गुरुवार, 11 मार्च 2021

सेहत विभाग और मेडीकल शिक्षा और रिसर्च विभाग के कामन काडर को विभाजित करने का विरोध, कर्मचारियों ने 12 मार्च को सरकार के फैसले का विरोध जताते कलम छोड़ हड़ताल करने का लिया फैसला


बठिंडा.
पंजाब सरकार की तरफ से सेहत विभाग और मेडीकल शिक्षा और रिसर्च विभाग के कामन काडर को दोफाड़ करने का फैसला लिया गया है। इस सम्बन्धित डायरेक्टर सेहत पर परिवार भलाई विभाग पंजाब की तरफ से जारी अधिसूचना नंबर सी.सी.(2)-पं -2021 /1607-48 तिथि 10 मार्च 2021 में कहा गया है कि दोनों विभागों में काम करते कर्मचारी आगामी 2 दिनों में विकल्प दे कि वह किस विभाग में जाना चाहते हैं जबकि अंतिम फैसला विभाग की तरफ से किया जाएगा। वही इसे लेकर कर्मचारी संगठनों ने सरकार के फैसले का विरोध जताया है व कहा कि किसी भी कर्मचारी ने इस फैसले को स्वीकार नहीं किया है। सरकार के इस एकतरफा फैसले के खिलाफ गवर्नमेंट डैटल कालेज अमृतसर में गत दिवस मीटिंग भी की गई थी। इस मीटिंग में साझे तौर पर फैसला लिया गया कि 12 मार्च 2021 से सरकार के इस फैसले के खिलाफ समूह सेहत विभाग में कलम छोड़ हड़ताल की जाएगी। यह हड़ताल सरकार की तरफ से काडर को दोफाड़ करने के फ़ैसले को वापस लेने तक जारी रहेगी। इसके इलावा सरकार के कामन काडर को दोफाड़ करने के पत्र की कापियां भी जलाई जाएंगी। इस दौरान किसी तरह की अनहोनी होने की ज़िम्मेदारी पंजाब सरकार की होगी। प्रदेश प्रधान जगदीश ठाकुर व महासचिव विजय भूषण के साथ समूह कर्मचारियों ने जिलों के प्रधान, जनरल सचिवों, समूह अधिकारियों और समूचे क्लैरिकल स्टाफ से जत्थेबंदी के उक्त फैसले अनुसार समूचे दफ्तरों में हड़ताल रखने के लिए कहा ताकि कर्मचारी विरोधी फैसले को दोनों विभाग में काम करते कर्मचारियों के हित की खातिर रद्द करवाया जा सके।

जिले में आशीर्वाद योजना के 1200 केस पेंडिंग, अब 51 हजार देने की घोषणा

 


बठिडा। 
पंजाब सरकार ने विधानसभा चुनाव 2017 से पहले लोगों के साथ आशीर्वाद योजना की सहायता राशि को 51 हजार कर देने का किया गया वादा अब आठ मार्च को पेश किए बजट में पूरा कर दिया है, लेकिन इस बात की अब तक कोई स्थिति क्लियर नहीं है कि जो लोग आज के समय में अप्लाई करेंगे, उनको 21 हजार रुपये दिए जाएंगे या फिर 51 हजार रुपये। हालांकि जिले में सितंबर 2020 तक अप्लाई हुए केसों को पंजाब सरकार ने हाल ही में क्लियर किया है, लेकिन सितंबर 2020 से लेकर अब तक के पेंडिग पड़े केसों को क्लियर करने के लिए डाटा मंगवाया गया है।

दरअसल, अक्टूबर 2020 से लेकर अब तक अप्लाई हुए 1200 केस अभी क्लियर होने हैं। इसके अलावा 78 केस तो ऐसे हैं, जो लाकडाउन के कारण घरों से बाहर न निकलने व दफ्तरों के बंद होने के कारण अप्लाई नहीं कर सके। जिनके द्वारा अब अप्लाई किया गया है तो उनको स्पेशल मंजूरी देने के लिए सरकार के पास भेजा गया है। मगर उनको मंजूरी कब मिलेगी, यह सरकार पर निर्भर करता है।

आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों को उनकी बेटी की शादी पर सहायता राशि देने के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की थी। लेकिन लंबे समय से पेंडिग चल रहे केसों को स्टेट्स जानने के लिए लोगों द्वारा बार बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे जा रहे हैं। हालांकि इस योजना के तहत लड़की की शादी से पहले यह सहायता राशि देने की योजना है। मगर इसको कई कई महीने बीत जाते हैं, लेकिन लाभपात्रियों के खातों में पैसे नहीं आते। जबकि पंजाब सरकार ने अब इस योजना का नाम बदल कर आशीर्वाद योजना कर दिया है। ऐसे में हालात तो यह हैं कि सरकारी शगुन योजना पर अधिक भरोसा मत रखें। क्योंकि बेटी की शादी पर मिलने वाली शगुन राशि कब मिलेगी इसकी कोई गारंटी नहीं है।

इनके परिवार में नहीं है कोई भी कमाने वाला

केस 1- बठिडा की लाल सिंह बस्ती के गुलाब सिंह की बेटी की शादी नवंबर 2019 में हुई थी। उसको आज तक कोई पैसा नहीं मिला।

केस 2- बठिडा की अमरपुरा बस्ती के सेठी सिंह की बेटी की शादी दिसंबर में हुई थी। वह कई बार दफ्तर के चक्कर भी काट चुका है।

केस 3- बठिडा के गांव महमा सवाई के जगसीर सिंह की बेटी की शादी नवंबर में हुई थी। अप्लाई की रसीद मिली, मगर पैसे नहीं। यह लोग ले सकते हैं योजना का लाभ

योजना के तहत अनुसूचित जातियों, इसाई बिरादरी की लड़कियों, पिछड़ी श्रेणी/जातियों, आर्थिक तौर पर पिछड़े वर्ग की लड़कियों, किसी भी जाति की विधवाओं की लड़कियों के विवाह के समय व अनुसूचित जाति की विधवा/तलाकशुदा महिलाओं को उनके पुनर्विवाह के लिए सहायता राशि दी जाती है। योजना का लाभ वह ले सकती हैं, जिनके परिवार की सभी साधनों से वार्षिक आय 32,790 रुपये से ज्यादा नहीं है। वहीं जिन परिवारों के पास बीपीएल या नीले कार्ड हैं, उनसे आय के सबूत के तौर पर कोई दूसरा प्रमाण पत्र नहीं लिया जाता। जिनके पास उपरोक्त सबूत मौजूद नहीं हैं, ऐसे आवेदक से स्वयं घोषणा पत्र निर्धारित परफार्मा में लिया जाता है। जिसे गांव/शहर के सरपंच या नंबरदार के अलावा पार्षद से तस्दीक करवाया हो।

शादी से 30 दिन पहले करें आवेदन

निर्धारित परफार्मा में आवेदन लड़की की शादी की तारीख निश्चित होने के बाद शादी से 30 दिन पहले देना लाजिमी है। यदि किसी कारण कोई आवेदक अपना आवेदन विवाह की तारीख से पहले देने से वंचित रह जाता है तो वह शादी की तारीख से 30 दिन बाद तक भी अपना आवेदन दे सकता है।

केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का लाभ ले लोग:- संदीप अग्रवाल


अखिल अग्रवाल परिवार सभा व भाजपा युवा मोर्चा ने लगाया आयुष्मान कार्ड बनाने का कैंप

बठिंडा। जरूरतमंद लोगो को अच्छा व सस्ता इलाज देने के लिए केंद्र सरकार की और से चल रही आयुष्मान योजना जिसे पंजाब में सरबत सेहत स्कीम के नाम से जाना जाता है के  तहत अखिल अग्रवाल परिवार सभा रजि: की और से भाजपा युवा मोर्चा के सहयोग से अमरपुरा बस्ती में लाभपत्रियो के लिए आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने का कैम्प लगवाया गया। अखिल अग्रवाल परिवार सभा के प्रधान सन्दीप अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार की और गरीबो के लिये चलाई गई योजना अत्यंत लाभदायक है। इस आयुष्मान स्कीम से जहां लोग सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में अच्छा इलाज करवा सकते है, वही 5 लाख रुपये तक कोई भी राशि भुगतान नही करना पड़ता। इस मुहिम के तहत लोगो को इलाज करवाने में आसानी होगी।

अखिल अग्रवाल परिवार सभा के महासचिव गगन गोयल ने कहा कि सभा की और से युवा मोर्चा के सहयोग से आयोजित इस आयुष्मान कैम्प में जरूरतमंद लोगों ने जहाँ अपने कार्ड बनवाये,वहीं केंद्र सरकार का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं गरीब व्यक्ति को आर्थिक मजबूती देती है वहीं उन्हें बीमारी के समय मे इलाज के खर्च से चिन्तामुक्त करती है। योजना में सहयोग दे रहे सीएससी के जिला मैनेजर परेश गोयल ने कहा कि इस स्कीम में आने वाले हर व्यक्ति को आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवाना चहिए। इस मौके पर मंजू कौर, निर्मल सिंह, मनदीप सिंह, बिमला देवी, गुरप्रीत कौर व अन्य लोग उपस्थित थे।

बठिंडा में पूत बना कपूत:इकलौते बेटे ने विधवा मां को मारपीट कर घर से निकाला, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, पड़ोसियों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया


बठिंडा।
 पंजाब के बठिंडा जिले के बुढलाडा कस्बे के वार्ड नंबर -8 में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसे देखकर और जिसे जानने के बाद लोग थू-थू कर रहे हैं। आरोप एक बेटे पर लगे हैं, जिसने अपनी विधवा मां को मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया। पड़ोसियों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

वायरल होते हुए वीडियो पुलिस तक पहुंचा, जिसे देखते ही सदर थाना पुलिस टीम मौके पर पहुंची और बुजुर्ग महिला का बचाव करते हुए आरोपी बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पीड़ित विधवा महिला ने पुलिस को शिकायत देकर अपनी रक्षा करने की मांग की है। पुलिस ने भी पीड़िता को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।

पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका इकलौता बेटा लंबे समय से उसके साथ मारपीट करता आ रहा है। SHO सिटी सुरजन सिंह ने उक्त घटना के संबंध में पुष्टि करते हुए कहा कि पीड़िता के मारपीट का वीडियो मिला था। पीड़िता की लड़कियों ने भी भाई द्वारा विधवा मां के साथ मारपीट किए जाने की बात कही है।

बुधवार, 10 मार्च 2021

बठिंडा का युवक पटियाला में कर रहा था पत्नी की पिटाई, सीएम के भाई ने बचाकर पुलिस बुलाई


पटियाला:
माल रोड पर कोर्ट कांप्लेक्स के नजदीक से गुजर रहे सीएम कैप्टन अमरिदर सिंह के भाई मालविदर सिंह का काफिला उस समय रुक गया, जब एक व्यक्ति अपनी पत्नी को बीच रास्ते बुरी तरह से पीट रहा था। घटना मंगलवार शाम साढ़े छह बजे की है। मालविदर सिंह ने उक्त व्यक्ति को रोका लेकिन उसने हंगामा बंद नहीं किया। यही नहीं वह काफिले में शामिल पुलिस मुलाजिमों से बदतमीजी करने लगा तो तुरंत लाहौरी गेट थाना पुलिस को सूचना देकर बुलाया गया। इसके बाद थाना लाहौरी गेट पुलिस उक्त व्यक्ति व उसके परिवार को थाने ले गई, जहां देर शाम पूछताछ के बाद इन्हें छोड़ दिया गया।

घटना के अनुसार उक्त परिवार बठिडा के किंगर दास मोहल्ला का रहने वाला है। टेंपो में दस लोग मिलकर बठिडा से पटियाला श्री काली माता मंदिर में माथा टेकने आए थे। मंदिर में माथा टेकने के बाद एक महिला का पति के साथ झगड़ा हो गया और वह मंदिर से अपने बच्चे सहित निकल गई। परिवार में शामिल सभी लोग इस महिला व बच्चे की तलाश में जुट गए। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद दोनों को रेलवे स्टेशन में खड़ा देखा लेकिन महिला ने अपने पति के साथ जाने से इन्कार कर दिया। पैदल ही माल रोड से मंदिर की तरफ आ रही महिला को उसके पति ने कोर्ट कांप्लेक्स के लाइटों वाले चौक के नजदीक रोक लिया। यहां महिला को टेंपो में बैठने को कहा लेकिन वह नहीं मानी। इस वजह से महिला के पति ने उसे बीच रास्ते में पीटना शुरू कर दिया। महिला को पिटता देख मालविदर सिंह का काफिला रुक गया और उन्होंने उसे रोकने की कोशिश की। मामला शांत न होने पर उन्होंने तुरंत पुलिस अधिकारियों को फोन कर दिया तो लाहौरी गेट इंचार्ज सहित अन्य मुलाजिम मौके पर पहुंचे। 

पूछताछ के बाद भेज दिया था परिवार को : इंचार्ज थाना लाहौरी गेट के इंचार्ज जसप्रीत सिंह ने कहा कि दंपती के बीच झगड़ा हो गया था, जिस वजह से कैप्टन साहब के भाई का काफिला रुक गया। उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल के बाद परिवार को समझाकर भेज दिया गया।

बठिंडा में शराब कंपनियों से 70 करोड रुपए रेवेन्यू रिकवर ना करने के मामले में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने की जांच शुरू


बठिंडा।
शहर की तीन वाइन कंपनियों से पिछले 4 सालों में 70 करोड़ रुपए का रेवेन्यू रिकवर न करने के मामले में पंजाब सरकार की ओर से जांच शुरू कर दी है। आरटीआई के तहत उक्त खुलासा करने वाले आरटीआई एवं हिंदू एक्टिविस्ट संदीप पाठक ने मामले की जांच के बाद आरोपियों पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री पंजाब को शिकायत भेजी थी। पंजाब सरकार ने उक्त मामले की जांच एडीशनल चीफ सेक्रेटरी ए वेणु प्रसाद को सौंप दी है। आरटीआई एवं हिंदू एक्टिविस्ट संदीप पाठक ने बताया कि ईमेल के जरिए उनको पंजाब सरकार की ओर से जानकारी मिली है कि उनकी शिकायत पर जांच शुरू हो गई है। बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट संदीप कुमार पाठक ने एक्साइज विभाग की ओर से स्टेट रिवेन्यू लोस के संबंध में मांगी गई जानकारी के अनुसार गगन वाइन एंड फाइनेंसर लिमिटेड शराब कंपनी के पास 2016 में 17 का 23 करोड 83 लाख 82324 रुपे का रेवेन्यू बाकी है। इसके एकम वाइन कंपनी के पास सरकार और एक्साइज विभाग का 24 करोड़ 33 लाख 21059 स्टेट रिवेन्यू रिकवरी होना बाकी है। वही एडवांस वाइंस कंपनी की तरफ पंजाब सरकार का 20 करोड़ 33 लाख 66395 रुपए स्टेट रिवेन्यू के रिकवर होने बाकी हैं। पंजाब सरकार व एक्साइज डिपार्टमेंट पिछले 4 सालों में इन शराब कंपनियों से एक भी पैसा रिकवर करने में नाकाम रहा है। ।

बठिंडा : कांग्रेस विधायक प्रीतम कोटभाई पर दो करोड़ रुपये की ठगी का आरोप, तीन लोगों ने एसएसपी को दी शिकायत



बठिंडा। भुच्चो मंडी से कांग्रेस के मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह कोटभाई पर चिटफंड कंपनी के जरिये दो करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगा है। मंगलवार को राजेश भास्कर निवासी मुरैना (मध्यप्रदेश), राजेश रायकवार और वीरेंद्र रायकवार निवासी ग्राम डेली जिला झांसी (उत्तर प्रदेश) ने एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह विर्क को कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह कोटभाई के खिलाफ दो करोड़ की ठगी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दी है। एसएसपी जांच के बाद आगे की कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।

एसएसपी को दी गई शिकायत में राजेश भास्कर, राजेश रायकवार, वीरेंद्र रायकवार ने बतया कि वर्ष 2010 में विधायक प्रीतम कोटभाई ने ग्वालियर, आगरा, झांसी, मुरैना में आकर उन जैसे अनेक लोगों के साथ बैठक की। विधायक ने अपनी कंपनियों जीसीए मार्केटिंग, गंगा-कावेरी, जीसी डेयरी, फोना गुड च्वाइस और किसान विकास सेवा के बारे में बताते हुए लोगों से कहा कि पैसा लगाने से कुछ ही समय में दोगुना हो जाता है। इस पर वह प्रीतम कोटभाई के झांसे में आ गए और अपनी जमीन और घर बेचकर दोस्तों, रिश्तेदारों के करीब दो करोड़ रुपये कोटभाई की विभिन्न कंपनियों में लगा दिए। जब उन्होंने कुछ समय बाद कोटभाई से अपनी रकम मांगी तो उन्होंने टाल मटोल करना शुरू कर दिया। पीड़ितों ने बताया कि विधायक पर पहले भी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में धोखाधड़ी के केस दर्ज हो चुके है। पीड़ितों ने शिकायत में बताया कि छह मार्च को वह जब विधायक प्रीतम कोटभाई से गांव कोटभाई स्थित उनके फार्म हाउस पर मिले तो उन्होंने हमारे पैसे लौटाने से इंकार कर दिया और हम तीनों को धमकी दी कि अगर पंजाब या बठिंडा में कहीं दिखाई भी दिए तो जान से मरवा दिए जाओगे।

इस संबंध में कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह कोटभाई का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने अपने पर लगे आरोपों के बारे में सुनते ही कहा कि वो थोड़ी देर में बात करेंगे। इसके बाद विधायक ने फोन काट दिया। एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह विर्क का कहना है कि उनके पास विधायक कोटभाई के खिलाफ शिकायत पहुंची है। मामले की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

नई बस्ती में युवती का मोबाइल फोन छीना


बठिंडा।
मंगलवार  देर रात को नई बस्ती में एक एक्टिवा में सवार दो झपटमार एक युवती का मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। युवती ने इस संबंध में पुलिस को शिकायत दर्ज करवा दी है। युवती नैनसी ने बताया कि वो गली नंबर 2 में अपने मोबाइल फोन पर बात कर रही थी कि इस दौरान पीछे से एक एक्टिवा में सवार होकर आए दो युवक उसका मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन देर रात तक पुलिस आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही

28 पर केस दर्ज करने के बाद भड़के आंगनवाड़ी वर्कर, पहले डीसी दफ्तर व बाद में सिविल अस्पताल के बाहर किया विरोध प्रदर्शन, समर्थन में आए किसानों ने बठिंडा-मानसा रोड पर लगाया जमा, वाहनों को रोककर लोगों के साथ पुलिस के साथ की बदसलूकी


28 पर केस दर्ज करने के बाद भड़के आंगनवाड़ी वर्कर, किया शहर में विरोध प्रदर्शन

-सड़क जाम होने से ट्रफिक व्यवस्था डगमगाई वही सिविल अस्पताल के गेट पर धरना लगाने से मरीजों को हुई परेशानी
बठिंडा. पंजाब सरकार के बजट से नाराज आंगनबाड़ी मुलाजिमों की तरफ से गत दिवस इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के नजदीक धरना दिया था। इस दौरान सड़क जाम करने व आसपास प्रापर्टी को नुकसान की संभावना के मद्देनजर जिला पुलिस ने 28 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके बाद बुधवार को आंगनवाड़ी वर्करों ने पहले जहां डीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर घेराव किया वही बाद में सिविल अस्पताल एमरजेंसी के बाहर नारेबाजी कर प्रशासन व शासन पर धक्केशाही के आरोप लगाए। यही नहीं दोपहर बाद किसान संगठन भी आंगनवाड़ी वर्करों के समर्थन में आ गए व बठिंडा-मानसा हाईवे पर जाम लगा दिया। यही नहीं वाहनों को रोकते समय कई लोगों के साथ किसानों व वर्करों ने बदसलूकी की।

इस दौरान सिविल अस्पताल के गेट को भी वर्करों ने जाम लगाकर बंद कर दिया जिससे अस्पताल में उपचार के लिए पहुंचे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्रदर्शन को देखते पूरे जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स व सिविल अस्पताल को भारी पुलिस बल तैनात कर छावनी में तबदील कर दिया गया। इस दौरान आंगनवाड़ी वर्करों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन पर राजनीतिक रंजिश के तहत जहां केस दर्ज किया वही उनका पक्ष सुने बिना ही उन पर केस दर्ज कर दिया गया। गौरतलब है कि पुलिस ने आंगनवाडी वर्कर यूनियन की प्रधान हरगोबिंद कौर, मैंबर जसबीर कौर व मलकीत कौर सहित अन्य 25 वर्करों पर केस दर्ज किया है। 

कोतवाली पुलिस की तरफ से दर्ज केस के संबंध में सहायक थानेदार इंद्रजीत सिंह ने बताया कि आंगनवाडी वर्कर यूनियन की तरफ से सरकार के खिलाफ गोनियाना-बठिंडा मेन रोड नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम किया गया था। इस दौरान आवागमन करने वाले लोगों को जहां परेशानी का सामना करना पड़ा वही प्रदर्शन के कारण आसपास की प्रापर्टी को नुकसान होने की आशंका बनी रही। इसी के मद्देनजर पुलिस ने करीब 28 आंगनवाड़ी वर्करों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। गौरतलब है कि पंजाब बजट से नाराज आंगनबाड़ी मुलाजिमों की ओर से मंगलवार को वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के घेराव की कोशिश में पुलिस के साथ काफी धक्कामुक्की हुई थी। पुलिस ने इन्हें आगे बढ़ने से रोका तो महिलाएं सड़क के दूसरी ओर का डिवाइडर फांदकर वित्तमंत्री की माता के भोग समागम के लिए लगाए टैंट में जा घुसी और नारेबाजी शुरू कर दी जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था।

आल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की बठिंडा ब्लॉक की ओर से मिनी सचिवालय से रोष मार्च निकालकर हनुमान चौक पर पुतला फूंकना था लेकिन नारेबाजी करते हुए वे अचानक आगे को बढ़ गई और तीन कोनी क्रॉस करते ही सुरक्षा कर्मियों में भगदड़ मच गई और लाठियों की चेन बनाकर इन्हें आगे बढ़ने से रोका। इस दौरान आंगनबाड़ी मुलाजिमों व पुलिस कर्मियों के बीच काफी देर तक धक्कामुक्की हुई जबकि पुलिस की ओर से इन्हें खदेड़ने के प्रयास में कई आंगनबाड़ी मुलाजिमों को चोट भी आई। पुलिस पर छेड़खानी के आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने 10 मार्च को एसएसपी दफ्तर घेरने का एलान कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने उन्हें शांत करते हुए बरसी पर लगाया लंगर खाने के लिए आग्रह किया।

आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की प्रदेश प्रधान हरगोबिंद कौर ने अपनी बाजू पर चिकोटी काटने के निशान दिखाते हुए आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने वर्करों व हेल्परों के साथ छेड़खानी की। वहीं अपने मंत्री व सरकार की किरकिरी होते देखकर कांग्रेस वर्करों ने उनसे एक पुतला छीनकर छिपा दिया। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों ने वर्कर-हेल्परों को घसीट कर मारपीट भी की जिससे कई वर्कर व हेल्परों को चोटें आई। वही उन्होंने कहा कि गत दिवस आंगनवाडी वर्करों की तरफ से अपनी मांगों व सरकार की तरफ से पेश बजट के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने उनके साथ धक्केशाही की व बाद में उन पर ही केस दर्ज कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन ने उनके खिलाफ दर्ज केस वापिस नहीं लिया तो वह आंदोलन को तेज करेंगे। 

फोटो-अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करती आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन की प्रधान व सैकड़ों वर्कर। वही सिविल अस्पताल के गेट पर धरना देने के साथ किसान संगठनों ने बठिंडा-मानसा मुख्यमार्ग को भी जाम लगाकर बंद कर दिया। 

तेज रफ्तार जिप्सी चालक ने स्कूटी सवार बाप-बेटी को किया घायल, केस


बठिंडा.
एक्टिवा सवार बाप-बेटी को टक्कर मारकर घायल करने वाले जिप्सी चालक के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसमें विशाल बांसल वासी सुभाष गली अमरिक सिंह रोड बठिंडा ने शिकायत दी कि वह एपनी एक्टिवा पर बेटी रिधी बांसल के साथ माल रोड पर डाक्टर दर्शन के अस्पताल के नजदीक पहुंचे तो इसी दौरान लापरवाही से तेज रफ्तार एक जिप्सी चालक आया व टक्कर मारकर मौके से फरार हो गया। इस हादसे में दोनों को काफी गंभीर चोट लगी व उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया गया। पुलिस ने आरोपी चालक के खिलाफ केस दर्ज कर आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

पुरानी रंजिश को लेकर चार लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति को रास्ते में घेरकर की मारपीट

बठिंडा. पुरानी रंजिश को लेकर चार लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति से मारपीट कर घायल कर दिया। तलवंडी साबो पुलिस ने शिकायत के बाद चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के पास बेअंत सिंह वासी जग्गारामतीर्थ ने बताया कि उसका कुछ समय पहले जस्सा सिंह वासी जग्गाराम तीर्थ के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। इसी रंजिश में आरोपी जस्सा सिंह ने अपने तीन अन्य साथियों को साथ लेकर उसे रास्ते में घेर लिया व मारपीट कर घायल कर दिया। मामले में अभी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। 


बजट से नाराज होकर मनप्रीत बादल के दफ्तर का घेराव करने वाली 28 आंगनवाड़ी वर्करों पर कोतवाली पुलिस ने दर्ज किया केस, वर्करों ने पुलिस पर लगाया छेड़खानी का आरोप


बठिंडा.
पंजाब सरकार के बजट से नाराज आंगनबाड़ी मुलाजिमों की तरफ से गत दिवस इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के नजदीक धरना दिया था। इस दौरान सड़क जाम करने व आसपास प्रापर्टी को नुकसान की संभावना के मद्देनजर जिला पुलिस ने 28 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें आंगनवाडी वर्कर यूनियन की प्रधान हरगोबिंद कौर, मैंबर जसबीर कौर व मलकीत कौर शामिल है। कोतवाली पुलिस की तरफ से दर्ज केस के संबंध में सहायक थानेदार इंद्रजीत सिंह ने बताया कि आंगनवाडी वर्कर यूनियन की तरफ से सरकार के खिलाफ गोनियाना-बठिंडा मेन रोड नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक जाम किया गया था। इस दौरान आवागमन करने वाले लोगों को जहां परेशानी का सामना करना पड़ा वही प्रदर्शन के कारण आसपास की प्रापर्टी को नुकसान होने की आशंका बनी रही। इसी के मद्देनजर पुलिस ने करीब 28 आंगनवाड़ी वर्करों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। गौरतलब है कि पंजाब बजट से नाराज आंगनबाड़ी मुलाजिमों की ओर से मंगलवार को वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर के घेराव की कोशिश में पुलिस के साथ काफी धक्कामुक्की हुई थी। पुलिस ने इन्हें आगे बढ़ने से रोका तो महिलाएं सड़क के दूसरी ओर का डिवाइडर फांदकर वित्तमंत्री की माता के भोग समागम के लिए लगाए टैंट में जा घुसी और नारेबाजी शुरू कर दी जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया था। आल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की बठिंडा ब्लॉक की ओर से मिनी सचिवालय से रोष मार्च निकालकर हनुमान चौक पर पुतला फूंकना था लेकिन नारेबाजी करते हुए वे अचानक आगे को बढ़ गई और तीन कोनी क्रॉस करते ही सुरक्षा कर्मियों में भगदड़ मच गई और लाठियों की चेन बनाकर इन्हें आगे बढ़ने से रोका। इस दौरान आंगनबाड़ी मुलाजिमों व पुलिस कर्मियों के बीच काफी देर तक धक्कामुक्की हुई जबकि पुलिस की ओर से इन्हें खदेड़ने के प्रयास में कई आंगनबाड़ी मुलाजिमों को चोट भी आई। पुलिस पर छेड़खानी के आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी मुलाजिमों ने 10 मार्च को एसएसपी दफ्तर घेरने का एलान कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने उन्हें शांत करते हुए बरसी पर लगाया लंगर खाने के लिए आग्रह किया।

आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की प्रदेश प्रधान हरगोबिंद कौर ने अपनी बाजू पर चिकोटी काटने के निशान दिखाते हुए आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने वर्करों व हेल्परों के साथ छेड़खानी की। वहीं अपने मंत्री व सरकार की किरकिरी होते देखकर कांग्रेस वर्करों ने उनसे एक पुतला छीनकर छिपा दिया। उन्होंने कहा कि वित्तमंत्री के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों ने वर्कर-हेल्परों को घसीट कर मारपीट भी की जिससे कई वर्कर व हेल्परों को चोटें आई।

 

 

इंस्पेक्टर राजिंदर कुमार बने बठिंडा सीआईए-1 के इंचार्ज


बठिंडा।
एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह विर्क ने इंस्पेक्टर राजिंदर कुमार को सीआईए-1 का इंचार्ज नियुक्त किया गया है। इंस्पेक्टर राजिंदर कुमार ने मंगलवार को सीआईए-1 का चार्ज संभाल लिया। चार्ज संभालने के बाद इंस्पेक्टर राजिंदर कुमार ने कहा कि एसएसपी भूपिंदरजीत सिंह विर्क के दिशा-निर्देशों पर अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी व तनदेही से अदा करेंगे। बता दंें कि इससे पहले राजिंदर कुमार स्पेशल सैल के इंचार्ज थे आैर सीआईए-1, सीआईए-2 में बतौर इंचार्ज सेवाएं दे चुके हैं।

बठिंडा मोटर क्लेम एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल का फैसला:एक्सीडेंट में चली गई थी पति की जान, आश्रित पत्नी व परिवार को मिलेगा 2 करोड़ का मुआवजा


बठिंडा।
 सड़क हादसे में अपने पति को खो चुकी पीड़ित महिला द्वारा दायर एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए मोटर क्लेम एक्सीडेंट ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) की कोर्ट ने पीड़ित को 2 करोड़ रुपए मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी को आदेश दिया है। बठिंडा निवासी विकास गोयल की 2018 में ट्रक से टक्कर में मौत हो गई थी। परिवार ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में क्लेम के लिए याचिका दायर की गई थी। दुर्घटना से संबंधित सभी प्रकार के सबूत व दस्तावेज, संबंधित वाहन की इंश्योरेंस पॉलिसी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट मृत्यु की स्थिति में व घायल होने का प्रमाणपत्र होने जरूरी होते हैं।

बीच सड़क में पार्क किया ट्रक बना था हादसे की वजह

19 मई 2018 को विकास गोयल निवासी चंदसर बस्ती बठिंडा जो गुड़गांव स्थित एक कंपनी में बतौर सीनियर मैनेजर काम करता था अपनी पत्नी अनु बांसल, छोटी बेटी अहाना तथा माता ऊषा रानी के साथ कार में गुड़गांव से नैनीताल जा रहा था। सुबह करीब 4 बजे जब उनकी गाड़ी उधम सिंह नगर जिले के गांव कोतवाली के पास पहुंची तो रास्ते में खड़ा ट्रक दिखाई नहीं दिया जिस कारण उसकी कार उक्त ट्रक के पीछे जा टकराई। हादसे में विकास गोयल तथा उसकी माता को गंभीर चोटें लगी तथा अस्पताल में उपचार दौरान 33 वर्षीय विकास गोयल की मौत हो गई।

हादसे के बाद 18 जून 2018 को स्थानीय पुलिस स्टेशन में मृतक के परिजनों के बयान पर एफआईआर दर्ज हुई। इसके बाद 17 अगस्त 2018 को मृतक की पत्नी अनु बांसल ने अपने वकील संजय गोयल के माध्यम से बठिंडा के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में मुआवजे के लिए केस दायर किया। एडवोकेट संजय गोयल ने बताया कि बीती 5 मार्च 2021 को ट्रिब्यूनल के जज मोहम्मद गुलजार की कोर्ट ने उक्त केस में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी को मृतक विकास गोयल की पत्नी अनु बांसल को 1 करोड़ 68 लाख रुपए समेत ढाई साल का ब्याज रकम 2 करोड़ रुपए बनती है।

एक्सीडेंट में परिजन की मौत या विकलांग होने पर ऐसे पाएं मुआवजा

सड़क हादसे के मामलों की सुनवाई के लिए हर जिले में मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल बने हैं। पीड़ित पक्ष मुआवजे के लिए ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटा सकता है। वहीं हिट एंड रन मामले में मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार ने सोलेशियम फंड बनाया है। सबसे पहले वाहन से दुर्घटना पर संबंधित थाने में रिपोर्ट करें। एफआईआर होने के 30 दिन के अंदर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल में जमा करानी होती है।

कौन होगा मेयर ?:टॉप पद पर पुरुष होगा या महिला, अभी तय नहीं, लेकिन स्टेयरिंग पर बादल परिवार करेगा कंट्रोल!



बठिंडा। 
बजट सैशन खत्म होते ही एक बारगी फिर शहर में मेयर पद को लेकर चर्चाएं पुन: तेज हो गई हैं। 50 में से 43 वार्डों में प्रचंड बहुमत से जीतने के बाद कांग्रेस के नेता खुशी से लबालब हैं। सितंबर 2019 में शिअद का हाउस तोड़ने का प्रयास करने वाली कांग्रेस ने जीत के लिए सही वक्त का इंतजार किया तथा विपक्ष को किसी भी तरह की सहानुभूति नहीं मिले, इसके लिए निर्णय को टाल दिया, लेकिन अब जब निगम हाउस पूरी तरह कांग्रेसमयी हो गया है, में टॉप तीन पदों को लेकर कई तरह के कयास लग रहे हैं जिसमें सबसे अव्वल व महत्वपूर्ण मेयर पद है।

शहर में 43 लोगों में मेयर पद पर एक भाग्यशाली पुरुष या औरत भी इसमें शामिल हो सकता है, इसके कयास लग रहे हैं, पर इसका जवाब भविष्य के गर्त में है, लेकिन एक बात तय है कि पद चाहे कोई भी व्यक्ति संभाले, लेकिन निगम के स्टेयरिंग का कंट्रोल बादल परिवार के पास रहेगा, यह पत्थर पर लकीर वाली बात कही जा सकती है।

निगम चुनाव में जिस तरह से बादल परिवार ने कांग्रेस की आवाज को अनसुना कर अपने स्तर पर आजाद होकर टिकटों अलॉट करने के बाद उन्हें चुनाव जिताया है, उससे कांग्रेस में उनके खिलाफ विरोधी स्वर कहीं दबकर रह गए हैं, जोकि हार के बाद बेहद मुखर हो सकते थे। वहीं एक बात तय नजर आ रही है कि शहर में जातीय समीकरण को कांग्रेस जरूर बनाकर रखेगी ताकि 2022 की विधानसभा को जीतना आसान रहे। ऐसे में टॉप तीन पदों पर अलग-अलग जाति वर्ग के लोगों को कांग्रेस लाना चाहेगी।

मेयर पद के दावेदारों में पुरुष व महिलाएं दोनों ही शामिल

निगम हाउस में सबसे सर्वोच्च पद मेयर होता है, ऐसे में इस की लालसा बहुतेरे लोगों के मनों में होगी, लेकिन इस पद के लिए कितने लोग उस स्तर या रैंक पर हैं, यह समझने वाली बात है।बठिंडा मेयर पद के लिए वर्तमान में 8 लोगों को मेयर की कतार में शामिल जा रहा है जिसमें पुरुषों में वार्ड 28 से मास्टर हरमंदर सिंह, वार्ड 30 से बलजिंदर ठेकेदार, वार्ड 37 से अशोक प्रधान व वार्ड 48 से जगरूप गिल शामिल हैं। वहीं महिलाओं में वार्ड 5 से सोनिया बांसल, वार्ड 29 से रीना गुप्ता, वार्ड 31 प्रवीण गर्ग (पवन मानी) तथा वार्ड 35 से रमण गोयल शामिल हैं।

राजनीतिक व जातीय समीकरण देखेगी कांग्रेस

वर्तमान में मेयर पद की रेस में शामिल पुरुषों में सीनियर लोगों में जहां पुराने कांग्रेसी नेताओं में अशोक प्रधान हैं तो जगरूप गिल परिपक्व व विषय एक्सपर्ट माने जाते हैं। वहीं बलजिंदर ठेकेदार के पिता कांग्रेस में पार्षद रहे हैं तथा पिछले काफी समय से वह खुद मनप्रीत बादल ग्रुप में हैं। वहीं हरमंदर मास्टर शिअद में रहे हैं, लेकिन शिअद से बगावत कर उन्होंने बादल परिवार का हाथ थामा था तथा बादल परिवार के निकट व एक्टिव रहे हैं।

वहीं महिलाओं में वार्ड 5 से सोनिया बांसल के पति सुनील बांसल जयजीत जौहल के करीबी हैं। इसी तरह वार्ड 29 से रीना गुप्ता का परिवार पुराना कांग्रेसी है तथा कुछ ही समय पहले पुन: एक्टिव हुए हैं। वार्ड 31 में प्रवीण गर्ग के पति पवन मानी पुराने कांग्रेसी हैं तथा मनप्रीत बादल के काफी करीबी माने जाते हैं। वार्ड 35 की रमण गोयल के पति संदीप गोयल भी बादल परिवार से जुड़े हुए हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस निगम के टॉप तीन पदों को अवार्ड करते समय हर तरह के समीकरण साधने की कोशिश करेगी।

मेयर पद के लिए अशोक प्रधान का नाम पर बाजार गर्म

 नगर निगम बठिंडा में चुनाव नीतीजे घोषित हुए 20 दिन बीत चुके हैं वही अभी तक मेयर को लेकर अंतिम फैसला नहीं हो सका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पंजाब सरकार के बजट सत्न के बाद इस बाबत निकाय विभाग के साथ मुख्यमंत्नी कैप्टन अमरिंदर सिंह व वित्त मंत्नी मनप्रीत सिंह बादल मिलकर इस महत्वपूर्ण पद को लेकर अंतिम फैसला लेंगे। वर्तमान में कांग्रेस कमेटी आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस पद पर टकसाली कांग्रेसी को मेयर बनाने में प्रथामिकता दे रहे हैं। इसमें सबसे आगे बठिंडा कांग्रेस में पिछले चार दशक से अधिक समय से सिक्र य रहे रजिर्व कैटागिरी से संबंधित पार्षद अशोक कुमार प्रधान का नाम आगे चल रहा है। अशोक के नाम पर बाजार गर्म है। हालांकि उनके मुकाबले में पूर्व पार्षद जगरु प सिंह गिल का नाम भी चल रहा है लेकिन वित्तमंत्नी मनप्रीत सिंह बादल व निगम चुनावों में कमान संभालकर चल रहे वरिष्ठ कांग्रेसी जयजीत सिंह जौहल अशोक कुमार प्रधान के नाम पर मूक सहमत दिखाई दे रही है। मेयर के चुनाव में राज्य के मुख्यमंत्नी कैप्टन अमरिंदर सिंह भी फैसला लेते हैं तो वह वित्तमंत्नी मनप्रीत सिंह बादल की पसंद व सहमती को नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। इस स्थिति में अशोक कुमार प्रधान वर्तमान स्थिति में सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। बशर्ते निगम में मेयर की सीट महिला के लिए आरिक्षत ना हो जाए। बताते चलें कि अशोक प्रधान पांच साल शहरी यूथ प्रधान, 10 साल जिला यूथ प्रधान, फिर 10 साल जिला कांग्रेस कमेटी के प्रधान रहे हैं। वह पिछले पांच साल से पंजाब कांग्रेस के महासचिव हैं। करोना काल में अशोक प्रधान ने वित्त मंत्नी मनप्रीत बादल और जयजीत सिंह जौहल जोजो के सहयोग से 15000 परिवारों तक राशन की किटें उपलब्ध कराई थी। अशोक मिलनसार और सेवा भाव वाले लीडर है। वह यस बास की फिलास्फी पर काम करते हैं। अगर नगर निगम में मेयर की सीट महिला के लिए आरिक्षत नहीं होती तो अशोक प्रधान की लाटरी निकल सकती है। उधर, शहर में भी अशोक का मेयर बनाने की मांग बलवती होने लगी है। बहुत से पाषर्द भी अशोक प्रधान को मेयर बनाने के पक्षधर है। उधर, अशोक प्रधान कहते हैं कि उन्होंने 45 साल पार्टी की सेवा की है। उन्हें कभी पद का लालच नहीं रहा। अगर कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई पद दिया जाता है, तो वह ना नहीं करेंगे।  

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