बठिंडा. कोरोना वायरस के प्रभाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन व सरकार की कोशिशों को आए दिन की जा रही लापरवाही के कारण ठेस पहुंच रही है। इससे वायरस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। जिले में प्रतिदिन 500 स 650 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ रहे हैं वही प्रतिदिन छह से सात लोगों की मौत हो रही है। इसी बीच दो लापरवाही सामने आई है। पहले मामले में शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता व पूर्व पार्षद निर्मल सिंह सिद्धू का है। उन्होंने पिछले दिनों खांसी व गले में दिक्कत की शिकायत के बाद कोरोना की जांच करवाई। इसमें पहली लापरवाही सेहत विभाग की तरफ से की गई। जांच के दौरान सेहत विभाग ने पहले सैंपलिंग रिपोर्ट में कोरोना नेगटिव बताया लेकिन कुछ समय बाद ही रिपोर्ट में कटिंग कर उसे पोजटिव करार दे दिया। इसमें सैंपल करवाने वाले पूर्व पार्षद भी निश्चित हो गए व उन्होंने 26 अप्रैल को आयोजित अकाली दल के जिला इंचार्ज व पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला की तरफ से आयोजित प्रेस कांफ्रेस में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी। इस दौरान वह सरुपचंद सिंगला व पूर्व मेयर बलवंत राय नाथ के साथ बैठे प्रेसवार्ता में पत्रकारों के सवालों के जबाव देते दिखे। अब नियम अनुसार कोई भी व्यक्ति कोरोना को लेकर जांच करवाता है तो उसे रिपोर्ट नेगटिव मिलने तक होम कोरनटाइन होना पड़ता है। इसमें रिपोर्ट पोजटिव मिलने की सूरत में नियमों का पालन करना व डाक्टर की तरफ से दिए समय तक उपचार होते घर व अस्पताल में एकांतवास में रहना होता है। इस मामले में बेशक सेहत विभाग ने लापरवाही की लेकिन दूसरी तरफ नेतागन ने कोविड को लेकर जारी गाइडलाइन को एक तरफ रखा व पोजटिव होते हुए दूसरे नेताओं व लोगों के संपर्क में आए। इस तरह से उन्होंने दूसरों के लिए भी परेशानी खड़ी करने का काम किया। इस मामले में जब पूर्व पार्षद निर्मल सिंह सिद्धू से इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें सामान्य जुकाम व खासी है जबकि कोई बड़ी दिक्कत नहीं है।
फोटो -गत दिवस आयोजित पूर्व अकाली विधायक सरुपचंद सिंगला की प्रेसवार्ता में शामिल पूर्व पार्षद निर्मल सिंह सिद्धू।
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