नगर निगम के पास फुटपाथों और हम्पों के कायदे-कानूनों को लेकर नहीं है कोई भी दस्तावेज
बठिंडा. नगर निगम की तरफ से शहर की कालापलट को लेकर पिछले कुछ समय से योजना पर काम चल रहा है। बठिंडा शहर के हस्पताल बाजार, सद्भावना चौंक से मुल्तानियां फ्लाईओवर सिरकी बाजार तक के सौदिर्यकरण का काम पूरी तेजी से चल रहा है। इस योजना पर लगभग 199.51 लाख रूपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।
सहायक निगम इंजीनियर-कम-सहायक जन सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई में मांगी गई सूचना के अनुसार नगर निगम बठिंडा की ओर से हस्पताल बाजार, सद्भावना चौंक से मुल्तानियाँ फ्लाईओवर तक 199.51 लाख रूपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है जिसमें कि मुख्या सड़कों पर इंटरलॉकिंग टाइल्स और साइडों के ऊपर रेड सैंड स्टोन लगाने का काम किया गया है।
धोबी बाजार व आसपास के बाजारों में चल रहे काम के बारे में निगम के सहायक जन सूचना अधिकारी ने बताया है कि धोबी बाजार व आसपास का काम नगर सुधार ट्रस्ट बठिंडा की तरफ से करवाया जा रहा है इसलिए आर.टी.आई. आवेदन नगर सुधार ट्रस्ट को ट्रांसफर कऱ दिया गया है। मगर नगर सुधार ट्रस्ट बठिंडा के जन सूचना अधिकारी की तरफ से पहली अपील दायर करने पर भी सूचना देना जरुरी नहीं समझा गया।
एक अन्य आर.टी.आई. के माध्यम से नगर निगम बठिंडा से निगम के पास जो फुटपाथों और हम्पों की लम्बाई, चौड़ाई और उच्चाई आदि के रूल्स, नियम, नोटिफिकेशन्स, आर्डर आदि हैं उन सभी की नकल भी मांगी गई थीं। इसके जवाब में बताया गया है कि इस सम्बन्धी नगर निगम बठिंडा के पास कोई भी दस्तावेज नहीं है। नगर निगम द्वारा जरुरत अनुसार मौके पर फुटपाथों और हम्पों की लम्बाई, चौड़ाई निर्धारित की जाती है। अब सवाल उठता है कि जब काम का टेंडर निगम की तरफ से जारी किया गया था तो उस समय किन दस्तावेजों के आधार पर सड़कों के किनारे बने फुटपाथ की लंबाई. चोड़ाई व अन्य मापदंड बनाए गए। यही नहीं फुटपाथ का काम करवाने के लिए स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से जारी नियम व काम करवाने से पहले जारी नोटिफिकेशन व आर्डर के बिना काम कैसे हो रहे हैं यह भी कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि इस संबंध में नगर निगम की तरफ से एक प्रस्ताव पारित करने संबंधी एस्टीमेंट की कापी अधिकारियों को भेजी है व इसमें विभिन्न अधिकारियों के हस्ताक्षर है।
आरटीआई एक्टिविस्ट व ग्राहक जागो संस्था के सचिव संजीव कुमार गोयल का कहना है कि बठिंडा शहर में अधिकतर गलियों और मुहल्लों में लोगों द्वारा अवैध रूप में हम्प बनाये हुए हैं जोकि रूल्स के अनुसार भी नहीं बनाये गए है। उन पर किसी प्रकार का रंग भी नहीं किया गया है, रात के समय हंप दिखाई नहीं देते और वाहनों का संतुलन बिगड़ जाने पर वाहन चालक जख्मी हो जाते हैं। वर्तमान में शहर को सुंदर बनाने के लिए योजना पर काम किया जा रहा है जिसमें प्रशासन के साथ निगम को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि इस तरह के हंपों पर सख्ती से रोक लगे वही अगर किसी स्थान पर इनकी जरूरत है तो प्रशासन हंप बनाने के लिए बने रुल की पालना करवाए ताकि आए दिन होने वाले हादसों पर रोक लग सके।
फोटो -शहर में प्रमुख बाजारों में नगर निगम की तरफ से चल रहे काम की फोटो।
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