-सरकार से कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, प्रबोशन पीरिडय दो साल करने जैसी मांगे पूरी करने को कहा
बठिडा. कोरोना वैक्सीन के पंजाब में आते ही
सेहत विभाग के मुलाजिमों ने इसे लगवाने से मना कर दिया है। पहले चरण में यह
वैक्सीन सेहत विभाग के कर्मियों को लगाने की योजना है। मल्टीपर्पज हेल्थ इम्प्लाइज
यूनियन ने घोषणा की है कि सेहत विभाग के मुलाजिमों पर ट्रायल किया जा रहा है।
इसलिए वे कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। इस बबत मल्टीपर्पज हेल्थ इम्प्लाइज
एसोसिएशन ने सिविल सर्जन बठिंडा को एक पत्र भी सौंपा जिसमें कहा गया है कोरोना काल
में हेल्थ वर्करों ने पहली कतार में खड़े होकर बीमारी से जंग लड़ी व सरकार के हर
निर्देश की पालना करते काम किया लेकिन जब भी कर्मचारियों की लंबित मांगों को पूरा
करने की बात होती है तो सरकार उन्हें नजरअंदाज कर देती है। कर्मचारियों की तरफ से अस्थायी
कर्मचारियों को पक्का करने, नवनियुक्त मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों (मेल) का प्रबोशन
पीरियड दो साल का करने, कोविड के दौरान काम करने वाले सेहत कर्मचारियों के लिए
स्पेशन इक्रीमेंट की मांग लंबे समय से की जा रही है व इस बाबत राज्य के सेहत
मंत्री से लेकर स्थानीय सिविल सर्जन के साथ कई दौर की बातचीत के बाद भी उनकी
मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही नहीं अगर उनकी तरफ से अपनी
मांगों को लेकर शांतिपूर्वक मार्च किया जाता है तो सरकार व पुलिस उनके खिलाफ झूठे
मामले दर्ज कर रही है। इन तमाम मांगों को मनवाने के लिए फैसला लिया गया है कि वह
तब तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे जब तक सरकार उनकी लंबित सभी मांगों को पूरा
नहीं करती है। उन्होंने कहा कि उनका वैक्सीन को लेकर कोई विरोध नहीं है लेकिन वह
सरकार से अपनी मांगों को पूरा करवाने तक इसका विरोध करेंगे। यूनियन के नेता
जसविंदर शर्मा व जिला प्रधान गगनदीप सिंह ने कहा कि इस बाबत उन्होंने अपनी मांगों
के संबंध में सिविल सर्जन बठिंडा के मार्फत राज्य के सेंहत मंत्री को भी अवगत करवा
दिया है।
यूनियन
के राज्य महासचिव गगनदीप सिंह ने बताया कि जब कोरोना के डर के कारण कोई भी घर से
बाहर नहीं निकल रहा था तो उस समय सेहत मुलाजिमों ने अपनी ड्यूटी निभाई। जिन्हें
सरकार ने कोरोना योद्धाओं का नाम भी दिया। मगर जब अपने हक मांगने के लिए संघर्ष
किया तो उन पर पर्चे दर्ज किए गए। कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत पंजाब के
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह व सेहत मंत्री बलवीर सिंह से होनी चाहिए। इसके बाद
पंजाब की पूरी कैबिनेट, राज्य के
सिविल सर्जन, एसएमओ, टीकाकरण अफसर, एसएसपी व डीसी को लगाई जानी चाहिए।
सेहत मुलाजिमों को वैक्सीन सिर्फ टेस्ट के रूप में लगाई जा रही है, जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त
नहीं किया जाएगा। जब सेहत कर्मियों से काम लेना था तो उनको कोराना वारियर्ज कहा
गया, लेकिन जब
कोरोना निकल गया तो उनकी किसी ने बात नहीं पूछी। पहले तो उन्हें सलामी भी दी गई, लेकिन बाद में उनकी मांगों की
ओर भी ध्यान ही नहीं दिया गया।
फोटो सहित-बीटीडी-2-अपनी मांगों के संबंध में जानकारी देते
मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर के प्रतिनिधि।
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