- पिछले करीब एक साल से लंबित थी अंडरब्रिज अप्रूवल, पहले ओवरब्रिज की योजना थी
- रेलवे की मंजूरी मिली, 1 साल से कम समय में पूरा करना है प्रोजेक्ट, 26 करोड़ लागत
बठिंडा। 4.7 किलोमीटर लंबे रिंगरोड-1 अपनी शुरूआत के एक और कदम करीब पहुंच गया है। करीब 18 साल बाद जहां 2019 में रिंगरोड-1 का करीब 105 करोड़ रुपए से निर्माण शुरू किया गया, वहीं अब रेलवे अंडरब्रिज की अड़चन भी समाप्त हो गई है।
अंबाला रेलवे व बड़ौदा हाउस ने इस रिंगरोड पर बनने वाले अंडरब्रिज को हाल ही में मंजूरी दे दी है तथा इसका एक पत्र बीएंडआर विभाग को भेजा जा चुका है। इसके निर्माण से करीब 800 हैवी व्हीकल बायपास होंगे। करीब 500 मीटर लंबे अंडरब्रिज के निर्माण के लिए बीएंडआर विभाग ने करीब एक साल पहले अंबाला डिवीजन को परमिशन लैटर सब्मिट किया था। अब जल्द ही इसके लिए रेलवे टेंडर लगा अपनी देखरेख में इसका निर्माण करवाएगी। रेलवे ने बीएंडआर विभाग को 26 करोड़ रुपए निर्माण के लिए जमा करवाने के निर्देश दे दिए हैं जो कुछ दिनों में रेलवे को बीएंडआर ट्रांसफर करेगा।
करीब 2019 में ही इस अंडरब्रिज की मंजूरी के लिए रेलवे की अंबाला डिवीजन को बीएंडआर विभाग के अधिकारियों ने प्लानिंग भेज दी थी, लेकिन कोरोना काल के मध्य सिस्टम के रुकने से इस प्रोजेक्ट पर काम एक बारगी रुक गया, लेकिन रिंगरोड-1 के लिए बेहद महत्वपूर्ण इस अंडरब्रिज की हाल ही में परमिशन अंबाला डिवीजन से मिल गई है, जिसके बाद बीएंडआर विभाग पूरा एक्टिव हो गया है। करीब 500 मीटर लंबाई के इस अंडरब्रिज की ऊंचाई 5.5 मीटर है जिसमें दो ब्लाक रेलवे लाइनों के नीचे लगाए जाएंगे।
वहीं दोनों तरफ के स्पैन करीब-करीब बराबर होंगे। इस अंडरब्रिज को हैवी ट्रैफिक के लिए डिजाइन किया गया है। करीब 26 करोड़ की लागत से बनने वाले इस अंडरब्रिज का निर्माण रेल लाइनों की सुरक्षा दृष्टि से रेलवे खुद करवाएगी जिसके लिए बीएंडआर विभाग को फंड जमा करवाने का निर्देश दे दिया गया है। टेंडर होते ही एक साल से भी कम समय में इस अंडरब्रिज को पूरा किया जाएगा।
पहले बनना था ओवरब्रिज, सुरक्षा दृष्टि से लगा एतराज
4.7 किलोमीटर लंबे इस रिंगरोड पर पहले विभाग की तरफ से एक ओवरब्रिज प्लान किया गया था, लेकिन सैन्य छावनी के बिल्कुल करीब से गुजरते इस रोड पर ओवरब्रिज को सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं माना गया तथा इस पर सैन्य एतराज लगने के बाद बीएंडआर विभाग ने इस प्लॉनिंग को अंडरब्रिज में बदला। हालांकि बठिंडा में पहले बने दो अंडरब्रिज में बारिश के पानी से होने वाले जलभराव की समस्या बेहद अधिक है। ऐसे में विभाग यहां पर अंडरब्रिज की बजाए ओवरब्रिज बनाना चाहता था।
फायदा : शहर में बढ़ते ट्रैफिक बोझ से मिलेगी निजात
रिंग रोड से वाहन चालकों को शहर में एंट्री की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, क्योंकि शहर के जीटी रोड तथा 100 फीट बीबी वाला रोड शहर में दोपहिया तथा चौपहिया वाहनों के बढ़ने से सड़कों पर ट्रैफिक बहुत अधिक बढ़ गया है। वहीं सिटी बस स्टैंड के शिफ्ट होने की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।
जल्द जमा करवा दी जाएगी निर्माण राशि
रिंगरोड-1 पर अंडरब्रिज की रेलवे से अप्रूवल विभाग को मिल चुकी है। जल्द इस अंडरब्रिज के निर्माण के लिए 26 करोड़ रुपये रेलवे को जमा करवा दिए जाएंगे। जिसके बाद रेलवे इसका निर्माण शुरू करवाएगी। रिंगरोड में यह आरयूबी अहम है।
--ई. इंदरजीत सिंह, एक्सईएन, बीएंडआर, बठिंडा
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