अमृतसर। पंजाब के अमृतसर स्थित लोहारका रोड पर गली नंबर 7 के पास राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency NIA) दबिश दी। यहां आइएसआइ एजेंट व कुख्यात तस्कर रंजीत सिंह चीता के इशारे पर काम करने वाले मनप्रीत सिंह के घर से एनआइए ने 20 लाख की ड्रग मनी, 120 जिंदा कारतूस और हेरोइन पैक करने वाले दर्जनों लिफाफे बरामद किए हैं। हालांकि मनप्रीत सिंह पुलिस को गच्चा देकर फरार होने में कामयाब हो गया।
एनआइए की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उक्त छापामारी जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन के लिए काम करने वाले हिलाल अहमद वागये (अप्रैल 2020) की हुई गिरफ्तारी की कड़ी में की गई है। एनआइए की जांच में सामने आया है कि कुछ महीने पहले पकड़े गए कुख्यात तस्कर व पाकिस्तान की खतरनाक एजेंसी आइएसआइ के लिए काम करने वाले रंजीत सिंह उर्फ चीता के आदेश पर मनप्रीत सिंह अपनी आइ-20 और वरना कार में हेरोइन, हथियार और ड्रग मनी ठिकाने लगा रहा था।
आरोपित मुख्य रूप से हेरोइन के कारोबार में हवाला कारोबार को अंजाम दे रहा था। बटाला के तेजा खुर्द गांव निवासी मनप्रीत सिंह कुछ समय पहले विदेश से लौटा है। लगभग आठ महीने पहले उसने अमृतसर के लोहरका रोड निवासी महेश शर्मा से कोठी किराये पर ली थी। आरोपित ने मकान मालिक को बताया था कि वह प्रापर्टी डीलर का काम करता है और अमृतसर में बसना चाहता है।
हिलाल अहमद वागये को अमृतसर (सदर) पुलिस ने 22 अप्रैल 2020 को ट्रक और 32 लाख की ड्रग मनी सहित काबू किया था। हिलाल अहमद अपने आका नायकू के लिए पंजाब के तस्करों से ड्रग मनी लेकर जम्मू-कश्मीर के आतंकी सगठनों को फंडिग किया करता था। पुलिस ने उक्त कड़ी में रंजीत सिंह चीता की गिरफ्तारी से पहले उसके चचेरे भाई इकबाल सिंह उर्फ शेरा को भी धर लिया था।
फ्लश में हेरोइन बहाने की आशंका
किराये की कोठी पर रहने वाले मनप्रीत सिंह को भनक लग गई थी कि एनआइए उसके घर पर छापामारी करने वाली है। जब एनआइए की टीम उसके घर के बाहर पहुंची तो आरोपित और उसके परिवार ने दरवाजा ही नहीं खोला। एनआइए को इसके लिए पुलिस की सहायता लेनी पड़ी। आशंका जताई जा रही है कि मनप्रीत सिंह ने भागने से पहले हेरोइन की भारी मात्रा को फ्लश कर दिया है। इसकी भनक लगते ही एनआइए ने घर के सीवरेज खुलवाए और सख्ती से जांच की। लेकिन वहां से कुछ नहीं मिला।
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