नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हिंसा भड़काने का आरोपी लक्खा सिधाना किसानों के देशव्यापी चक्काजाम से पहले पंजाब से दिल्ली लौट आया। लक्खा ने शुक्रवार शाम सिंघु बॉर्डर से ही सोशल मीडिया पर लाइव किया। उसने कहा कि पंजाब को ही इस किसान आंदोलन की अगुआई करनी चाहिए। उसने किसान नेताओं से भी अपील की है कि किसी को भी 32 जत्थेबंदियों की कमेटी से बाहर ना किया जाए।
सिधाना पर ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर तिरंगे के अपमान का भी आरोप है। उस पर एक लाख रुपए का इनाम है।
दो किसान नेताओं को कमेटी से हटाने पर ऐतराज जताया
लक्खा ने लाइव के दौरान कहा, 'पता चला है कि सुरजीत सिंह फूल और एक अन्य किसान नेता को कमेटी से बाहर कर दिया गया है, जो गलत है। सरकार से बातचीत होने पर सभी को एक साथ जाना है। कमेटी को छोटा नहीं करना है। अभी एक रहने का समय है। एक साथ रहकर लड़ने की जरूरत है। आपसी गिले-शिकवे बाद में सुलझाते रहेंगे। अभी ऐसी कोई गलती नहीं करनी है जिससे आंदोलन टूट जाए। ये पंजाब के अस्तित्व और आने वाली नस्लों की लड़ाई है। अगर इस बार हार गए तो पंजाब सदियों पीछे चला जाएगा।'
सोशल मीडिया पर एक्टिव होकर पुलिस को कर रहा चैलेंज
पुलिस लगातार आरोपी सिधाना को ढूंढने का दावा कर रही है, लेकिन वह बार-बार सोशल मीडिया पर एक्टिव होकर पुलिस को चैलेंज कर रहा है। उसने दो दिन पहले पंजाब में एक गुरुद्वारे से भी वीडियो जारी किया था। इसमें उसने कहा था कि वो दिल्ली से पंजाब आया है। वीडियो में उसने अपील की है कि 6 फरवरी को हर घर से लोग बड़ी संख्या में पंजाब की सड़कों पर उतरें और अपनी ताकत दिखाएं।
आंदोलन के मंच पर राजनेताओं को जगह ना देने की सलाह
लक्खा ने गाजीपुर बॉर्डर का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह वहां किसान आंदोलन का मंच राजनेताओं का ठिकाना बनता जा रहा है, वह गलत है। सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर इस तरह से किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं को एंट्री न दें।
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