ओवरब्रिज बनाना चाहता था।

फायदा : शहर में बढ़ते ट्रैफिक बोझ से मिलेगी निजात

रिंग रोड से वाहन चालकों को शहर में एंट्री की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, क्योंकि शहर के जीटी रोड तथा 100 फीट बीबी वाला रोड शहर में दोपहिया तथा चौपहिया वाहनों के बढ़ने से सड़कों पर ट्रैफिक बहुत अधिक बढ़ गया है। वहीं सिटी बस स्टैंड के शिफ्ट होने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।

जल्द जमा करवा दी जाएगी निर्माण राशि
रिंगरोड-1 पर अंडरब्रिज की रेलवे से अप्रूवल विभाग को मिल चुकी है। जल्द इस अंडरब्रिज के निर्माण के लिए 26 करोड़ रुपये रेलवे को जमा करवा दिए जाएंगे। जिसके बाद रेलवे इसका निर्माण शुरू करवाएगी। रिंगरोड में यह आरयूबी अहम है।

--ई. इंदरजीत सिंह, एक्सईएन, बीएंडआर, बठिंडा

Delhi Violance: रात में ही तैयारी हो गई थी, दीप सिद्धू व पंजाब के पूर्व गैंगस्टर लक्खा ने कब्‍जाया मंच


चंडीगढ़।
 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्‍टर परेड के तय रूट पर न जाकर लाल किले की तरफ चले जाने और लाल किले पर केसरिया झंडा फहराने का कार्यक्रम सुबह अचानक तय नहीं हुआ। बताया जाता है कि रात में ही इसकी तैयारी हो चुकी थी। किसान मजदूर संघष्र समिति के नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया कि वे पुलिस और किसान संगठनों के बीच तय हुए रूट पर नहीं बल्कि रिंग रोड पर प्रदर्शन करेंगे। इसी दौरान पंजाबी फिल्‍म कलाकार दीप सिद्धू और पूर्व गैंगस्‍टर लक्खा सिधाणा जैसे लोगों ने किसानों की स्टेज पर कब्जा कर लिया।

उन्होंने साफ कर दिया कि हम किसान नेताओं द्वारा तय किए गए रोड मैप के अनुसार नहीं चलेंगे और किसान नेता कौन होते हैं हमें ये बताने वाले कि हम कहां जाएं। लक्खा के गर्मख्याली बयानों के बाद पंडाल में मौजूद युवाओं ने भी उनका समर्थन किया। पूर्व गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाणा समेत किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेताओं सरबण सिंह पंधेर को समझाने में काफी लोगों ने मशक्कत की लेकिन वे नहीं माने। आखिर वही हुआ जिसका डर था।

लक्‍खा सिधाणा किसानों को प‍हले से ही भड़का रहा था

लक्खा सिधाणा अभी से नहीं बल्कि किसान मोर्चा शुरू होने से पहले ही किसानों को भड़काता रहा है। इसी के कारण किसान मोर्चा टीकरी और सिंघू बार्डर पर लगा हुआ है। इसी ने बुराड़ी के मैदान मे जाने से मना कर दिया था और किसानों को इसके लिए भड़काया था। हालांकि, विभिन्न किसान संगठन सरकार की ओर से बुराड़ी के मैदान में दी गई जगह आंदोलन चलाने को तैयार थे। लक्खा सिधाणा सरीखे नेताओं ने ऐसा करने से मना कर दिया और जज्बात में आए युवा वहीं डटकर बैठ गए। लेकिन, धीरे धीरे किसान नेताओं ने दीप सिद्धू और लक्खा सिधाणा को अपने से अलग कर दिया। इन्होंने अलग से अपनी स्टेज लगाकर आंदोलन में अपने आप को बनाए रखा। हर रोज युवाओं को भड़काने वाली पोस्ट डालकर उन्हें गुमराह करने की कोई कसर नहीं छोड़ते थे।

जानें कौन है लक्खा सिधाणा

लक्खा सिधाणा भी दीप सिद्धू की तरह बठिंडा जिले का रहने वाला है। वह गांव सिधाणा का रहने वाला है और अच्छा पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। पढ़ाई के दौरान ही वह रामपुरा फूल से चुनाव लड़ने वाले शिरोमणि अकाली नेता व पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के संपर्क में आया। उस पर बूथ कैप्चरिंग का केस भी दर्ज हुआ। 2004 में वह गैंगस्टरों के गुट में शामिल हो गया। वह कुख्‍यात गैंगस्टर विक्की गांउडर ग्रुप के विरोधी गुट में शामिल था।

आरोप है कि उसने बठिंडा में हुई गैंगवार में गांउडर ग्रुप के एक आदमी का कत्ल कर दिया। उसके खिलाफ कुल 12 केस दर्ज हैं । 2016 तक उसका जेल में आना जाना लगा रहा लेकिन, उसके पेट में गोली लगी तो उसने अपराध का रास्ता त्याग दिया। वह मनप्रीत बादल की ओर से बनाई पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब में शामिल हो गया और उन्हीं की पार्टी से चुनाव भी लड़ा।

पंजाबी भाषा को पंजाब में जगह दिलाने के लिए उसने नेशनल हाईवे पर लगे मील पत्थरों पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखे बोर्ड पर कालिख पोत दी। प्राइवेट अस्पतालों में लाइव हाेकर ज्यादा पैसे लेने वालों के खिलाफ अभियान चलाने वाली सरगर्मिंयां करने लगा। पिछले छह महीने से तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है।

दीप सिद्धू ने फेसबुक लाइव पर किसान नेताओं को दी चेतावनी, मैं बोलूंगा तो भागने का रास्‍ता नहीं मिलेगा

नई दिल्‍ली. गणतंत्र दिवस (Republic Day) के दिन किसानों की ट्रैक्टर रैली (Tractor Rally) में हुई हिंसा और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लहराए जाने के मुख्य आरोपी दीप सिद्धू (Deep Sidhu) ने फेसबुक लाइव के जरिए किसान नेताओं को खुली चेतावनी दे दी है. खुद को गद्दार कहे जाने से नाराज सिद्धू ने किसान नेताओं को धमकी दी है कि अगर उन्‍होंने अपना मुंह खोला और किसान आंदोलन की अंदर की बातें खोलनी शुरू कीं तो इन नेताओं को भागने का रास्‍ता भी नहीं मिलेगा. दीप सिद्धू ने कहा कि मेरी बात को डायलॉग न समझें , ये बात याद रखना, मेरे पास हर बात की दलील है. मानसिकता बदलो.

फेसबुक पर लाइव होकर दीप सिद्धू ने कहा कि दिल्‍ली में ट्रैक्‍टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद मेरे खिलाफ कई बातें कहीं जा रही हैं. ऐसे में वक्त आ गया है कि कुछ बातें स्पष्ट कर दी जाएं. दीप ने कहा कि युवाओं को दिल्‍ली में ट्रैक्‍टर मार्च की बात कहकर बुलाया गया था. इस दौरान किसान नेताओं ने दिल्‍ली में तय रूट पर परेड करने की भी बात कही थी. इस पर जब युवाओं ने नाराजगी जताई तो किसान नेता वहां से किनारा कर गए.
दीप सिद्धू ने किसान नेताओं को अहंकारी बताते हुए कहा कि वे सरकार की भाषा बोलते हैं. उन्‍होंने कहा कि किसान नेताओं ने 26 जनवरी को हुई घटना पर अपना एक स्‍टैंड नहीं लिया. दीप ने लाल किले पर झंडा लगाने की बात पर अपना बचाव किया और कहा कि मेरे बाइक से भागने का वीडियो वायरल हो रहा है लेकिन जब तक इसकी पुष्टि न हो, उसे सच न मानें.
दिल्‍ली में हिंसा भड़काने की बात को भी दीप सिद्धू ने पूरी तरह से नकार दिया. उन्‍होंने कहा कि कौन सी हिंसा की गई. हमले लाल किले में किसी भी प्रॉपर्टी को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. हम वहां पर शांतिपूर्ण तरीके से रैली करने पहुंचे थे. दिल्ली पुलिस के बारे में सिद्धू ने कहा कि पुलिस ने हमें कहा कि जो करना है, शांतिपूर्वक करो और यहां से जाओ. दीप सिद्धू ने भाजपा, आरएसएस और कांग्रेस से किसी भी तरह के रिश्‍तों को नकार दिया है.


बुधवार, 27 जनवरी 2021

शिव सेना पंजाब ने योगेश बातिश की अगुवाई में कड़ी सुरक्षा के बीच शहर में निकली तिरंगा रैली


बठिंडा.
गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में कडी सुरक्षा के बीच शिव सेना पंजाब की तरफ से तिरंगा रैली का आयोजन किया गया। शिवसेना  पंजाब के राष्ट्रिय प्रधान  योगेश  बातिश ने बताया की गणतंत्र  दिवस  के  मौके पर शिवसेना पंजाब के द्वारा एक तिरंगा रैली निकली गई। जैसा की पंजाब का माहौल काफी तनावपूर्ण चल रहा है मगर शिवसेना पंजाब ने फिर भी शांतिमय तरीके से तिरंगा रैली का आयोजन किया और बठिंडा पुलिस के द्वारा बहुत ही सख्त सुरक्षा के इंतजाम किये गए ताकि किसी भी तरह की कोई भी शरारती तत्व किसी तरह की अनहोनी घटना को अंजाम न दे सके। कड़ी सुरक्षा के बीच  तिरंगा रैली निकालकर शिवसेना पंजाब के ऑफिस के बाहर तिरंगा झंडा लहराकर झंडे को सलामी दी । साथ ही उन्होंने बताया की पार्टी के सलाहकार सतिंदर कुमार को पहले पुलिस के द्वारा घर में ही नजरबन्द किया गया बाद में कड़ी सुरक्षा के दौरान ऑफिस ले जाया गया। जहां पर उन्होंने तिरंगे झंडे को सलामी दी और रैली में हिस्सा लिया। इस मौके पर उपप्रधान अंकुर गर्ग ने कहा की शिवसेना पंजाब ने कभी भी शांति भंग करने की कोशिस नहीं की। आज भी बड़ी ही शांतिमय तरीके से रैली को निकला गया। शिवसेना पंजाब हमेशा से ही अमनशांति का प्रतीक रही है अगर कोई शरारती अंसर पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिस करेगा उसे बिलकुल भी नही बख्शा जायेगा। इस मौके पर शिवसेना पंजाब से उपप्रधान अंकुर गर्ग , जिला प्रधान विक्रम वर्मा ,सोनू कुमार ,गुलशन लाड्डी,संजीव कुमार (बॉबी जोफन),राहुल मेहता,अजय कुमार ,कुणाल खन्ना ,अंकुश कुमार ,विजय कुमार कृष मेहता जतिन बंसल आदि शिवसैनिक इक्क्ठे हुए और तिरंगे को सलामी दी।

फोटो सहित-शहर में अमन शांति के लिए तिरंगा रैली निकालते शिव सेना पंजाब के पदाधिकारी व वर्कर। 


बठिंडा में सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने निकाला भव्य तिरंगा मार्च, इसका उद्देश्य एकता का संदेश:- संदीप अग्रवाल


बठिंडा। 
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसान आंदोलन की आड़ में असामाजिक तत्वों द्वारा लाल किले में घुसकर फैलाई गई अराजकता व देश की शान तिरंगे झंडे के हुए अपमान के खिलाफ पूरे देश में रोष की लहर है, जिसके चलते बठिंडा के शहर वासियों धार्मिक संगठनों व सामाजिक संगठनों द्वारा तिरंगा मार्च का आयोजन किया गया। तिरंगा मार्च की अगुवाई कर रहे समाज सेवी आशुतोष तिवारी व संदीप अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली में हुई घटना बेहद निंदनीय है। इस घटना ने पूरे देश को शर्मसार किया है। लंबी लड़ाई व अनेक कुर्बानियों के बाद भारत देश ने  आजादी का जश्न मनाते हुए लाल किले पर 1947 में तिरंगा फहराया था,जिसे गणतंत्र दिवस पर किसानों की आड़ में असामाजिक तत्व वह वामपंथी सोच द्वारा सोची-समझी नीति के तहत तिरंगे का अपमान करते हुए कथित व्यक्ति द्वारा झंडे को नीचे फेंका गया। वही देश को शर्मसार किया। उन्होंने कहा कि जिस समय पर पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही थी ठीक उसी समय गणतंत्र दिवस के मौके पर यह घटिया हरकत की गई ।संदीप अग्रवाल ने कहा कि किसानों के भेष में छिपे ऐसे नक्सलवादी असामाजिक तत्व पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर फांसी की सजा देनी चाहिए ताकि दोबारा कोई ऐसी गलती ना कर सके। आशुतोष तिवारी ने कहा कि सरकार की ओर से दिए गए रूट मैप पर चलने की बजाए लाल किले में घुसने वाले लोगों की पहचान कर उनकी संपत्ति जब्त करनी चाहिए। वही हुए नुकसान की भरपाई उनकी संपत्तियों से करनी चाहिए। संदीप अग्रवाल व आशुतोष तिवारी ने कहा कि आज की तिरंगा यात्रा देश विरोधी ताकतों को संदेश देने के लिए है कि कोई भी देशवासी तिरंगे का अपमान सहन नहीं करेगा। इसके लिए हर कोई अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार है।उन्होंने कहा कि आज के इस तिरंगा मार्च में सभी राजनीतिक पार्टियों व संगठनों के लिए खुले तौर पर निमंत्रण था,जिसमें अनेक बड़े व्यापारियों वे लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उक्त समाजसेवियों ने कहा कि कुछ विदेशी व लोकल राजनीतिक पार्टियों की शहर पर इस घटना को अंजाम दिया गया है जिसे कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मौके पर ज्ञान प्रकाश गर्ग,अमित शंटी, पवन सिंगला, नरिंदर मित्तल, उमेश शर्मा,दीपक कलोई,  मीनू बेगम, अश्वनी शुक्ला, सीमा शर्मा, अभिषेक, हरि ओम चौहान, सुखचैन भार्गव, संजीव शर्मा, हरदीप शर्मा, राजीव यादव, राजू, संजीव डागर, कमल, मणिकांत, अनिल गर्ग, जौली जैन, परमिंदर, सुनीता गर्ग, लक्ष्मी, सन्नी ,सुखबीर चौधरी,कृष्ण व अन्य लोग हाजिर थे।

बठिंडा जिले में अब तक 1639 सेहत कर्मियों को लगी कोरोना वैक्सीन, सभी सेहतमंद व किसी को कोई साइड इफेक्ट नहीं


-बुधवार को पांच सेंटरों में लगवाई 240 सेहतकर्मियों ने वैक्सीन

बठिंडा. जिले में बुधवार को 240 कोरोना से लड़ने वाले सेहत कर्मियों को वैक्सीन लगाई गई। इसमें सर्वाधिक 79-79 कर्मियों को मैक्स अस्पताल व दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट में वैक्सीन लगाई गई जबकि एम्स में 44, रामपुरा फूल हेल्थ सेंटर में 20 आदेश में 18 लोगों को वैक्सीनेशन की गई। इससे पहले सोमवार को एम्स अस्पताल समेत 4 सरकारी और 3 प्राइवेट सेशन सेंटरों पर 216 सेहत कर्मचारियों की वैक्सीनेशन की गई थी। इस तरह से पिछले 9 दिन में जिले में 1639 लोगों को इस मुहिम में शामिल किया गया है। इसमें सबसे बड़ी राहत वाली बात यह है कि जिन लोगों को भी वैक्सीन लगाई गई वह सभी सेहतमंद है व उन्हें किसी तरह की समस्या टीकाकरण के बाद नहीं आई है। जिले में अब तक 1639 हेल्थ वर्करों को टीके लगाए है, अभी 9118 हेल्थ वर्कर शेष है। कोरोना वैक्सीन इस मायने में भी महत्वपूर्ण है कि जिले में कोरोना ने पिछले 9 माह में अपना असर दिखाया है यहां 219 लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में अब तक 12 हजार 156 से अधिक हेल्थ वर्करों ने वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्टर्ड करवाया है। बठिंडा में अभी डॉक्टर ही सबसे ज्यादा टीका लगवा रहे हैं। वैक्सीनेशन प्रक्रिया में प्राइवेट अस्पताल के डाक्टर वैक्सीन लगवा रहे हैं। जबकि सरकारी अस्पताल के हेल्थ वर्कर अभी भी पीछे हैं। विभाग के लिए बड़ी समस्या है कि आशा वर्कर, मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर व पैरामेडिकल स्टाफ है। यह पक्का करने की मांग रख रहे हैं। जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला ने अपील की कि वैक्सीनेशन के लिए मैसेज मिलते ही हेल्थ वर्कर बिना किसी डर के सेशन सेंटर में सुबह 9 से शाम 5 बजे तक पहुंचकर टीकाकरण करवाएं। यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है तथा काफी संख्या में डाक्टर व हेल्थ वर्कर इसे लगवा चुके हैं। 

फोटो सहित-कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद सेहत कर्मी विजय का चिन्ह बनाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए आगे आने की अपील करते। 


Red Fort Violence: पंजाबी फिल्‍मों के हीरो दीप सिद्धू को NIA का नोटिस, सोशल मीडिया पर दी सफाई; समर्थकों ने किया खारिज


 चंडीगढ़/गुरदासपुर। दिल्‍ली में किसानों की ट्रैक्‍टर परेड के दौरान हिंसा और लाल किले पर राष्‍ट्रीय ध्‍वज की जगह केसरिया झंडा फहराए जाने की घटना के बाद पंजाबी फिल्‍मों के जाने माने कलाकार दीप सिद्धू विवादों में हैं। पंजाबी फिल्‍मों में अधिकतर नायक की भूमिका निभाने वाले दीप सिद्धू  इस घटना के बाद लोगों के निशाने पर आ गए हैं। किसान नेताओं ने भी इस घटना के लिए दीप सिद्धू पर निशाना साधा है। दूसरी ओर, दीप ने पूरे मामले पर सफाई दी है और लोगों को भड़काने के आरोप को गलत बताया है। सिद्धू ने इंटरनेट मीडिया पर लाइव होकर कहा कि इस घटना के लिए उन्हें विलेन बनाना गलत है। दूसरी ओर एनआइए ने दीप सिद्धू को समन जारी कर पेश होने को कहा है। जानकारी के अनुसार उन्हें पहले भी एनआइए का नोटिस मिल चुका है।

सिद्धू के पिछले लोकसभा चुनाव में सनी देओल के लिए सक्रिय होने की बात सामने आई। दीप सिद्धू लोकसभा चुनाव के दौरान गुरदासपुर से सनी देओल के प्रचार से भी जुड़े रहे थे। सांसद सनी देओल पिछले कई दिनों से लगातार कह रहे हैं, कि उनका या उनके परिवार का दीप सिद्धू से कोई संबंध नहीं है। सनी ने दिसंबर में भी साफ कर दिया था कि उनका सिद्धू से कोई लेना देना नहीं है। दीप सिद्धू ने कहा था कि वह सनी देओल से लंबे समय से नहीं मिले हैं। दिल्‍ली के घटनाक्रम के बाद दीप सिद्धू पंजाब में भी निशाने पर आ गए हैं। इस घटना की निंदा करते हुए किसानों ने भी दीप सिद्धू से किनारा कर लिया है। सिद्धू के किसान आंदोलन के शुरू होने के दौरान इंटरनेट मीडिया पर काफी सक्रिय रहने की बात सामने आई है।

दीप सिद्धू ने यह दी सफाई

पूरे मामले में निशाने पर आने के बाद दीप सिद्धू ने इंटरनेट मीडिया पर लाइव हाेकर अपनी सफाई दी। फेसबुक पर लाइव होकर दीप सिद्धू ने कहा कि उस पर लोगों को भड़काने का आरोप गलत है। दीप ने कहा, क्‍या इसने लोगों को काेई एक व्‍यक्ति भड़का सकता है। दीप के अनुसार, दरअसल किसान खासकर युवा दिल्‍ली में रिंग रोड से जाना चाहते थे और किसान नेताओं को बैठक में साफ-साफ यह बात कह रहे थे। जब किसान नेताओं ने दिल्‍ली पुलिस के साथ समझाैते में तय रूटाें पर ट्रैक्‍टर परेड करने की बात कही तो युवा किसानों ने इसका विरोध किया और कहा कि वे रिंग रोड होकर ही जाएंगे। लेकिन, किसान नेताओं ने उनकी भावना नहीं समझी और इस कारण ऐसा हुआ।

दीप सिद्धू ने क‍हा, लाल किले के पास भारी तादाद में लोग पहुंचे तो क्‍या सभी काे मैंने ही भड़काया। अन्‍य बार्डर से निकाले गए ट्रैक्‍टर परेड में भी तय रूटों का उल्‍लंघन किया गया। लाल किले पर केसरिया झंडा फहराने पर भी उसने सफाई दी है। उसका कहना है कि वहां से राष्‍ट्रीय ध्‍वज को नहीं हटाया गया। किसान आंदोलन में निशान साहिब के ध्‍वज का इस्‍तेमाल हो रहा है, इसलिए वहां निशान साहिब और किसान संगठन के ध्‍वज को लगाया गया। फेसबुक लाइव के दौरान काफी संख्‍या में लोगों ने उसके खिलाफ टिप्‍पणी की।

कैसे जुड़ा सनी देओल से सिद्धू का नाम

2019 के लोक सभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से फिल्म स्टार सनी देओल को लोकसभा हल्का गुरदासपुर से चुनाव मैदान में उतारा गया। सनी देओल के चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाने वाले लोगों में से दीप सिद्धू भी एक थे। जोरा दस नंबरी और उसका रीमेक बनाकर मशहूर हुए दीप सिद्धू लोक सभा चुनाव से पहले या बाद कभी भी गुरदासपुर नहीं आए। लेकिन, चुनाव प्रचार में अहम भूमिका होने के चलते ही दीप सिद्धू का नाम अब विरोधियों द्वारा लगातार सनी देओल के साथ जोड़ा जा रहा है।

सनी देओल तोड़ चुके हैं नाता

पंजाब में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध होना शुरू हुआ तो दीप सिद्धू भी इसका हिस्सा बन गए। इसके चलते सनी देओल के नाम को लेकर भी चर्चा होनी शुरू हो गई। इसके बाद सांसद सनी देओल ने 6 दिसंबर को ट्वीट करके घोषणा कर दी कि उनका या उनके परिवार का अब दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नहीं है।

इसके बाद दीप सिद्धू ने खुद भी मीडिया के समक्ष इस बात को माना कि वह पिछले लंबे समय से सनी देओल से नहीं मिले हैं। अब उनका सनी देओल से कोई संबंध नहीं है और किसान आंदोलन का समर्थन करना उनका निजी फैसला है।

सनी देओल ने फिर किया ट्वीट

भाजपा सांसद सनी दिओल ने गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले में घटित घटना के बाद फिर से ट्वीट कर कहा इस घटना को देख उनका मन बहुत दुखी हुआ है। उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू का उनसे तथा उनके परिवार से कोई संबंध नहीं है। इसे वह 6 दिसंबर को ही स्पष्ट कर चुके हैं।

पुराने फोटो किए जा रहे वायरल

भले ही सांसद सनी देओल ये बार बार स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका या उनके परिवार का दीप सिद्धू से कोई संबंध नहीं है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लोगों द्वारा दीप सिद्धू के सांसद सनी देओल के साथ पुराने फोटो वायरल किए जा रहे हैं। जिसकी भाजपा नेताओं ने कड़ी निंदा की है।

दीप सिद्धू का जन्‍म मुक्‍तसर साहिब जिले में हुआ था और बाद में परिवार बठिंडा जिले के गांव बहमन दीवाना से शिफ्ट हो गया। बहमन दीवाना के सरकारी स्कूल में आठवीं तक शिक्षा प्राप्त की और नौंवी व दसवीं बठिंडा के गुरु नानक स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद ग्यारहवीं व बारहवीं लुधियाना से की और पूणे से वकालत की डिग्री की। इसके बाद मुंबई में वकालत शुरु की। बताया जाता है कि दीप सिद्धू की इसी दौरान सनी से पहचान बनी।

- पहली फिल्म रमता जोगी आई और इसके बाद बठिंडा के अमरदीप सिंह गिल के संपर्क में आने के बाद जोरा- दस नंबरिया,जोरा- द सेकंड चैप्टर फिल्म आई। लेकिन कोरोना के कारण पंजाबी फिल्‍म उद्योग व सिनेमाघर बंद हो जाने से फिल्म भी बंद हो गई। इसके बाद चले किसानी संघर्ष के दौरान दीप ने शंभू बार्डर पर मोर्चा लगाया।

इस दौरान उसका साथ लक्खा सिधाना व गायक कंवर ग्रेवाल ने दिया। बाद में लक्खा व कंवर ग्रेवाल दोनों ही पीछे हट गए। दिल्ली में संघर्ष के दौरान लक्खा व दीप एक बार फिर एक दूसरे के नजदीक आ गए। कंवर ग्रेवाल ने दूरी बनाए रखी।  दीप सिद्धू के पिता लुधियाना में एडवोकेट थे। उनका एक भाई लुधियाना में एडवोकेट है और  दूसरा कनाडा में रहता है।

किसान आंदोलन: वीएम सिंह और भानु प्रताप सिंह ने अपना आंदोलन खत्म करने का एलान किया, हिंसा की घटना से हैं आहत

 


  • भारतीय किसान यूनियन भानु के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह और राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के वीएम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना आंदोलन खत्म करने का एलान किया.

नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन पिछले 63 दिनों से जारी है. इस बीच किसान नेता वीएम सिंह और भानु प्रताप सिंह ने अपना आंदोलन खत्म करने का फैसला लिया है. ये किसान नेता तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे हालांकि उन्होंने गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा की घटना के बाद आंदोलन से हटने का फैसला लिया है.


भारतीय किसान यूनियन भानु के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने मंगलवार को दिल्ली में हुई हिंसा की घटना की निंदा की. भानु गुट चिल्ला बॉर्डर पर धरना दे रहा था. भानु प्रताप सिंह ने कहा कि कल दिल्ली में जो कुछ भी हुआ उससे मैं बेहद आहत हूं और 58 दिनों के विरोध प्रदर्शन को समाप्त कर रहा हूं.


वहीं राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के राष्ट्रीय संयोजक वीएम सिंह ने कहा कि जिसने भी आंदोलनकारी किसानों को मंगलवार को उकसाया उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत ने सरकार की एक भी मीटिंग में गन्ना किसानों के मुद्दों को क्यों नहीं उठाया?


वीएम सिंह ने साफ किया कि आंदोलन खत्म करने का फैसला राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का है न की ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी (AIKSCC) का.


बता दें कि मंगलवार को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हो गई थी. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड तोड़ दिए थे, वे पुलिस से भिड़ गए थे, गाड़ियों को पलट दिया था और लाल किले पर धार्मिक झंडा लगा दिया था.


अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दिल्ली ने हिंसा के संबंध में अब तक 22 प्राथमिकी दर्ज की हैं. हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिस कर्मी जख्मी हुए हैं. एफआईआर में 37 किसान नेताओं का नाम है. इनमें वीएम सिंह का भी नाम शामिल है.


एफआईआर में दावा किया गया है कि आईटीओ इलाके में 600 ट्रैक्टरों के जरिए 10,000 से ज्यादा किसानों के दाखिल होने के बाद कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और लोहे के 70 अवरोधकों को तोड़ दिया गया.

किसी समय कबड्डी में नाम कमाने वाली एमए पास लक्खा सिधाना लंबे समय तक रहा अपराध की दुनिया में


-अपराध की दुनिया से बाहर निकल राजनीति पैठ बनाने के लिए समाज सेवा के साथ ज्वलंत मुद्दों पर पैदा करता रहा कंटरवर्सी 

-पंजाबी सम्मान को लेकर साइन बोर्ड में कालिख पोतने से आया था सुर्खियों में, अब किसान आंदोलन में हिंसा फैलाने के लग रहे आरोप 

बठिंडा. किसी समय गैंग बनाकर लोगों में दहश्त फैलाने वाला लक्खा सिधाना दिल्ली में गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी के दिन किसानों की प्रायोजित ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में एक बड़ा नाम सामने आया है। अपराध की दुनिया को छोड़कर समाज सेवा करते राजनीति में नाम चमकाने की ठानकर चले लक्खा सिधाना ने मीडिया व सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोरने के लिए समय-समय पर नए विवाद को जन्म दिया। कभी पंजाबी भाषा को उत्साहित करने के लिए हिंदी व अंग्रेजी में लिखे साइन बोर्ड में कालिफ पोथकर विरोध जताया तो कभी सभ्याचार के नाम पर गलत शब्दावली का विरोध किया। पंजाब के बठिंडा जिले के रहने वाला पूर्व गैंगस्टर लक्खा सिंह सिधाना कभी अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह हुआ करता था, जो बाद में राजनीति में आया और फिर समाजसेवा करने में लग गया। हाल ही में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा में वो भी एक्टिव था और उसकी बड़ी भूमिका भी सामने आई है जिसमें दिल्ली पुलिस ने उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया है। 


पंजाब के बठिंडा का रहने वाले लक्खा सिधाना का असली नाम लखबीर सिंह है। वह कबड्डी का अच्छा खिलाड़ी भी रह चुका है। बचपन से खेल में नाम कमाने वाला फिर खेल से अपराध की दुनिया में आने के बाद  वह फिर राजनीति में चला आया। लक्खा सिधाना शिक्षा में डबल एमए है। उसने किसान आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। लक्खा पर हत्या, हत्या के प्रयास और मारपीट के कई आरोप लगे हैं। 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा और लाल किले के प्राचीर में पीला झंडा फहराये जाने की घटना में सिधाना का नाम आ रहा है।

लक्खा कैसे राजनीति में पहुंचा. इस बारे में कहा जाता है कि पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने पहले अपनी पार्टी पंजाब पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) बनाई थी और इसी पार्टी की तरफ से सिधाना ने सबसे पहले रामपुरा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि इसमें उसकी जमानत जब्त हो गई थी। इस विधानसभा चुनाव के दौरान लक्खा सिंह पर गांव भगता भाई में फायरिंग भी हुई थी, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना के बाद सिधाना ने तत्कालीन अकाली मंत्री सिकंदर सिंह मलूका पर गंभीर आरोप लगाए थे। राजनीति के बाद लक्खा सिंह सिधाना पिछले कुछ साल से पंजाबी सत्कार कमेटी के साथ जुड़कर पंजाबी भाषा को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था। इसके साथ ही गैंगस्टर लक्खा सिंह सिधाना पंजाब के नौजवानों को बड़े स्तर पर अपने साथ जोड़ भी रहा था।

कुछ समय पहले लक्खा ने नेशनल हाईवे के साइन बोर्ड पर पंजाबी भाषा को तीसरे नंबर पर होने की वजह से उस पर कालिख पोत दी थी। सिधाना के पास दो-दो महंगी लग्जरी गाड़ियां हैं वही किलानुमा मकान इलाके में चर्चा का कारण बनता है। 25 जनवरी को सिधाना ने सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में स्टेज पर चढ़कर युवाओं को कहा था कि जैसे युवा चाहते है, वैसी ही परेड होगी। लक्खा सिधाना ने कुछ दिनों पहले अपने सोशल मीडिया पेज पर वीडियो डालकर मीडियाकर्मियों को धमकाया भी था और अपने खिलाफ खबरें लिखने का विरोध भी किया था। फिलहाल गणतंत्र दिवस पर हिंसा के बाद जो नाम सुर्खियों में है जिसमें दीप सिद्धू पर आरोप लग रहे हैं कि इसी शख्स ने किसानों की भीड़ को लाल किला की तरफ मोड़ा, जिसके बाद हिंसा फैल गई। सिद्धू के बाद दूसरा एक और नाम सामने आ रहा है, लक्खा सिधाना जिसने आंदोलन में शामिल नौजवानों को भड़काया। जानकारी के मुताबिक दीप सिद्धू और लाखा सिधाना ने ही किसानों को लाल किला पर जाने के लिए भड़काया। लाल किले पर पहुंचने के बाद दीप सिद्धू ने ही प्रचार पर निशान साहिब फहराने के लिए भी कहा। इस बात को सिद्धू ने एक फेसबुक वीडयो में कुबूल भी किया है।

लक्खा पर पंजाब में दो दर्जन से ज़्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती जैसे अपराध शामिल हैं। साथ ही लक्खा पर आर्म्स एक्ट के मामले भी दर्ज है। अपराध की दुनिया में पैर रखने के बाद उसने कबड्डी व शिक्षा को छोड़ दिया। लाखा सिधाना अभी युवाओं को सरकार और सिस्टम के खिलाफ भड़काने का काम करता है। सिधाना चुनाव भी लड़ना चाहता है इसी के लिए वह अपनी जमीन विभिन्न आंदोलनों में शामिल होकर व उनकी अगुवाई करता रहा है ताकि वह सुर्खियों में बना रहे। 

फोटो सहित--लक्खा सिधाना की फोटो 



गोनियाना मंडी में खालिस्तान बनाने व लोगों को धमकी दे डराने वाले 10 लोगों के खिलाफ केस


बठिंडा.
गोनियाना मंडी में दस के करीब लोगों ने ट्रैक्टर रैली के नाम पर खालिस्तान बनाने की धमकिया देने व लोगों के अंदर दहश्त फैलाने वाले 10 लोगों के खिलाफ नहियावाला पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इसमें अश्वनी कुमार वासी गोनियाना मंडी ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई कि गत दिनों जहां किसानों के समर्थन में रैली निकालने के लिए इलाके के हरजिंदर सिंह मान वासी भौखड़ा, जसपाल सिंह वासी गोनियाना मंडी, सुखवंत सिंह वासी सिविया, कुलदीप सिंह वासी दियोण व करीब 6 अन्य लोगों ने मंडी में घूमकर उन्हें धमकियां दी व खालिस्तान बनने के बाद एक वर्ग विशेष की जमीन-जायदाद पर कब्जा करने व उन्हें अभद्र भाषा बोलकर अपमानित किया। उक्त लोगों ने इलाके में एक वर्ग विशेष को धमकियां देने के साथ उनके अंदर दहश्त फैलाने का काम किया। मामले की शिकायत पुलिस के पास की गई जिसमें पुलिस ने सभी आरोपियों पर केस दर्ज कर गिरफ्तारी के लिए छापामारी शुरू कर दी है।        

भगता भाईका में गणतंत्र दिवस पर सड़क जाम कर धरना देने वाले 35 लोगों को किया नामजद

बठिंडा. गणतंत्र दिवस पर 35 के करीब लोगों ने भगता भाईका में सड़के जामकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की जिस पर दियालपुरा पुलिस ने धरना-प्रदर्शन कर रहे 35 लोगों को नामजद किया है इसमें किसी कि गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। दियालपुरा पुलिस के सहायक थानेदार कश्मीर सिंह ने बताया कि गणतंत्र दिवस वले दिन भगता भाईका के मेन चौक में करीब 35 लोगों ने धरना दे रखा था व रास्ता पूरी तरह से जाम कर रखा था। यही नहीं उक्त धरनाकारी लोगों को सरकार के खिलाफ उकसा रहे थे व सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसमें प्रमुख तौर पर पवन कुमारस सर्वजीत सिंह, करना सिंह वासी भागता भाई, केशव गोयल वासी भाईरूपा, जसबीर सिंह वासी हमीरगढञ, बलवीर चंद वासी सुखानंद मोगा व 30 अन्य अज्ञात लोग शामिल थे। मामले में आम लोगों को हो रहे परेशानी के मद्देनजर सभी आरोपियों पर केस दर्ज कर लिया गया है।

  

पुरानी रंजिश में दादा पोती पार्क के पास एक व्यक्ति पर किया छह लोगों ने जानलेवा हमला

बठिंडा. बठिंडा में माडल टाउन के नजदीक स्थित दादा पोती पार्क के पास पुरानी रंजिश को लेकर छह लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।  मामले में सिविल लाइन पुलिस ने आरोपी लोगों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में सागरजीत सिंह वासी परसराम नगर नजदीक मनोड बिस्कुट बेकरी बठिंडा ने बताया कि दविंदर सिंह वासी बठिंडा, दीपइंदर सिंह व उसके चार साथियों के साथ उसका किसी बात को लेकर पुराना झगड़ा चल रहा था। इसी रंजिश में उक्त लोगों ने गत दिवस उसे दादा पोती पार्क के पास रोक लिया व तेजधार हथियारों से हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

9 हजार नशीली गोलियों की तस्करी करने जा रहे दो लोगों को किया गिरफ्तार

बठिंडा. जिला पुलिस ने दो स्थानों में भारी मात्रा में नशीली गोलियों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया है। बालियावाली पुलिस के सहायक थानेदार गुरदीप सिंह ने बताया कि मनप्रीत सिंह वासी ढड्डे को बालियावाली गांव में पांच हजार नशीली गोलियों की तस्करी करते गिरफ्तार किया गया। वही दूसरे मामले में संगत पुलिस क सहायक थानेदार राजबीर सिंह ने बताया कि बलविंदर सिंह वासी पथराला को गांव में चार हजार नशीली गोलिय़ों की तस्करी करते गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ नशा निरोधक एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

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