बठिंडा. कई बार दोस्ती के नाम पर भावुक होकर व्यक्ति अपनी जमा पूंजी लुटा बैठता है लेकिन जब तक होश आती है सब कुछ बर्बाद हो चुका होता है। बठिंडा के अफीम वाली गली में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपना कामकार चलाने के लिए दोस्त से सहायता मांगी। दोस्त का हाथ भी तंग था लेकिन दोस्त की मिन्नत के आगे वह भावुक हो गया व घर में रखा सोना व नगदी बेचकर उसे काम चलाने के लिए 72 लाख की नगदी का इंताजम करके दे दिया। लेकिन जब उसे पैसों की जरूरत पड़ी व उसने दोस्त से पैसे वापिस मांगे तो पहले गाली गलोच करने लगा व बाद में पैसे देने से मुकर गया। मामला एसएसपी बठिंडा के पास पहुंच गया। इसमें ईओ विंग से जांच करवाने के बाद लगाए आरोप सही पाए गए व पुलिस को मामले में कानूनी कारर्वाई की हिदायत दी।
बठिंडा की अफीम वाली गली के रहने वाले एक दंपती ने गोनियाना मंडी निवासी एक व्यापारी से बिजनैस करने के लिए उधार लिए 72 लाख रुपये वापस ना कर धोखाधड़ी की है। पीड़ित ने अपने साथ हुई इस ठगी की शिकायत एसएसपी बठिंडा को दी। एसएसपी के आदेशों पर ईओ विंग ने मामले की पड़ताल की और आरोपित दंपती पर लगाएं गए आरोप सही पाएं गए। इसके बाद डीए लीगल की राय पर थाना कोतवाली पुलिस ने आरोपित दंपती पर 72 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपित दंपती की गिरफ्तारी होनी बाकी है।
पुलिस को शिकायत देकर गोनियाना मंडी निवासी संजीव कुमार ने बताया कि साल 2015 में उसकी दोस्ती बठिंडा की अफीम वाली गली निवासी योगेश कुमार के साथ हुई थी। उनकी दोस्ती इतनी अच्छी होगी कि उनके परिवारिक रिलेशन बन गए। नोटबंदी के दौरान आरोपित योगेश कुमार व उसके पिता अशोक कुमार उसके गोनियाना मंडी स्थित उसके घर पर आएं और उसे अपने झांसे में लेकर उसे ब्याज पर सात लाख रुपये नकद लेकर चले गए। जिसका ब्याज आरोपित उसे कुछ समय तक देता रहा। साल 2018 में दोबारा आरोपित योगेश व उसकी मां उसकी दुकान पर आएं और उसे कोई जरूरी काम के लिए पैसे की मांग करने लगे। पहले उसने इंकार कर दिया, लेकिन वह काफी मिन्नत करने के बाद उसने अपनी दुकान में पड़ा 55 तोले सोना, जिसकी उस समय 16 लाख रुपये कीमत थी, वह उन्हें दे दिया।
योगेश कुमार इस कीमत को भी ब्याज समेत वापस करने की बात कहीं। कुछ दिन बाद फिर से आरोपितों ने उसे 20 लाख रुपये की मांग की और उसने अपने बेचे हुए प्लाट की रकम से 20 लाख रुपये उन्हें उधार दे दिए। इसके बाद आरोपित योगेश कुमार ने अप्रैल 2018 में उसे 10 लाख रुपये फाइनेंस के लिए मांगे, जिसके बाद उसे कुछ शक होने पर उसने इस बार उसे उक्त 10 लाख रुपये नकद देने की बजाएं उसे बैंक के जरिए दिए। वहीं सितंबर 2018 को उसने जगदंबे स्करैब फार्म के नाम का सात लाख रुपये का चेक, तीन लाख रुपये का चेक आरोपित की पत्नी ममता सूद के नाम का दिया, जोकि उन्हें बैंक में लगाकर कैश करवा लिए।
दिसंबर 2018 को उसने 6 लाख रुपये का एक ओर चेक उसकी पत्नी ममता सूद के नाम पर दिया, जबकि सितंबर 2019 को तीन लाख रुपये का चेक उसकी पत्नी के नाम पर दिया। इस तरह कुल मिलकर वह आरोपित योगेश कुमार को 72 लाख रुपये दे चुका था। पैसे लेने के बाद उसने ब्याज देना भी बंद कर दिया। जब उसने आरोपित से अपने पैसे वापस मांगे, तो वह टालमटोल करने लगा। वहीं उसका फोन उठाना भी बंद कर दिया। पीड़ित ने बताया कि आरोपित ने एक सोची समझी साजिश के तहत उसे 72 लाख रुपये की ठगी। पुलिस ने मामले की पड़ताल करने के बाद आरोपित योगेश कुमार व उसकी पत्नी ममता सूद पर मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।
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