बठिंडा. सरकार की सख्त हिदायतों के बावजूद शहर के प्राइवेट अस्पताल कोविड मरीजों से मनमाने चार्ज वसूल कर रहे हैं। इसमें हालत यह है कि लोगों को इंसाफ के लिए सेहत मंत्री व सीएमओ दरबार में गुहार लगानी पड़ रही है। इसी कड़ी में गत मंगलवार को बठिंडा के मानसा रोड स्थित आईवीवाई अस्पताल में एक मरीज के परिजनों का साढ़े नौ लाख रुपए का बिल बनाने व शव को बिना पैसे जमाए करवाए उठाने से रोकने के विवाद में सेहत विभाग की टीम ने अस्पताल में छापामारी कर रिकार्ड जब्त किया है। आईवीवाई अस्पताल में पहुंची सेहत विभाग की तीन सदस्यों की टीम ने करीब तीन घंटे तक जांच की। इस दौरान अस्पताल प्रबंधन से पिछले समय में अस्पताल में दाखिल हुए कोविड के मरीजों की लिस्ट, उनके बिल व किए गए टेस्टों का पूरा रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया। जांच टीम में सेहत विभाग के सहायक सिविल सर्जन डा. अनुपमा शर्मा, जिला नोडल अफसर डा. मनीष गुप्ता, मेडिकल अफसर डा. सुशांत कुमार शामिल रहे।
जानकारी अनुसार मानसा रोड स्थित प्राइवेट अस्पताल के खिलाफ शिकायत मिल रही थी कि अस्पताल प्रबंधन ने जिला प्रशासन व सरकार की तरफ से कोविड मरीजों के लिए जारी लिस्ट अस्पताल में डिस्पले नहीं की है वही मरीजों से विभिन्न टेस्टों के नाम पर लाखों की वसूली हो रही है जबकि सरकारी रेट से कई गुणा ज्यादा का बिल मरीजों से वसूल किया जा रहा है। जांच में एक और तथ्य सामने आया कि जिन मरीजों का मेडिकल इश्योरेंस हुआ है उन्हें न तो अस्पताल प्रबंधन होने वाले खर्च की जानकारी देता है और न ही इस बाबत किसी तरह का विवरण बताया जाता है बल्कि कई मामले तो ऐसे सामने आए जिसमें प्राइवेट अस्पताल संचालक इश्योरेंस कंपनी से मोटी राशि वसूल करने के चक्कर में मरीजों को बिना कारण कई दिनों तक दाखिल रखते हैं। वही लाखों का बिल बनाकर कंपनी से वसूल कर लिया जाता है। इस कमाई के धंधे में सर्वाधिक परेशानी मरीजों व उनके परिजनों को उठानी पड़ती है। जांच टीम ने मामले में बीमा धारकों की तरफ से करवाएं गए उपचार व उनसे वसूली गई राशि का विवरण भी मांगा है वही अस्पताल में इस बाबत पूरा रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया है। जांच टीम का कहना है कि उन्होंने अस्पताल से पूरा रिकार्ड अपने कब्जे में लिया है वही मौके पर भी पूरे मामले की जांच की गई व कई तरह की कमियां व मरीजों से तय रेट से अधिक की वसूली के सबूत भी उनके हाथ लगे हैं। इस बाबत पूरा रिकार्ड बनाकर मेडिकल काउंसिल, राज्य सरकार व जिला सेहत विभाग के आला अधिकारियों को भेजा जा रहा है।
गत मंगलवार को यूपी के मथुरा जिला वासी गौरव शर्मा की कोरोना से मौत के बाद साढ़े नौ लाख रुपए का बिल बनाने व शव नही उठाने के विवाद में अस्पताल आया था। इस दौरान शहर की प्रमुख सामाजिक व धार्मिक व किसान य़ूनियनों के विरोध के बाद बेशक अस्पताल ने बकाया बिल माफ कर दिया लेकिन इसके बाद सवाल उठ रहे थे कि सरकार की सख्त हिदायतों के बावजूद प्राइवेट अस्पताल कोविड मरीजों की लूट कर रहे हैं। इसी मामले में माल रोड स्थित ग्लोबल हेल्थ केयर सेंटर अस्पताल में भी सेहत विभाग की टीम ने छापामारी की थी। इसमें सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने एक शिकायत के बाद मामले की जांच करवाने व बनती कानूनी कारर्वाई करने के आदेश दिए थे। इस दौरान भी सेहत विभाग की टीम ने अस्पताल का पूरा रिकार्ड अपने कब्जे में लिया था व अस्पताल में जांच के दौरान मरीजों से कोविड के उपचार के नाम पर लाखों की वसूली करने के सबूत मिले थे। फिलहाल सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों का कहना है कि जिले में किसी भी अस्पताल को कोविड मरीजों से अतिरिक्त चार्ज लेने की अनुमति नहीं मिलेगी बल्कि सेहत विभाग की टीम इस मामले में गंभीरता से अस्पतालों की मोनिट्रिंग कर रही है व जहां कही भी शिकायत मिल रही है उसमें तत्काल कारर्वाई अमल में लाई जा रही है।