शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल ने कहा-कांग्रेस-भाजपा मिलकर खेल रही है किसानों के मुद्दे पर फिक्सिंग मैच


कैप्टन की सिफारिश पर दो मैंबरो को सुप्रीम कोर्ट की तरफ गठित कमेटी में किया शामिल-सुखबीर बादल

बठिंडा. अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार और पंजाब की कांग्रेस सरकार किसानी के मुद्दे पर फिक्स मैच खेल रही है। केंद्र सरकार के पास कैप्टन अमरिंदर सिंह की कमजोरियां है जिसके चलते वह केंद्र के कहने पर काम कर रहे हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कमेटी गठित करने की बात कही गई है जिसमें दो प्रतिनिधि कैप्टन अरिंदर सिंह के नजदीकी है। इसमें भुपिंदर मान के लड़के को कांग्रेस सरकार ने एक कमेटी में मैंबर बनाया है तो दूसरे मैंबर अशोक गुलाटी कैप्टन सरकार की तरफ से गठित एग्रीकल्चर फोरम के सदस्य है। इससे साबित होता है कि कांग्रेस और भाजपा किसानों को गुमराह कर रहे हैं। सुखबीर बादल शुक्रवार को बठिंडा में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अब जिन तीन किसान बिलों की बात की जा रही है उसे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साल 2017 में विधानसभा चुनावों के दौरान व राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान लागू करने की बात कही थी व चुनाव घोषणा पत्र में बकाय़दा इसका जिक्र भी किया। वही कैप्टन अमरिंदर सिंह तो केंद्र से पहले ही पंजाब में इन कानूनों को लागू करवा चुके हैं। 26 जनवरी को किसानों के मार्च के संबंध में सुखबीर बादल ने कहा कि वह पहले ही कह चुके हैं कि किसानों के हर कदम में अकाली दल साथ है बेशर्त की यह आंदोलन हिंसात्मक न हो। उन्होंने आशंका जताई कि केंद्र सरकार बार-बार आंदोलन में खालिस्तानी होने की बात कह रही है पर मैं पूछना चाहता हूं कि पंजाब का किसान, आम आदमी या फिर अकाली दल जो आंदोलन का हिस्सा है वह खालिस्तानी है। केंद्र जानबूझकर इस आंदोलन को बदनाम करने के लिए हथकंडे अपना रही है व किसानों को इसे समझना चाहिए। उन्होंने हाल ही में भाजपा वर्करों व नेताओं का विरोध कर रहे लोगों पर मामले दर्ज करने का भी विरोध जताया व कहा कि कैप्टन सिर्फ भाजपा को खुश करने के लिए इस तरह के काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैप्टन साहब दिल रखो डरो न क्योंकि तुम दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे हो और राजनेता हो। पर्चों व ईडी की कारर्वाई से डरने की बजाय किसानों के हक में खड़े होने का हौसला रखो। इस मौके पर सुखबीर सिंह बादल ने दूसरे दलों से अकाली दल में शामिल होने वाले वर्करों व नेताओं को सिरोपा देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में अकाली दल की सरकार बनेगी क्योंकि कैप्टन सरकार हर मामले में फेल साबित हुई है व अब लोग बदल चाहते हैं। अकाली दल का कई स्थानों में विरोध होने पर सुखबीर बादल ने कहा कि यह सब बौखलाहट में आकर कांग्रेसी कर रहे हैं जबकि अकाली दल को किसानों का पूरा समर्थन है व उनके साथ वह कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। 

फोटो -अकाली दल के प्रधान व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल बठिंडा में पत्रकारों से बात करते। 


Bathinda-एम्स के डायरेक्टर डीके सिंह लगवाएंगे सबसे पहले कोरोना वैक्सीन, सुबह 11.30 बजे होगा आगाज


बठिंडा.
16 जनवरी दिन शनिवार को हेल्थ केयर वर्करों को लगने वाली पहली कोरोना वैक्सीन एम्स बठिंडा के डायरेक्टर प्रोफसर डीके सिंह को लगेगी। इस बाबत उन्होंने शुक्रवार को सहमती देते कहा कि लोगों के अंदर वैक्सीन को लेकर फैले भ्रम को दूर करने के लिए वह सबसे पहले वैक्सीन लगाएंगे। जिले में सुबह 11.30 बजे के करीब तीन सेंटरों मं शुरू होने वाली वैक्सीनेशन को लेकर सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने बताया कि शनिवार को तीन सेंटरों में 300 हेल्थ वर्करों को वैक्सीन लगवाने का मैसेज उनके मोबाइल नंबर पर भेज दिया गया है। इसमें सभी वर्गों को शामिल किया गया है व पहले चरण में डाक्टर, नर्स, हैल्थ वर्कर, दर्जा चार सेहत कर्मी सहित सभी कैटागिरी को मिक्स कर वैक्सीन लगाई जानी है। यह स्वइच्छा से लगने वाली वैक्सीन है व जो व्यक्ति वैक्सीनेशन में हिस्सा लेना चाहता है व बताए सेंटर में जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हेल्थ केयर वर्करों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाई है जो सभी के लिए प्रेरणा बने अब उन्हें सबसे पहले वैक्सीन लगाई जा रही है व वह एक नया इतिहास रचने जा रहे हैं।   

फोटो-एम्स के डायरेक्टर डीके सिंह 


बठिंडा में पचास हजार घरों में पाइपलाइन से रसोई गैस मिलेगी जल्द ,कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ता को 5,618 रुपये देनी होगी सिक्योरिटी


गैस पाइप लाइन का कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ता को 5,618 रुपये बतौर सिक्योरिटी जमा करवाने होंगे। इसमें 5500 रुपये रिफंडेबल हैं। वहीं 118 रुपये बीमे के होंगे।

 बठिडा. शहर के 50 हजार घरों तक गैस की सप्लाई पहुंचाने के लिए 500 किलोमीटर पाइपलाइन डाली जाएगी। प्रोजेक्ट पूरा होने पर लोगों को गैस सिलेंडर के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा। साथ ही फंायदा यह होगा कि यह गैस एक घरेलू गैस सिलेंडर से करीब 240 रुपये सस्ती पड़ती है। कंपनी की ओर से गैस पाइपलाइन डालने का काम बरनाला रोड के दूसरी तरफ की कालोनियों में पूरा हो चुका है, जहां इस समय करीब 1100 कनेक्शन चल रहे हैं। गुजरात स्टेट पेट्रोनेट लिमिटेड की ओर से सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन के तहत गैस पाइपलाइन डालने का काम किया जा रहा है। इसके लिए पहले रडार से शहर में सीवरेज कनेक्शन व पानी कनेक्शन की पाइपों की जांच की गई है। कंपनी की तरफ से तेजी से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। शहर में इन इलाकों में डाली गई पाइप शहर के एनएफएल कालोनी, करतार कालोनी, होमलैंड, सुच्चा सिंह नगर, म्यूनिसिपल कालोनी, हजूरा कपूरा कालोनी, माता जीवी नगर, फेस 4-5, शक्ति विहार, गुरु गोबिद सिंह नगर, बैंक कालोनी, बल्लाराम नगर, महेश्वरी कालोनी, ग्रीन सिटी, गैस पाइप लाइन डाल दी गई है। वहीं शहर के दूसरी तरफ मुल्तानिया पुल डीडी मित्तल टावर तक पाइपलाइन बिछाई गई है। 

पाइपलाइन से मिथेन गैस के फायदे आम सिलेंडर से पड़ेगी 240 रुपये सस्ती

एक घरेलू गैस सिलेंडर में 14.2 किलो एलपीजी होती है, जिसके लिए 735 रुपये चुकाने पड़ते हैं। पाइप लाइन से पहुंचने वाली मिथेन गैस एक सिलेंडर के मुकाबले 17 किलो इस्तेमाल होती है। एक किलो गैस की कीमत 29 रुपये है। इस हिसाब से एक सिलेंडर के मुकाबले में 493 रुपये अदा करने पड़ेंगे। सीधे-सीधे 240 रुपये तक की बचत।

 इंतजार खत्म: 24 घंटे उपलब्ध रहेगी मिथेन गैस

सबसे बड़ी राहत यह है कि गैस खत्म होने का झंझट नहीं रहेगा। इसका जरूरत के अनुसार ही बिल देना होगा। गैस 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध रहेगी। इस कारण सिलेंडर बुक करवाकर इंतजार करने का झंझट नहीं रहेगा। 

सुरक्षा: गैस पाइपलाइन में सुरक्षा के लिए तीन वाल्व लगे हैं, जहां से इसे बंद किया जा सकता है। साथ ही कंपनी सुरक्षा के सभी पैमानों को पूरा करते हुए घरों तक पाइपलाइन पहुंचाती है। 

इतना देना होगा चार्ज

गैस पाइप लाइन का कनेक्शन लेने के लिए उपभोक्ता को 5,618 रुपये बतौर सिक्योरिटी जमा करवाने होंगे। इसमें 5500 रुपये रिफंडेबल हैं। वहीं 118 रुपये बीमे के होंगे।

ये लगेंगे दस्तावेज

कनेक्शन लेने के लिए तीन दस्तावेज लेंगेगे। अगर मकान मालिक ने अपने नाम से कनेक्शन लेना है तो मकान उसके नाम से होना चाहिए। किराये के मकाने के लिए किरायानामा देना होगा। इसके अलावा टेलीफोन या बिजली बिल और आधारकार्ड जरूरी है। 

कंपनी ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर

कंपनी की तरफ से जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 95107-77208 व कस्टमर केयर नंबर 95107-77209 हैं। वहीं उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए गैस का बिल गुजरात गैस एप पर अदा करने के अलावा फोन करने पर कंपनी का नुमांइदा घर से भी आकर ले जाएगा।


सरकार की तरफ से स्थगित किए पोलियो अभियान की अब होगी 31 जनवरी से शुरूआत


 -पहले 19 जनवरी से चलाया जाना था लेकिन कोरोना वैक्सीन लगाने की तिथि नजदीक होने के कारण आगे बढाने का लिया फैसला

बठिंडा. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से कोरोना वैकसीन कार्यक्रम 16 जनवरी से शरू करने के चलते 19 जनवरी से स्थगित किए पलियों को लेकर राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण मुहिम की नई तिथि की घोषणा कर दी है। सरकार की तरफ से जिला सेंटरों को भेजे गए पत्र में कहा है कि राष्ट्रीय पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम अब 31 जनवरी से शुरू किया जाएगा। इसके तहत, पांच वर्ष तक के आयुवर्ग के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाती है। राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस (एनआईडी) की शुरुआत देशभर में 17 जनवरी से होने वाली थी। इसे आम तौर पर पल्स पोलियो टीकाकरण’ (पीपीआई) कार्यक्रम के नाम से जाना जाता है।

गौरतलब है कि सरकार ने 17 जनवरी, 2021 से शुरू होने वाला तीन दिवसीय पल्‍स पोलियो अभियान (पोलियो एनआईडी राउन्‍ड) को स्‍थगित कर दिया था। राज्‍यों को लिखे पत्र में अपरिहार्य कारणों से इस अभियान के स्‍थगित करने की सूचना दी गयी थी। सरकार अपना पूरा ध्यान 16 जनवरी से शुरू होने वाले वैकसीनेशन मुहिम में लगाना चाहती है जबकि  नेशनल पल्स पोलियो मुहिम 17 से 19 जनवरी तक चलाया जाना था। हालांकि 16 जनवरी से देश भर में महाअभियान के तौर पर कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर राउड शुरू होने हैं इस स्थिति में सेहत विभाग के पास जो भी साधन व संसाधन है वह यहां लगेगा। फिलहाल सरकार ने जारी किए नए पत्र में कहा है कि सरकार कोरोना वैक्सीन के साथ ही दूसरे राष्ट्रीय कार्यक्रमों को जारी रखना चाहती है व इसी के तलते अब फैसला लिया गया है कि पहले स्थगित किए पोलियो अभियान को 31 जनवरी से देश भर में पूर्व की तरह जारी रखा जाएगा।  पोलियो अभियान में बठिंडा जिले के अंदर 0 से 5 साल के तक की उम्र के 153055 बच्चों को यह बूंदें पिलाईं जानी है। इस राउंड दौरान बच्चों को कवर करने के लिए जिले के अंदर 699 बूथ, 32 ट्रांजिट टीमें, 29 मोबाइल टीमें, 1247 घर से घर जाने वाली टीमों का गठन किया गया है।

 

Bathinda/ मल्टी हेल्थ वर्करों ने कहा वैक्सीन का विरोध नहीं लेकिन जब तक मांगे पूरी नहीं करेंगे नहीं लगवाएंगे वैक्सीन


-सरकार से कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, प्रबोशन पीरिडय दो साल करने जैसी मांगे पूरी करने को कहा

बठिडा. कोरोना वैक्सीन के पंजाब में आते ही सेहत विभाग के मुलाजिमों ने इसे लगवाने से मना कर दिया है। पहले चरण में यह वैक्सीन सेहत विभाग के कर्मियों को लगाने की योजना है। मल्टीपर्पज हेल्थ इम्प्लाइज यूनियन ने घोषणा की है कि सेहत विभाग के मुलाजिमों पर ट्रायल किया जा रहा है। इसलिए वे कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। इस बबत मल्टीपर्पज हेल्थ इम्प्लाइज एसोसिएशन ने सिविल सर्जन बठिंडा को एक पत्र भी सौंपा जिसमें कहा गया है कोरोना काल में हेल्थ वर्करों ने पहली कतार में खड़े होकर बीमारी से जंग लड़ी व सरकार के हर निर्देश की पालना करते काम किया लेकिन जब भी कर्मचारियों की लंबित मांगों को पूरा करने की बात होती है तो सरकार उन्हें नजरअंदाज कर देती है। कर्मचारियों की तरफ से अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने, नवनियुक्त मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों (मेल) का प्रबोशन पीरियड दो साल का करने, कोविड के दौरान काम करने वाले सेहत कर्मचारियों के लिए स्पेशन इक्रीमेंट की मांग लंबे समय से की जा रही है व इस बाबत राज्य के सेहत मंत्री से लेकर स्थानीय सिविल सर्जन के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी उनकी मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही नहीं अगर उनकी तरफ से अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक मार्च किया जाता है तो सरकार व पुलिस उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रही है। इन तमाम मांगों को मनवाने के लिए फैसला लिया गया है कि वह तब तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे जब तक सरकार उनकी लंबित सभी मांगों को पूरा नहीं करती है। उन्होंने कहा कि उनका वैक्सीन को लेकर कोई विरोध नहीं है लेकिन वह सरकार से अपनी मांगों को पूरा करवाने तक इसका विरोध करेंगे। यूनियन के नेता जसविंदर शर्मा व जिला प्रधान गगनदीप सिंह ने कहा कि इस बाबत उन्होंने अपनी मांगों के संबंध में सिविल सर्जन बठिंडा के मार्फत राज्य के सेंहत मंत्री को भी अवगत करवा दिया है।  

यूनियन के राज्य महासचिव गगनदीप सिंह ने बताया कि जब कोरोना के डर के कारण कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा था तो उस समय सेहत मुलाजिमों ने अपनी ड्यूटी निभाई। जिन्हें सरकार ने कोरोना योद्धाओं का नाम भी दिया। मगर जब अपने हक मांगने के लिए संघर्ष किया तो उन पर पर्चे दर्ज किए गए। कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह व सेहत मंत्री बलवीर सिंह से होनी चाहिए। इसके बाद पंजाब की पूरी कैबिनेट, राज्य के सिविल सर्जन, एसएमओ, टीकाकरण अफसर, एसएसपी व डीसी को लगाई जानी चाहिए। सेहत मुलाजिमों को वैक्सीन सिर्फ टेस्ट के रूप में लगाई जा रही है, जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब सेहत कर्मियों से काम लेना था तो उनको कोराना वारियर्ज कहा गया, लेकिन जब कोरोना निकल गया तो उनकी किसी ने बात नहीं पूछी। पहले तो उन्हें सलामी भी दी गई, लेकिन बाद में उनकी मांगों की ओर भी ध्यान ही नहीं दिया गया।

फोटो सहित-बीटीडी-2-अपनी मांगों के संबंध में जानकारी देते मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर के प्रतिनिधि।

Bathinda/वैकसीनेशन के लिए तैयार जिला सेहत विभाग, कल 16 जनवरी को होगा हेल्थ केयर वर्करों से आगाज


-जिले में तीन सेंटरों में 300 केयर वर्कर्स को लगाई जाएगी कड़ी सुरक्षा में वैक्सीन, सेहत अधिकारियों ने फैले भ्रमों को लेकर किया जागरुक

बठिंडा. 16 जनवरी को लगने वाली कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर जिला प्रशासन व सेहत विभाग ने कमर कस ली। इस बाबत जिले भर में तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। वही सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों ने सभी हेल्थ केयर वर्करों से 16 जनवरी को पहले दिन वैक्सीन लगाने के लिए कहा हैइसमें तीन दिन में पंजीकृत सभी वर्करों को कवर किया जाना है। शुक्रवार को सभी को कोविन एप के जरिये वैक्सीनेशन के लिए मैसेज भेजने शुरु हो गए है

दो बार भेजे जाएंगे मैसेज

वैक्सीनेशन के लिए भेजे जाने वाले पहले मैसेज में लाभार्थी को बताया जाएगा कि वह वैक्सीनेशन के लिए पंजीकृत किया गया है। इसमें उसका पंजीकरण नंबर होगा और वैक्सीनेशन का दिन और सेशन साइट की जानकारी होगी। जिले में वीरवार की साय वैक्सीन पहुंचने के बाद जिला सेहत विभाग ने जिले के लिए तीन सेंटर तय किए है इसमें पहले प्राइवेट अस्पताल शामिल थे लेकिन पहले दिन की वैक्सीन के लिए अब सिविल अस्पताल बठिंडा, सिविल अस्पताल गोनियाना व सिविल अस्पताल तलवंडी साबों को रखा गया है जबकि इससे पहले आदेश अस्पताल व दिल्ली हार्ट इंस्टीच्यूट को वैकसीनेशन के लिए सेंटर बनाया गया था। सेहत विभाग को राज्य सेहत विभाग की तरफ से निर्देश जारी किए गए है कि कोविड की वैक्सीन पहले हेल्थ केयर वर्करों को लगाई जानी है इस स्थिति में पहले चरण में ऐसे सेंटरों का चयन किया जाए जहां हेल्थ वर्करों को वैक्सीनेशन में सुगमता हो। सरकार की हिदायतनुसार एक सेंटर में 100 लोगों को वैक्सीन लगनी है जबकि बठिंडा में बने तीन सेंटरों में 16 जनवरी को 300 लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है।  

वैक्‍सीन सेफ है
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वैक्सीन सेफ है। हल्का बुखार या फिर इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द हो सकता है। यह सामान्य बात है, घबराएं नहीं।
-कैंसर, बीपी या शुगर के मरीज को भी वैक्सीन बिलकुल लगवानी चाहिए। इन मरीजों के लिए तो वैक्सीन बेहद जरूरी है।
कोरोना को मात दे चुके लोगों कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को भी वैक्सीन लगवानी चाहिए। वैक्सीन लगाने से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता तैयार होगी।
- वैक्सीन की दो डोज लगाई जा रही है। दूसरी डोज 21 से 28 दिन के बाद दी जाएगी।

- वैक्सीन लगाने के बाद भी मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जैसे गाइडलाइन का पालन करना होगा।

- कोरोना संक्रमित स्वस्थ ठीक होने के 14 दिन बाद ही वैक्सीन लगवाएं।

वैक्सीन सभी के लिए अनिवार्य नहीं हैं। वैक्सीन लगवाना लोगों की इच्छा पर होगा।
वैक्सीन लेने से डीएनए में बदलाव आता है यह केवल अफवाह है। कोई बदलाव नहीं आता है।

सरकार की तरफ से भेजी गाइडलाइन में क्या कहा गया है

16 जनवरी से देशभर में वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरूआत हो जाएगी। इसके पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को वैक्सीनेशन की गाइडलाइन भेजी है। इसमें कहा गया है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अभी वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। जो महिलाएं बच्चे को अपना दूध पिला रहीं हैं उन्हें भी वैक्सीन लगाने से मना किया गया है। मंत्रालय ने कहा है कि वैक्सीन का पहला और दूसरा डोज दोनों ही एक ही कंपनी का लगाना है। मतलब अगर किसी को पहला डोज कोवीशील्ड वैक्सीन का दिया गया है तो दूसरा डोज भी कोवीशील्ड का ही दिया जाएगा। भूलकर भी कोवैक्सीन की डोज नहीं लगाई जाए।

इन लोगों को नहीं लगाई जाएगी वैक्सीन

-वैक्सीन केवल 18 या उससे ऊपर की उम्र के लोगों को ही लगाई जाएगी।

-अगर किसी को किसी दूसरी बीमारी की वैक्सीन भी लगनी है तो कोविड वैक्सीन और अन्य बीमारी की वैक्सीन में 14 दिन का अंतर होना चाहिए।

-अगर किसी में कोरोना के लक्षण हैं तो उसे ठीक होने के 4 से 8 हफ्ते बाद वैक्सीन लगाई जाएगी।

-कोरोना मरीज जिनको मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज या प्लाज्मा दिया गया है, उन्हें ठीक होने के 4 से 8 हफ्ते बाद वैक्सीन लगाई जाएगी।

-बीमार और अस्पताल में भर्ती लोग चाहे किसी भी बीमारी से ग्रसित हों उन्हें बीमारी से रिकवर होने के 4 से 8 हफ्ते बाद ही कोविड-19 वैक्सीन लगाई जाएगी।

इन लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी

-जो कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके हैं।

-कार्डियक, न्यूरोलॉजिकल, पलमोनरी, मेटाबॉलिक, HIV मरीजों को वैक्सीन लगाई जाएगी।

-हाई रिस्क वाले लोग।

राज्यों को सलाह- 10% वैक्सीन रिजर्व रखें

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी जिला प्रबंधकों को सलाह दी है कि हर वैक्सीनेशन सेशन में टीका लगवाने वालों की संख्या 100 से ज्यादा नहीं हो। 10% वैक्सीन रिजर्व रखे जाएं, क्योंकि इतने डोज वेस्टेज में जा सकते हैं। साथ ही कहा गया है कि जैसे-जैसे वैक्सीनेशन आगे बढ़े, वैसे-वैसे सेंटर की संख्या बढ़ाई जाए।

मर्जी की वैक्सीन लगवाने का विकल्प अभी नहीं

देश में 2 वैक्सीन- ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है। सरकार ने मंगलवार को संकेत दिए कि वैक्सीनेशन में शामिल लोगों को अभी अपनी मर्जी की वैक्सीन लगवाने का ऑप्शन नहीं मिलेगा।

पहले फेज में हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके फ्री में लगाए जाएंगे। इनके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 50 साल से कम उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।

सिविल सर्जन डा. तेजवंत ढिल्लों व जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिंगला की निगरानी में कोरोना वैक्सीन को उचित तापमान में फ्रिजर में सुरक्षित रखवाया गया है जिसमें खुद दोनों अधिकारियों ने भी बाक्स उठाकर फ्रीजर में संभाले। उक्त सभी फ्रीजरों की सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी हो रही है तथा पुलिस का कड़ा पहरा भी लगाया गया है।

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राज्य सरकार की ओर से बठिंडा के लिए पहली खेप में 12 हजार 430 इंजेक्शन डोज उपलब्ध करवाई गई हैं। सेहत विभाग जिले से 12156 लोगों का डाटा पोर्टल पर अपडेट कर चुका है। वैक्सीनेशन के लिए हेल्थ टीम 15 सेशन लगाएगी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 16 जनवरी को कोविड-19 के गाइडलाइन अनुसार वैक्सीन लॉन्च होगी। स्टेट हेल्थ के आदेशानुसार जिला सेहत विभाग की ओर से वैक्सीनेशन के लिए 12 कोल्ड चेन प्वाइंट निश्चित किए गए थे जिसमें से 5 साइट पर वैक्सीनेशन के लिए तैयारी हो गई है।

 

पंजाब में भारत-पाक सीमा पर पाकिस्तानी घुसपैठिया ढेर, चेतावनी के बावजूद बढ़ रहा था भारतीय क्षेत्र में


अमृतसर।
 सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने भारत-पाक सीमा पर राजदा पोस्ट के पास सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर रहे घुसपैठियेे को मार गिराया। घुसपैठिये के शव को पुलिस को सौंप दिया गया है। बीएसएफ के अधिकारी शव की पहचान संबंधी पाक रेंजर्स के साथ फ्लैग मीटिंग करेंगे।

बताया जा रहा है कि कि वीरवार देर सायं करीब 6:45 बजे सेक्टर हेडक्वार्टर गुरदासपुर के तहत भारत-पाक सीमा पर तैनात 73 बटालियन के जवान राजदा पोस्ट पर रेस्ट कर रहे थे। इस बीच, उन्होंने पाकिस्तान की ओर से एक व्यक्ति को भारतीय क्षेत्र में आते हुए देखा। बीएसएफ जवानों ने घुसपैठिये को रुकने की चेतावनी दी, लेकिन वह आगे बढ़ता रहा। इस पर बीएसएफ जवानों ने उस पर फायरिंग कर दी, जिसमें वह मारा गया। 

लुधियाना में पत्नी को बदनाम करने के लिए फेसबुक पर पोस्ट कर दी आपत्तिजनक फोटो, नंबर भी किया वायरल


 लुधियाना। दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा से दुखी होकर पति से अलग रह रही महिला को पति ने इंटरनेट मीडिया पर बदनाम कर दिया। मंडी गोबिंदगढ़ के शास्त्री नगर के रहने वाले पति वरुण गोयल ने फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाकर पत्नी के आपत्तिजनक फोटो पोस्ट कर दिए। यही नहीं पत्नी का मोबाइल नंबर भी कई लोगों में बांट दिया। अंजान लोगों के फोन आने से दुखी होकर महिला ने इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर से कर दी। साइबर सेल की टीम ने जांच में पाया कि महिला के पति ने ही उसे बदनाम करने के लिए यह साजिश रची थी। आरोपित के खिलाफ थाना सराभा नगर में केस दर्ज किया गया है।

जांच अधिकारी इंस्पेक्टर परमदीप सिंह ने बताया कि लुधियाना के राजगुरु नगर में रहने वाली महिला की शादी वर्ष 2011 में हुई थी। उसके दो बेटे हैं। शादी के कुछ समय बाद पति और सुसराल परिवार उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करने लगे। वर्ष 2018 में उसने ससुराल छोड़ दिया और लुधियाना में रहने लगी। उसने पति पर दहेज प्रताडऩा और घरेलू हिंसा का केस दर्ज करवाया है।

केसों को वापस लेने के लिए पति उस पर दवाब बना रहा था लेकिन पीडि़ता ने मना कर दिया था। केस वापस नहीं लेने की रंजिश में वरुण ने फेसबुक पर दो फर्जी अकाउंट बनाए और पत्नी की आपत्तिजनक फोटो पोस्ट कर दीं।


पीएयू टीचर्स एसोसिएशन चुनाव:थमा प्रचार, आज होगा प्रधान का फैसला, मैदान में डॉ. स्याग और डॉ.किंगरा



  •  800 से ज्यादा अध्यापक करेंगे मतदान, देर शाम तक रिजल्ट भी हो जाएगा जारी।आज मौजूद न रहने वाले 12 शिक्षकों ने अपने वोट आरओ के सामने डाले

चंडीगढ़। पं‌जाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के चुनाव आज होंगे और यूनिवर्सिटी में अगले एक साल के लिए कौन प्रधान होगा इसका निर्णय आज होने वाले चुनावों के बाद हो जाएगा। शुक्रवार को 800 से ज्यादा अध्यापक डॉ. स्याग या डॉ. किंगरा में से किसी एक को प्रधान और 14 अन्य कार्यकारिणी सदस्यों का चुनाव करेंगे। चुनाव सुबह 10 बजे शुरू होंगे। शाम 4 बजे तक मतदान होगा।

शाम तक नतीजे भी जारी कर दिए जाएंगे। वीरवार को दोनों ही गुटों द्वारा यूनिवर्सिटी कैंपस में दिन भर प्रचार किया जाता रहा। विभिन्न विभागों में जाकर दोनों ही गुटों के मेंबर्स अपने-अपने ग्रुप्स द्वारा किए जाने वाले कार्यों, उपलब्धियों और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों के बारे में जानकारी देते रहे। वहीं, दोनों ही गुटों द्वारा पंफ्लेट भी बांटे गए और अध्यापकों को उनके ग्रुप को वोट देने की अपील की गई। वहीं, वीरवार को उन अध्यापकों द्वारा भी अपने वोट रिटर्निंग अफसर को दिए गए जो शुक्रवार को मौजूद नहीं हो सकेंगे। 12 अध्यापकों द्वारा अपने मत रिटर्निंग अफसर के सामने डाले गए।

शिक्षकों के मुद्दों पर करते रहेंगे अपडेट

डॉ. मुकेश स्याग व डॉ. शारदा ग्रुप द्वारा पीएयूटीए इलेक्शन 2021 के लिए अध्यपकों के साथ मीटिंग के दौरान उन्हें समय पर पीएयू टीचर्स एसोसिएशन के चुनाव करवाने का वायदा किया जा रहा है। साथ ही उनके द्वारा मीटिंग्स में उठाए जा रहे मुद्दों का एजेंडा एक महीने में तैयार करने का भी भरोसा दिया जा रहा है। यही नहीं ये भी भरोसा दिया जा रहा है कि अध्यापकों द्वारा उठा जा रहे मुद्दे और उन्हें हल करने के लिए क्या काम हो सका है। उसकी भी जानकारी लगातार साझा की जाएगी। वहीं, पीएयूटीए के स्टेटस को वापिस लाने के लिए भी काम करने का भरोसा दिलवाया जा रहा है।

समर्थन करने वालों की रद्द कराएंगे ट्रांसफर

डॉ. किंगरा व डॉ. सांघा ग्रुप द्वारा अध्यापकों के हक में उतरने वाले शिक्षकों की यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा की गई ट्रांसफर और उन्हें चुनावों में उतरने के लिए भी रोकने से की जाने वाली ट्रांसफर के ऑर्डर को रद्द करवाने का भरोसा दिया जा रहा है। वहीं, किसी भी विभाग में हेड को लगातार दो साल की टर्म, अॉल इंडिया लेवल पर हेड की पोस्ट का विज्ञापन देना और पीएयूटीए के प्रधान को बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की मीटिंग से हटाने जैसे संदेहपूर्ण प्रस्तावों के खिलाफ भी इस ग्रुप द्वारा वोट मांगा जा रहा है।

नोटिस:आतंकी पन्नू की ओर से भेजे फंड के मामले में पंजाब के 3 ट्रांसपोर्टर्स को एनआईए का नोटिस


चंडीगढ़।
 माहौल खराब करने के लिए विदेश में बैठे गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर द्वारा भारी फंडिंग करने के मामले में एनआईए(नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) ने पंजाब के तीन ट्रांसपोटर्स को नोटिस भेजा है। जिन्हें शुक्रवार को दिल्ली में पहुंचकर जवाब देने होंगे। उक्त नोटिस लुधियाना के मॉडल टाउन एक्सटेंशन निवासी इंदरपाल सिंह जज को आया है। हालांकि उन्होंने इस संबंध में कोई भी जानकारी होने

से इंकार किया है। गौर हो कि एनआईए ने 15 दिसंबर 2020 को दिल्ली में आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर पर धारा 124 ए, 153 ए और 153 बी और सेक्शन 13,17,18,18 (बी) और 20 के तहत एक पर्चा दर्ज किया गया था। उक्त मामले में जिक्र किया गया था कि आरोपी यूएसए, यूके, कनाडा और जर्मनी में बैठकर भारत का माहौल खराब करने के लिए भारी मात्रा में फंडिंग कर रहे हैं।

इस मामले की जांच एनआईए के इंस्पेक्टर रवि रंजन कर रहे हैं। जिन्होंने 13 जनवरी को एक नोटिस जारी किया गया था, जोकि पंजाब के तीन ट्रांसपोटर्स को किया गया था। जिसमें लुधियाना, पटियाला और एक अन्य जिले के ट्रांसपोर्टर शामिल हैं। इस संबंध में ट्रांसपोर्टर इंदरपाल सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि वो रोज एक बस दिल्ली भेज रहे थे, उस मामले में उन्हें एनआईए ने नोटिस कर बुलाया है। इसके अलावा और कुछ नहीं।

पीयू के 5 वर्षीय लॉ कोर्स दाखिले में पहले ही देरी हो चुकी इसलिए दखल नहीं देंगे : हाईकोर्ट


चंडीगढ़। 
पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) की 5 वर्षीय लॉ कोर्स में दाखिले में वेटेज की याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कर दीं। जस्टिस जसवंत सिंह और जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ ने कहा कि दाखिला प्रक्रिया में पहले से ही देर हो चुकी है। एक सेमेस्टर से ज्यादा का समय बीत चुका है। अब कोर्ट के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है, लिहाजा वे दाखिला प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। खंडपीठ ने कहा कि पीयू अगले सत्र से दाखिले में वेटेज देने पर दोबारा विचार करे। वे नहीं चाहते कि वकील दाखिले के समय कीमती समय कोर्ट से राहत मांगने में नष्ट करें। कोर्ट के दरअसल, छात्रों ने याचिकाओं में 10+2 में लीगल स्टडीज, इकोनॉमिक्स और मैथ जैसे विषय पढ़ने पर दाखिले में वेटेज मांगा था। यूनिवर्सिटी ने कहा कि बीकॉम एलएलबी ऑनर्स 5 वर्षीय कोर्स में वेटेज मिलेगा लेकिन बीए एलएलबी ऑनर्स 5 वर्षीय कोर्स में वेटेज का लाभ नहीं मिलेगा।

पंजाब कैबिनेट मीटिंग:हम तीनों कृषि कानूनों की वापसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं करेंगे : कैप्टन

 


चंडीगढ़। किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लेकर कैबिनेट मीटिंग में कैबिनेट ने एक सुर में कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा कुछ भी मंजूर नहीं होगा। मीटिंग के दौरान यह बात पर भी चर्चा की गई कि जब केंद्र इन कानूनों में संशोधन करने को तैयार है तो उसे इसे रद्द करने में क्या आपत्ति है। कैबिनेट की मीटिंग में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने साफ कहा कि केंद्र सरकार के खेती कानूनों को रद्द

करने से कम मंजूर नहीं होगा। कैप्टन ने कहा कि केंद्र सरकार जमीनी हकीकतों से कोसों दूर है। मंत्रिमंडल के सदस्यों ने एकसुर में एलान किया कि मौजूदा मुश्किल हालात के साथ निपटने के लिए खेती कानूनों को वापस लेना ही हल है। कैबिनेट ने केंद्र की तरफ से एमएसपी को किसानों का कानूनी अधिकार बनाया जाने की मांग की।

एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाने की मांग का प्रस्ताव पास

कहा-78 किसानों की मौत हो चुकी, तुरंत हल निकाले केंद्र

मीटिंग से पहले कैबिनेट ने किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनकी याद में दो मिनट का मौन रखा। किसानी संघर्ष में अब तक 78 किसानों की मौत हो चुकी है। कैबिनेट ने कहा कि इस संघर्ष को और जानी नुकसान से बचने के लिए समस्या का जल्द निपटारा किये जाने की जरूरत है।

केंद्र की जिद्द समझ से बाहर... कैबिनेट ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रतिष्ठा और अभिमान का सवाल नहीं बनाना चाहिए। मुद्दा हल नहीं हुआ तो देश को कीमत चुकानी पड़ेगी। सुनील जाखड़ ने कहा कि केंद्र बदलाव कर सकता है तो इन्हें वापस न लेने की जिद्द समझ से बाहर है।

कृषि, प्रांतीय विषय इसलिए कानून रद्द करने को कहा...
एक औपचारिक प्रस्ताव में मंत्रिमंडल ने स्पष्ट शब्दों में पंजाब विधान सभा की तरफ से 28 अगस्त 2020 और 20 अक्टूबर, 2020 को पास किए गए प्रस्तावों को लेकर इस बात पर जोर दिया कि किसानों की सभी जायज मांगें मानी जानी चाहिए। मंत्रिमंडल ने भारत सरकार को यह खेती कानून रद्द करने के लिए कहा क्योंकि भारत के संविधान के तहत कृषि, प्रांतीय विषय है और इसी तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी अधिकार बनाया जाए।

बठिंडा के माडल टाउन फेस-3 में बिना फायर एनओसी के चल रहे बार में लगी आग


बठिंडा। 
माडल टाउन फेस-3 में थाना सिविल लाइन के पास ही स्थित प्रीसम रेस्ट्रो बार में वीरवार को अचानक आग लग गई। घटना का पता चलते ही फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम को बार में कोई अग्निशमन यंत्र नहीं मिला और न ही बार संचालक के पास फायर के संबंध में एनओसी थी। जिसको लेकर विभाग ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके अलावा बेसमेंट में कई हुक्के भी मिले। फायर अफसर करतार सिंह ने बताया कि उनको सुबह सवा 10 बजे के करीब सूचना मिली कि माडल टाउन फेस-3 में एक बार में आग लग गई है। सूचना मिलते ही उनकी दो गाड़ियां रवाना हो गई। आग बार के बेसमेंट पर लगी थीं जिस पर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया गया।

आग से बेसमेंट पर पड़ा लगभग सारा सामान जल गया। उन्होंने बताया कि बार में आग बुझाने के कोई प्रबंध नहीं थे और न ही बार ने फायर संबंधी एनओसी ले रखी है। फायर विभाग एनओसी उसे जारी करता है जहां आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए पुख्ता प्रबंध हों। फायर अधिकारी ने बताया कि बार के बेसमेंट पर कुछ हुक्के भी मिले हैं। जिसको लेकर कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को लिखा जाएगा। 20 के करीब हुक्का बार शहर में चल रहे हैं जिन पर कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किए जाएंगे। इस बार में बिना अनुमति के हुक्का और शराब पिलाने के मामले में 14 अक्तूबर 2020 को थाना सिविल लाइन पुलिस ने रेस्टोरेंट के मैनेजर समेत तीन लोगों पर केस दर्ज किया था।

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