मोगा। पंजाब में हो रहे स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों को नामांकन के लिए नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत से एनओसी (नो ड्यूस सर्टीफिकेट) की जरूरत नहीं होगी। पंजाब चुनाव आयोग की ओर से मई 2019 में जारी एक पत्र को इसका आधार बनाया गया है, जिसमें कहा गया है कि चुनाव आयोग की ओर से ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है, जिसमें एनओसी को अनिवार्य किया गया हो। मोगा के डीसी संदीप हंस ने इसकी पुष्टि की है।
दरअसल, शनिवार को प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पूर्व मंत्री तोता सिंह ने आशंका जताई कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े लोग शिअद प्रत्याशियों के समक्ष एनओसी लेने के लिए में परेशानी खड़ी कर सकते हैैं। क्योंकि कांग्रेस सीधे लड़ाई नहीं लड़ सकती है और वह सत्ता के दम पर जीतना चाहती है। उन्होंने कहा कि ऐसी की आशंकाओं के बीच चुनाव आयोग ने मई 2019 में एक पत्र जारी कर एनओसी को लेकर कहा था कि पंचायती या स्थानीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन भरते समय एनओसी की जरूरत नहीं हैैं।
शनिवार को एनओसी को लेकर सारा दिन संशय बना रहा और एनओसी लेने के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों की भीड़ नगर निगम कार्यालय में लगी रही। इस संबंध में जिला चुनाव अधिकारी कम डीसी मोगा संदीप हंस से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को नामांकन करते समय एनओसी की जरूरत नहीं हैै। चुनाव आयोग की ओर से एनओसी में छूट दी गई है। बता दें कि पंजाब में स्थानीय निकाय चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है जबकि नामांकन प्रक्रिया 30 जनवरी से शुरू होकर तीन फरवरी तक चलेगी।
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