बठिंडा. पंजाब सरकार की तरफ से जुलाई माह से लागू किए जा रहे छठे पे कमीशन के तहत डाक्टरों के वेतन में बढ़ोतरी की बजाएं उन्हें कम करने के विरोध में मंगलवार को पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन (पीसीएमएसए) के आह्वान पर मंगलवार को प्रदेश भर में सरकारी डाक्टरों द्वारा पंजाब सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया गया। इसके क्रम में बठिंडा सिविल अस्पताल के तमाम डाक्टरों ने भी जिला प्रधान गुरमेल सिंह व महा सचिव डा. खुशदीप सिंह सिद्धू की अगुआई में सिविल सर्जन दफ्तर के बाहर रोष धरना दिया और पंजाब सरकार व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान डाक्टरों ने दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक अपनी अोपीडी सेवाएं बंद रखी, जिसके कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ी। इसके साथ डाक्टरों ने चेताया कि 23 जून बुधवार को भी दो घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं बंद रखकर रोष जताया जाएगा। इसके बावजूद भी सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया और कम किए गए नान प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) वापस नहीं लिया गया, तो 25 जून से सभी प्रकार की सेहत सुविधाएं बंद रखकर अनिश्चितिकालीन समय के लिए रोष प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इसमें कोविड सेंटर की सेवाएं भी बंद कर दी जाएगी। इस अवसर पर एसोसिएशन के डा. गुरमेल सिंह, डा. खुशदीप सिद्धू, डा. अरूण बांसल, डा. रविकांत गुप्ता, डा. धीरज गोयल, डा. सतीश जिंदल, डा. जगरूप सिंह, डा. अंजली ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच डाक्टरों ने सेवा और समर्पण की मिसाल कायम की। अपनी जान से हाथ भी धो बैठे। तकरीबन सभी डाक्टर कोरोना संक्रमित हुए। इस संकटकाल में डटकर खड़े डाक्टरों के साथ पंजाब सरकार ने अन्याय किया है। पे कमीशन में एनपीए को 25 से 20 प्रतिशत कर दिया गया। इसके साथ ही एनपीए को बेसिक पे से डी लिक करने की सिफारिश की गई। इससे डाक्टरों का वेतन कम हो जाएगा। इसके अलावा पेंशन व अन्य भत्तों में भी कटौती हो जाएगी। यह कोरोना वारियर्स के साथ बेहूदा मजाक है। एसोसिएशन इसका कड़ा विरोध करती है। उन्होंने सरकार से उक्त सिफारिशों को हटवाने की मांग की। डाक्टरों ने कहा कि वह तो यह चाहते थे कि कोरोना काल में काम के बदले सरकार हमें कोई आर्थिक लाभ देगी, पर यहां तो हमारी ही जेब टटोली जा रही है। इस अवसर पर डाक्टरों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की।
फोटो सहित-बीटीडी-2- पे कमिशन में डाक्टरों के वेतन में कटौती करने के विरोध में प्रदर्शन करते डाक्टर। फोटो-सुनील
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