- District AdministrationDistrict AdministrationSNoDesignationOffice PhoneResidence Phone1Deputy Commissioner221004222127892Commissioner, M.C225281222747843A.D. C (G)22110424A. D.C (D)221073622406475A.C.A PUDA221253222406476Assistant Commissioner (UT)22120427A. Commissioner (Grievances)22130428D. T.O221682722112339S. D. M, Bathinda2212525221285810S. D. M, Talwandi Sabo22024122024611S. D. M, Rampura Phul24822524820612District Revenue Officer221904213Tehsildar, Bathinda.221241214Tehsildar, Rampura Phul24823124823115Tehsildar,Talwandi Sabo22025222025216Naib Tehsildar, Rampura Phul24823117Naib Tehsildar, Talwandi Sabo22025222025218Naib Tehsildar, Bathinda.2212412
Judicial DepartmentSNo.DesignationOffice Phone1District & Sessions Judge22114062Addl. District & Sessions Judge22113553Civil Judge (Sr. Divin.)22120504C.J.M.22124565District Attorney2211782
Police DepartmentSNoDesignationOffice PhoneResidence Phone1DIG Faridkot Range, Bathinda221940122191012S.S.P. Bathinda221910022193013S.P. (D) Bathinda221790022192014S.P. (H) Bathinda221950022233645D.S.P. (H) Bathinda22401556D.S.P. (Rural) Bathinda22140217D.S.P. (city)22111258D.S.P. Phul2482292482029D.S.P. Talwandi sabo220267
PWD B&RSNo.DesignationOffice Phone1Superintending Engineer, B&R22405822Executive Engineer, Prov. Division.22128783Executive Engineer, Const. Divin. No.222115194Executive Engineer, Link Roads22124285Executive Engineer, Central Works22129046Executive Engineer, Electrical PWD,B&R2211615
Public HealthSNo.DesignationOffice Phone1Superintending Engineer, Public Health22113382Executive Engineer, Public Health No.122123803Executive Engineer, Public Health No.222114314Executive Engineer, Public Health (Govt.Works)22111655S.D.O., Public Health (GW)2220048
Sewerage BoardSNo.DesignationOffice Phone1Superintending Engineer22128982Executive Engineer, Sewerage Board2270284
Irrigation DepartmentSNo.DesignationOffice Phone1Superintending Engineer, Canal Lining22804102Executive Engineer, Canals22801583Executive Engineer, Canals, Rampura Phul2203594Executive Engineer, Jawaharke Divin. Mansa233914
PSTCSNo.DesignationOffice Phone1Superintending Engineer , PSTC2270293
Development & Panchayat DepartmentSNo.DesignationOffice Phone1D.D.P.O.22210422Secy. Zila Parishad22132463Executive Engineer, Panchayati Raj22107374B.D.P.O., Bathinda.22115755B.D.P.O., Sangat24262606B.D.P.O., Rampura2261297B.D.P.O., Phul2482278B.D.P.O., Nathana27503329B.D.P.O., Maur23049710B.D.P.O., Talwandi Sabo22022611S.D.O., Panchayati Raj2210737
Local GovernmentSNo.DesignationOffice Phone1Commissioner, Municipal Corporation22528122E.O., Bathinda22528113M.E., Municipal Corporation, Bathinda.22528104Dy. Director, Local Bodies, Bathinda.22726115M.E., Municipal Corporation2252810
Improvement TrustSNo.DesignationOffice Phone1E.O. Improvement Trust, Bathinda2251340
Health DepartmentSNo.DesignationOffice Phone1Civil Surgeon, Bathinda.22125012Emergency2212221
District OfficersSNo.DesignationOffice Phone1District Informatics Officer22120802D.P.R.O.22128653District Small Savings Officer22169814District Forest Officer22715555District Town Planner22112306District Employment Officer22111717District Social Security Office22114808District Welfare Officer22119159District Sports Officer221322610District Food & Supply Controller221081211Coordinator, Nehru Yuva Kendra221132212Assistant Director, Youth Services221250213Deputy Director, Horticulture221116014Deputy Director, Sainik Welfare221261215A.E.T.C.221108616Deputy Registrar Cooperative Societies2212409
Procurement AgenciesS.No.DesignationOffice Phone
2D.M., FCI2211488
3D.M., Punsup2251590
4D.M., Markfed2212950
5D.M., Agro2255197
6D.F.S.C.2210812
6D.M.O., Bathinda2212701
7D.M., Warehousing2212384
शुक्रवार, 23 जुलाई 2010
IMPORTENT NO.
एमसीबीटी प्रमाणपत्र को लेकर छात्रों ने किया रोष प्रदर्शन
-मांगे पूरी न करने पर दिया आंदोलन तेज करने की चेतावनी
-शिक्षा विभाग पर छात्रों से भेदभाव करने का आरोप लगाया
बठिंडा। आईटीआई छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर मानसा रोड स्थित आईटीआई चौक परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र परीक्षा प्रक्रिया में व्याप्त खामियों में सुधार करने की मांग कर रहे थे। छात्रों का कहना है कि आईटीआई छात्रों को दाखिला के दौरान एमसीबीटी प्रमाणपत्र जारी करने को कहा गया था लेकिन वर्तमान में एसबीटी प्रमाणपत्र दिया जा रहा है। इससे छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने इस भेदभाव को समाप्त करने व सभी छात्रों को एक समान एमसीबीटी प्रमाणपत्र दिया जाए। इन मांगों को लेकर छात्रों ने जिला प्रशासन को भी एक मांगपत्र दिया। इसमें उनकी मांगों को जल्द पूरा न करने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है।
छात्र यूनियन के उपप्रधान गगनजीत सिंह ने बताया कि आईटीआई के किसी भी कोर्स को लेकर तकनीकि शिक्षा विभाग की तरफ से दो तरह के प्रमाणपत्र दिए जाते हैं। इसमें राष्ट्रीय स्तर पर कोर्स की मान्यता के लिए एमसीबीटी व प्रदेश स्तर पर मान्यता के लिए एसबीटी प्रमाणपत्र दिया जाता है। इसके लिए कोर्स में दाखिला लेने से पहले छात्रों से बकायदा फार्म में लिखवाया जाता है। वर्तमान में संस्थान के अंदर डेढ़ सौ के करीब छात्र ऐसे हैं जिन्होंने एमसीबीटी प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था लेकिन अब उन्हें जो प्रमाणपत्र दिए जा रहे हैं वह प्रदेश स्तर ही मान्य है जिससे छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्र नेता बलविंदर सिंह, कुलविंदर जोशी और सुमीत सिंह ने आरोप लगाया कि आईटीआई प्रबंधक शिक्षा में तय नियमों को ताक पर रखकर छात्रों से भेदभाव कर रहे हैं जिसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। इसमें जब स्थानीय प्रबंधकों से बात की जाती है तो वह इसमें राज्य तकनीकि शिक्षा विभाग से बात करने की बात कर पल्लू झांड लेते हैं जबकि छात्रों को किसी तरह का स्थायी हल नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने इसमें पेश आ रही परेशानी को तत्काल हल करने की मांग रखी है।
कनकवाल के पास मिले शव की पहचान हुई
-एक शव को दफनाया तो दो शवो का करवाया गया अंतिम संस्कार
बठिंडा। चार दिन पहले कनकवाल गांव के खेतों में बरामद की गई एक लाश का पहचान शाहमुहम्मद वासी किशनगंज बिहार के तौर पर हुई है। मृतक बिहार से बठिंडा में लगी तेल रिफायनरी में काम करने के लिए आया था। उक्त व्यक्ति की मौत के पीछे क्या कारण रहे इसका अभी खुलासा नहीं हो सका है। वही मृतक तेल रिफायनरी से कनकवाल खेतों में कैसे पहुंचा इसे लेकर भी मामले की जांच की जा रही है। दूसरी तरफ सहारा जन सेवा ने मृतक के परिजनों को इस बाबत सूचित कर राजधानी क्लाथ हाऊस के अनीश अहमद के सहयोग से दफना दिया। इस अवसर पर मृतक के परिजनों के इलावा अनीश अहमद, अबदुल अली, मौलवी रमजान, सहारा जन सेवा के कार्यकर्ता अशोक गोयल, गुरविंदर बंटी, मनी वर्मा भी उपस्थित रहे। इसके इलावा सहारा जन सेवा ने दो अन्य लावारिस शवों का भी अंतिम संस्कार कर दिया। इसमें फुलोखेरी के पास खेतों से एक अज्ञात शव व रेलगाड़ी के नीचे कटे एक अज्ञात बुजुर्ग का शव शामिल है।
बेटे की याद में लगाया वाटर कूलर
बठिंडा। एक साल पहले पानी की मोटर बंद करते हुए मौत का ग्रास बने सुखराज सिंह वासी कोटसमीर की याद में उसके पिता गुरदयाल सिंह ने सहारा जन सेवा को ठंडे पानी का वाटर कुलर दान दिया। यह वाटर कुलर सिविल अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड के बाहर लगाया गया है। इसका उद्घाटन गुरदयाल सिंह ने अपने करकमलों से किया। इसके लिए सहारा ने उक्त परिवार का धन्यवाद किया।
वाहन चोर गिरोह का कहर अभी भी जारी, एक ओर कार चोरी
-छह के करीब गिरोह पकड़ने के बावजूद धंधे में विराम नहीं लगा
-लोगों को चकमा देने में माहिर है गिरोह के सरगना
बठिंडा। कार चोर गिरोह का कहर आज भी जारी रहा। पिछले तीन साल से लोगों की नाक में दम करने वाले इस गिरोह के कई सदस्यो को पुलिस गिरफ्तार करने का दावा कर चुकी ह लेकिन इसके बावजूद महानगर में कारे व बडे़ वाहन चोरी होने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी कड़ी में माल रोड़ पर स्थित अस्पताल के आगे खड़ी एक कार को कोई अज्ञात व्यक्ति चुराकर ले गया। कोतवाली पुलिस ने कार मालिक के बयानों के आधार पर पहले की तरह अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में सुरिंद्र सिंह ने बताया कि वह नागपाल अस्पताल में दवाई लेने के लिये आया था। उसकी मारूति कार डीएल सी-६९२५ जो अस्पताल के बाहर खड़ी थी। जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति चुरा ले गया। पुलिस ने कार मालिक के बयानों के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यहां बताना जरूरी है कि पिछले तीन साल में जिले भर में दो सौ के करीब ऐसे वाहनों की चोरी हो चुकी है। सामान्य तौर पर चोर दिन के समय सार्वजनिक स्थानों में अपना शिकार ढूढ़ने के इलावा रात के समय घरों के बाहर खडे़ वाहनों पर अपना हाथ साफ करने का काम करते हैं। इसमें गिरोह के सदस्य कार खड़ी करने वाले व्यक्ति पर पूरी नजर रखते है जिससे वह पकड़ में नहीं आते हैं। पुलिस पिछले चार माह में पांच चोर गिरोहों को पकड़ चुकी है, इसमें सभी नौजवान वर्ग से संबंधित लोग थे। जो कारों व कीमती वाहनों को चोरी कर उनके नंबर व कागजात बदल कर दूसरे राज्यों में कम दाम में बेचने का धंधा करते थे। इसमें ज्यादातर लोग ऐसे है जो रातों-रात अमीर होना चाहते हैं और नशे की पूर्ति करना चाहते हैं। एक गिरोह में छह से १५ लोग शामिल होते हैं, जो बठिंडा के इलावा दूसरे राज्यों से संबंधित लोगों का गुट होता है। फिलहाल गिरोह के गुर्गे तो पुलिस पकड़ लेती है लेकिन इनके सरगना अभी भी उनकी गिरफ्त से बाहर है जो एक गिरोह के पकडे़ जाने के तत्काल बाद दूसरा गिरोह तैयार कर लेते हैं। इसमें लोगों पर भी मनोविज्ञानिक ढंग से प्रहार किया जाता है। गिरोह के पकडे़ जाने पर लोग निश्चिंत हो जाते हैं व लापरवाही करने लगते हैं जिसका फायदा गिरोह के सदस्य आसानी से उठाते हैं।
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फिर की असामाजिक तत्वों ने धार्मिक स्थान की बेअदबी
-पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केञ्स दायर कर जांच शुरू की
बठिंडा। अभी हाल में गुरुद्वारा साहिब में रुमाला की अपमान करने की घटना घटी थी कि बुधवार को जिले के गांव जय सिंह वाला में दो व्यक्तियों ने पथराव करके गुरुद्वारा साहिब के दरबार साहिब के शीशे तोड़ दिये। आरोपियों ने ऐसा करके गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा को भंग किया व धार्मिक जगह का अपमान किया। संगत पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों के खिलाफ धारा २९५ए,४२७ आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में गुरजंट सिंह ने बताया कि आरोपियों गुरबाज सिंह व बख्तौर सिंह निवासी जय सिंह वाला ने अपने घर से ईंट-पत्थर मारकर गुरुद्वारा साहिब के दरबार साहिब का शीशा तोड़ कर दिया। आरोपियों ने इस वारदात को अंजाम देकर गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा को भंग किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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नशे के लिए ले जा रही दवाई सहित गिरफ्तार
बठिंडा। सिटी रामपुरा पुलिस की ओर से नशीली दवाइयों सहित एक व्यक्ति को काबू किया है। आरोपी के खिलाफ धारा २२,६१,८५ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि गांव महराज में आरोपी जगतार सिंह नशीली दवाइयां लेकर जा रहा है। पुलिस ने मौके पर छापामारी कर आरोपी को काबू कर उसके पास से २० शीशियां रैसकफ, ३०० गोलियां मेमोलिट बरामद की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी नशे की दवाईयां आगे नौजवानों को मोटे दाम में बेचने का धंधा करता था। वह इसके लिए शिक्षा संस्थानों के नौजवानों के इलावा गली मुहल्ले में घूमने वाले लोगों तक उकत्त नशे की सप्लाई करने का धंधा कर रहा था।
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पुलिस ने बरामद की २४ बोरी भुक्की, एक काबू
-दो लोग मौके से फरार होने में रहे सफल, जांच शुरू
बठिंडा। एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम ने गांव सुरजीतपुरा में विभिन्न स्थानों में बेचने के लिए ले जा रही भुक्की की भारी खेप बरामद करने में सफलता हासिल की है। ५० किलोग्राम की लगभग २४ बोरियों में १२ क्विंटल भुक्की व चूरा पोस्त रखा गया था जो आगे तस्करी किया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को काबू किया है जब कि उसके दो अन्य साथी भागने में सफल हो गये। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ १५,६१,८५ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार एंटी नारकोटिक्स सैल के गुरदीप सिंह ने पुलिस टीम को साथ लेकर गांव सुरजीतपुरा में रेड कर एक ट्रक से २४ बोरियां भुक्की बरामद की। पुलिस ने मौके पर आरोपी सुरिंद्ररपाल को काबू कर लिया जब कि उसके दो अन्य साथी रंजीत सिंह व निक्का सिंह फरार बताये जा रहे हैं। बताया जाता है कि आरोपी उक्त भुक्की राजस्थान से लेकर आ रहे थे। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करके आगे की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा दयालपुरा पुलिस ने ही गांव की झुगियों के पास रेड के दौरान ४ बोरियां भुक्की सहित एक आरोपी जसवंत सिंह को काबू किया है। उसका साथी काला सिंह मौके से फरार होने में सफल हो गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस का दावा है कि उक्त गिरोह के साथ अन्य लोग भी हो सकते हैं जिसमें जांच पड़ताल के बाद ही भुक्की तस्करी का नेटवर्क चला रहे गिरोह के बारे में पुख्ता जानकारी हासिल हो सकेगी।
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धर्मशाला के बाहर खड़ा मोटरसाइकिल चोरी
बठिंडाः मौड़ मंडी की एक धर्मशाला के आगे खडे़ एक मोटरसाइकिल को कोई अज्ञात व्यक्ति चुरा ले गया। पुलिस ने मोटरसाइकिल मालिक के बयानों के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को दर्ज करवाई शिकायत में जेतिंदर सिंह निवासी बठिंडा ने बताया कि उसका मोटरसाइकिल यामा आर-१५ पीबी०३ एफ-००७३ रंग काला स्थानीय गुरुद्वारा साहिब के नजदीक धर्मशाला के आगे खड़ा था। यहां से कोई अज्ञात व्यक्ति उसका मोटरसाइकिल चुरा ले गया। पुलिस ने मोटरसाइकिल मालिक के बयानों के आधार पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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स्वयं को क्वालीफाइड डाक्टर बताकर दे रहा था दवाईयां
-सेहत विभाग के साथ पुलिस ने धर दबोचा, केस दायर
बठिंडा। तलवंडी साबो पुलिस ने खुद को क्वालीफाइड डाक्टर बताकर लोगों से धोखाधड़ी करने वाले एक झोलाछाप डाक्टर को काबू किया है। उक्त झोलाछाप डाक्टर दवाईयों के नाम पर लोगों को नशे की दवाईयां बेचने का धंधा भी कर रहा था। आरोपी लोगों को जोडे़ के दर्द व अन्य गंभीर बीमारियों के सफल इलाज का दावा भी करता था। पुलिस ने आरोपी से भारी तादाद में नशीली दवाइयां भी बरामद की हैं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा ४२०,१५ आईएमसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि गांव सिगो के बस स्टैंड पर आरोपी राजविंदर सिंह निवासी सिरसा खुद को क्वालीफाइड डाक्टर बताकर भोले-भाले लोगों से धोखाधड़ी करता है। पुलिस ने मौके पर छापामारी कर आरोपी से ३०७० विभिन्न किस्म की नशीली दवाइयां, सिरिंज, एक स्टैथोस्कोप, एक थर्मामीटर, दो पट्टियां बरामद की। आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
बरसाती पानी की निकासी नहीं हुई तो रोक दिया रेल का चक्का
-आभा एक्सप्रेस को डेढ़ घंटे तक रोके रखा २४२ नंबर फाटक के पास
-सौकड़ों यात्रियों को झेलनी पड़ी भारी परेशानी
-दिल्ली मंडल से अनुमति हासिल कर पानी की निकासी शुरू करवाई
बठिंडा। बरसाती पानी की निकासी न होने से परेशान लाईन पार क्षेत्र के लोगों ने हावड़ा से श्री गंगानगर जाने वाली हावडा एक्सप्रेस रेलगाड़ी फाटक नंबर २४२ में डेढ़ घंटे तक रोककर रखा। इस दौरान तीन सौ के करीब लोगों ने रेल व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का आरोप था कि जिला व रेल प्रशासन बरसात के बाद उनके घर के बाहर खडे़ गंदे पानी की निकासी को लेकर गंभीर नहीं है जिससे लोगों को गंदगी में विचरण करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। डेढ़ घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के कारण गाड़ी में बैठे यात्रियों को भारी परेशानी से जूझना पड़ा वही अपने गतव्य स्थान पर भी वह देरी से पहुंचे। लोगों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन को भारी पुलिस फोर्स मंगवानी पड़ी वही नगर निगम, रेल प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसमें दिल्ली रेल मंडल से फोन पर ही अनुमति हासिल कर गंदे पानी की निकासी को रेल क्षेत्र में करने की अनुमति प्रदान कर काम शुरू करवाया गया, इसके बाद लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त किया।
जानकारी अनुसार पिछले चार दिन से लगातार हो रही रुक-रुक कर बरसात के कारण अमरपुरा बस्ती, लाल सिंह बस्ती व साथ लगते क्षेत्र में गंदा पानी काफी मात्रा में इकट्ठा हो गया था। इसमें रेल लाईनों के साथ लगते क्षेत्र में ही आपातकाल में मोटरों से गंदा पानी निकासी का प्रबंध रहता है। इस बार रेल पटरी की सुरक्षा को देखते हुए रेल प्रशासन ने पानी अपने क्षेत्र में डालने पर रोक लगा दी। इससे गंदा पानी कई दिनों तक जमा रहने से लोगों को आवागमन करने में परेशानी हो रही थी वही इससे निकलने वाली बदबू से बीमारियां फैलने का अंदेशा बन रहा था। स्थानीय वासी राम कुञ्मार, जगदीश ने बताया कि बरसात के बाद गंदा पानी निकालने के लिए नगर निगम की तरफ से हर बार कोताही बरती जाती है। इस बाबत जब निगम अधिकारियों से बात की जाती है तो उनका कहना होता है कि रेल प्रशासन जब अनुमति प्रदान करेगा तो पानी साथ लगते छप्पर में छोड़ा जा सकेगा। यही नहीं जब रेल विभाग से बात करते हैं तो वह यह कहकर पल्लू झांड लेता है कि बठिंडा रेलवे स्टेशन अंबाला मंडल के अधीन आता है जबकि रेल लाईन दिल्ली मंडल की है, इसमें अनुमति दिल्ली मंडल के अधिकारी ही प्रदान कर सकते हैं। इसी परेशानी से जूझ रहे लोगों ने वीरवार की सुबह नौ बजे के करीब हावड़ा से श्री गंगानगर की तरफ जा रही उध्यान आभा हावड़ा एक्सप्रेस गाड़ी नंबर ३०७ को लोगों ने रोक लिया। इस दौरान तीन सौ के करीब लोग जिसमें भारी तादाद में महिलाएं भी शामिल थी रेल पटरी पर खड़ी हो गई। उन्होंने रेल प्रशासन के साथ जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर समस्या हल करवाने की मांग रखी। लोगों ने चेतावनी दी कि जब तक उनके क्षेत्र से बरसाती गंदा पानी निकालने का काम शुरू नहीं होता वह रेलगाड़ी को आगे नहीं जाने देंगे। इसके बाद रेल प्रशासन के सहायक यातायात नरीक्षक शेर सिंह, एईएन एमपी सिंह, नगर निगम कमिश्नर रवि भगत सहित पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन वह अपनी जिद्द पर अडे़ रहे। इसके बाद रेल विभाग के अधिकारियों ने दिल्ली मंडल के अधिकारियों से बात कर पानी निकासी के लिए अनुमति मांगी व नगर निगम से पानी रेल क्षेत्र में डालने के लिए कह दिया। नगर निगम अधिकारियों ने मौके पर ही मशीने मंगवाकर पानी की निकासी का काम शुरू कर दिया जिसके बाद लोगों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया। इस घटना से श्री गंगानगर की तरफ जाने वाले सैकड़ों लोगों को भारी परेशानी से जूझना पड़ा। देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के चलते पहले ही गाड़ी नियत समय से पांच घंटे देरी से जा रही थी, इसके बाद गाड़ी में बैठे पैसेजर अपने गतव्य स्थान पर साढे़ छह घंटे की देरी से पहुंचे।
गुरुवार, 22 जुलाई 2010
मानसून ने बढ़ा दिए मंहगाई में सब्जियों के दाम
-उत्तरी भारत में चौथे दिन भी बरसात की रिमझिम जारी
-टमाटर सहित कई सब्जियों के भाव दो गुणा बढे़
बठिंडा। बढ़ती महंगाई से पहले ही आम आदमी परेशान है और अब मॉनसून आग में घी का काम कर रहा है। जी हां, बारिश की फुहारें भले आपको तपती गर्मी से राहत दे रही हों पर भारी बारिश के चलते खेतों में पानी भरने और यातायात बाधित होने से सब्जियों खासकर टमाटर की कीमतों में आग लग गई है। सबसे ज्यादा परेशानी पंजाब और हरियाणा में हुई बारिश के कारण रही है। हरियाणा में सडक़ों पर पानी भरने से कई ट्रक रास्ते में फंसे है। जिससे दिल्ली में सब्जियों की आवक कम हो गई है। भारी बारिश से खेतों मे पानी भर गया है, जिसके कारण सब्जियों की खेती को नुकसान हुआ है। यही वजह है कि बीते कुछ दिनों में सब्जियों की कीमतों में जोरदार उछाल आया है। कुछ दिनों पहले तक २० रुपए किलो के भाव बिकने वाला टमाटर अब ४० रुपए किलो के भाव तक बिक रहा है। टमाटर के अलावा तोरी, लौकी, भिंडी, शिमला मिर्च, प्याज जैसी दूसरी सब्जियों के दाम में भी तेजी देखी जा रही है और ये सभी सब्जियां २५ से ५० फीसदी तक महंगी हो गई हैं। एक हफ्ते के भीतर में ही १५ रुपए किलो बिकने वाली भिंडी अब २५ रुपए किलो के भाव बिक रही है। ३० रुपए किलो के भाव बिकने वाला शिमला मिर्च ४५ रुपए किलो बिक रहा है। प्याज भी १० रुपए प्रति किलो से बढक़र १५ रुपए प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है। लौकी का भाव १५ रुपए से बढक़र २२ रुपए किलो हो गया है। लेकिन ज्यादा चिंता आने वाले दिनों को लेकर हो रही है। जानकार यह कह रहे हैं कि अगर पंजाब हरियाणा में हालात जल्दी नहीं सुधरे तो आने वाले दिनों में सब्जियों की कीमत में और इजाफा देखना को मिल सकता है।
मानसून के दोबारा सक्रिय होने के बाद लगातार चौथे दिन उत्तर भारत में बारिश हो रही है। बठिंडा में भी वीरवार की सुबह बरसात हुई जबकि पूरा दिन आसमान पर बादल छाए रहे। बारिश से हिमाचल व पंजाब के कई हिस्सों में यातायात बाधित हुआ है। हिमाचल के कई हिस्सों में संपर्क मार्गों पर लहासे गिरने से यातायात बाधित हुआ है। दूसरी तरफ बरसात के बाद सब्जियों के दामों में भारी उछाल दर्ज किया गया है। पंजाब में लगातार बारिश जारी है और राज्य की बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। नदी में पानी बढऩे और गाद की वजह से बिजली परियोजनाओं में बिजली उत्पादन रुका पड़ा है। इधर, चंडीगढ़ समेत पंजाब और हरियाणा में रुक रुककर बारिश जारी है। चंडीगढ़ में सुबह से ही आसमान पर छाए बादल दोपहर बाद बरसने शुरू हो गए है। पंजाब और हरियाणा में भी बिखरे रूप से बारिश हो रही है। बारिश से पंजाब और हरियाणा में किसानों को राहत मिली है। लेकिन पिछले दिनों बाढ़ से प्रभावित इलाकों के लोगों को फिर बाढ़ की चिंता भी सता रही है। मानसून की इस बारिश से लोगों को गरमी और उमस से भी राहत मिली है। पंजाब में ज्यादातर हिस्सों में वीरवार को दो बजे तक पारा ३० डिग्री से नीचे चल रहा है। मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के निदेशक सुरिंद्र पाल के मुताबिक मानसून के सक्रिय होने के साथ ही हिमाचल में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का भी प्रभाव है। इसलिए उत्तर भारत में बारिश हो रही है। उनका कहना है कि अभी अगले एक दो दिनों तक उत्तर भारत में बारिश जारी रहेगी।
बठिंडा महानगरी में जाम हुआ आम, लोग परेशान
-ट्रैफिक लाईटें होने के बावजूद भी जाम की स्थिति विकराल
बठिंडा। महानगरी में रोजाना लगते भारी जाम आम लोगों की परेशानी का सबब बने हुए हैं। हालांकि पूरा दिन ट्रैफिक पुलिस धूप व बरसात की परवाह न करते हुए अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद देखी जा सकती है, बावजूद जहां विभिन्न मार्गो पर विशेष कर श्री हनुमान चौक सहित रेलवे स्टेशन के साथ लगते क्षेत्र पर अकसर जाम जैसी स्थिति बनी रहती है। जाम लगने का मुख्य कारण हालांकि ट्रैफिक लाईटों का बंद होना है वही विभिन्न चौकों में निर्माणाधीन रेलवे ओवर ब्रिज तथा हर वाहन चालक को पहले जाने की जल्दी भी जाम जैसी विकट स्थिति बनते रहने का बड़ा कारण है। बस स्टेंड स्थिति विभिन्न चौक में कभी लाईट गुल होने से ट्रैफिक लाईन बंद रहती है तो कभी तकनीकि खराबी आने से कई दिनों तक ट्रैफिक लाईट नहीं जल पाती है। वर्तमान में हाजीरत्न चौक से डबवाली रोड़ की तरफ जाते रोड़, रेलवे स्टेशन, बस स्टेंड के चौक, श्री हनुमान चौक के इलावा नहर पुल के पास हर समय जाम जैसी स्थिति बनी रहती है। जिसमें वाहनों को हार्न बजाते व एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ करते सुगमता से देखा जा सकता है। वैसे शहर की पुरानी बनावट भी रोजाना लगते जाम का एक कारण है। बठिंडा से बाहर जाने के लिए किसी भी हाईवे पर ट्रैफिक की तुलना में जरूरत से कहीं कम चौड़ा राजमार्ग है। शहर के भीतरी इलाकों में तो स्थिति इससे भी बदतर है जिसमें मोहना चौक, किला रोड, धोबी बाजार व किकर बाजार रोड में भारी वाहनों की रोक के बावजूद व्यापारी माल से लदे ट्रक खडे़ कर देते हैं जो पूरी सड़क को रोककर रखते हैं। डबवाली रोड पर तो हर ३० मिनट बाद रेलवे फाटकों का बंद होना जाम को बढ़ावा दे रहा है। यहां अकसर लगने वाले जाम में वीआईपी ही नहीं, बल्कि मरीजों को ले जाने वाली एंबूलेंस गाडिय़ां भी फंसी देखी जा सकती हैं। इन्हें पहले निकालने के चक्कर में ट्रैफिक पुलिस को भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। ट्रैफिक पुलिस का कहना कि ट्रैफिक पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी पर पूरा दिन मुस्तैद रहते हैं लेकिन सख्ती के बावजूद जल्दी जाने के चक्कर में वाहन चालक सहयोग नहीं देते। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे ओवरब्रिज तथा बाईपास का निर्माण होने के बाद ही इस समस्या से स्थायी छुटकारा मिल सकेगा।
सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं प्रेस लिखे वाहन
-कई लोगों का तो प्रेस और पत्रकारिता से दूर का भी संबंध नहीं
-अपने फायदे के साथ लोगों पर रौब झाड़ने के लिए करते हैं गलत इस्तेमाल
बठिंडा। व्यवसायिक फायदा उठाने व लोगों पर रौब झाड़ने के लिए इन दिनों मीडिया के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रेस का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। मोटरसाइकिलों से लेकर कारों में प्रेस लिखकर गाड़ी सड़कों पर आवागमन करती आसानी से दिखाई देते हैं। इसमें ज्यादातर लोग ऐसे है जिनका मीडिया से दूर-दूर तक का कुछ नहीं लेना है लेकिन उन्होंने कार व मोटरसाइकिल में आगे व पीछे बडे़-बडे़ अक्षरों में प्रेस लिखकर लगा रखा है। इसमें कई लोग तो ऐसे है जो मीडिया कर्मी के रिश्तेदार या फिर दोस्तों की श्रेणी या फिर जानपहचान वालों में होते हैं। इस तरह के वाहनों को पुलिस कर्मचारी भी जांच पड़ताल नहीं करते हैं जिससे कई बार उक्त लोग इन वाहनों का इस्तेमाल गैरकानूनी कार्यों के लिए करते हैं। पिछले दिनों प्रेस लिखे कई ऐसे वाहन पुलिस ने पकडे़ हैं जिसमें गैरकानूनी तौर पर दवाईयां या फिर टैक्स चोरी का सामान लादकर लाया जा रहा था। इस मामले में बठिंडा जिले के विभिन्न सामाचार पत्रों के प्रतिनिधि जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की मांग कर चुके हैं लेकिन इसमें आज तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकी है। तीन साल पहले पुलिस प्रशासन ने प्रेस लिखे ऐसे वाहनों की जांच पड़ताल करवाने व इन्हें जब्त करने का अभियान शुरू किया था। इसके तहत सभी अखबारों के प्रतिनिधियों से उनके यहां काम करने वाले लोगों की सूचि मांगी गई थी। इसमें पत्रकार का नाम, पता, फोन नंबर के इलावा इस्तेमाल किए जा रहे वाहन का नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर मांगा गया था। इस मुहिम में प्रशासन की तरफ से जायज पत्रकारों को एक परिचय पत्र जारी किया जाना था। इस परिचय पत्र के धारक ही अपने वाहनों में प्रेस लिख सकते थे लेकिन यह मुहिम भी प्रशासन पूरी नहीं कर सका और उसने फार्म जमाकर आगे किसी तरह की कार्रवाई नहीं की। फिलहाल प्रशासन की ढिली नीतियों के कारण सड़कों में बेखौफ दौड़ते प्रेस लिखे वाहन लोगों के साथ पुलिस कर्मचारियों के लिए परेशानी का सबब बने हुए है। इस मामले में चिंताजनक पहलु यह है कि इस तरह के वाहनों से गौरकानूनी कार्यों के साथ असामाजिक तत्व व देश द्रोही तत्वों को संरक्षण मिल सकता है जो किसी भी समय प्रेस के नाम पर किसी अनहोनी घटना को अंजाम दे सकते हैं। इस तरह के तत्वों पर रोक लगाने के लिए प्रशासन को जल्द सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यहां बताना जरूरी है कि अधितकर वाहन चालक को अपने वाहनों में प्रेस मात्र इसलिए लिखाकर रखते हैं कि किसी चौक व नाके में पुलिस कर्मी उन्हें नहीं रोकेगा व दस्तावेज की मांग नहीं करेगा। इस क्रम में तत्कालीन एसपी सीटी निलाभ किशोर ने एक मुहिम के तहत प्रेस लिखे वाहनों की जांच शुरू की थी तो उसमें पाया गया कि ७० फीसदी लोगों ने अपने वाहनों में प्रेस इसलिए लिखाकर रखा है कि उन्हें कोई पत्रकार जानता है या फिर किसी अखबार व पत्रिका से उन्होंने जानपहचान के आधार पर प्रेस का कार्ड बनवा रखा है जबकि खबरे भेजने या फोटो खीचने जैसे कार्यों से उनका कोई भी लेना देना नहीं होता है। समाज सेवी राकेश नरुला का कहना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अखबार प्रतिनिधियों को भी आगे आना होगा उन्हें ऐसे लोगों को परिचय पत्र जारी करने से गुरेज करना चाहिए जिनका पत्रकारिता से किसी तरह का लेना देना नहीं है व प्रेस लिखकर वह प्रेस का इस्तेमाल करते हैं। वही जिला प्रशासन को भी इस बाबत अखबार प्रतिनिधियों के साथ मिलकर ऐसी नीति बनानी चाहिए जिससे इस तरह के गौरखधंधे पर रोक लगे।
बुधवार, 21 जुलाई 2010
बरसाती पानी का कहर दूसरे दिन भी जारी रहा, सिरकी बाजार बंद
-व्यापारियों के साथ आम लोगों को झेलनी पड़ रही है भारी परेशानी
-प्रशासकीय तंत्र भी लोगों को बरसाती पानी से राहत दिलवाने में रहा नाकाम
बठिंडा। बरसाती पानी का कहर बुधवार को भी जारी रहा। मंगलवार को हुई बरसात से जमा हुआ पानी की अभी निकासी नहीं हो सकी थी कि बुधवार की सुबह दो घंटे व दोपहर एक बजे के बाद हुई तेज बरसात ने पानी का लेबल बढ़ा दिया। बरसाती पानी ने सर्वाधिक कहर सिरकी बाजार में बरपाया जहां बुधवार को भी तीन सौ के करीब दुकाने पूरा दिन बंद रही जबकि इस रास्ते होने वाला आवागम पूरी तरह से प्रभावित होकर रह गया। सिरकी बाजार के आसपास लगते क्षेत्र में भी पानी का कहर जारी रहा जिससे लोग घरों में ही नजरबंद होकर रह गए।
नगर निगम का सिरकी बाजार डिस्पोजल मंगलवार से ही बंद है जिससे पूरा क्षेत्र चार फुट पानी में डूबा रहा। दूसरी तरफ नगर निगम व जिला प्रशासन के अधिकारी बरसाती पानी की निकासी के लिए देर रात तक मश्कत करते रहे लेकिन साधनों की कमी के चलते उन्हें इसमें सफलता नहीं मिल सकी। इसके इलावा पुराना थाना रोड़, वीर कालोनी, गुरु नानक पुरा में भी बरसाती पानी की यही स्थिति रही। गुरु नानक पुरा में पुराना थाना के पास स्थित सड़क पर चार फुट पानी भरा रहा जिससे इस रोड पर दर्जनों वाहन बंद होकर सड़क के किनारे खडे़ रहे। इन्हें पानी के बाहर निकालने के लिए लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। पानी के कहर के चलते थाना सदर व सीआईए स्टाफ में दूसरे दिन भी काम प्रभावित होकर रहा, लोग थाने के बाहर व अंदर भरे पानी के कारण थाने में शिकायत दर्ज करवाने नहीं पहुंच सके। वही थाना सदर की जर्जर इमारत के नीचे जान हथेली में रखकर पुलिस कर्मचारी ड्यूटी देते रहे। शहर के सबसे व्यस्त माल रोड में भी स्थिति इसी तरह की रही इसमें माल रोड पर आवागमन करने वाले वाहनों का चक्का जाम होकर रह गया। इस दौरान दुकानदारों को भी भारी दिक्कत पेश आई व व्यवसाय प्रभावित होकर रह गया। इस रोड पर सर्वाधिक परेशानी स्कूली बच्चों को झेलनी पड़ी। शहर में जाने के लिए अधिकतर स्कूली बच्चे व वाहन चालक इसी रोड का इस्तेमाल करते हैं। इस रोड पर बरसात के दिनों में तीन से चार फुट पानी भर जाता है। दूसरी तरफ नगर निगम की बरसाती पानी की निकासी को लेकर किए जा रहे दावे भी खुलकर सामने आ गए। लोगों की परेशानी के समक्ष बिना साधनों के सीवरेज बोर्ड के अधिकारी भी बेवस खडे़ नजर आए व उन्होंने दावा किया कि पानी की निकासी के लिए प्रयास कर रहे हैं। परसराम नगर में मुख्य सड़क पर भरा पानी भी लोगों के लिए आफत भरा रहा जबकि जिला प्रशासन के दफ्तरों और रिहायशी इलाके वाले पावर हाऊस रोड पर भी बरसाती पानी की स्थिति यही रही।
मंगलवार को सांसद हरसिमरत कौर बादल की तरफ से किए गए बठिंडा दौरे केञ् दौरान बरसाती पानी की निकासी केञ् लिए प्रशासकीय अधिकारियों ने सीवरेज बोर्ड व नगर निगम अधिकारियों केञ् साथ बैठकों का दौर शुरु किया व इसकेञ् लिए विभिन्न विभागों की ड्यूटी भी लगा दी गई। इसकेञ् बावजूद कर्मचारियों की भारी कमी केञ् चलते बरसाती पानी को बाहर निकालने केञ् लिए व सीवरेज की सफाई व बंद को खोलने केञ् लिए काम नहीं हो सका। सीवरेज ब्लाक होने के साथ डिस्पोजल भी काम नहीं कर पा रहे हैं जिससे पानी को शहर से बाहर छपरों में डालकर लोगों को राहत देने का काम नहीं हो सका।
राजनीति में एक दूसरे के पूरक बन रहे हैं पति-पत्नी
-सुखवीर समय आने पर हरसिमरत को देते हैं हरसंभव सहयोग
-एक दूसरे की प्रतिष्ठा बढ़ाने में देते हैं पूरा योगदान
बठिंडा। राजनीति में जहां एक दूसरे की टांग खीचकर आगे बढ़ने की होड़ रहती है व इसके लिए कुछ भी करने को नेता तैयार रहते हैं वहीं इन दिनों राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल और उनकी पत्नी सांसद हरसिमरत कौर राजनीति की इन तमाम धारणाओं को पूरी तरह से निरस्त कर रहे हैं। पति और पत्नी राजनीतिक क्षेत्र में एक दूसरे से आगे निकलने की बजाय एक दूसरे को प्रमोट करने का काम कर रहे हैं। हरसिमरत कौर जहां उपमुख्यमंत्री पतिदेव की प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए दिनरात एक कर काम कर रही है व बादल सरकार की नीतियों को घर-घर तक पहुंचा रही है वही सुखवीर भी समय मिलने पर सांसद पत्नी के सम्मान के लिए हर समय तैयार रहते हैं। एक सप्ताह पहले सुखवीर बादल का बठिंडा दौरा था, इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में दौरा कर सुखवीर काफी थक गए थे लेकिन हरसिमरत कौर ने उनसे आग्रह किया कि प्रशासकीय व्यवस्था को लेकर लोगों की शिकायते आ रही है जिसके लिए जरूरी है कि कुछ विभागों की अचानक जांच की जाए। हरसिमरत के आग्रह पर सुखवीर एकाएक इसके लिए तैयार हो गए और उन्होंने एक नहीं तीन विभागों में उनके साथ छापामारी की व प्रशासकीय अधिकारियों को इसके लिए ताड़ना भी की। इसी तरह का पति-पत्नी के बीच तालमेल की एक मिशाल आज बुधवार को उस समय देखने को मिली जब लगातार आठ दिन तक संसदीय क्षेत्र का दौरा करने के बाद सांसद हरसिमरत की तबियत अचानक खराब हो गई। इसमें सुखवीर ने दौरा रद्द करने की बजाय स्वयं उन सभी स्थानों पर जाने का फैसला लिया जहां हरसिमरत ने लोगों की समस्या सुननी थी। इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने न सिर्फ लोगों की समस्या सुनी बल्कि सहजता से प्रशासकीय अधिकारियों को इन समस्याओं के तत्काल हल के लिए आदेश भी दिया। इस दौरान भी लोगों को संबोधित करते हुए सुखवीर ने सांसद हरसिमरत की तरफ से किए जा रहे कार्यों की सराहना की व उन्हें हरसंभव सहयोग देने का आग्रह किया।
सांसद अस्वस्थ्य तो उपमुख्यमंत्री हुए लोगों से रुबरू
-लाईन पार क्षेत्र के लिए दिया २८ करोड़ रुपये का तोहफा
बठिंडा। लाईन पार क्षेत्र के विकास के लिए २८ करोड़ रुपये जारी किए जा रहे हैं। इससे सीवरेज व्यवस्था में सुधार लाने के साथ लोगों को सड़कों व स्ट्रीट लाईटों की सुविधाएं प्रदान की जाएगी। यह घोषणा राज्य के उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल ने परसराम नगर मुख्य सड़क पर १२.५ लाख की लागत से बनने वाले सीवरेज की नींव पत्थर रखने के बाद की। उन्होंने कहा कि लाईन पार क्षेत्र में विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करवाया जाएगा व इसके लिए फंड को कमी आने नहीं दी जाएगी। इससे पहले सांसद हरसिमरत कौर बादल ने लाईन पार क्षेत्र का दौरा करना था व लोगों की समस्या सुननी थी लेकिन तबियत खराब होने के कारण उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ा। इसके बाद उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल ने हरसिमरत कौर की तरफ से निर्धारित सभी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।
सुखवीर बादल ने परसराम नगर में वार्ड नंबर ४१, ४२, ४५ में दौरा किया व लोगों की समस्या सुनी। इस दौरान उन्होंने वहां व्याप्त खामियों को दूर करने व लोगों को पेश आ रही समस्याओं को हल करने की हिदायते संबंधित नगर निगम अधिकारियों को दी। सुगयाना बस्ती में भी सुखवीर बादल ने लोगों की समस्या सुनी। उन्होंने कहा कि बठिंडा जिले में बरसाती पानी की निकासी के लिए नगर निगम अधिकारियों को समुचित स्थायी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। इसमें सीवरेज सफाई के लिए अति आधुनिक मशीनों की खरीद करने के लिए कहा गया है व इसके लिए फंड व अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली गई है जिसमें जल्द ही नगर निगम के पास मशीन होगी। इसके अलावा शहर में अवैध कब्जों से लोगों को राहत दिलवाने व बिजली कटों से होने वाली परेशानी हल करने को भी कहा गया। इसमें बिजली निगम से ऐसे स्थानों में ट्रांसफार्मर तबदील करने को कहा गया जो ओवरलोड के कारण बार-बार खराब हो रहे है। सुखवीर के दौरे के दौरान उनके साथ विधानसभा इंचार्ज सरूप चंद सिंगला, मेयर बलजीत सिंह बीडबहिमण, डीसी गुरकृतकृपाल सिंह, एसएसपी सुखचैन सिंह गिल, पार्षद निर्मल सिंह सिद्धू, जगतार सिंह, प्रेस सचिव ओमप्रकाश शर्मा व शहरी प्रेस सचिव चमकौर सिंह मान भी उपस्थित रहे।
मंगलवार, 20 जुलाई 2010
मंगलवार को जमकर बरसी वरखा रानी
-लोगों को दिलाई गर्मी से राहत, सीवरेज बोर्ड के लिए लाई आफत
-कई स्थानों में सीवरेज जाम होने से बरसाती पानी भरा लोगों को हुई परेशानी
राकेश राही
बठिंडा। पिछले कई दिनों से पड़ रही जानलेवा गर्मी से मंगलवार को हुई बरसात ने राहत प्रदान कर दी। चिलमिलाती धूप और ४५ डिग्री तापमान से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। मंगलवार की सुबह लगभग एक घंटा व दोपहर साढे़ १२ बजे से लेकर दो बजे तक बरखा रानी जमकर बरसी। इस दौरान महानगर की सड़कों व शहर के बाहरी क्षेत्रों में पानी भर गया। नगर निगम का सीवरेज इस बरसात ने बंद कर दिया जिससे बाजारों में दो से ढ़ाई फुट पानी भर गया। सिरकी बाजार, गुरु नानक पुरा, माल रोड़, महिना चौक, पावर हाऊस रोड़, नई बस्ती, वीर कालोनी, अमरिक सिंह रोड, परसराम नगर मुख्य सड़क में पानी भरने से आवागमन पूरी तरह से प्रभावित रहा। वाहन सड़कों के किनारे बंद हो गए, जिससे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। बरसात के कारण कई इलाकों में लोगों के घरों के अंदर भी पानी चला गया। नगर निगम अधिकारी बरसाती पानी की निकासी के लिए डिस्पोजलों पर मश्कत करते रहे लेकिन बिजली विभाग ने अपना कारनामा दिखाते हुए दोपहर बाद लाईट ही गुल कर दी जिससे कई स्थानों पर तो जरनेटरों से काम चला लेकिन इसके बावजूद पानी की निकासी समुचित ढंग से नहीं हो सकी। नगर निगम व जिला प्रशासन ने बरसात से पहले दावा किया था कि उन्होंने शहर में भरने वाले पानी की निकासी के लिए समुचित प्रबंध कर रखे हैं लेकिन इस तेज बरसात ने उनके सभी दावों की पोल खोल दी। सीवरेज में जमी गंदगी ने पानी की निकासी को बंद करके रख दिया। मंगलवार की दोपहर हुई बरसात की खास बात यह रही कि इस दौरान शहर को चंडीगढ़ की तर्ज पर विकसित करने का दावा करने वाले बादल परिवार की सांसद हरसिमरत कौर बादल बठिंडा शहर के दौरे पर थी। इस दौरान उन्होंने महानगर की सड़कों पर खडे़ पानी के दृश्य को देखा व उन्हें भी अहसास हो गया होगा कि बठिंडा को चंडीगढ़ बनाने में अभी काफी समय लगेगा खासकर यहां की बदतर सीवरेज व्यवस्था में सुधार किए बिना इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता है। सांसद के दौरे के दौरान नगर निगम अधिकारियों के साथ सीवरेज विभाग के अधिकारियों की जान भी आफत में रही जिससे वह पूरा दिन अपने कर्मचारियों के साथ पानी की निकासी करवाने में जुटे रहे। दूसरी तरफ जमकर बरसे पानी से लोगों को जानलेवा गर्मी से राहत जरूर मिली वही बिजली विभाग ने भी पानी बरसने से राहत की सास ली।
सभी फोटोः- बब्बल गर्ग
सांसद हरसिमरत ने रखे शहर में विकास कार्यों के नींव पत्थर
-बरसाती पानी से होने वाली समस्याओं से भी हुई वाकिफ, अधिकारियों को करनी पड़ी मश्कत
-बठिंडा को बडे़ शहरों की तर्ज पर विकसित बनाने की पहलकदमी
बठिंडा। सांसद हरसिमरत कर बादल ने बठिंडा केञ् ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा पूरा करने के बाद मंगलवार को बठिंडा शहरी क्षेत्र का दौरा कर लोगों की समस्या सुनी। इस दौरान उन्होंने आठ स्थानों में विभिन्न विकास कार्यों का नींव पत्थर रखा वही बठिंडा को विकसित जिलों की श्रेणी में लाने के लिए प्रयास तेजी से करने की वकालत की। बादल ने कहा कि बठिंडा जिले में जो विकास पिछले छह दशक में नहीं हो सका वह मात्र तीन साल में बादल सरकार ने करके दिखाया है। बठिंडा को इंडस्ट्री ग्रोथ में आगे लाने के लिए नए प्रोजेक्ट लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं जबकि आगामी डेढ़ साल में तेल शोधक कारखाना रामा मंडी में बनकर तैयार हो जाएगा। इससे जिले के दस हजार लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। बादल सरकार इसी तरह के बहुआयामी व रोजगार प्रदान करने वाले प्रोजेक्ट जिले में लगाने के लिए काम कर रही है।
सांसद बादल ने धबियाना बस्ती में रहने वाले लोगों को स्थायी निवास के लिए घरों के अलाटमेट लेटर जारी किए वही आरओ सिस्टम का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि दलितों के विकास के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चला रखी है इसमें कुछ स्थानों पर पेंशन स्कीमों को लेकर लोगों को समस्या आ रही है जिसे जल्द दूर कर दिया जाएगा। इसके लिए लोक भलाई विभाग को जायज लोगों के पेंशन कार्ड बनाने के लिए कहा गया है। इसके इलावा बादल ने एक कम्यूनिटी हाल, पार्क और भट्टी रोड में पीसी डालने का काम को हरिझंडी दी। उन्होने प्रशासकीय अधिकारियों से विकास कार्यों को तेजी से करने व इसके लिए यथासंभव फंड जारी करने के लिए कहा वही नगर निगम अधिकारियों से लोगों की समस्या पहल के आधार पर हल करने व लोगों को मूल सुविधाएं प्रदान करने की हिदायते दी। श्रीमति बादल के दौरे के दौरान इंद्र देवता भी जमकर बरसे जिससे सांसद को बठिंडा की प्रमुख सड़कों की बरसात के बाद होने वाली दशा का भी भलीभांती ज्ञान हो गया। इस दौरान नगर निगम व सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को शहर में बरसात के दौरान भरने वाले पानी की निकासी के लिए भारी मश्कत करनी पड़ी। इससे कई क्षेत्रों में तो पानी की निकासी सही ढंग से चलती रही लेकिन माल रोड, वीर कालोनी, पावर हाऊस सरीखे प्रमुख रास्ते पानी से लबालब भर गए। इसके चलते सांसद के साथ चल रहे अधिकारी व नेता उन्हें ऐसे स्थानों से ले जाने में गुरेज करते रहे जहां नगर निगम की सीवरेज व्यवस्था ने जबाब दे दिया था। इस संबंध में सांसद ने सीवरेज बोर्ड केञ् अधिकारियों के साथ जिला प्रशासन से बरसाती पानी की निकासी में पेश आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल कर इसमें व्याप्त खामियों तो तत्काल दूर करने की हिदायते जारी की। सांसद बादल के साथ डीसी गुरकृतकृपाल सिंह, एसएसपी डा. सुखचैन सिंह, नगर निगम मेयर बलजीत सिंह बीड़बहिमण, विधानसभा बठिंडा इंचार्ज सरूपचंद सिंगला, प्रेस सचिव डा. ओमप्रकाश शर्मा, चमकौर सिंह मान विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
सोमवार, 19 जुलाई 2010
बाढ़ प्रभावितों को सहायता देने में केंद्र कर रहा पक्षपातः हरसिमरत
बठिंडा। सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए सहायता राशि देने में केंद्र राज्य के साथ पक्षपात कर रहा है। केंद्र प्रभावित क्षेत्रों के लिए मात्र १६०० रुपये प्रति एकड़ किसानों को मुआवजा देने की बात कर रहा है लेकिन राज्य सरकार अपनी तरफ से ३४०० रुपये डालकर प्रति एकड़ पांच हजार रुपये का मुआवजा प्रदान करेगी। बादल ने सोमवार को बठिंडा लोकसभा क्षेत्र के तलवंडी साबो विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने गांव खारी, कनकवाल, जजल, भगवानपुरा, गहिलेवाल, जोगेवाला. तंगराली और तिओण गांव में जनसभाओं को संबोधित किया। बादल ने समाज में हो रही भ्रूण हत्या जैसी बुराई को जड़ से समाप्त करने के लिए एकजुट हो अभियान चलाने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उन्होंने पौधे वितरित कर लोगों को पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी प्रेरित किया। सांसद ने उक्त सभी गांवों के विकास के लिए ६० लाख रुपये की ग्रांट जारी की, इसमें गांव की सड़के, छप्परो की मरम्मत, नालियों की मरम्मत व धर्मशाला व स्कूल में कमरे बनाने का काम किया जाएगा।
मोबाईल फोन की लूट करने वाले गिरोह का पर्दाफाश
- गिरोह के तीन सदस्य गिरफ्तार,२५ मोबाईल फोन बरामद
बठिंडा। पुलिस ने आज एक मोबाईल फोन की लूट करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस द्वारा पूछताछ करने के बाद पुलिस ने गिरोह के तीनों सदस्यों से लूटे गए २५ के करीब मोबाईल फोन बरामद किये है। पुलिस के अनुसार उक्त गिरोह दूसरे शहरों से आने वाले लोगों से मोबाईल फोन छींनते थे,और कुछ दिन पहले ही इस गिरोह ने एक मोबाईल फोन की दुकान में सेंधमारी कर हजारों रुपये के मोबाईल फोन चोरी किए थे। पुलिस ने उक्त आरोपियों पर मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरु कर दी है। जानकारी अनुसार डीएसपी सिटी जसविंद्र सिंह ने एक पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि कैनाल पुलिस रविवार को स्थानीय रेलवे रोड़ पर गश्त कर रही थी। इस दौरान पुलिस को गुप्त सूचना मिली की मोबाईल फोन लूटने वाले गिरोह के सदस्य रछपाल सिंह, ज्योती पुत्र राजा सिंह वासी महिमा भगवान, मंगल सिंह पुत्र जगसीर सिंह महिमा सरजा व भगवान सिंह पुत्र भोला सिंह वासी रतनगढ़ स्थानीय पानी वाली टैंकी के समीप खड़े होकर लूट पाट करने की तैयारी कर रहे है। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर उक्त आरोपियों को मौके पर गिरफ्तार कर लिया। १६ जुलाई को कैनाल पुलिस के पास दर्ज करवाई शिकायत में सीटू पुत्र जोगिंद्र सिंह ने बताया कि गत दिवस की रात को वह अपने पूरे परिवार के साथ किसी कार्य के लिए शहर से बाहर गया हुआ था। इस दौरान आरोपी सलीम खान पुत्र विजय खान, राजू पुत्र मालग्राम वासी हाजीरतन ने उसके घर का ताला तोडक़र घर से १६ हजार रुपये के करीब का कीमती सामान चोरी कर लिया था।
ड्राइवर को आई नींद शंटिग के दौरान रेल इंजन पटरी से उतरा
रेलवे विभाग ने की जांच शुरू
बठिंडा। स्थानीय संतपुरा रोड़ पर स्थित रेलवे यार्ड में शंटिग केञ् दौरान एक इंजन ड्राइवर केञ् सोने से अचानक पटरी से उतर गया। इस घटना से किसी प्रकार जानी व माली नुकसान नहीं हुआ। रेलवे विभाग घटना की जांच कर रहा है। आरंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि इंजन का ड्राइवर शंटिग के दौरान सो गया जिससे इंजन रेल क्रासिग के काटे पर संतुलन खोकर गिर गया। रेल विभाग उक्त ड्राइवर के खिलाफ जांच कर रहा है लेकिन इस बाबत किसी तरह की जानकारी देने से कतरा रहा है। पिछले १५ दिन में एक ही पटरी से गाड़ी के डिब्बे उतरने की दूसरी घटना है। जानकारी अनुसार सोमवार को पांच बजे के करीब रेलवे विभाग का इंजन जैसे ही शंटिग के लिये संतपुरा रोड़ के पास स्थित रेलवे यार्ड में दाखिल हुआ था तो अचानक रेलवे पटरी से उतर गया। इस घटना की सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारी व कर्मचारी मौके पर पहुंचे। करीब ७.४५ तक रेलवे कर्मचारियों की ओर से इंजन को पटरी पर लाया गया। शंटिग लाईन होने के कारण रेल यातायात प्रभावित होने से बच गया। सहायक यातायात निरिक्षक शेर सिंह, आरपीएफ के पोस्ट कमांडेट मुकेश कुमार मौके पर पहुंचे व उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी। गौरतलब है कि १५ दिन पहले भी इसी रेल पटरी से रेलगाड़ी का एक इंजन व दो डिब्बे उतर गए थे।
रविवार, 18 जुलाई 2010
लोक शिकायत निवारण ढंग को दुरूस्त करने की और पेशकदमी
-सुखवीर बादल की पहल पर शुरू हुई विभागों में सुधार नीति
बठिंडा। उपमुख्यमंत्री सुखवीर बादल की तरफ से जिला अधिकारियों को विभागों में व्याप्त खामियों को दूर करने के आदेश देने के बाद रविवार को सभी विभागों के अधिकारियों ने प्रशासकीय सुधार के तहत नए आदेश जारी किए है। इसमें बठिंडा के एसएसपी ने बठिंडा जिले के सभी पुलिस स्टेशनों को आदेश जारी कर पुलिस थानों में पड़े सभी केस का तेजी से निपटारा करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह उप-मुख्य मंत्री की इच्छा है कि अदालतों की सभी कार्रवाईयां संपूर्ण करने के बाद बरामद हुई चोरी की वस्तुएं मालिकों के दो सप्ताह में हवाले की जांए।
उन्होंने कहा कि अपराधों को रोकने के लिए गश्त बढाई जाए। लोगों की शिकायतों का तेजी से निपटारे के लिए शहर में जीपीएस वाले पुलिस कंलिंग व्हीकल लाये जाए। एसएसपी बठिंडा ने लोगों की शिकायतें प्रभावी ढंग से हल करने केञ् लिए यकीनी बनाने केञ् निर्देश दिए। सभी पुलिस थानों के मुखियों को निर्देश दिए गए है कि वह प्रत्येक शिकायतकर्ता का मोबाईल नः दें और सीनियर अधिकारी शिकायतकर्ताओं को फोन करके यह चैक करेंगें कि उनकी शिकायते समय पर प्रभावी ढंग से निपटाई गई हैं। पुलिस थानों के बाहर लोगों के लिए शिकायत बक्से लगाने के लिए भी कहा गया। उन्होंने बताया कि पुलिस थानों में रिसेप्श्न बनाए जा रहें ताकि पुलिस थाने में आने वाले लोग वहां बैठ सकें और उनका उचित सम्मान हो सके। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एसएमओ को जारी किए एक अला आदेश में यह यकीनी बनाने के लिए कहा है कि अस्पताल में दाखिल प्रत्येक एमरजैंसी मरीज को डाक्टरों द्वारा दिन में कम से कम तीन बार चैक किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि डाक्टर मूवमैंट रजिस्टर को सही ढंग से बनाया जाए। कैमीस्टों द्वारा मरीजों की लूट को रोकने के लिए यह भी कहा गया कि डाक्टरों द्वारा बताई जाती दवाई के साथ ट्रेड का नाम, जैनरिक नाम, आदि का भी जिक्र किया जाए और रोगियों को मंहगी दवाई लिखने से बचा जाए। अस्पतालों में साफ सफाई को भी यकीनी बनाने के लिए कहा गया है।
पंजाब पावर कार्पोरेशन द्वारा जारी किए एक अलग आदेश में एसडीओ को सुबह सात बजे से लेकर सांय सात बजे तक शिकायत कार्यालय खुला रखने के आदेश दिए गए हैं और बिजली बंद होने की शिकायतों के हल के लिए एक व्हीकल उपलब्ध करवाने के लिए कहा है। जेई इस कार्यालय में रोजाना सुबह आठ बजे से लेकर सांय चार बजे तक बैठेंगें। सभी विभागों ने अपने उच्च अधिकारियों को कार्यलयों के अचनचेती दौरे करने के लिए आया है ताकि निर्देशों को सही ढंग से लॉगू किया जाए।
कांग्रेस के विकास कार्य पूरे कर रहे हैं अकालीः सिंगला
राज्य के पूर्व वित्त मंत्री सुरिंदर सिंगला ने कहा कि उन्हें खुशी है कि बादल सरकार ने बठिंडा में उनकी तरफ से शुरू करवाए विकास कार्यों को रोकने की बजाय जारी रखा है। वर्तमान में बठिंडा में जो विकास हुआ है उसकी नींव कांग्रेस की कैप्टन सरकार ने रखी थी। श्री सिंगला बठिंडा में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में आर्थीक संकट के लिए अकाली दल की नितियां जिम्मेवार है। अकाली दल दोनों हाथों से सरकारी खजाने को लुटाने का काम कर रहे हैं जबकि आय के साधनों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
बीबीए के साथ एमबीए के २२ छात्रों को निशुल्क शिक्षा मिलेगी
बठिंडा। आर्यन ग्रुप चंडीगढ़ की तरफ से रविवार को बठिंडा के एक होटल में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें आर्थिक तौर पर कमजोर प्रतिभावान २२ छात्रों को बीबीए व एमबीए का शिक्षा निशुल्क देने केञ् लिए योजना का खुलासा किया। ग्रुप के प्रबंधक आशु कटारिया का कहना है कि देश भर में नवज्योति इंडिया फाऊडेशन के सहयोग से उक्त योजना को चलाया जाएगा। इसमें एमबीए व बीबीए के लिए ११-११ छात्रों का चयन किया जाना है। इसके लिए २६ जुलाई को आर्यन कैंपस चंडीगढ़ में डा. किरण बेदी इंटरव्यू लेगी। आर्यन ग्रुप मालवा सहित विभिन्न स्थानों में इस योजना का प्रचार कर रहा है। उन्होंने इसके लिए जरूरतमंद छात्रों से आवेदन करने की अपील की है। इसमें अगर २२ छात्रों के चयन के बाद भी कोई जरूरतमंद छात्र रहता है तो संस्थान उसे बैंक से एजूकेशन लोन दिलवाने में सहयोग करेगा व पार्टटाईम नौकरी दिलवाने का भी प्रयास करेगा। उनका मुख्य मकसद आर्थिक तौर पर कमजोर छात्रों की प्रतिभा को उजागर कर उसे संसाधन उपलब्ध करवाना है।
जनता को जागरूकता करना हमारा लक्ष्य : शर्मा
संदीप सिंह बने एसीपीओ के जिलाध्यक्ष
बठिंडा : स्थानीय एक होटल में आल उपभोक्ता संरक्षण संगठन की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जिला प्रधान व जिला सचिव को नियुक्ति पत्र सौंपेगे। बैठक में पंजाब प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट अमित शर्मा, महा सचिव भुपिंद्र कौर, सचिव सुशील शर्मा, सह कोषाध्यक्ष सिमरतप्रीत कौर, उप प्रमुख प्रदीप चौसर, कोषाध्यक्ष प्रमोद दुग्गल विशेष तौर पर उपस्थित हुए। इस मौके पर सवाल जवाब करते हुए अमित शर्मा ने कहा कि उनकी संस्था आल उपभोक्ता संरक्षण संगठन का एक ही मकसद है लोगों को जागृत कर पदार्थों में होने वाली मिलावट को खत्म करना। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि जब लोग उनके पास शिकायत लेकर आएंगे, तो संस्था का कोई भी कार्यकर्ता उनके साथ जाकर उनकी शिकायत पर कार्यवाई करेगा। उन्होंने बताया कि संस्था की ओर से कॉलेजों व स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इतना ही नहीं, कॉलेजों के होनहार विद्यार्थियों को लेकर ऐसे क्लब तैयार किए जा रहे हैं, जो लोगों को जागो ग्राहक जागो के तहत उनको जानकारी देते हुए अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करेंगे। बैठक में अन्य गणमान्य लोगों के अलावा बलविंदर सिंह, रणबीर सिंह चहल, गौरव अगरवाल, समीर कुमार दास, सतवीर सिंह, सुधीर वर्मा आदि ने शिरकत की। बैठक के अंत में राज्याध्यक्ष अमित शर्मा व अन्य उच्च पदाधिकारियों ने नव नियुक्त जिला प्रधान संदीप सिंह व महा सचिव बलविंदर सिंह को नियुक्ति पत्र सौंपे।
शुक्रवार, 16 जुलाई 2010
पुलिस ने बरामद किया चोरी का सामान
तीन आरोपी पुलिस हिरासत में
बठिंडा : सिविल लाईन पुलिस ने स्थानीय बीवी वाला रोड़ स्थित एक म्यूजिक साउंड की दुकान से कुछ दिन पहले चोरी हुए सामान को बरामद कर लिया है और इस घटना को अंजाम देने वाले तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया है, जिनको कल कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस बाबत जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी जसविंदर सिंह व बूटा सिंह ने बताया कि गत 14-15 जुलाई की रात को बीवी वाला रोड़ स्थित अशोक कुमार की साउंड की दुकान से कुछ अज्ञात लोगों ने दुकान का ताला तोड़कर सामान चुरा लिया था। पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी थी।
जांच के दौरान पुलिस को खुफिया सूचना मिली कि इस वारदात में दुकान पर काम करने वाले भोला सिंह पुत्र कुलवंत सिंह निवासी जींदा, संदीप सिंह व काम से हटा दिए गए सुखदीप सिंह का हाथ है। पुलिस ने जब इन तीनों से पुछताछ की तो मामला बिल्कुल साफ हो गया। इन्होंने कथित तौर पर अपना जुर्म कबूलते हुए पुलिस को गांव चक्क बख्तू में रहते अपने रिश्तेदार के घर से चोरी किया पूरा सामान बरामद करवाया, जिसकी कीमत करीबन पांच लाख रुपए आंकी जा रही है।
आधी पढ़ाई देश में, बाकी विदेश में : बावा
बठिंडा। लवली यूनिवर्सिटी छात्रों के लिए ट्विनिंग कार्यक्रम व अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर के कोर्स करवा रही है, जिसमें छात्रों को कोर्स का आधा हिस्सा हिंदूस्तान में व बाकी का कोर्स विदेश में पूरा करने की सुविधा मुहैया करवाई जा रही है। डिग्री विदेशी यूनिवर्सिटी की मिलेगी, यह बात लवली फैक्लटी ऑफ एजूकेशन की डीन डा. एसके बावा ने एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही। श्रीमति बावा ने बताया कि छात्रों को यूएस में चार हफ्तों व सिंगापुर में सात हफ्तों की यात्रा पर ले जाया जाएगा, ताकि उनको वहां के उद्योगों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जा सके। ट्विनिंग कार्यक्रम पढ़ना विदेशी यूनिवर्सिटी में आधे खर्च में पढ़ने जैसा है। इन कोर्सों में भाग लेने वाले छात्रों को दोनों उद्योग के बारे में समझने का मौका मिलेगा। श्रीमति बावा ने बताया कि उक्त यूनिवर्सिटी द्वारा 150 से अधिक कोर्स करवाए जा रहे हैं।
आमदन अठन्नी, खर्च रुपया
आमदन अठन्नी, खर्च रुपया के कारण नगर निगम की आर्थिक स्थिति बेहद बुरी होती जा रही है। नौबत यहां तक आ गई है कि जमीन बेचकर शहर में विकास कार्य करने की योजना बनाई जा रही है। आखिर ऐसे सरकारी जमीन बेचकर कब तक नगर निगम अपनी आर्थिक स्थिति को जग जाहिर होने से बचा रहेगा। अगर निगम निगम आर्थिक मंदी से उभरना चाहता है तो उसको कारगार योजनाएं बनानी होंगी, जो फाइलों की परतों में दबकर न बैठी रहें। कल जनरल हाऊस की मीटिंग के दौरान सॉलिड वेस्ट विकास का मुद्दा सिर्फ इसलिए दबकर रह गया, क्योंकि निगम इसको मुकम्मल करने के लिए जमीन बेचकर धन जुटाने की बात कर रहा था, जिसका कुछ पार्षदों ने विरोध कर दिया। विरोध पूरी तरह जायजा भी है, जायादाद बेचकर घर चलाने से बेहतर है कि आमदनी के रिसोर्स पैदा किए जाएं। अगर नगर निगम के पास कोई अर्थ शास्त्री नहीं तो शहर में से किसी भी अर्थ शास्त्री से आमदन बढ़ाने के लिए कोई भी ठोस मंत्र लिए जा सकते हैं। इतना ही नहीं, अन्य विकासशील निगमों से प्रेरणा ली जा सकती है। जैसे कल जनरल हाउस की मीटिंग के दौरान कुछ पार्षदों ने कहा कि लुधियाना के पार्षद बड़े गर्व से कहते हैं कि उनके वार्डों में चार करोड़ रुपए लगे हैं, तीन करोड़ लगे हैं। लेकिन शायद बठिंडा के नगर निगम में ऐसा कोई पार्षद नहीं जो सीना ठोक कर कह सके कि उसने विकास कार्यों के लिए लाखों रुपए खर्च किए हैं। नगर निगम को अन्य विकासशील निगमों का अध्यन करना चाहिए। जब खुद को कुछ समझ न पड़ रहा हो तो पड़ोसी को देखकर कुछ बेहतर करने का विचार किया जा सकता है। अभी कल ही कोलकाता नगर निगम ने शहर में पातलू कुत्ते रखने के लिए लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है, जिससे नगर निगम की आदमनी में इजाफा होगा। यहां बठिंडा नगर निगम कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण विकास कार्य न करने में असमर्थता जता रहा था, वहीं कोलकाता लावारिस कुत्तों की बढ़ रही जनसंख्या को रोकने के लिए व अपनी आमदनी में इजाफा करने पर विचार कर रहा था। शहर के पॉश इलाकों में ऐसा कोई घर नहीं होगा, यहां महंगे महंगे पालतू कुत्ते न हो, जिनकी खुराक पर हजारों रुपए महीने भर में खर्च कर दिए जाते हैं। वो लोग अपने इन पालतू जानवरों को सुरक्षित रखने के लिए लाइसेंस व्यवस्था जैसी व्यवस्था को कभी भी नहीं गंवाएंगे, लेकिन इसके लिए नगर निगम को पहले जागरूकता अभियान चलाना होगा। आर्थिक मंदी से उभरने का एक बढ़िया तरीका पार्षदों ने भी तो पेश किया था कि सरकार से आर्थिक सहायता मांगी जाए, लेकिन सवाल उठता है बिल्ली के गले में घंटी बांधे कौन? सोचने वाली बात है कि सत्ता में कौन है? और नगर निगम के शीर्षपदों पर कौन हैं? स्थानीय किसी भी नेता में दम नहीं कि अपनी ही सरकार के विरुद्ध दो शब्द कह सके, क्योंकि सब कुछ तो उनके रहमोकर्म से चल रहा है। हालांकि कोई भी सरकार इन लोगों के बिना अधूरी है, अधूरी ही नहीं बल्कि सरकार का अस्तित्व नहीं। जनता, उनके प्रतिनिधियों ने अपने दायित्व को समझ लिया, तब सत्ता के नशे में चूर लोगों को हकीकत का आईना नजर आ जाएगा, लेकिन जब तक जनता व उसके प्रतिनिधि सोए हुए हैं, तब तक सत्ता में बैठे लोग चम्म की जूतियां चलाएंगे, और आम आमदनी सिर्फ नगर निगम व नगर पालिकाओं द्वारा रोए जाने वाले आर्थिक मंदी के रोने को सुनकर फिर से अपने कार्य में मस्त हो जाएगा, जो उसकी आजीविका से जुड़ा हुआ है, जो उसकी दिनचर्या का हिस्सा है। इतना ही नहीं, लोगों की तरफ खड़े अपने करोड़ों को नगर निगम वसूल कर पाने में असमर्थ है। अगर निगम लोगों से अपना पैसा वसूल के लिए कारगार योजनाएं ईजाद कर ले तो हो सकता है कि वेंटीलेटर का सहारा ले रहा नगर निगम एक बार फिर से प्राकृतिक हवा का आनंद मान सके। इसके अलावा अगर नगर निगम नक्शे पास करवाने की व्यवस्था को सुचारू व सरल ढंग से चलाए तो लोग पतली गली से होने की बजाय निगम की तरफ सीधे रुख करेंगे, लेकिन इसके लिए नगर निगम लालफीता शाही मुक्त, रिश्वतखोरी मुक्त सिस्टम स्थापित करना होगा। अब तो नगर निगम में सुविधा केंद्र का निर्माण भी किया जा रहा है, लेकिन सवाल फिर वो ही उठता है कि सुविधा केंद्र लोगों को सुविधाएं दे पाएंगा या फिर सरकारी दफ्तरों की तरह असुविधाओं के जननी बनकर रह जाएगा।
प्रशासकीय अधिकारी लोगों की समस्या पहल के आधार पर हल करेः बादल
बठिंडा। सांसद हरसिमरत कौर बादल ने बठिंडा के एक दर्जन गांवों का दौरा किया, इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्या सुनी व इन्हें हल करने के लिए अधिकारियो को निर्देश दिएं। श्रीमति बादल ने प्रशासकीय अधिकारियों को हिदायते जारी की कि वह लोगों की शिकायतों को पहल के आधार पर सुने व इसमें किसी तरह की कोताही न बरते। उन्होंने कहा कि केंद्रीय निधि से मिले दो करोड़ रुपये खर्च करने के इलावा बठिंडा जिले में राज्य की बादल सरकार की तरफ से जारी २५ करोड़ रुपये की राशि भी खर्च की गई है। उन्होंने कहा कि जिले के शहरों व गांवों का बराबर विकास किया जाएगा इसके लिए फंड की कमी आडे़ नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह लोकसभा क्षेत्र में कोशिश करती है कि हर गांव का दौरा कर उनकी समस्याओं को सुने व उसका हल निकाला जाए। लेकिन एक दौरे में यह संभव नहीं हो पाता है। जिले में ५५० गांव के साथ मंडिया, कसबे व शहर मिलाकर आठ सौ क्षेत्र पड़ते हैं। इस तरह हर गांव में जाने में काफी समय लग जाता है। कई गांवों को शिकायत रहती है कि उनके क्षेत्र में वह नहीं आ रही है लेकिन उनकी तरफ से कोशिश रहती है कि वह हर गांव में जाकर लोगों की समस्या सुने व उन्हे पहल के आधार पर हल करवाने का प्रयास करे। भुच्चो इलाके में एक साल के अंदर तीन करोड़ रुपये के फंड विकास कार्यों के लिए जारी किया गया है, आज संगत दर्शन के दौरान भी ६० लाख रुपये की अतिरिक्त ग्रांट इलाके के लिए जारी की गई।
उन्होंने बताया कि जिले में दूषित पानी की समस्या के हल के लिए हर गांव में आरो सिस्टम लगाने का काम चल रहा है। इसमें कई गांवों को कवर किया जा चुका है व जल्द ही रहते गांवों में भी लोगों को स्वच्छ पेयजल मिलना शुरू हो जाएगा। जिन गांवों में पानी की टैंकियां नहीं है वहां दस प्रतिशत हिस्सा डालकर अनूसूचित जाति के चार सौ रुपये व जरनल वर्ग के आठ सौ रुपये प्रति घर जमा कर पानी की टैंकी बनवाने में अपना सहयोग दे। जिन लोगों की जायज पैंशन आज तक नहीं लगी है उन्हें भी पहल के आधार पर पेंशन जारी की जाएगी। इस दौरान उन्होंने बरसात के दौरान विभिन्न स्कूलों व सार्वजनिक स्थानों में पौधे लगाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया। इस दौरान श्रीमति बादल के साथ डीसी गुरकृतकृपाल सिंह, एसएसपी सुखचैन सिंह, एसडीएम केपीएस माही भी मौजूद रहे।
दो माह में दस बार उड़ चुका है बिजली निगम का ट्रांसफार्मर
-लोगों की समस्या की तरफ नहीं दी जा रहा है कोई ध्यान
-ट्रांसफार्मर पर पड़ रहा है अतिरिक्त बोझ, कई बार दो दिन बाद भी उड़ जाती है बिजली
बठिंडा। लाईन पार क्षेत्र में स्थिति परसराम नगर गली नंबर दस केञ् पास स्थित बिजली का ट्रांसफार्मर लोगों केञ् लिए परेशानी का सबब बन रहा है। वर्तमान में हालात यह है कि पिछले दो माह में दस बार ट्रांफफार्मर उड़ चुका है जिससे लोगों को कई घंटों तक बिना बिजली के गुजर करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस ट्रांसफार्मर को पिछले कई साल से तबदील नहीं किया गया है जो दस साल पहले दिए लोड़ के हिसाब से बना हुआ है। वर्तमान में इस समय सीमा में इसमें कई गुणा लोड अतिरिक्त बढ़ गया है जिससे थोड़ा सा लोड़ पड़ते ही ट्रांसफार्मर उड़ जाता है। कई बार तो स्थिति ऐसी होती है कि रिपेयर करने के दो दिन बाद फिर से वही स्थिति में पहुंच जाता है। इस कंडम हो चुके ट्रांसफार्मर ने लोगों को तो परेशान कर ही रखा है साथ ही बिजली कर्मचारी भी इसे हर दो दिन बाद ठीक कर उक्त चुके हैं। इस बाबत स्थानीय लोगों की तरफ से बिजली निगम के अधिकारियों को कई बार लिखित तौर पर आवेदन कर इस समस्या से निजात दिलवाने की मांग की जा चुकी है लेकिन आला अधिकारी इसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जानकारी अनुसार परसराम नगर स्थित इस ट्रांसफार्मर को लेकर कांग्रेस शहरी प्रेस सचिव रतन राही का कहना है कि गर्मियों में दिन का तापमान जहां ४५ डिग्री से ऊपर पहुंच रहा है वही बिजली निगम की तरफ से लगाया गया उक्त ट्रांसफार्मर किसी भी समय खराब हो जाता है, जिससे दस घंटे तक बिजली गुल रहती है। इसमें ट्रांसफार्मर खराब होने की सूचना बिजली निगम के अधिकारियों को कई बार लिखित तौर पर की जाती है लेकिन इसमें कई बार फोन करने के बादल भी कर्मचारी लापरवाही करते हैं। इस दौरान बुजुर्ग लोगों के साथ बच्चों को जानलेवा गर्मी में बेहाल होना पड़ता है। स्थानीय वासी रोकी, रवि कुमार, दिपक कुमार दीपू ने कहा कि अगर बिजली निगम ने पेश आ रही समस्या को जल्द हल नहीं किया तो मजबूरन उन्हें निगम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होना पडे़गा। इस बाबत किसी भी तरह की जिम्मेवारी बिजली निगम की होगी। एसडीओ अतिरिक्त कार्यभार अजय कुमार सेक्सेना का कहना है कि इस बाबत शिकायत मिलने के बाद ट्रांसफार्मर का मुआयना किया गया है, इसमें जरूरत पड़ने पर इसे तबदील किया जाएगा। फिलहाल फिल्ड रिपोर्ट आने के बाद इसमें बनती कार्रवाई की जाएगी।
निगम बैठक में किया विपक्ष ने हंगामा
बठिंडा। नगर निगम सदन की आम बैठक में पार्षदों की सुनवाई न होने केञ् विरोध में कांग्रेसी व भाजपा पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। पहले कांग्रेसी पार्षदों ने जनरल हाउस की मीटिंग का यह कहकर बायकाट कर दिया कि अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं करते हैं। कांग्रेसी वर्कञ्र निष्पक्ष सुनवाई की मांग करते हुए अपनी सीटों से उठकर कमिश्नर, मेयर व सीनियर डिप्टी मेयर के समक्ष चटाई पर बैठ गए और फिर नारेबाजी करते हुए बाहर निकल गए। इसके बाद दूसरी बार मीटिंग में माहौल उस समय फिर गर्म हो गया, जब भाजपा के पार्षद
कृष्ण कुमर ने कमिश्नर को कुञ्छ एतराज जनक शब्द कह डाले। पार्षद के ऐसे रवैया को देखते हुए कुञ्छ अन्य पार्षद गुस्से में लाल पीले हो गए, और मुख्य टेबल के पास पहुंच गए। मामला हाथोपाई तक पहुंच गया था। इसके अलावा मीटिंग हाल में लगाए हुए मायक भी दुरुस्त न होने के कारण पार्षदों ने हल्ला मचाया। इस बारे में पार्षदों का कहना था कि पिछले दो साल से इन मायकों को ठीक नहीं करवाया गया, जिसके कारण उनको बहुत दिक्कतें पेश आती हैं।
निगम बैठक में हड्डारोडी तबदील करने को मिली हरिझंडी
रिक्शा भाड़ा बढ़ाने को दी हरि झंडी
बठिंडा। नगर निगम जनरल हाऊस की बैठक में हंगामे केञ् बावजूद कुञ्छ महत्वपूर्ण फैसलों को स्वीकृति दी गई। इसमें डबवाली रोड पर बनी हड्डारोड़ी को रिहायशी इलाके से तबदील करने का सर्वसम्मति से फैसला लिया गया। हालांकि कुछ मामलों को खुली चर्चा करने के बाद पारित करने पर सहमति बनी। इस बैठक की अध्यक्षता नगर निगम मेयर बलजीत सिंह बीड़ बह्मिण, नगर निगम कमिश्नर रवि भगत व सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम गोयल ने की।
बैठक के दौरान बढ़ती महंगाई को देखते हुए रिक्शा किराये बढ़ाने, नगर निगम वाहनों के सरकारी इस्तेमाल का तेल व सर्विस खर्च वसूलने, डबवाली रोड़ स्थित हड्डा रोड़ी को किसी अन्य जगह शिफ्ट करने जैसे अहम फैसलों को सर्वसम्मति के साथ पास किया गया। इसके अलावा सीएलयू चार्ज से जुडऩे, मॉडर्न म्यूनिसिपल बिल्डिंग बायलाज -२०१० अडॉप्ट करने संबंधी, सॉलिड वेस्ट के विकास के लिए धन एकत्र करने हेतु स्थानीय हाजी रतन रोड़ पर स्थित नगर निगम की जमीन को बेचने संबंधी मामलों को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया है।
इस दौरान सीएलयू चार्ज के मामले ने काफी तूल पकड़ा। बैठक में उपस्थित पार्षदों ने कहा कि सीएलयू चार्ज का अधिकार स्थानीय स्तर पर होना चाहिए, न कि सरकार के पास क्योंकि ऐसे में नगर निगम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सीएलयू चार्ज के दायरे में करीब १५ फीस मार्ग आते हैं। इस दौरान कुछ पार्षदों ने कहा कि नियमों की धज्जियां उड़ाने वाली कुछ इमारतों को गिराने के हुकम देने का अधिकार नगर निगम के पास होना चाहिए। इसके अलावा इससे जुड़ा एक और मामला भी उठाया गया, जिसमें सरकार की कार्यवाई को काफी पेचींदा ठहराते हुए कहा कि अगर अंतिम फैसला नगर निगम की जनरल हाऊस मीटिंग में ही लिया जाना है तो इसको ऊपर सरकार के पास भेजने का क्या औचित्य है।
मंहगाई में अब नशों के विकल्प की तलाश
बठिंडा। पंजाब के सीमावर्ती इलाको में नशे का कहर बढता जा रहा है दिन भी दिन ये आपने पैर पसार रहा है हेरोइन और कोकीन चरस अफीम जैसे नशे वहाब आसानी से मिल जाते है लकिन अब बाद रही महगाई से नशे करने वाले लोग इन नाशो से दूर होते जा रहे है अब नशेडी़ लोगो ने एक नया तरह किया नशा डूंडा है और वेह है साप का नशा इसमें नशेडी़ लोग साप से दांग मरवाने का नशा करते है और इसके लिए उन्हें महज ५० रूपये देने होते है और इसका नशा भी २४ घंटे तक रहता है इसके साथ साथ सपेरे भी खुश रहते है क्योंकि उनको आपनी आमदनी का एक और सदन मिल गया है जिससे उन्हें दिन में ३ से ४ लोग दांग मरवाने के मिल जाते है और जिन लोगो के पास ५० रूपये भी नहीं है वेह लोग बूट पालिश का नशा करते है जी हां बात सुनने में अजीब जरूर लगे लकिन ये सच है बूट पालिश का नशा सारे दिन में ८ घंटे तक रहता है ये लोग पालिश की डिब्बी लेकर उसको आपने गले पर ब्रुश से मरवाते है जिसके बाद दीरे दीरे उन्हें नशा होने लगता है अजय और सौरव के मुताबिक वेह ये नशा सस्ता होने के कारन करते है और ये पालिश की डिब्बी उनकी ३ से ४ दिन तक चाह्लती है उलेख्निये है की सर्कार की तरफ से नशा रोकने के लिए मुहीम चाहलाई जा रही है लकिन नशा करने वाले युवक आपना नशा करने का रास्ता दूंद लेते है और सर्कार की तरफ और पोलिसे प्रसाशन उनके सामने बेबस नज़र आते है
पांच दरिया वाली धरती पंजाब में तो भू-जल की स्थिति बेहद चिंताजनक
मुक्तसर, बठिंडा और लुधियाना में धरती के नीचे पानी में नाईट्रेट की मात्रा बेइंतहा
बठिंडा। पांच दरिया वाली धरती पंजाब में तो भू-जल की स्थिति बेहद चिंताजनक है। सूबे के तीन जिलों मुक्तसर, बठिंडा और लुधियाना में धरती के नीचे पानी में नाईट्रेट की मात्रा बेइंतहा बढ़ चुकी है। नाईट्रेट से जहरीले हुए पानी के इस्तेमाल से लोग कैंसर और अन्य घातक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। यह खुलासा बेंगलुरु के एक गैर-सरकारी संगठन 'ग्रीन पीस इंडिया' ने किया है।
पंजाब के तीनों जिलों के विभिन्न गांवों से पानी के नमूनों की जांच के आधार पर ग्रीन पीस द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक यह बात भी सामने आई कि इन जिलों में धरती के पानी में नाईट्रेट की खतरनाक मात्रा किसी कुदरती प्रकोप से नहीं बढ़ी है, बल्कि इसके लिए धरती-पुत्र (किसान) सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। जिन्होंने अपनी जमीनों में फसल की पैदावार बढ़ाने के लालच में रासायनिक खादों का अंधाधुंध इस्तेमाल किया। नतीजतन नाईट्रेट ने मिट्टी को अपना निशाना बनाने के साथ धरती के पानी को भी अपनी चपेट में ले लिया है। उल्लेखनीय है कि पंजाब की धरती का पानी पहले ही यूरेनियमयुक्त है। अब नाइट्रोजन की अधिकता और युरेनियम के प्रभाव के चलते प्रभावित जिलों में लोग कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार बन रहे हैं।
रिपोर्ट में लुधियाना, मुक्तसर व बठिंडा जिलों के खेतों में रासायनिक खादों की सबसे अधिक खपत होने की तस्दीक की गई है। यह परीक्षण करने के लिए लुधियाना और मुक्तसर में 18-18 और बठिंडा में 14 धान व गेहूं के खेतों से भू-जल के नमूने लिए गए। इस सर्वेक्षण में तीनों जिलों के 9 ब्लॉक और 18 गांव कवर किए गए। जांच से बाद जो नतीजा सामने आया, वह काफी भयावह था। मुख्यमंत्री के गृह जिले मुक्तसर के ब्लॉक गिदड़बाहा के गांव दोदा के नमूने में पानी में नाईट्रेट की मात्रा बहुत अधिक, सुरक्षित-निर्धारित मानक पांच मिलीग्राम प्रति लीटर से कहीं ज्यादा 94.3 पाई गई। बठिंडा जिला के सीमावर्ती गांव पथराला के भू-जल में भी नाईट्रेट की मात्रा 64.3 तक दर्ज की गई। जगरांव, लुधियाना व गिदड़बाहा के पानी के नमूनों में नाईट्रेट की उच्च उपस्थिति देखी गई। जबकि पायल, फूल, रायकोट, मलोट के क्षेत्रों में पानी के नमूनों में नाईट्रेट पाई गई। इन नमूनों की जांच में बठिंडा के गांव रायकेकलां से लिए 7 नमूनों में से तीन में नाईट्रेट की उच्च उपस्थिति 61.1, 59.6 व 53.2 दर्ज की गई। भू-जल के नमूने वाले कुल 18 गांवों में से 8 में नाईट्रेट की उपस्थिति उच्च मात्रा में पाई गई।
ग्रीन पीस इंडिया की कम्युनिकेशन अधिकारी प्रीति हरमन का कहना है कि किसानों द्वारा खेतों में रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग से भू-जल दूषित हुआ है। भूजल को पीने के लिए उपयोग करने के कारण नाईट्रेट मनुष्य के शरीर में जा रहा है। किसानों द्वारा अपनी फसलों की अधिक मात्रा में नाईट्रेट की तय दर 223 किलोग्राम प्रति हैक्टेअर से कहीं ज्यादा 322 किलो प्रति हैक्टेयर रासायनिक खादों का उपयोग किया गया। इतनी मात्रा में नाईट्रोजन सीधे तौर पर मनुष्य के स्वास्थ्य को प्रभावित करने में सक्षम है। खेतों में रासायनिक खादों का अत्यधिक उपयोग न केवल मिट्टी की उर्वरता को नष्ट कर खाद्य उत्पादन को प्रभावित करता है, बल्कि पेयजल को प्रदूषित कर लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। वैसे भी हरित क्रांति के बाद नाईट्रोजन के बढ़ते प्रकोप से मनुष्य अछूता नहीं है क्योंकि नाईट्रेटयुक्त फसलें ही मनुष्य के रोजाना के खानपान का हिस्सा हैं। वहीं रही सही कसर नाईट्रोजन से दूषित भू-जल पूरी कर रहा है। इससे कैंसर व अन्य गंभीर बीमारियां फैल रही हैं।
प्रीति हरमन का यह भी कहना है कि किसान तो अधिक फसल लेने के लालच में रासायनिक खाद का अधिक उपयोग करते हैं। जबकि सरकार इनके दुष्परिणामों से भली-भांति परिचित होने के बावजूद हर साल खाद पर सैकड़ों करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर बराबर की जिम्मेवार बनी हुई है। जिसके चलते रासायनिक खादें आम लोगों के लिए मौत का कारण बन रही हैं। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि रासायनिक खादों पर सालाना सैकड़ों करोड़ रुपये सब्सिडी के तौर पर खर्च करने की बजाए वह किसानों को आर्गेनिक खेती के प्रति उत्साहित करें ताकि खेती के जरिए जीवन के साथ खिलवाड़ को बंद किया जा सके।
खेती विरासत मिशन के कार्यकारी निदेशक व वरिष्ठ पर्यावरणविद उमिंदर दत्त भू-जल में नाईट्रोजन की अत्यधिक मात्रा को बड़ा संकट मानते हैं। उन्होंने कहा कि इन जिलों में दूषित भू-जल के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों ने अपना जाल बिछाया हुआ है। इस क्षेत्र के गांवों में एक-एक घर में कैंसर से पीड़ित एक से ज्यादा मरीज होना आम बात है। जबकि इससे पहले बड़ी संख्या में लोग कैंसर व अन्य नामुराद बीमारियों के कारण अपनी जिंदगी से हाथ धो चुके हैं। उमिंदर दत्त कहते हैं, 'वक्त रहते लोगों को भू-जल के दूषित प्रभाव से मुक्त करने के लिए सरकार को रासायनिक खादों की जगह ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देना चाहिए।' वह चेताते हैं कि अगर सरकार ने पानी में जहर व किसानों को फर्टिलाइजर्स के नुकसान के प्रति सचेत नहीं किया तो मालवा के घर-घर में अपनी जड़ें फैला रही कैंसर की नामुराद बीमारी एक दिन पूरे पंजाब को निगल जाएगी। रिपोर्ट में बठिंडा जिले के गांव जज्जल व ग्याना कैंसर के पिन-प्वाइंट बताए गए हैं। जिसके चलते इन गांवों में बहुत से परिवार कैंसर से तबाह हो चुके हैं।
हालात यह हैं कि राजस्थान के बीकानेर में कैंसर का इलाज कराने वाले मरीजों में ज्यादातर पंजाब के मालवा क्षेत्र के बठिंडा व मुक्तसर जिलों के हैं। यही नहीं, मालवा का कैंसर रेलवे पर भी छा गया है। अबोहर से बीकानेर वाया बठिंडा जाने वाली रेलगाड़ी 399 अप कैंसर ट्रेन के नाम से जानी जाने लगी है। एक अनुमान के मुताबिक एक महीने में सिर्फ बठिंडा स्टेशन से बीकानेर जाने वाले यात्रियों की संख्या लगभग 200 है। जबकि क्षेत्र के दूसरे शहरों के रेलवे स्टेशनों से बीकानेर जाने वाले मरीजों की गिनती इससे जुदा है। यह भी एक जमीनी सच है कि माली हालत खराब होने के कारण कैंसर से पीड़ित बहुत सारे लोग अपना पूरा इलाज करवाने से भी महरूम हैं। कैंसर की रोकथाम के लिए पंजाब सरकार द्वारा साल भर पहले बठिंडा के सिविल अस्पताल कांप्लैक्स में एक कैंसर अस्पताल का शिलान्यास भी किया गया था, लेकिन बात अभी तक उससे आगे नही बढ़ पाई।
आदेश मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (भुच्चो) के निदेशक प्रिंसिपल (लेफ्टिनेंट) डा जीपीआई सिंह कहते हैं कि भू-जल में नाईट्रेट ज्यादा होने से मनुष्य में कई तरह के कैंसर के अलावा बच्चों में ब्लू बेबी सिंड्रोम और गर्भवती महिलाओं में भी कई तरह की बीमारियां पैदा होने का खतरा रहता है। ग्रीन पीस इंडिया के सहयोग से जारी इस अभियान के तहत विदेशी वैज्ञानिक टिराडो ने भू-जल जांच के बारे में सार्वजनिक जानकारी देकर लोगों को सचेत किया। उन्होंने गांव पथराला के किसान गुरसेवक सिंह के खेत में ट्यूबवैल से पानी लेकर विशेष मशीन से मौके पर ही परीक्षण किया। यहां जांच के दौरान भू-जल में नाईट्रेट की मात्रा 58.2 मिलीग्राम प्रति लीटर पाई गई। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मानकों के अनुसार पानी में 5 ़2 मिलीग्राम प्रति लीटर तक नाईट्रेट की मौजूदगी स्वास्थ्य के अनुकूल मानी जाती है। उन्होंने बताया कि खेतों में किसानों द्वारा बेहिसाब रासायनिक खाद डालने के कारण नाईट्रेट अब भूमि को पार करके भू-जल में मिल गया है।
उल्लेखनीय है कि जब इसी जगह मार्च में भू-जल परीक्षण किया गया था तो उस समय नाईट्रेट की मात्रा 64.3 के करीब दर्ज की गई थी। टिराडो ने चिंता जताई कि भू-जल में नाईट्रेट की मात्रा अधिक होने से लोगों में कई तरह के कैंसर फैलने के अलावा बच्चों में ब्लू बेबी सिंड्रोम के लक्षण और गर्भवती महिलाओं में भी खतरनाक बिमारियों पनपने की आशंका रहती है। इस मौके पर मौजूद उमिंदर दत्त ने बताया कि ग्रीन पीस से पहले पंजाब सरकार के सहयोग से पीजीआई चंडीगढ़ ने भी कैंसर को लेकर एक सर्वेक्षण कराया था। उन्होंने राय जाहिर की कि टुकड़ों में बँटे अध्ययन से कुछ फायदा होने वाला नहीं है, अब जरूरत केन्द्र व पंजाब सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर योजना बनाने की है। वह बठिंडा में विशेष केन्द्र स्थापित कर पर्यावरण में पैदा हुए असंतुलन से लोगों की सेहत पर पड़ने वाले असर का पता लगाने पर जोर देते हैं।
उधर, सरकारी आंकड़ों के अनुसार ही गांव पथराला में साल 2001 से लेकर अब तक 13 लोग कैंसर का शिकार हो चुके हैं। गांव की डिस्पेंसरी में तैनात फार्मासिस्ट सुरेश शाद ने बताया कि कैंसर पीड़ितों में से छह रोगियों की मौत भी हो चुकी है। पीड़ितों में से छह को पेट, तीन को गले और बाकी को बच्चेदानी का कैंसर था। रासायनिक खादों के नुकसान से जागरूक हुए जैतो गांव के किसान गुरमेल सिंह ढिल्लों रासायनिक खाद त्यागकर अपनी चार एकड़ में से दो एकड़ जमीन पर पिछले छह साल से जैविक-खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जैविक खेती से उत्पन्न फसलें मनुष्य की सेहत के लिए हानिकारक भी नहीं हैं और इसकी फसल का बाजार में अच्छा मूल्य भी हासिल होता है।
गुरुवार, 15 जुलाई 2010
चर्चाओं में हैं मानव रूपी श्री हनुमान जी
भक्तों में है दर्शनों की चाह
बठिंडा : स्थानीय अमरपुरा बस्ती में अपने नाना के घर पहुंचे नवीपुरा के मानव रूपी श्री बालाजी को देखने के लिए श्री हनुमान भक्तों में काफी उत्साह पाया जा रहा है। शहर में जैसे जैसे उनके बारे में श्री हनुमान जी के भक्तों को सूचना मिल रही है, वो उनके दर्शनों के लिए वैसे वैसे उनके ननिहाल की तरफ रुख कर रहे हैं, कुछ भक्त तो उनको अपने निवास स्थान पर अमंत्रित कर रहे हैं, ताकि और ज्यादा लोग भी इस कुदरत के करिश्मे का दीदार कर सकें।
पैसा टका लेने से साफ इंकार करने वाले आठ वर्षीय श्री बालाजी का जन्म फतेहगढ़ साहिब से कुछ दूर स्थित गांव नवीपुरा में हुआ। संयोग देखो, गांव का नाम नबीपुरा, नबी का अर्थ ईश्वरीय दूत, हो सकता है कि श्री बाला जी के रूप में शायद ईश्वर ने कोई दूत ही भेजा हो।
श्री बालाजी की शारीरिक वेशभूषा बिल्कुल श्री हनुमान जैसी है, पीछे एक पूंछ, डौले पर भी एक अद्भुत निशान है, जिसको देखकर कोई भी चकित रहे जाए, टांगें व पांव कुदरती रूप से चौकड़ी मारने की अवस्था में हैं।
अमरपुरा निवासी उनके नाना संगीत विशेषज्ञ बाबू इकबाल कुरैशी बताते हैं कि श्री बाला जी डेढ़ साल की आयु में ही ऐसे भविष्यवाणियां करने लग गए थे कि देखकर हर कोई हैरत में पड़ जाता था। मामला इतना बढ़ गया था कि चंड़ीगढ़ में बड़े धर्म गुरूओं की बैठक बुलाई गई, जिसमें श्री बाला जी को बुलाया गया। श्री बाला जी को पैसे से कोई ज्यादा मोह नहीं, आज भी उनके जन्म स्थान पर साधारण सा मंदिर है, वो विशाल मंदिर बनाने की बात पर कहते हैं, साधारण सी बात है, मंदिर का अर्थ होता है मन अंदर।
बठिंडा की युविका बनी यूनि.टॉपर
स्थानीय वीर कालोनी की डा.युविका राजकुमार ने अपने व माता पिता के सपने को साकार करते हुए पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस रोहतक, हरियाणा में एमडीएस की परीक्षा में टॉप किया है, जो आजकल फिरोजपुर स्थित जेंट्स डेंटल कॉलेज में सीनियर रेजीडेंट एमडीएस के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
डा.युविका ने बताया कि उनके कॉलेज डीएवी डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के 18 विद्यार्थियों के अलावा अन्य दो कॉलेजों से भी दर्जनों विद्यार्थी थे, जिनको पीछे छोड़ते हुए उसने इस उपलब्धि को हासिल किया। इसके अलावा उनको कॉलेज प्रबंधन की ओर से बेस्ट पीजी स्टूडेंट का एवार्ड भी दिया गया है।
ज्ञात रहे कि डा.युविका के पिता डा. राजकुमार बाल रोगों के विशेषज्ञ हैं, जिनके आदर्शों पर चलते हुए डा.युविका ने अपने व अपने माता पिता के सपनों को हकीकत में बदलकर रख दिया। बेटी की इस उपलब्धि को लेकर उत्साहित श्रीमति अनिता राजकुमार कहती हैं कि डा.युविका का हमेशा ध्यान अपने लक्ष्य पर होता था, वो हर समय अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रयास करती थी। यही कारण है कि वो अपने लक्ष्य को पाने में सफल हुई है। वो इसको रिटर्न गिफ्ट मानती हैं, क्योंकि 15 जुलाई यानि आज डा.युविका जन्मदिन है।
गर्मी से एक की मौत
बठिंडा : मालवा के कुछ क्षेत्रों में जहां पानी कहर बरपा रहा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ क्षेत्रों में गर्मी इंसानों को निगल रहा है। इस गर्मी के कहर के कारण स्थानीय गोल डिग्गी के समीप स्थित एक टैक्सी स्टेंड पर एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना मिली है। सूत्र बताते हैं कि जगजीत सिंह पुत्र साधू सिंह निवासी रोमाना अचानक उक्त टैक्सी स्टेंड पर चक्कर खाकर गिर गया। जिसे सूचना मिलने पर उक्त संस्था के कार्यकर्ता उठाकर स्थानीय सिविल अस्पताल में इलाज के लिए ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने मेडिकल चेकअप के बाद मृत घोषित कर दिया। पुलिस कार्यवाई के बाद लाश को परिजनों के हवाले कर दिया गया, ज्ञात रहे कि मृतक पेशे से पेंटर था। इससे पहले भी शहर में गर्मी के कारण कई मौतें हो चुकी हैं।
आटा चक्की पर सोए व्यक्ति की हत्या
अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज, जांच शुरू
बठिंडा : संगत मंडी पुलिस थाने के अधीन पड़ते गांव चक्क रूलदू सिंह वाला में गत रात्रि कुछ अज्ञात लोगों ने सड़क पर सो रहे एक व्यक्ति पर हमला बोल उसको मौत के घाट उतार दिया। उधर, संगत पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए आगे की कार्यवाई शुरू कर दी है। सूत्र बताते हैं कि मृतक गुरलाल सिंह उर्फ बिल्लू (58) गांव के बीच स्थित अपनी आटा चक्की की रखवाली करने हेतु रोजमर्रा की तरह गली में सोने के लिए गए, लेकिन जब गांव वालों की निगाह चार पाई पर घायल अवस्था में पड़े गुरलाल पर पड़ी तो गांव वासी सकते में आ गया। इस घटना के बारे में संबंधित पुलिस थाने को सूचित किया, जिन्होंने मौके पर पहुंच घटनास्थल की जांच की और लाश को पोस्टमार्टम के लिए बठिंडा के सिविल अस्पताल में भेज दिया। प्रत्यक्षदर्शी सूत्र बताते हैं कि मृतक के सिर पर लगी चोट बताती है कि उस पर किसी तेजधार हथियार से हमला किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टि से हत्या का मामला लगता है। उधर, संगत मंडी पुलिस थाने के अधिकारियों का कहना है कि हत्या का मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
..खिड़की, बंद मत करना!
आध्यत्मिक लोग दुनिया को सराय कहते हैं, और विचारक इसको रंगमंच। दोनों ही अपने जगह बिल्कुल सही हैं, क्योंकि दोनों का अपना अपना नजरिया है। कारोबारी लोग इसको रिले ट्रेक भी कहते हैं, और कुछ बाजार भी। अगर खुले दिमाग से सोचा जाए, तो सब के सब सही नजर आएं, और वो हैं भी। एक बगीचे में तीन लोग सैर के लिए गए। जब वो बाहर आ रहे थे तो बगीचे के प्रवेश द्वार पर खड़े कर्मचारी ने एक एक से पूछा, आप ने बगीचे में क्या क्या देखा? सब ने उसको बताया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि उन तीनों ने जो देखा, वो अलग अलग था, जबकि वो गए तो एक साथ ही थे।
साहित्यकार की निगाह वहां खिले रहे पड़े पौधों पर गई, उद्यमी की निगाह इसको और बेहतर कैसे बनाए जाए पर गई और जबकि तीसरे व्यक्ति की निगाह वहां की निकम्मे प्रबंधन पर गई। जैसे हाथ की उंगली एक जैसी नहीं हो सकती, वैसे ही व्यक्तियों की सोच का एक होना मुश्किल है। एक आम बात जो हम सबके साथ घटित होती है। आप कुछ नया करने की सोच रहे हैं, उदाहरण के तौर पर कारोबार ही। जैसे आप इस बात को किसी के सामने रखोगे, वो पहले ही कह देगा मत करना, बहुत मुश्किल है। सामने वाले की पहली प्रतिक्रिया कुछ ऐसी ही होगी, सचमुच। अगर आप उससे पूछेंगे कि आसान क्या है, वो बता, तो उसके पास जवाब नहीं होगा, जबकि ज्यादातर लोग पूछते ही नहीं पलटकर। जो व्यक्ति कहता है, तुम यह मत करो, जोखिम है, उसको न तो खुद पर भरोसा है और न आप पर। वो असफलता से डरा हुआ है, जबकि असफलता नामक कोई चीज दुनिया में नहीं, जो लोग आज सफल हैं, और सफलता की शिखर की तरफ बढ़ रहे हैं, वो लोगों की परवाह नहीं करते, क्योंकि उनकी निगाह लक्ष्य पर है, न कि सड़क किनारे पड़े पत्थर पर। आप देखा होगा, जब कोई व्यक्ति नया नया साईकिल चलाना सीखता है, तो उसका साइकिल पूरी सड़क छोड़कर एक सड़क किनारे पड़े छोटे से पत्थर से जा टकराता है। पता है क्योंकि उसका ध्यान उस छोटे से पत्थर पर था, न कि दस फुट चौड़ी सड़क पर। वो व्यक्ति साइकिल सीखते समय कई दफा गिरता है, लेकिन साईकिल चलाना बंद नहीं करता, क्योंकि तब उसके जेहन में असफलता नहीं अनुभव घुसा होता है।
तब तक आपको कोई नहीं असफल कर सकता जब तक आप असफलता को अनुभव मानते हैं, जो एडिशन ने बल्ब बनाने के बाद कहा था, जब एडिशन से पूछा गया कि आप दस हजार बार असफल हुए, आपको कैसा लगता है, तो एडिशन का जवाब था, मैं कभी असफल नहीं हुआ, वो तो मेरे अनुभव थे, जिसके द्वारा मुझे पता चला कि इन दस हजार तरीकों से कभी भी बल्ब ईजाद नहीं किया जा सकता। इसलिए अगर सफलता की चोटी को चुंबन देना है, तो मुकाबला खुद से करना सीखो। जो कल किया है, आज उससे बेहतर करना सीखो। अगर दिल कभी हौसला हारने लगे तो बेसबॉल के उस खिलाड़ी की तरफ एक बार देख लेना, जो दस में से छह गेंदों को केवल टच कर पाता है। एक बार एक लड़का बेसबॉल का अभ्यास कर रहा था, उसने गेंद को अपने हाथों से कई दफा उछाला और खुद के बल्ले से ही टच करने की कोशिश की, वो गेंद को टच करने में विफल रहा।
वो हताश होकर बैठा, जब उसने शांत दिमाग से सोचा कि आखिर गेंद किसने उछाली थी? जवाब भीतर से मिला मैंने ही, तो उसके कहा कि अगर अच्छा शॉट नहीं लगा सकता, अच्छी गेंद तो फेंक सकता हूं। ऐसी हजारों उदाहरण हैं, जो हम को बताती हैं कि लकीर का फकीर बनने बेहतर है, अपने सही हुनर को पहचानो। हिन्दी फिल्म जगत के जाने माने फिल्म निर्माता निर्देशक सुभाष घई मुम्बई में हीरो बनने गया था, लेकिन किस्मत ने कहा, तुम हीरो खुद तो नहीं बन सकते, लेकिन हीरो ईजाद कर सकते हो। सुभाष घई ने हिन्दी फिल्म जगत को ऐसे चेहरे दिए, जो कई दशकों तक फिल्म जगत पर राज करते रहे। इसलिए कहता हूँ, दोस्तो सूर्य निकलते हैं, बस सोच घर की खिड़की बंद मत करना।
साहित्यकार की निगाह वहां खिले रहे पड़े पौधों पर गई, उद्यमी की निगाह इसको और बेहतर कैसे बनाए जाए पर गई और जबकि तीसरे व्यक्ति की निगाह वहां की निकम्मे प्रबंधन पर गई। जैसे हाथ की उंगली एक जैसी नहीं हो सकती, वैसे ही व्यक्तियों की सोच का एक होना मुश्किल है। एक आम बात जो हम सबके साथ घटित होती है। आप कुछ नया करने की सोच रहे हैं, उदाहरण के तौर पर कारोबार ही। जैसे आप इस बात को किसी के सामने रखोगे, वो पहले ही कह देगा मत करना, बहुत मुश्किल है। सामने वाले की पहली प्रतिक्रिया कुछ ऐसी ही होगी, सचमुच। अगर आप उससे पूछेंगे कि आसान क्या है, वो बता, तो उसके पास जवाब नहीं होगा, जबकि ज्यादातर लोग पूछते ही नहीं पलटकर। जो व्यक्ति कहता है, तुम यह मत करो, जोखिम है, उसको न तो खुद पर भरोसा है और न आप पर। वो असफलता से डरा हुआ है, जबकि असफलता नामक कोई चीज दुनिया में नहीं, जो लोग आज सफल हैं, और सफलता की शिखर की तरफ बढ़ रहे हैं, वो लोगों की परवाह नहीं करते, क्योंकि उनकी निगाह लक्ष्य पर है, न कि सड़क किनारे पड़े पत्थर पर। आप देखा होगा, जब कोई व्यक्ति नया नया साईकिल चलाना सीखता है, तो उसका साइकिल पूरी सड़क छोड़कर एक सड़क किनारे पड़े छोटे से पत्थर से जा टकराता है। पता है क्योंकि उसका ध्यान उस छोटे से पत्थर पर था, न कि दस फुट चौड़ी सड़क पर। वो व्यक्ति साइकिल सीखते समय कई दफा गिरता है, लेकिन साईकिल चलाना बंद नहीं करता, क्योंकि तब उसके जेहन में असफलता नहीं अनुभव घुसा होता है।
तब तक आपको कोई नहीं असफल कर सकता जब तक आप असफलता को अनुभव मानते हैं, जो एडिशन ने बल्ब बनाने के बाद कहा था, जब एडिशन से पूछा गया कि आप दस हजार बार असफल हुए, आपको कैसा लगता है, तो एडिशन का जवाब था, मैं कभी असफल नहीं हुआ, वो तो मेरे अनुभव थे, जिसके द्वारा मुझे पता चला कि इन दस हजार तरीकों से कभी भी बल्ब ईजाद नहीं किया जा सकता। इसलिए अगर सफलता की चोटी को चुंबन देना है, तो मुकाबला खुद से करना सीखो। जो कल किया है, आज उससे बेहतर करना सीखो। अगर दिल कभी हौसला हारने लगे तो बेसबॉल के उस खिलाड़ी की तरफ एक बार देख लेना, जो दस में से छह गेंदों को केवल टच कर पाता है। एक बार एक लड़का बेसबॉल का अभ्यास कर रहा था, उसने गेंद को अपने हाथों से कई दफा उछाला और खुद के बल्ले से ही टच करने की कोशिश की, वो गेंद को टच करने में विफल रहा।
वो हताश होकर बैठा, जब उसने शांत दिमाग से सोचा कि आखिर गेंद किसने उछाली थी? जवाब भीतर से मिला मैंने ही, तो उसके कहा कि अगर अच्छा शॉट नहीं लगा सकता, अच्छी गेंद तो फेंक सकता हूं। ऐसी हजारों उदाहरण हैं, जो हम को बताती हैं कि लकीर का फकीर बनने बेहतर है, अपने सही हुनर को पहचानो। हिन्दी फिल्म जगत के जाने माने फिल्म निर्माता निर्देशक सुभाष घई मुम्बई में हीरो बनने गया था, लेकिन किस्मत ने कहा, तुम हीरो खुद तो नहीं बन सकते, लेकिन हीरो ईजाद कर सकते हो। सुभाष घई ने हिन्दी फिल्म जगत को ऐसे चेहरे दिए, जो कई दशकों तक फिल्म जगत पर राज करते रहे। इसलिए कहता हूँ, दोस्तो सूर्य निकलते हैं, बस सोच घर की खिड़की बंद मत करना।
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