बठिंडा। ग्रामीण इलाके में उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने को पंजाबी यूनिवर्सिटी की ओर से संचालित कांस्टीट्यूट कॉलेजों के गेस्ट फैकल्टी एसोसिएट प्रोफेसर बिना वेतन बच्चों को पढ़ा रहे हैं, यूनिवर्सिटी की ओर से इन्हें 6 महीने से वेतन नहीं दिया जा रहा हालांकि रेगुलर अध्यापकों को नियमित तौर पर वेतन जारी होता रहा है।गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसर भले ही कॉलेजों में नियमित तौर पर पढ़ाने आ रहे हैं लेकिन अढ़ाई महीने से इनकी रजिस्टर में हाजिरी तक नहीं लगती जिससे उन्हें बेहद शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। पंजाबी यूनिवर्सिटी के ज्यादातर कांस्टीट्यूट कॉलेजों में रेगुलर अध्यापकों की लगभग सारी सीटें ही खाली हैं जिसके चलते लंबे समय से कॉलेजों का संचालन गेस्ट फैकल्टी के आसरे पर ही है।
सितंबर से ही नहीं मिला वेतन, 20 कॉलेजों में सेवाएं देते हैं, विधायक बुधराम ने उठाया सवाल
पंजाबी यूनिवर्सिटी के शैक्षिक कैलेंडर के निर्धारित शेड्यूल के अनुसार 1 सितंबर से ऑनलाइन क्लासेज शुरू होने के साथ सिलसिलेवार प्रदेश के सभी 160 गेस्ट फैकल्टी को नौकरी पर रख लिया गया। हर साल जुलाई में विज्ञापन के जरिए भर्ती होती रही है अथवा पहले से काम कर रहे गेस्ट फैकल्टी का कार्यकाल अगले साल तक के लिए बढ़ा दिया जाता है, लेकिन सेशन 2020-21 शुरू होने पर अगस्त की बजाए सितंबर में नियुक्ति दी गई। सितंबर से फरवरी तक 6 महीने पूरा होने पर भी इन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से वेतन नहीं दिया जा रहा।
वहीं अदालत की शरण में जाने वाले 20 प्रोफेसरों को यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से वेतन जारी कर दिया है। हालांकि इससे पहले भी गेस्ट फैकल्टी को सेशन 2019 सेशन का पूरा एक साल का वेतन लेने के लिए संघर्ष करना पड़ा। इससे बड़ी त्रासदी क्या होगी कि नियमित तौर पर ड्यूटी पर आने के बावजूद गेस्ट फैकल्टी की हाजिरी तक नहीं लगती, इसकी वजह है यूनिवर्सिटी की ओर से जनवरी से शुरू हुए नए सेमेस्टर के लिए इनकी सेवाओं को मंजूरी नहीं दी।
यूनिवर्सिटी ने अगस्त में शुरू 2020-21 के नए सेशन से नया प्रावधान किया है जिसके अनुसार गेस्ट फैकल्टी 1 साल की बजाए एक सेमेस्टर के आधार पर 6 महीने के लिए नियुक्त किए जा रहे हैं। पंजाबी यूनिवर्सिटी के 20 कॉलेजों में हर साल 160 गेस्ट फैकल्टी के तौर पर एसोसिएट प्रोफेसर रखे जाते हैं।
इनका कार्यकाल 22 जुलाई से नवंबर जबकि जनवरी से अप्रैल तक का रहता है। पंजाबी यूनिवर्सिटी के 13 कांस्टीट्यूट कॉलेज हैं जबकि 5 नेबरहुड कॉलेज के अलावा बठिंडा व मोहाली में एक-एक रीजनल सेंटर हैं।
आम आदमी पार्टी के बुढलाडा के विधायक बुधराम ने पंजाब विधानसभा सेशन के पहले दिन गेस्ट फैकल्टी प्रोफेसरों के वेतन को लेकर सवाल उठाया जिसका उच्च शिक्षामंत्री से जवाब मांगा है, इसे लेकर शिक्षा विभाग में कसरत शुरू हो गई है। विधायक ने विस सत्र में कॉलेजों समेत यूनिवर्सिटी कॉलेज एवं नेबरहुड कैंपस कॉलेज के गेस्ट फैकल्टी रखने की वजह, उनका वेतन के अलावा वेतन की अवधि की जानकारी मांगी है।
सरकार दे रही 1 प्रतिशत ही बजट
यूनिवर्सिटी की वित्तीय हालत के लिए सीधे तौर पर प्रदेश सरकार की ओर से ग्रांट कम करना ही मुख्य वजह है। यूनिवर्सिटी को हर महीने सिर्फ 15 करोड़ दिए जाते हैं जबकि मुलाजिमों का वेतन ही 32 करोड़ है। पहले विद्यार्थियों की फीस से एकत्र होने वाली राशि का 10 गुणा फंड सरकार की ओर से दिया जाता था, लेकिन फीसें तो बढ़ गई है, लेकिन सरकार ने अपना हिस्सा 1 फीसदी कर दिया है। -जसपाल सिंह, प्रदेश प्रधान पंजाबी यूनिवर्सिटी गेस्ट टीचर्स एसो.