अजनाला। श्री गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर्व से पहले कुछ शरारती तत्वों ने गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान किया है। मंगलवार को गुरु पर्व से ठीक पहले अमृतसर में पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के गुटका स्वरूप को किसी ने अपवित्र कर दिया। इस मंदभागी घटना के बाद समाज में आक्रोश का माहौल देखने को मिल रहा है, वहीं पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है।
घटना अजनाला स्थित गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह जी की है। इस बारे में गुरुद्वारे की प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मलकीत सिंह और सुरजीत सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह जब वो गुरुघर माथा टेकने आए तो उन्हें जोड़ा घर पर एक लावारिस लिफाफा मिला।
लिफाफे में लिखकर डाला गया नोट, जिसमें आरोपी ने यह जान-बूझकर करने की बात कबूली है। साथ ही ऐसा फिर करने का ऐलान भी किया है।
लिफाफे में लिखकर डाला गया नोट, जिसमें आरोपी ने यह जान-बूझकर करने की बात कबूली है। साथ ही ऐसा फिर करने का ऐलान भी किया है।
यह सब था लावरिस मिले लिफाफे में
इसमें पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का गुटका स्वरूप था, जिसके अंग छिन्न-भिन्न हालत में मिले। साथ ही एक सफेद कागज भी मिला। इस पर पंजाबी में लिखा है, 'मां चिंतपूर्णी, फतेहगढ़ चूड़िया..., कोई मेरा कुछ नहीं बिगड़ सकता, मैं फिर करूंगा...'। हालांकि कुछ शब्द और हैं, जिन्हें समझने में दिक्कत हो रही है।
हिंदू-सिख दोनों मान्यताओं के लोग नाराज
इस घटना के बाद इलाके में रोष का माहौल है। एक ओर सिख समुदाय आरोपी को ढूंढ निकालने और उसे सख्त से सख्त सजा की मांग कर रहा है, वहीं आसपास के शहरों से हिंदू जत्थेबंदियों के लोग भी मौके पर जुटना शुरू हो चुके हैं। उनका कहना है कि उन्हें भी यह ओछी हरकत नागंवार गुजरी है। ऐसे शख्स का पुलिस को जल्द से जल्द पता लगाना चाहिए। हमारी भावनाएं सिख भाइयों की आस्था के साथ हैं। हर हाल में कार्रवाई होनी चाहिए।
क्या कहना है पुलिस का?
मौके पर पहुंचे अजनाला के DSP विपन कुमार का कहना है कि गुरुघर में पवित्र ग्रंथ के गुटका स्वरूप के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है। मामला दर्ज करके आगे की जांच शुरू कर दी गई है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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