लुधियाना। खाकी वर्दी वालों के जज्बे को सलाम कीजिए, जिन्होंने जीरो विजिबिलिटी होने पर भी सड़क के रास्ते कोरोना संक्रमित को मोहाली पहुंचाया और उसकी जिंदगी बचाई। पंजाब के लुधियाना जिले में यह वाकया सामने आया, जिसके बाद जिला पुलिस की जमकर तारीफ हो रही है।33 साल के मनप्रीत सिंह को लुधियाना पुलिस ने घनी धुंध के बावजूद सड़के के रास्ते लुधियाना से मोहाली सिर्फ 100 मिनट में पहुंचाया गया, जहां से मनप्रीत को एयर एंबुलेंस के जरिए मुंबई ले जाया गया। वहां मनप्रीत के फेफड़ों का ट्रांसप्लांट हुआ और उनकी जिंदगी बच गई। मनप्रीत कोरोना संक्रमित थे।
लुधियाना पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल 80 प्रतिशत डैमेज हो चुका था फेफड़ा
पेशे से इंजीनियर मनप्रीत का फेफड़ा कोरोना के कारण 80 प्रतिशत डैमेज हो चुका था। वे वेंटीलेटर पर थे और डॉक्टरों ने जान बचाने के लिए ट्रांसप्लांट ही एक तरीका बताया था। लुधियाना में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी, इसलिए परिजनों ने मुंबई के अस्पताल से संपर्क किया। सारी बात होने के बाद मुंबई जाना था।
इसके लिए मनप्रीत के परिवार ने एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की, लेकिन खराब मौसम और घनी धुंध के कारण एयर एंबुलेंस को हलवारा एयरबेस पर उतारना जोखिम भरा था। इसलिए एयर एंबुलेंस को मोहाली में उतारने का फैसला लिया गया। लेकिन बड़ा जोखिम था, वेंटीलेटर पर मनप्रीत को मोहाली तक पहुंचाने का।
एंबुलेंस को पुलिस पायलेट ने मोहाली तक किया एस्कार्ट
पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर पुलिस ने आइसीयू लैस एंबुलेंस के आगे पुलिस फोर्स समेत पायलेट जिप्सी लगाने के आदेश दिए। जिसके बाद 125 किलोमीटर का सफर महज 100 मिनट में तय किया। विभाग ने इंसानियत का धर्म निभायाइस संबंध में पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने कहा कि इंसानियत का धर्म निभाते हुए विभाग की ओर से पीडि़त परिवार की मदद के लिए कदम उठाए गए।
इसके लिए खन्ना, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला व मोहाली जिले की पुलिस को अलर्ट करके रास्ता साफ कराने के लिए मदद ली गई, ताकि मरीज को समय पर मोहाली एयरबेस तक पहुंचाया जा सके। अपनी तरह के पहले आपरेशन में उनकी फोर्स ने जीरो बिजिबिलिटी में सफलता पूर्वक अपने कार्य को अंजाम तक पहुंचाया, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
धुंध के चलते लुधियाना से मोहाली पहुंचने में लगता तीन घंटे का समय
लुधियाना से मोहाली पहुंचने में तीन घंटे का समय लगता, क्योंकि घनी धुंध भी थी। इतने समय में मनप्रीत की हालत बिगड़ सकती थी। इसलिए मनप्रीत के परिवार वाले पुलिस कमिश्नर राकेश अग्रवाल से मिले और उनसे मदद मांगी। मामला जानने के बाद पुलिस कमिश्नर एक्शन में आए।
उन्होंने ICU की सुविधाओं से लैस एंबुलेंस के आगे पुलिस फोर्स की और पायलट जिप्सी लगाने के आदेश दिए। इसके बाद 125 किलोमीटर का सफर महज 100 मिनट में तय किया गया। इसके लिए खन्ना, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला व मोहाली जिले की पुलिस को अलर्ट करके रास्ता साफ कराने में मदद ली गई।
इस तरह मनप्रीत को समय पर मोहाली एयरबेस पहुंचाया गया। जहां से उसे मुंबई ले जाकर उसका ट्रांसप्लांट कराया गया। इस मदद के लिए मनप्रीत के परिजन लुधियाना पुलिस के शुक्रगुजार हैं। वहीं कमिश्नर राकेश अग्रवाल ने भी अपनी पूरी टीम को पीठ थपथपाकर बधाई दी, उनका हौंसला बढ़ाया।