बठिंडा. आउटसोर्स टिपर कर्मचारियों द्वारा सर्विस रेगुलर करने व वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर करीब पांच दिनों से करीब 360 कर्मी शुक्रवार से हड़ताल पर हैं। टिपर यूनियन के कर्मियों की मांग को सफाई सेवक यूनियन पंजाब समर्थन कर रही है। लोकल निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा से बातचीत सिरे नहीं चढ़ने के बाद हालात जस के तस हैं। वही समूह कर्मचारियों ने मंगलवार को निगम व स्थानीय निकाय विभाग की बेरुखी के विरोध में बाजारों में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान संकेतिक तौर पर वाहनों को रोककर सरकार का पुतला जलाया गया।
पिछले चार दिनों से घरों से कचरा नहीं उठने से हालात बेहद खराब थे तथा बारिश से स्थिति और भयावह हो रही थी जिसमें शहर से काफी अधिक कचरा प्वांइट खत्म करने के चलते लोग मजबूरीवश खाली प्लाटों व सड़कों पर कचरा गिरा रहे थे। टिपर यूनियन के प्रधान रिंकू ने कहा कि वह पक्की नौकरी तथा वेतन वृद्धि की मांग सरकार से कर रहे हैं जिस पर कार्रवाई नहीं हुई है। वहीं सीनियर डिप्टी मेयर अशोक कुमार प्रधान ने कहा कि टिपर कर्मियों की पांच दिन की हड़ताल से घरों से कचरा नहीं उठने से हालातों को देखते हुए निगम ने घरों से कचरा उठवाने को सोमवार को पहले दिन 20 ट्रालियां व रेगुलर स्टाफ को जिम्मा सौंपा तथा मंगलवार को 15 और ट्रालियां कचरा लेने के लिए शहर में घूमी।
अशोक प्रधान ने कहा कि टिपर कर्मी ठेकेदार की लेबर है। मेरे बाद कमिश्नर निगम बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया पर वह नहीं आए। यह लोकतंत्र का तरीका नहीं है। टिपर कर्मी अपनी बात टेबल पर रखें। नौकरी ज्वाइन करते समय टिपर कर्मियों को प्राइवेट नौकरी की शर्तों का पता था। कोरोना काल में वह हड़ताल पर चले गए जो सही नहीं है। वही यूनियन ने निगम अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया तो इस आंदोलन को प्रदेश स्तर पर लेकर जाएंगे व सभी निगम व कौंसिलों में कामकाज बंद किया जाएगा।
फोटो -बठिंडा में अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे टिपर सफाई कर्मचारी। फोटो-सुनील
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