पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका ने लगाया कांग्रेस मंत्री पर चुनाव में धक्केशाही करने का आरोप वही दर्ज केस के खिलाफ दी आंदोलन की धमकी
बठिंडा.सोमवार को भगता भाई सहकारी सभा मलूका के चुनाव के समय उत्पन्न हुई तनावपूर्ण स्थिति के बाद मंगलवार को दियालपुरा पुलिस ने पुलिस टीम पर हमला करने व हंगाम करने के आरोप में 162 अकाली वर्करों व समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें हालांकि किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है लेकिन पुलिस की तरफ से अकाली नेताओ व वर्करों पर केस दर्ज करने के विरोध में अकाली दल ने मोर्चा खोलने की घोषणा की है। इलाके में माहौल दूसरे दिन भी तनावपूर्ण बना रहा। इस मामले में अकाली नेताओं तथा वर्करों ने पुलिस अधिकारियों पर मतदान करवाने आए चुनाव अधिकारियों को जबरन अपनी गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले जाने के आरोप लगाए। अकाली नेता व पूर्व पंचायत मंत्री और किसान विंग प्रधान सिकंदर सिंह मलूका ने आरोप लगाते हुए कहा कि हलका फूल में माल मंत्री की शह पर पुलिस प्रशासन द्वारा सरेआम गुंडागर्दी की जा रही थी। वहीं गुरप्रीत मलूका ने एसएचओ पर गाड़ी चढ़ाने के आरोप लगाए थे। वही सिंकंदर सिंह मलूका व गुरप्रीत सिंह मलूका ने कहा कि वह पुलिस व स्थानीय मंत्री की धक्केशाही चलने नहीं देंगेव इस बाबत आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने पुलिस की तरफ दर्ज केस को राजनीति से प्रेरित बताया वही कहा कि पुलिस ने वर्करों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की जबकि इस बाबत विडियो भी वायरल हुआ है लेकिन अब पुलिस उलटा उन पर हमला करने के आरोप में केस दर्ज कर रही है।
दूसरी तरफ थाना दियालपुरा पुलिस ने रेशम सिंह वासी गांव मलूका के बयान पर 162 लोगों पर केस दर्ज किया है। इसमें कहा गया है कि गांव मलूका कोआपरेटिव सोसायटी की वोट संबंधी कागज भरे जा रहे थे। इसमें रेशम सिंह के लड़के बलदेव सिंह ने भी कागज भरने थे। इस दौरान दूसरी तरफ अकाली समर्थक रेशम सिंह, गुरलाल सिंह, बलजीत राम, सुखदेव सिंह, जतिंदर सिंह, बूटा सिंह, सतिगुरु सिंह, हरजीत सिंह वासी मलूका, रतन शर्मा वासी बठिंडा, हरिंदर सिंह वासी महिराज, गुरजंट सिंह खानदान, मोहन एमसी वासी भगता भाईका अपने करीब 150 समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे व नामजदगी का विरोध करने लगे। इस दौरान वहां तैनात अधिकारियों को भी काम करने रोका गया। इसमें आरओ जितेश कुमार व इंस्पेक्टर अमनप्रीत सिंह को भी धमकियां देकर काम रुकवाने की कोशिश की। जब पुलिस कर्मचारी स्थिति को संभालने गए तो उन पर भी हमला कर दिया व गाडी के साथ साजों सामान से तोड़फोड़ करना शुरू कर दी। दो दलों के बीच आपसी खीचतान में सरकारी कर्मियों निशाना बनाने के मामले में उक्त सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
वही दूसरी तरफ सिकंदर सिंह मलूका ने बताया कि सोमवार को थाना प्रमुख दियालपुरा की तरफ से किसी भी अकाली उम्मीदवार को कागज़ भरने के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया। मलूका ने कहा कि वे खुद अपने नामजदगी पेपरों और पार्टी से संबन्धित दूसरे उम्मीदवारों के नामजदगी पेपर दाख़िल करने के लिए सहकारी सभा पहुंचे तब उम्मीदवारों को अंदर जाने दिया। उन्हाेंने कहा कि हार के डर से माल मंत्री ने डीएसपी फूल और थाना प्रमुख दियालपुरा को हर हाल में चुनाव जीतने की हिदायतें दी। इसके बाद डीएसपी फूल और दियालपुरा थाने के प्रमुख अमनदीप विर्क चुनाव अमले को गाड़ी में बैठा कर फरार हो गए।
इस दौरान दियालपुरा थाने के प्रमुख ने लोगों की जान की परवाह न करते हुए गाड़ी को रोकने की कोशिश कर रहे उम्मीदवारों और कुछ आम लोगों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की। उक्त घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हाे गया। सहकारी सभा के एक अन्य अधिकारी को भी अगवा करने की कोशिश की, परन्तु उसने वहां से भाग कर जान बचाई। गुरप्रीत सिंह मलूका ने कहा कि पुलिस प्रशासन की ऐसी धक्केशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मलूका ने कहा दियालपुरा थाना प्रमुख अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और कांग्रेस की शह पर उसकी तरफ से मीडिया कर्मचारियों के साथ बदसलूकी भी की गई। इस मामले संबंधी एसएचओ अमनदीप सिंह विर्क ने कहा कि उस पर लगे सभी आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के बाद सरकारी काम में विधन डालने व माहौल खराब करने वाले लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
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