चंडीगढ़। 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के तय रूट पर न जाकर लाल किले की तरफ चले जाने और लाल किले पर केसरिया झंडा फहराने का कार्यक्रम सुबह अचानक तय नहीं हुआ। बताया जाता है कि रात में ही इसकी तैयारी हो चुकी थी। किसान मजदूर संघष्र समिति के नेताओं ने यह कहना शुरू कर दिया कि वे पुलिस और किसान संगठनों के बीच तय हुए रूट पर नहीं बल्कि रिंग रोड पर प्रदर्शन करेंगे। इसी दौरान पंजाबी फिल्म कलाकार दीप सिद्धू और पूर्व गैंगस्टर लक्खा सिधाणा जैसे लोगों ने किसानों की स्टेज पर कब्जा कर लिया।
उन्होंने साफ कर दिया कि हम किसान नेताओं द्वारा तय किए गए रोड मैप के अनुसार नहीं चलेंगे और किसान नेता कौन होते हैं हमें ये बताने वाले कि हम कहां जाएं। लक्खा के गर्मख्याली बयानों के बाद पंडाल में मौजूद युवाओं ने भी उनका समर्थन किया। पूर्व गैंगस्टर से नेता बने लक्खा सिधाणा समेत किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेताओं सरबण सिंह पंधेर को समझाने में काफी लोगों ने मशक्कत की लेकिन वे नहीं माने। आखिर वही हुआ जिसका डर था।
लक्खा सिधाणा किसानों को पहले से ही भड़का रहा था
लक्खा सिधाणा अभी से नहीं बल्कि किसान मोर्चा शुरू होने से पहले ही किसानों को भड़काता रहा है। इसी के कारण किसान मोर्चा टीकरी और सिंघू बार्डर पर लगा हुआ है। इसी ने बुराड़ी के मैदान मे जाने से मना कर दिया था और किसानों को इसके लिए भड़काया था। हालांकि, विभिन्न किसान संगठन सरकार की ओर से बुराड़ी के मैदान में दी गई जगह आंदोलन चलाने को तैयार थे। लक्खा सिधाणा सरीखे नेताओं ने ऐसा करने से मना कर दिया और जज्बात में आए युवा वहीं डटकर बैठ गए। लेकिन, धीरे धीरे किसान नेताओं ने दीप सिद्धू और लक्खा सिधाणा को अपने से अलग कर दिया। इन्होंने अलग से अपनी स्टेज लगाकर आंदोलन में अपने आप को बनाए रखा। हर रोज युवाओं को भड़काने वाली पोस्ट डालकर उन्हें गुमराह करने की कोई कसर नहीं छोड़ते थे।
जानें कौन है लक्खा सिधाणा
लक्खा सिधाणा भी दीप सिद्धू की तरह बठिंडा जिले का रहने वाला है। वह गांव सिधाणा का रहने वाला है और अच्छा पढ़ा-लिखा व्यक्ति है। पढ़ाई के दौरान ही वह रामपुरा फूल से चुनाव लड़ने वाले शिरोमणि अकाली नेता व पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के संपर्क में आया। उस पर बूथ कैप्चरिंग का केस भी दर्ज हुआ। 2004 में वह गैंगस्टरों के गुट में शामिल हो गया। वह कुख्यात गैंगस्टर विक्की गांउडर ग्रुप के विरोधी गुट में शामिल था।
आरोप है कि उसने बठिंडा में हुई गैंगवार में गांउडर ग्रुप के एक आदमी का कत्ल कर दिया। उसके खिलाफ कुल 12 केस दर्ज हैं । 2016 तक उसका जेल में आना जाना लगा रहा लेकिन, उसके पेट में गोली लगी तो उसने अपराध का रास्ता त्याग दिया। वह मनप्रीत बादल की ओर से बनाई पीपल्स पार्टी ऑफ पंजाब में शामिल हो गया और उन्हीं की पार्टी से चुनाव भी लड़ा।
पंजाबी भाषा को पंजाब में जगह दिलाने के लिए उसने नेशनल हाईवे पर लगे मील पत्थरों पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखे बोर्ड पर कालिख पोत दी। प्राइवेट अस्पतालों में लाइव हाेकर ज्यादा पैसे लेने वालों के खिलाफ अभियान चलाने वाली सरगर्मिंयां करने लगा। पिछले छह महीने से तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहा है।
दीप सिद्धू ने फेसबुक लाइव पर किसान नेताओं को दी चेतावनी, मैं बोलूंगा तो भागने का रास्ता नहीं मिलेगा
फेसबुक पर लाइव होकर दीप सिद्धू ने कहा कि दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा के बाद मेरे खिलाफ कई बातें कहीं जा रही हैं. ऐसे में वक्त आ गया है कि कुछ बातें स्पष्ट कर दी जाएं. दीप ने कहा कि युवाओं को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च की बात कहकर बुलाया गया था. इस दौरान किसान नेताओं ने दिल्ली में तय रूट पर परेड करने की भी बात कही थी. इस पर जब युवाओं ने नाराजगी जताई तो किसान नेता वहां से किनारा कर गए.
No comments:
Post a Comment