Wednesday, September 16, 2020

किलर कोरोना:कोराेना से 92 की मौत, 2709 नए मरीज 15 दिन में 1028 मौतें, 30 हजार संक्रमित, मृतकों का आंकड़ा 2500 पार

पंजाब में मंगलवार काे 92 मरीजाें की माैत हुई व 2709 नए मरीज मिले। दिन में 1815 मरीज डिस्चार्ज भी हुए। लुधियाना में 19 नई मौतों के बाद मृतकाें की संख्या 608 हाे गई है। जालंधर में 268 नए मरीज मिलने के बाद अब तक 10,121 संक्रमित हो चुके हैं। लुधियाना के बाद जालंधर दूसरा ऐसा जिला है जहां मरीज 10 हजार से ज्यादा हो गए हैं। सूबे में संक्रमित अब 85,622 हो गए हैं। इनमें 62,381 मरीज ठीक हो चुके है। 20,713 का इलाज चल रहा है। इनमें 481 मरीज ऑक्सीजन सपाेर्ट व 88 वेंटिलेटर पर हैं।


मृतकों का आंकड़ा 2528 पहुंच गया है।

कहां कितनी मौतें:

लुधियाना 19, जालंधर 12, अमृतसर 7, पटियाला 4 मोहाली 3, बठिंडा 2, संगरूर 5, गुरदासपुर 7, फिरोजपुर 7, होशियारपुर 7, कपूरथला 5, पठानकोट 1, फतेहगढ़ 4, बरनाला 1, रोपड़ 2, मुक्तसर 2, नवांशहर 2, तरनतारन 1, फरीदकोट 1।

सितंबर में हर दिन औसतन 68 की माैत व 2000 लोग संक्रमित हो रहे

हालात कितने खराब हैं इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सितंबर के 15 दिन में ही 1026 लोगों की मौत और 30,155 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 31 अगस्त को सूबे में कुल मरीज 55162 थे जबकि 1502 लोगों की मौत हुई थी। 15 सिंतबर को संक्रमितों का आंकड़ा 85,622 और मृतकों की संख्या 2528 पहुंच चुकी है। यानी पिछले 15 दिनों में हर रोज 68 लोगों की मौत और औसतन 2000 की मौत हो रही है। यहीं स्पीड रही तो 25 सितंबर तक एक लाख मरीज हाे जाएंगे।

इधर, देश में 90,417 नए मरीज, 1282 की मौत

देश में कोराेना मरीज 50 लाख पार हो गए हैं। मंगलवार को 90,417 नए मरीज मिले। कुल संक्रमित 50,05,963 हो गए। वहीं, 1282 नई मौताें के बाद अब तक 81,989 की जान जा चुकी है। मंगलवार को 80,502 मरीज ठीक भी हुए। अब तक 39 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं।


ऑक्सीजन ऑडिट:कोरोना एक्टिव केस 20 हजार, 2100 मरीजों को रुक-रुक कर ऑक्सीजन की जरूरत, 600 को रेगुलर; सिलेंडर डिमांड 5 गुना बढ़ी

 पंजाब में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय सूबे में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 20 हजार पार हो चुकी है। इसमें 2800 से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है। इनमें 2100 ऐसे मरीज हैं, जिन्हें इंटरमिटेंड ऑक्सीजन सपोर्ट यानी रुक-रुक कर ऑक्सीजन की सहायता और 569 को रेगुलर ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है। प्रदेश के पांच बड़े जिले जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला और बठिंडा के सिविल अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन सप्लाई और डिमांड की पड़ताल की तो पता चला कि इन सेंटरों में पहले की तुलना में ऑक्सीजन की डिमांड में 5 गुना का इजाफा हो गया है।





सिलेंडर की सबसे ज्यादा मांग पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में देखी गई। यहां पर पहले प्रतिदिन 100 सिलेंडर की खपत होती थी, जो बढ़कर 800 से 900 सिलेंडरों की हो गई है। वहीं, लुधियाना में पहले 300 सिलेंडर रोज लगते थे अब 1300 तक लग रहे हैं। दूसरी तरफ, ऑक्सीजन सपोर्ट वाले कोविड रोगियों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए पंजाब सरकार ने ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। जरूरत पड़ने पर पड़ोसी राज्य हिमाचल, हरियाणा और उत्तराखंड से सप्लाई होती है।

रोजाना 4000 सिलेंडरों की डिमांड, हम 1800 ही दे पा रहे: ऑक्सीजन सप्लायर

जालंधर, कपूरथला, नवांशहर आदि में ऑक्सीजन की सप्लाई देने वाले विकास हजूरिया और राजन गुप्ता कहते हैँ कि कोविड से पहले रोज हम 500 से 800 सिलेंडरों सप्लाई करते थे। अब डिमांड 4000 सिलेंडरों तक पहुंच गई है। फिलहाल केवल कोविड-19 का इलाज कर रहे सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ही सप्लाई दे रहे है।

पटियाला राजिंदरा हॉस्पिटल: खुद के प्लांट से पूर्ति नहीं, बाहर से ले रहे सप्लाई

पटियाला में राजिंदरा के कोविड केयर सेंटर में 225 मरीज भर्ती है, 144 ऑक्सीजन सपोर्ट व 4 वेंटिलेटर में हैं (14 सितंबर दोपहर 12 बजे तक)। यहां कोविड मरीजों के लिए एक ऑक्सीजन जनरेटर लगा हुआ है, जिसमें करीब रोजाना 60 सिलेंडर ऑक्सीजन जनरेट होती है। बाकी 900 से ज्यादा सिलेंडर की सप्लाई बाहर से हो रही है।

ऑक्सीजन सप्लाई पर सरकार के 3 कदम

1. सीएम ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि ऑक्सीजन की मौजूदा सप्लाई को बढ़ाने के लिए मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन राज्य के अंदर ही करें। पंजाब ऑक्सीजन की खरीद उत्तराखंड, हिमाचल और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से कर रहा है।

2. स्वास्थ्य विभाग ने अब तक पंजाब में ऑक्सीजन के निर्माण के लिए एक औद्योगिक ऑक्सीजन सप्लायर को लाइसेंस दिया है, जबकि छह पैकिंग ईकाइयों को मेडिकल प्रयोग के लिए ऑक्सीजन पैक करने की अनुमति दी गई है। राज्य में रोज 800 मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडरों के उत्पादन हो रहा है।

3. कोरोना मामलों में वृद्धि के चलते सरकार ने मेडिकल ऑक्सीजन की मांग और सप्लाई पर निगरानी रखने के लिए नोडल अफसर नियुक्त किए हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य में निर्माण और पैकिंग को और बढ़ाना यकीनी बनाए जाने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।


Monday, June 15, 2020

सीएम गहलोत का ऐलान / पड़ोसी राज्यों की मदद करेगा राजस्थान, दिल्ली-मप्र-यूपी-पंजाब-हरियाणा के 5 हजार सैंपल की रोज जांच होगी

  • दिल्ली ने जहां दूसरे राज्यों के मरीजों के इलाज से मना कर दिया था, वहीं राजस्थान आगे आया
  • दिल्ली के बाद कोरोना टेस्ट करने में दूसरे नंबर पर है राजस्थान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)जयपुर. काेराेना संकट के बीच जहां दिल्ली ने दूसरे राज्यों के मरीजों का इलाज करने से इनकार किया था, वहीं राजस्थान अपने पड़ोसी राज्यों के कोरोना मरीजों की जांच के लिए आगे आया है।
मुख्यमंत्री अशाेक गहलाेत ने ऐलान किया है कि महामारी के इस विकट समय में आवश्यकता होने पर पड़ोसी राज्य यूपी, दिल्ली, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और गुजरात रोज 5 हजार टेस्ट तक राजस्थान में करवा सकेंगे।
जिला अस्पतालों में पाइप लाइन से होगी ऑक्सीजन सप्लाई
सीएम ने यह भी ऐलान किया कि अब प्रदेश के सभी जिला अस्पतालाें में जुलाई अंत तक सिलेंडर के बजाय पाइप लाइन के जरिए मरीजाें काे ऑक्सीजन सप्लाई हाेगी। रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर काेराेना संक्रमण की समीक्षा काे लेकर उच्च स्तरीय बैठक में गहलाेत ने कहा कि कोरोना की शुरुआत में हमारी टेस्ट क्षमता शून्य थी, जो अब बढ़कर रोज 15 हजार से अधिक हो गई है।
ज्यादा से ज्यादा टेस्ट करने, गंभीर बीमारियों से पीड़ित हाई रिस्क वाले लोगों की निरंतर माॅनिटरिंग एवं लगातार स्क्रीनिंग के कारण कोरोना से हमारी रिकवरी रेट राष्ट्रीय औसत से बेहतर रही।
संक्रमितों की रिकवरी और टेस्टिंग में देश में दूसरे नंबर पर राजस्थान
कोरोना काल के दौरान राजस्थान की ओर से लिए गए कई फैसले देश भर में चर्चित रहे। जिसके नतीजे अब सामने आ रहे हैं। कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट में राजस्थान पंजाब के बाद देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है।
मरीजों की टेस्टिंग के मामलाें में भी दिल्ली के बाद दूसरे नंबर पर बना हुआ है। राजस्थान सोमवार को टेस्टिंग करने में छह लाख का आंकड़ा पार कर जाएगा, जबकि प्रदेश में कोरोना मरीजों की रिकवरी रेट 75% से अधिक पहुंच गई है।
काेराेना के योद्धाओं काे पुरस्कृत करने के लिए 25 कराेड़ रु. का अलग से फंड
काेराेना खत्म हाेने के बाद वॉरियर्स को पुरस्कृत करने के लिए 25 करोड़ रु. का अलग से फंड बनाया गया है। इसके अलावा इस जंग में शामिल हर सरकारी कर्मचारी, अधिकारी का 50 लाख रु. तक का बीमा कराया गया। इनमें संविदा कर्मी सहित अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं।
700 माेबाइल एंबुलेंसाें से प्रतिदिन अन्य बीमारियाें के 25 हजार मरीजाें का इलाज
काेराेना के बीच अन्य बीमारियाें के रोगी परेशान न हाें, इसके लिए 700 मोबाइल एंबुलेंस चलाईं। इनसे रोज 25 हजार मरीजों का इलाज हो रहा है। प्रदेश में हर आदमी की तीन से चार बार स्क्रीनिंग हुई। 13 जून को 26 हजार टीमों ने 33 लाख लोगों की स्क्रीनिंग कर रिकाॅर्ड बनाया। सीएम ने कहा- प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है। स्क्रीनिंग की व्यवस्था आगे भी जारी रखी जानी चाहिए।
54 लाख लोगों को दो माह तक फ्री में 5-5 किलो गेहूं उपलब्ध कराया जा रहा
प्रदेश में कोई भूखा न सोए, राज्य सरकार इसके लिए संकल्पबद्ध है। इसी के तहत भारत सरकार की एनएफएसए स्कीम से वंचित रहे 54 लाख लोगों के लिए गहलोत सरकार बाजार दर से 23 रु. में गेहूं खरीदकर 2 माह तक उन्हें 5-5 किलो गेहूं फ्री उपलब्ध करा रही है। लॉकडाउन में सरकार की ओर से सूखे राशन के करीब 38.69 लाख पैकेट प्रदेश भर में वितरित किए गए।
अस्थि विसर्जन के लिए स्पेशल बसें
लॉकडाउन में लोग परिजनों का निधन होने पर अस्थि विसर्जन के लिए नहीं जा पा रहे थे। सीएम की पहल पर मोक्ष कलश निशुल्क बस सेवा शुरू हुई। ताकि वे अस्थियां विसर्जित कर सकें। इस सेवा से लोगों को भावनात्मक संबल मिला।

पाकिस्तान फिर सैन्य शासन की ओर? / पूर्व डिप्लोमैट बोले- महामारी पर इमरान की नाकामी से फौज नाखुश, मार्शल लॉ का ऐलान ही बाकी

  • वाजिद शम्स-उल हसन पाकिस्तान के पूर्व डिप्लोमैट और वर्तमान में पत्रकार हैं, कई अखबारों में कॉलम लिखते हैं
  • वाजिद के मुताबिक, इमरान सरकार के तमाम बड़े ओहदों पर फिलहाल, फौज के बड़े अफसरों की तैनाती है

पीकेएस न्यूज

Jun 15, 2020, 11:41 AM IST
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में महामारी तेजी से पैर पसार रही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 लाख 42 हजार संक्रमित हैं। 2 हजार 663 की मौत हो चुकी है। इमरान खान सरकार महामारी रोकने में नाकाम साबित हुई है। देश के पूर्व डिप्लोमैट वाजिद शम्स उल हसन के मुताबिक, सरकार की नाकामी से फौज सख्त नाखुश है। तमाम बड़े ओहदों पर फौज के बड़े अफसरों की तैनाती की जा चुकी है। देश में मार्शल लॉ यानी सैन्य शासन की औपचारिक घोषणा बाकी है। 
प्रशासन के पदों पर लेफ्टिनेंट जनरल
वाजिद डिप्लोमैसी से पत्रकारिता में आए हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “फौज महामारी रोकने में सरकार की नाकामी से सख्त नाखुश है। इसलिए सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के तमाम बड़े ओहदों पर 12 से ज्यादा लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अफसरों की तैनाती या तो हो चुकी है, या फिर की जा रही है। हालांकि, अब तक औपचारिक तौर पर मार्शल लॉ का ऐलान नहीं किया गया है। सरकारी एयरलाइंस पीआईए, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ जैसे सबसे बड़े महकमों के प्रमुख फौजी अफसर हैं। यह सब दो महीनों में हुआ है।”
इमरान को कुछ नहीं पता
वाजिद के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान को महामारी से निपटने के मामले में कुछ नहीं पता। हसन कहते हैं, “सिंध प्रांत की सरकार ने लॉकडाउन की मांग की। इमरान ने इसका विरोध किया। हालात बिगड़े तो प्रधानमंत्री स्मार्ट लॉकडाउन की बात करने लगे। अब देखिए मुल्क कहां पहुंच गया है। सरकारी आंकड़ों को ही देख लें। मरने वालों का आंकड़ा 3 हजार के करीब है। संक्रमित भी एक लाख 30 हजार के आसपास हो चुके हैं।” 
डब्ल्यूएचओ की भी नहीं सुनते
पाकिस्तान में महामारी के खतरे को लेकर हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी जारी की थी। संगठन ने कहा था- पाकिस्तान में हालात बहुत बदतर हो सकते हैं। वहां सरकार को फौरन सख्त लॉकडाउन घोषित करना चाहिए। वाजिद कहते हैं- इमरान देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब बता रहे हैं। वो कहते हैं कि अगर लॉकडाउन किया तो लोग भूखे मर जाएंगे। मार्च से यही राग अलापा जा रहा है। जबकि, डब्ल्यूएचओ कह रहा है कि पाकिस्तान ऐसी स्थिति में नहीं है कि कोई शर्त थोप सके। देश की डॉक्टरों की बात भी नहीं मानी जा रही। 
ऐसे चल रही है सरकार
वाजिद कहते हैं- इमरान सरकार कई छोटे दलों के भरोसे चल रही है। यह पार्टियां वास्तव में सेना के इशारे पर चलती हैं। पाकिस्तान में अगर कोई ताकतवर है तो वह फौज है। इमरान हर मोर्चे पर नाकाम रहे हैं। वे कहते हैं कि अगर लॉकडाउन लगाया तो मुल्क दिवालिया हो जाएगा। हालांकि, सेना का रोल नया नहीं माना जाना चाहिए। पाकिस्तान में शुरू से ही यह होता रहा है। पहले भी सरकारें ऐसे ही चली हैं।
पाकिस्तान में सैन्य शासकों की तानाशाही
भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही साल 1947 में आजाद हुए। एक ओर जहां भारत में लोकतंत्र फलता-फुलता रहा, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में सैन्य शासकों की तानाशाही बढ़ती रही। पाकिस्तान के 77 साल के इतिहास में आधे से ज्यादा समय तक सैन्य शासन ही रहा है। आजादी के नौ साल के बाद ही पाकिस्तानी जनरल मोहम्मद अयूब खान ने तत्कालिन राष्ट्रपति इसकंदर मिर्जा का तख्ता पलट दिया था।  
सैन्य शासक (जो राष्ट्रपति बन गए)कार्यकाल
अयूब खान1958-69
याह्ना खान1969-71
जिया उल हक1977-88
परवेज मुशर्रफ2001-08

Thursday, March 5, 2020

हादसा / सीमेंट से ओवरलोड ट्रक रेलवे ट्रैक पर फंसा, 2 घंटे रुकी रही डीएमयू व जींद एक्सप्रेस

  • रामपुरा फूल के ट्रक चालक को गिरफ्तार कर रेलवे एक्ट की धारा 160/2 174बी के तहत केस दर्ज किया आरपीएफ ने


मोगा. मोगा में बुधवार को सीमेंट से भरा एक ट्रक रेलवे ट्रैक पर फंस गया। इसके चलते खुले फाटक का पाइप टूट गया। इस दौरान से लुधियाना से फिरोजपुर जाने वाली डीएमयू और फिरोजपुर से लुधियाना जाने वाली जींद एक्सप्रेस गाड़ियों को फाटकों के पास रोक दिया गया, जो दो घंटे वहीं अटकी रहीं। रेलवे कर्मियों ने लोगों की मदद से 2 घंटे के मशक्कत के बाद ट्रक को ट्रैक से हटाया तो रेल मार्ग चालू हो सका। उधर,आरपीएफ ने लापरवाही बरतने के आरोप में ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
आरपीएफ के हवलदार प्रमजीत सिंह ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे उन्हें बरनाला रोड पर स्थित बुग्गीपुरा बाईपास के रेलवे ट्रैक पर सीमेंट से भरा ट्रक फंस जाने की सूचना मिली। विभागीय मुलाजिम घटनास्थल पर पहुंचे तो पता चला कि बरनाला की तरफ से आ रहा सीमेंट से ओवरलोडेड ट्रक ट्रैक में बुरी तरफ फंस गया और ट्रक तिरछा होकर रेलवे फाटकों से टकरा गया। इससे खुले फाटक का पाइप टूट गया।
इस दौरान से लुधियाना से फिरोजपुर जाने वाली डीएमयू और फिरोजपुर से लुधियाना जाने वाली जींद एक्सप्रेस गाड़ियों को फाटकों के पास रोक दिया गया, जो दो घंटे वहीं अटकी रहीं। इस दौरान रेलवे कर्मियों ने लोगों की मदद से 2 घंटे के मशक्कत के बाद ट्रक को ट्रैक से हटाया तो रेल मार्ग चालू हो सका।
 
रेलवे पुलिस ने ट्रक चालक को किया गिरफ्तार
आरपीएफ के हवलदार प्रमजीत सिंह ने बताया कि लापरवाही बरतने वाले आरोपी ट्रक चालक भगवंत सिंह निवासी रामपुरा फूल को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ रेलवे एक्ट की धारा 160/2 174बी के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं, फाटक पर ट्रक के फंसे होने से फाटक के दोनों तरफ ट्रैफिक भी जाम हो गया।

निर्भया के दुष्कर्मियों का चौथा डेथ वॉरंट / चारों दोषियों की मौत की नई तारीख: 20 मार्च, वक्त: सुबह 5:30 बजे, जगह: तिहाड़ जेल

  • इससे पहले तीन बार 22 जनवरी, 1 फरवरी और 3 मार्च के लिए डेथ वॉरंट जारी किया गया था, लेकिन फांसी नहीं हो पाई
  • दोषी पवन की दया याचिका राष्ट्रपति ने बुधवार को खारिज कर दी, तीन दोषियों मुकेश, विनय और अक्षय के पास अब कोई विकल्प नहीं


नई दिल्ली. निर्भया के चारों दोषियों की फांसी की नई तारीख तय हो गई है। दिल्ली कोर्ट ने चारों को 20 मार्च की सुबह 5:30 बजे फांसी देने के आदेश दिए हैं। इससे पहले कानूनी पैंतरे चलकर दो महीने से फांसी से बच रहे निर्भया केस के चारों दोषियों के सभी कानूनी विकल्प अब खत्म हो चुके हैं। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज की थी। इसके बाद दिल्ली सरकार नया डेथ वारंट जारी करवाने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची थी। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों को नोटिस जारी कर गुरुवार तक जवाब मांगा था। 
अदालत के फैसले के बाद निर्भया की मां ने कहा- मुझे उम्मीद है कि यह आखिरी तारीख होगी और दोषियों को 20 मार्च को फांसी दे दी जाएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को क्यूरेटिव पिटीशन खारिज होने के तुरंत बाद पवन ने राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। इसी आधार पर ट्रायल कोर्ट ने दोषियों की फांसी तीसरी बार टाल दी थी।
बेंच ने कहा था कि सजा पर पुनर्विचार का सवाल नहीं उठता
दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज करते हुए जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने कहा था कि सजा पर पुनर्विचार करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। इससे पहले राष्ट्रपति निर्भया मामले में तीन अन्य दोषियों अक्षय, विनय और मुकेश की दया याचिका पहले ही खारिज कर चुके हैं।
तीन बार खारिज हो चुका है डेथ वॉरंट
  • पहली बार- 22 जनवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन टल गई।
  • दूसरी बार- 1 फरवरी को फांसी देने का डेथ वॉरंट जारी किया गया, लेकिन फांसी नहीं हुई।
  • तीसरी बार- 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी होनी थी, लेकिन दोषी पवन के पास कानूनी विकल्प बचे होने के चलते फांसी टली।
16 दिसंबर 2012: 6 दोषियों ने निर्भया से दरिंदगी की थी
दिल्ली में पैरामेडिकल छात्रा से 16 दिसंबर, 2012 की रात 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी। घटना के 9 महीने बाद यानी सितंबर 2013 में निचली अदालत ने 5 दोषियों राम सिंह, पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा बरकरार रखी थी। ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।

Wednesday, March 4, 2020

कोरोना वायरस को लेकर सेहत विभाग अलर्ट मोड पर, नोडल अधिकारी तीन दिन की छुट्टी पर



  • अतिरिक्त कार्यभार देखने वाले डाक्टर के पास है दूसरी जिम्मेवारी, डीसी ने कहा बीमारी को लेकर सभी प्रबंध पूरे करे
  • प्राइवेट अस्पतालों के साथ एम्स में भी विकल्प के तौर पर विशेष वार्ड बनाकर रखे जाने की हिदायतें 

बठिंडा. कोरोना वायरस को लेकर एक तरफ जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ काम करने का दावा कर रहा है वही इस दूसरी तरफ स्थिति यह है कि इस बाबत सिविल अस्पताल में नोडल अधिकारी तीन दिन की छुट्टी पर चल रहे हैं। इसमें जिस अधिकारी को विकल्प के तौर पर जिम्मेवारी दी गई है उसके पास भी टीबी की बीमारी को लेकर चार्ज है जिसमें 8 से 23 मार्च तक टीबी निवारण पखवाड़ा मनाना है। इसके चलते टीबी अफसर कोरोना नोडल अफसर की जिम्मेवारी पूरी तरह से निभाने में असमर्थ है।
खासकर इन दिनों देश भर में एक के बाद एक कोरोना से पीड़ित मरीजों की पुष्टी हो रही है। ऐसे में पंजाब खासकर बठिंडा में इससे प्रभावित लोगों की स्कैनिग का जिम्मा नोडल अफसर व उनके अधीन डाक्टरों पर आ पड़ती है। बठिंडा जिले में वैसे भी कनाडा, साउंदी अर्ब व दूसरे देशों में 40 हजार के करीब लोग रहते हैं जिसमें अधिकतर लोग ऐसे हैं जो सर्दियों के दौरान पंजाब में घूमने के लिए पहुंचते हैं। इसमें दिसंबर से जनवरी के पीक दिनों जिसमें कोरोना चाइना में चर्म पर पहुंच रहा था सर्वाधिक लोग बठिंडा पहुंचे हैं। इनकी तादाद पांच हजार के करीब बताई जा रही है लजबकि जिला प्रशासन के पास अभी तक केवल एक लिस्ट ही पहुंची है जिसमें सभी लोगों की स्कैनिंग करने के बाद किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं मिले थे। जानकारी अनुसार सिविल अस्पताल में कोरोना को लेकर नोडल अधिकारी डा. मनु गुप्ता को बनाया गया था जो घरेलु कार्य के चलते तीन दिन की छुट्टी पर चली गई है। वही एक नोडल अधिकारी ऐसे समय में छुट्टी पर गया है जब राज्य सरकार ने एक माह पहले से ही कोरोना से निपटने के चलते सभी डाक्टरों की छुट्टियां अनिश्तकाल के लिए रद्द कर रखी है। फिलहाल डा. मनु गुप्ता के छुट्टी पर जाने के बाद अतिरिक्त चार्ज टीबी विभाग की अधिकारी डा. रोजी अग्रवाल को सौंपा गया है। अब इसमें दिक्कत इस बात को लेकर हैं कि केंद्र सरकार का टीबी निवारण पंद्रवाड़ा 8 मार्च से शुरू होने जा रहा है जिसमें विभिन्न स्कूलों, संस्थाओं व सेमिनारों को लेकर तैयारी करनी है। इस स्थिति में डा. रोजी अग्रवाल की तरफ से कोरोना वायरस को लेकर की जा रही तैयारियों पर पूरा ध्यान नहीं दिया जा सकेगा क्योंकि इसे लेकर लगातार जहां विभिन्न एयरपोर्ट में मोनिट्रिंग की जानी है वही आने वाली लिस्टों की स्कैनिंग से लेकर विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों से तालमेल करना जरूरी है। वही कोरोना के उपचार व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर भी सेहत विभाग की तैयारी भी अधूरी है। इसमें अस्पताल में केवल चार एमडी मेडिसन डाक्टर है जबकि कई अन्य विभागों में भी जरूरत के अनुसार डाक्टर नहीं है जो सिविल अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले एक हजार के करीब मरीजों की ओपीडी देखने का काम कर रहे हैं।
दूसरी तरफ डिप्टी कमिशनर बी.श्रीनिवासन ने कोरोना वायरस की शिनाख़्त और इस बीमारी के साथ संबंधित कोई मरीज़ बठिंडा में पाया जाता है तो उसके इलाज के लिए उचित प्रबंधों को लेकर सिविल अस्पतालो को हिदायत जारी की है। डिप्टी कमिशनर ने कहा कि जिले में अबी कोरोना का कोई मरीज नहीं मिला है परन्तु सेहत विभाग की टीम इसे लेकर अलर्ट पर है। सहायक सिवल सर्जन डा. अनुपमा शर्मा ने प्राईवेट और विशेष तौर पर एमज़ के डाक्टरों के साथ कोरोना वायरस को लेकर मीटिंग की जिससे कोरोना वायरस बीमारी के साथ लड़ा जा सके। डा. अनुपमा शर्मा ने बताया कि जिले में यदि कोई भी इस बीमारी के साथ पीडित व शकी मरीज की पुष्टि होती है तो सेहत विभाग की तरफ से उसके इलाज के लिए हर तरह के संभव यत्न किए जाएंगे।
डा. अनुपमा शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के शकी मरीज की विशेष तौर पर स्क्रीनिंग भी करवाई जा रही है। सेहत विभाग की तरफ से कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिस का समय प्रातःकाल 9 से शाम 5 बजे तक है। यदि किसी भी व्यक्ति को इस छूत की बीमारी के लक्षण पता लगते हैं तो टोल फ्री नं: 104 पर संपर्क कायम किया जा सकता है। कंट्रोल रूम का डा. सुमित जिन्दल को नोडल अफ़सर के तौर पर नियुक्त किया गया। बठिंडा में आज तक इस बीमारी का कोई भी केस सामने नहीं आया।
डा. कुंदन पाल ने बताया कि जिला हस्पताल बठिंडा में 10 बैड का आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। जरूरत पड़ने पर कोरोना वायरस वाले शकी मरीज़ों को आइसोलेशन वाले वार्ड में रखा जाएगा। जिला स्तर पर एक रैपिड रिस्पांस टीम भी तैयार की गई है जो जरूरत पड़ने पर इस बीमारी के लक्षण वाले मरीज़ को घर जाकर चैक करेगी और बनती कार्यवाही करेगी।



Tuesday, March 3, 2020

राहत / केजरीवाल की राह पर कैप्टन, पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी में महिलाओं को देना होगा आधा किराया

  • मुख्यमंत्री का आश्वासन-ट्रांसपोर्ट माफिया पर लगाम कसने को 212 परमिट वालों को 15 दिन का शोकाज नोटिस दिया, कमियां पाए जाने पर परमिट रद्द होगा
  • नया बाईपास निकाले जाने के लिए आनंदपुर साहिब डेवलपमेंट ऑथोरिटी को 20 करोड़ दिए जाएंगे, ताकि मेले दौरान शहर चौक न हो।


चंडीगढ़. महिलाओं की तरफ पंजाब सरकार ने भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने महिलाओं को सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा सुविधा दी है। इसी तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी महिलाओं को रियायत देने का ऐलान किया है। हालांकि पंजाब ने महिलाओं का किराया तो माफ नहीं किया है, लेकिन उनका किराया आधा यानी किराये में 50 फीसदी की छूट देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को परिवहन कारोबार में एकाधिकार और अनुचित मुनाफाखोरी रोकने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। सीएम ने सरकारी और पीआरटीसी बसों में यात्रा करने वाली महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी रियायत देने की घोषणा की। साथ ही राज्य के बेरोजगार युवाओं को लाभान्वित करने के लिए अगले दो वर्षों में 5000 नए मिनी बस मार्ग परमिट देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि ट्रांसपोर्ट माफिया पर लगाम कसने के लिए 212 परमिट वालों को 15 दिन का शोकाज नोटिस दिया गया है। कमियां पाए जाने पर परमिट रद्द होगा। अवैध पाए गए किसी भी परिवहन परमिट को रद्द कर दिया जाएगा। माफिया की मोनोपली तोड़ने के लिए 2000 रूट दिए जाएंगे।

उन्होंने राज्य से खनन माफिया को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जल्द ही एक नई खनन नीति लाने का भी ऐलान किया। इससे पहले सदन में कांग्रेस के विधायक अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने सदन में अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को खरी खरी सुनाई। वड़िंग ने ट्रांसपोर्ट पॉलिसी नहीं आने को लेकर सरकार पर अंगुली उठाई। उन्होंने पंजाब में रेत को फ्री करने की मांग रख दी। बजट पर बहस में हिस्सा लेते हुए वड़िंग ने बहाव में बहते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी पंजाब में रेत से 3 करोड़ रुपए का राजस्व आता है, लेकिन रेत की वजह से सरकार की बदनामी बहुत होती है। रेत फ्री कर दो फिर चाहे घर पर सोए रहो, कोई काम न करो।

इस दौरान वड़िंग ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में एक्साइज ड्यूटी में 600 करोड़ कमी आई है। पंजाब में शराब सबसे महंगी फिर राजस्व कैसे कम हो गया। क्या अफसरों की जिम्मेदारी तय होगी। वड़िंग ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि कि डिस्टलरी से 2 ट्रक 1 नंबर में निकलता है तो 8 ट्रक 2 नंबर में निकल जाते हैं। वड़िंग जब सदन में बोल रहे थे तब मुख्यमंत्री सदन में मौजूद थे। वड़िंग ने कहा कि तीन साल हो गए लेकिन सरकार ट्रांसपोर्ट पालिसी नहीं ला सकी। विधायक ने कहा कि लोग पूछते हैं, सरकार कांग्रेस की है लेकिन ट्रांसपोर्ट बादलों का बढ़ रहा है। वड़िंग ने कहा कि ट्रांसपोर्ट पॉलिसी आनी चाहिए।

सीएम कैप्टन ने ये घोषणाएं भी की
  1. प्रदेश सरकार की तरफ से एक कर्मचारी के रिटायर होने से 3 युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
  2. बाबूगीरी करने वाले डॉक्टरों को भी ओपीडी और ऑपरेशन करनी पड़ेगी।
  3. सरकार के 3 साल पूरे होने पर आयोजित होने पर भी कई नई घोषणाएं की जाएंगी।
  4. अब सूबे में 242 एम्बुलेंस को बढ़ाकर 400 किया जाएगा
  5. सरकार जल्द ही लाएगी नई माइनिंग पालिसी
  6. बिजली पर वाइट पेपर लगभग तैयार लेकिन मानसून सत्र में लाया जाएगा
  7. आनंदपुर साहिब से नया बाईपास निकाला जाएगा, ताकि मेले दौरान शहर चौक न हो। आनंदपुर साहिब डेवलपमेंट ऑथोरिटी को 20 करोड़ दिए जाएंगे।

करोना मरीज आने की स्थिति में सेहत विभाग प्राइवेट अस्पतालों में इन्सोलेशन वार्ड और वेंटिलेटर रुम का करेगा इस्तेमाल


  • आईएमए व सेहत विभाग के अधिकारियों से डीसी ने की बैठक, नई एडवाइजरी की दी जानकारी 
  • चीन के बाद लप्रशासन हाई रिस्क वाले अन्य 15 देशों के यात्रियों पर भी नजर रख रहा

बठिंडा. देश भर में करोना वायरस के नए मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन मुस्तैद हो गया है। इसे लेकर डीसी बी श्रीनिवासन ने सेहत विभाग, आईएमए व अन्य मेडिकल संस्थाओं के साथ बैठक कर आपातकालीन व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान सभी प्राइवेट अस्पतालों को करोना के मामले सामने आने की स्थिति में अपने इन्सोलेशन वार्ड और वेंटिलेटर रुम को दुरुस्त करने के लिए कहा है। सिविल अस्पतताल के पास करीब 20 बिस्तर वाला इन्सोलेशन वार्ड तो है लेकिन उसके पास वर्तमान में सबसे बड़ी समस्या वेंटिलेटर की है। इसके चलते उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों का सहयोग लेने का फैसला लिया है।
करोना बीमारी में वेंटिलेटर एक ऐसी मशीन है जो उपचार में सर्वाधिक अहम मानी जाती है। यह रोगी को सांस लेने में मदद करती है। इसके लिए मुंह, नाक या गले में एक छोटे से कट के माध्यम से एक ट्यूब श्वास नली में डाली जाती है। इसे मैकेनिकल वेंटिलेशन भी कहा जाता है। यह एक जीवन सहायता उपचार है। मैकेनिकल वेंटिलेशन की जरुरत तब पड़ती है जब कोई रोगी प्राकृतिक तरीके से अपने आप सांस लेने में सक्षम नहीं होता है।
फिलहाल प्रशासन को हिदायत दी गई है कि चीन, ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया में यात्रा कर वापिस लौटने वालों पर नजर रखी जाए। वही प्रशासन हाई रिस्क वाले अन्य 15 देशों के यात्रियों पर भी नजर रख रहा है व इसके लिए एयरपोर्ट आथार्टी दिल्ली, चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर के संपर्क में है। इन एयरपोर्ट में पहुंचने वाले बठिंडा के लोगों की लिस्ट एयरपोर्ट आथार्टी सीधा जिला प्रशासन को भेज रहा है ताकि इन लोगों पर नजर रखी जा सके व रुटीन में उनकी जांच की जा सके।
सिविल एविएशन के डिप्टी डायरेक्टर सुनील कुमार ने एडवाइजरी जारी करते हुए एयरपोर्ट को निर्देश दिया है कि वे इटली, ईरान, चीन, जापान, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, हॉन्गकॉन्ग, नेपाल, मलेशिया, सिंगापुर, इंडोनेशिया, थाईलैंड से आने वाले सभी यात्री की स्क्रीनिंग करें। यह एडवाइजरी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के बाद जारी की गई है, ताकि कोरोनावायरस को रोका जा सके।
कोरोना वायरस को लेकर तमाम सतर्कता व तैयारियों के बावजूद दहशत का माहौल है। लगातार संदिग्ध मरीज बढ़ रहे हैं। इसका असर जिले में भी देखने को मिल रहा है। चीन से शुरू होकर पूरी दुनिया में मेडिकल इमरजेंसी की वजह बने कोरोना वायरस को लेकर बठिंडा में भी हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट मोड पर आ गया है।
क्या है कोरोना वायरस
सीएमओ आफिस से दी गई सूचना के मुताबिक कोरोना वायरस का इंफेक्शन ऊंट, बिल्ली और चमगादड समेत कई तरह के जानवरों से मिल सकता है। डब्लूएचओ ने इस वायरस को सी फूड से भी जोड़ा है। इस वायरस का अटैक हमारे इम्यून सिस्ट पर पड़ता है। खास तौर पर हमारी सांस लेने की प्रणाली को यह सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
स्वाइन फ्लू की तरह की कोरोना वायरस
कोरोना वायरस का इंफेक्शन स्वाइन फ्लू की ही तरह खांसी के जरिए या इससे संक्रमित किसी शख्स के छींकने या उसके पास जाने से होता है। ऐसे लोगों के पास जाते वक्त सावधानी बरते। या फिर मुंह ढक हर ऐसे लोगों के पास जाएं।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सिविल हॉस्पिटल में आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। इसके अलावा एन-95 मास्क, जांच किटें व जरूरी दवाएं भी मंगाई गई है। अगर इस वायरस से संक्रमित पेशेंट आता है तो उसके इलाज के लिए डॉक्टर्स की टीम भी बनाई गई है।
कोरोना वायरस के लक्षण
-सिर दर्द,नाक बहना,खांसी,गले में खराश,बुखार,छींक का आना, थकान महसूस करना,निमोनिया, फेफड़ों में सूजन

क्या करें क्या न करें-
- भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
- खांसी जुकाम, बुखार होने पर मास्क लगाए या मुंह में रुमाल बांधें
- बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न खाएं
- घर के आसपास अगर कोई चीन या पूर्वी एशिआई देशों की यात्रा करके आया है तो स्वास्थ्य विभाग को सूचना दें

कांग्रेस सरकार पर नगर निगम से सौतेला व्यवहार करने पर मेयर ने हाथों में जंजीर व गले में फंदा डालकर किया प्रदर्शन


  • शहर में अकाली-भाजपा पार्षदों के वार्ड में विकास काम करवाने के लिए अधिकारी नहीं दे रहे इस्टीमेंट, एजेंडा नहीं मिलने से बैठक भी चल रही लंबित
  • पांच दिन बाद समाप्त होने जा रहा है नगर निगम सदन का कार्यकाल 


बठिंडा. नगर निगम बठिंडा के सदन का कार्यकाल पांच दिन बाद 8 मार्च को समाप्त होने जा रहा है। इससे पहले नगर निगम जरनल हाउस बैठक को लेकर पार्षदों के निशाने पर रहे मेयर बलवंत राय नाथ ने मंगलवार को अपना आक्रोश अलग ढंग से जाहिर किया। इस दौरान उन्होंने अपने दोनों हाथों में जंजीर बांध ली व गले में रस्सी डालकर निगम दफ्तर में चक्कर लगाया। इस दौरान उनके साथ अकाली दल व भाजपा के पार्षद भी हाजिर रहे। इस प्रदर्शन में गले में फंदा डालने पर मेयर बलवंच राय नाथ ने कहा कि कांग्रेस ने उनके हाथ जंजीर से बांध दिए है जिससे वह चाहकर भी लोगों के काम नहीं करवा पा रहे हैं। कांग्रेस सरकार अपने अधिकारियों के साथ मिलकर उन्हें जानबूझकर परेशान कर रही है व अकाली-भाजपा पाषर्दों के वार्डों में विकास काम करवाने में रोड़े अड़का रही है। कांग्रेस ने उनके हाथ बांधने के साथ गले में भी फंदा डाल रखा है। मेयर के इस प्रदर्शन का अकाली व भाजपा पार्षदों ने पुरजोर समर्थन किया।


गौरतलब है कि जनवरी में हुई जरनल हाउस की बैठक में शहर में कई पार्षदों के वार्ड में विकास काम नहीं करवाने के आरोप लगे थे। इसमें पार्षद हरविंदर शर्मा, गुरसेवक सिंह मान, निर्मल सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया था कि नगर निगम की हाउस में जो एजेंडे रखे गए है वह कुछ कांग्रेसी नेताओं के वार्ड से संबंधित है जबकि अकाली दल व भाजपा पार्षदों के वार्ड में लंबे समय से लंबित कार्यों को भी शामिल नहीं किया गया है। इसके बाद हाउस में सहमती बनी थी कि चार फरवरी 2020 से पहले सभी पार्षद अपने वार्डों में होने वाले काम की लिस्ट अधिकारियों के पास जमा करवाएंगे व इसमें एक बार फिर से नया एजेंडा निकाला जाएगा व रहते कार्यों को पूरा करवाया जाएगा। इसमें मेयर बलवंत राय नाथ ने आरोप लगाया कि बैठक में जो फैसला लिया गया उसके तहत उन्होंने नगर निगम कमिश्नर व दूसरे अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा व मौखिक तौर पर भी कहा कि वह ऐसे सभी कार्यों का एजेंडा तैयार कर उनके पास भेजे ताकि हाउस की बैठक बुलाई जा सके। इसमें कांग्रेसी नेताओं व पार्षदों ने एक साजिश के तहत बैठक होने नहीं दी व अधिकारियों को एजेंडे में शामिल होने वाले कार्यों की लिस्ट भी देने से मना कर दिया। इसके चलते सदन का कार्यकाल पूरा होने से पहले जो बैठक की जानी थी वह हो नहीं सकी। मेयर बलवंत राय नाथ ने कहा कि बठिंडा के विधायक मनप्रीत सिंह बादल राज्य के वित्त मंत्री भी है। विधानसभा में बजट रखने से पहले उन्होंने शहर के विकास को लेकर जनप्रतिनिधियों की बात तक नहीं सुनी वही बठिंडा के वार्डों की क्या जरूरत है इसे लेकर भी विचार नहीं किया। इससे शहर में लंबित प्रोजेक्टों के लिए किसी तरह का फंड भी जारी नहीं किया गया। एक विधायक के नाते मनप्रीत सिंह अपनी जिम्मेवारी से भागे हैं जिसका नुकसान शहर के लोगों को उठाना पड़ रहा है। डिप्टी मेयर गुरविंदर कौर मांगट, पार्षद हरविंदर शर्मा, अंजना रानी ने आरोप लगाया कि जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी उनके साथ जमकर पक्षपात किया गया। नगर निगम में मेयर अकाली दल भाजपा गठजोड़ का होने के कारण तीन साल से किसी भी तरह की सरकारी ग्रांट नगर निगम को नहीं दी गई वही जो फंड मिले वह नगर निगम की बजाय इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से खर्च करवाए जा रहे हैं। इसमें कांग्रेसी नेता अपने वार्डों में काम करवा रहे हैं जबकि शहर में 25 से ज्यादा वार्डों को पूरी तरह से नजरअंदाज रखा जा रहा है। इसी के विरोध में उन्हें इस तरह का प्रदर्शन करना पड़ रहा है। इस दौरान अकाली दल व भाजपा के कई नेता भी हाजिर रहे। विजय कुमार एमसी ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लेते सरकार की पक्षपात नीति का विरोध जताया।

कोरोनावायरस / 18 लोगों के साथ जयपुर आए 69 साल के इटैलियन नागरिक में संक्रमण की पुष्टि, भारत में छठा मामला; प्रधानमंत्री बोले- घबराने की जरूरत नहीं

  • दुनिया के 70 देशों में पहुंचा कोरोना, मरने वालों की संख्या 3,113 हुई; 90,900 मामले सामने आए 
  • दिल्ली और तेलंगाना में सोमवार को एक-एक मामला सामने आया था, तीन मरीज केरल के


बीजिंग, न्यूयॉर्क, नई दिल्ली. देश में कोरोनावायरस का छठा मामला जयपुर में सामने आया है। यह व्यक्ति इटली का बताया जा रहा है। इसकी उम्र 69 साल है। इस केस की पुष्टि एसएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टर सुधीर भंडारी ने की है। भंडारी के मुताबिक मरीज को गहन निगरानी में रखा गया है। हॉस्पिटल दिल्ली स्थित इटली दूतावास के संपर्क में भी है। क्योंकि इस व्यक्ति के साथ इटली के 18 लोगों ने यात्रा की है। तेलंगाना और दिल्ली में सोमवार को एक-एक केस सामने आया था। दोनों मरीजों का गहन निगरानी में इलाज चल रहा है। इससे पहले तीन मामले में केरल में सामने आए थे। तेलंगाना सरकार ने पीड़ित के साथ जिन 25 यात्रियों ने बस में यात्रा की थी। उनकी भी जांच करवा रही है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि कोरोनावायरस की जांच से लेकर उपचार तक के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
कोरोनावायरस को लेकर केजरीवाल ने मोदी से बातचीत की
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोनावायरस को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की है। उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए सभी कारगर कदम उठाए जाएंगे, क्योंकि यह बहुत खतरनाक बीमारी है। प्रधानमंत्री ने भी इस पर चिंता जताई है। इसके बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया- कोविड-19 को लेकर बनी स्थिति की मैंने विस्तार से समीक्षा की है। बाहर से भारत आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग और तुरंत उपचार के लिए केंद्रीय मंत्री और राज्य साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने वीजा को लेकर एडवाइजरी जारी की
कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए विदेश मंत्रालय ने वीजा को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत 3 मार्च के पहले इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया और जापान के नागरिकों को जारी किए गए वीजा और ई-वीजा रद्द कर दिए गए हैं। हालांकि यह नियम उन विदेशी नागरिकों पर ही लागू होगा, जो अभी भारत नहीं पहुंचे हैं। इस बीच, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने कहा कि उसके छावला स्थित केंद्र में रखे गए सभी 112 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव पाई गई है। रविवार को हुए परीक्षण में किसी में भी संक्रमण के लक्षण नहीं पाए गए।
सबसे ज्यादा 600 नए केस दक्षिण कोरिया में सामने आए
कोरोनावायरस दुनिया में बढ़ता जा रहा है। तीन और देशों में इसके नए केस सामने आए हैं। इसके साथ ही कोरोनावायरस की जद में दुनिया के 70 देश आ गए हैं। 3,113 लोगों की मौत हो चुकी है। 90,900 केस सामने आए हैं। सबसे ज्यादा  80,150 केस चीन में दर्ज हुए हैं। यहां अब तक 2,944 लोगों की जान गई है। दक्षिण कोरिया में 600 नए केस सामने आए हैं। इसके साथ ही यहां कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों की संख्या 4800 के पार पहुंच गई है। जबकि 29 लोगों की मौत हुई है। अमेरिका में 100 मामले सामने आए हैं, जबकि 6 लोगों की जान गई है।

MP: बोर्ड की परीक्षा से बचने के लिए किशोर ने 3 वर्षीय चचेरे भाई का किया अपहरण


मुरैना। मध्य प्रदेश में मुरैना जिला के तुदीला गांव में एक किशोर ने कक्षा 12वीं बोर्ड की मंगलवार को होने वाली परीक्षा से बचने के लिए अपने चचेरे तीन वर्षीय भाई का अपहरण कर लिया और एक खेत में फेंक आया। पुलिस ने बताया कि आरोपी रनबीर (18) ने अपने चचेरे भाई का उस समय अपहरण कर लिया जब वह सो रहा था। इसके बाद आरोपी ने उसे एक रस्सी से बांध दिया और कुछ दूरी पर स्थित एक खेत में फेंक आया।

बच्चे की मां ने गौर किया कि उनका बेटा अपराह्न तीन बजे से गायब है। शिकायत करने पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी और जौरा पुलिस की एक टीम गांव पहुंच गई। मौके से हाथों से लिखा एक पत्र बरामद हुआ, जिसमें लिखा था कि रनबीर को किसी विशेष स्थान पर बच्चे की तलाश में भेजना जाना चाहिए।

मुरैना के पुलिस अधीक्षक असित यादव ने कहा कि संकेत मिल रहा था कि रनबीर को मंगलवार से शुरू हो रहीं उसकी बोर्ड परीक्षाओं में शामिल नहीं होना चाहिए।

Delhi violence: निहत्थे जवान के सामने पिस्तौल तानने वाला शाहरुख गिरफ्तार, पुलिस साढ़े तीन बजे करेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस

  • दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान सड़क पर पुलिस के सामने फायरिंग करने वाले शाहरुख को पुलिस ने गिरफ्तार कर दिया है. शाहरुख को शामली से गिरफ्तार किया गया है.

नई दिल्ली: दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान सड़क पर खुलेआम फायरिंग करने वाले शाहरुख को दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया है. इस संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए दिल्ली पुलिस दोपहर साढ़े तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी.

दिल्ली में 23, 24 और 25 फरवरी को हुई हिंसा में कम से कम 47 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक जख्मी हो गए थे. पुलिस के सामने गोली चलाने के बाद शाहरुख 25 फरवरी को और उसका परिवार 26 फरवरी को घर से फरार हो गया था.


शाहरुख की तलाश के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी और अब उसे सफलता मिली है. शाहरुख को अब शामली से दिल्ली लाया जा रहा है. पिछले दिनों संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने बताया था कि फिलहाल हम हिंसा के दौरान एक निहत्थे जवान के सीने पर पिस्तौल तानने वाले और हवा में कई राउंड गोलियां दागकर आतंक मचाने वाले शाहरुख खान की तलाश में जुटे हैं. शाहरुख के कई संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी जारी है.

दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में 1000 से अधिक लोगों को या तो गिरफ्तार किया गया है या फिर हिरासत में लिया गया है और 350 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई है.

Monday, March 2, 2020

दिल्ली दंगे के ‘हिन्दू पीड़ितों’ की मदद के लिए कपिल मिश्रा ने जुटाये 71 लाख, खुद एक पईसा नहीं दिया


नई दिल्ली। दिल्ली दंगे. 46 लोगों की मौत हो चुकी है. 200 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. चोट खाने वाले, अपनों को खोने वाले, अपना घर-दुकान खोने वाले लोगों में हिन्दू भी शामिल हैं, तो मुसलमान भी शामिल हैं. मदद की ज़रुरत सभी को है. लेकिन बीजेपी नेता कपिल मिश्रा हैं. अब कैम्पेन चला रहे हैं. दंगों में प्रभावित हिंदू परिवारों के लिए 71 लाख जुटा रहे हैं. क्राउडकैश नाम की वेबसाइट. यहां पर कपिल मिश्रा ने कैम्पेन शुरू किया पैसे जुटाने का. लक्ष्य रखा 71 लाख रूपए का. कैम्पेन के अबाउट सेक्शन में लिखा :“हम इस दंगे में प्रभावित लोगों की मदद करना चाहते हैं. इस कदम से हम इस दंगे से प्रभावित आर्थिक रूप से कमज़ोर हिन्दू परिवारों की मदद करना चाहते हैं.” साथ में यह भी लिखा है कि अगर दंगों में ऐसे और परिवार मिलेंगे, तो हम 71 लाख की इस सीमा को बढ़ा सकते हैं. दावा है कि जुटाया गया पैसा दंगा प्रभावित हिन्दू परिवारों के खाते में सीधा ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
क्राउडफंडिंग का पेज, जहां साफ़ लिखा है कि किस लिए पैसा लिया जा रहा है
साफ़ लिखा है, “ये कैम्पेन पूर्व विधायक कपिल मिश्रा जी के नेतृत्त्व में धार्मिक लोगों के एक समूह द्वारा मैनेज किया जा रहा है.” फिर लिखा है, “धर्मो रक्षति रक्षितः – आप धर्म को बचाइये, धर्म आपको बचायेगा.” 71 लाख का लक्ष्य था. 71 लाख 496 रूपए जुट गए. कुल 3969 लोगों ने हिन्दू परिवारों को बचाने के लिए पैसे दिए, ऐसा भी लिखा हुआ है. 23 फरवरी रविवार को कपिल मिश्रा की धमकी के बाद दंगे भड़के थे. ठीक एक हफ्ते बाद 1 मार्च रविवार को कपिल मिश्रा ने दंगा पीड़ित हिन्दू परिवारों को बचाने के लिए ट्वीट भी किया.
https://twitter.com/KapilMishra_IND/status/1234047685625122817?s=20
हरिनगर सीट पर चुनाव हार गए तेजिंदर पाल बग्गा ने भी इस कैम्पेन का लिंक आगे बढ़ा दिया.
https://twitter.com/TajinderBagga/status/1233619766859812864?s=20
खुद कितना पैसा दिया कपिल मिश्रा ने?
जब कपिल मिश्रा ने लाखों रूपए का कैम्पेन चलाया तो खुद उन्होंने कितना डोनेट किया? ये भी तो सवाल उठता है. जवाब है ज़ीरो रुपया. खुद देखिये.
                                             क्राउडफंडिंग की वेबसाइट पर दिखा रहा है कि कपिल मिश्र ने खुद एक रुपया भी नहीं दिया.
कपिल मिश्रा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं
कांग्रेस कपिल मिश्रा पर दंगा भड़काने के आरोप लगा रही हैं. साथ में केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम है. भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा का भी. दिल्ली हाईकोर्ट में इन तीनों नेताओं का नाम आया. कार्रवाई करने की सिफारिश हुई. जज का तबादला हुआ. मामला अभी कुछ हफ़्तों तक स्थगित है. अब तक भाजपा की ओर से कपिल मिश्रा पर कार्रवाई करने सरीखे कोई आसार नहीं दिख रहे हैं।
यह खबर ललनटाप डाट काम के सभार से प्रकाशित की है। 

कुपवाड़ा के डीसी रहे राजीव रंजन समेत 2 आईएएस गिरफ्तार, 2 साल में 30 हजार फर्जी लाइसेंस बनाए




दिल्ली. फर्जी कागजात और बिना वेरिफिकेशन किए हजारों आर्म्स लाइसेंस जारी करने के आरोप में सीबीआई ने कश्मीर काडर के 2010 बैच के आईएएस राजीव रंजन को सोमवार को चंडीगढ़ में गिरफ्तार कर लिया। वे कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के डीसी रह चुके हैं। वहीं, देर रात 2013 से 2015 तक कुपवाड़ा के डीएम रहे इतरित हुसैन को भी गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
सीबीआई के हवाले से दी खबर के अनुसार 2016 से 2017 तक कुपवाड़ा में तैनाती के दौरान राजीव रंजन ने करीब 30,000 आर्म्स लाइसेंस जारी किए। उन्होंने प्रति लाइसेंस 8-10 लाख रुपए लिए। ये लाइसेंस कश्मीरियों को ही नहीं बल्कि चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान समेत अन्य राज्यों के लोगों को भी फर्जी कागजातों पर कश्मीरी बताकर दिए थे। अब सीबीआई पता लगा रही है कि ये लाइसेंस किन लोगों को बांटे गए। आशंका है कि ज्यादातर लाइसेंस आतंकियों व गैंगस्टरों ने बनवाए ताकि वे बिना रोक टोक कहीं भी हथियार लेकर आ जा सकें।
देश के कई शहरों में हो चुकी है छापेमारी
बता दें कि इससे पहले पिछले साल दिसंबर में जम्मू-कश्मीर के कई जिलों समेत नोएडा और गुरुग्राम में भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने छापेमारी की थी. यह छापेमारी जम्मू-कश्मीर में करीब 2 लाख शस्त्र लाइसेंस जारी करने के मामले में की गई थी.
आरोप है कि नियमों की अनदेखी करके बाहरी लोगों को शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया था. इस धांधली में कई अधिकारिरयों के शामिल होने के आरोप लगे थे. मामले की जांच सीबीआई कर रही है. सीबीआई ने पिछले साल दिसंबर में श्रीनगर, जम्मू, कुपवाड़ा, बारामूला, उधमपुर, किश्तवाड़, शोपियां, राजौरी, डोडा, पुलवामा समेत नोएडा और गुडगांव के 13 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
क्या है हथियार लाइसेंस फर्जीवाड़ा
सीबीआई का यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों से लगभग 2 लाख आर्म्स लाइसेंस जारी करने के आरोपों से संबंधित दो मामलों में चलाया गया था. यह भी आरोप है कि नियमों का उल्लंघन करते हुए तत्कालीन अफसरों ने जम्मू-कश्मीर के गैर-निवासियों को हथिय़ारों के लाइसेंस जारी किए थे.
राजीव रंजन की गिरफ्तारी से पहले सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर सरकार से इजाजत ली, क्योंकि वे कश्मीर काडर के हैं। वे इन दिनों मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन जम्मू में तैनात हैं। अब सीबीआई उन्हें सोमवार को कश्मीर लेकर जाएगी और जेएंडके कोर्ट में पेश कर दोबारा रिमांड हासिल करेगी।
राजस्थान से जुड़े हैं तार: दो साल पहले पकड़ा गया था रंजन का भाई
फर्जी हथियार लाइसेंस मामले के तार राजस्थान से भी जुड़े हुए हैं। पुलिस ने रंजन के भाई ज्योति रंजन को 2017 में गिरफ्तार कर फर्जी हथियार लाइसेंस पकड़े थे। उस समय डीजीपी रहे ओपी गिल्होत्रा ने शक जताया था कि इसमें राजीव रंजन का भी हाथ हो सकता है। श्रीगंगानगर में 2007 में फर्जी हथियार लाइसेंस के मामले सामने आए थे। उस समय करीब आधा दर्जन केस दर्ज हुए। इसके साथ ही तत्कालीन दाे-तीन आईएएस की सुपरविजन मामले में लापरवाही मानी गई थी। संबंधित शाखा के दाे लिपिकाें और एक सहायक कर्मचारी पर भी विभागीय कार्रवाई की गई थी। पूरे मामले कई आर्मी अफसर भी लिप्त माने गए। जम्मू से यहां आकर फर्जी दस्तावेजाें के आधार पर लाइसेंस जारी करवा लिए थे। यहां शहर के कुछ हथियार विक्रेताओं की भूमिका भी जांच के दायरे में रही थी।
कई अन्य आईएएस अफसरों पर भी शक
हथियार लाइसेंस रैकेट में कई आईएएस अफसर सीबीआई के रडार पर हैं। जांच एजेंसी ने पिछले दिनों कुछ अफसरों के घराें व दफ्तराें पर भी छापेमारी की थी। इनमें उधमपुर की पूर्व डीएम यशा मुदगिल, किश्तवाड़ के पूर्व डीएम सलीम मोहम्मद, पुलवामा के पूर्व डीएम जहांगीर अहमद मीर और डोडा के पूर्व डीएम फारूक अहमद खान भी शामिल हैं।

दलित मासूम बहन भाई की बली देने के मामले में आरोपियों पर कार्यवाही को लेकर दायर याचिका की सुनवाई 19 मार्च को


-अदालत में गवाहों को धमकी देने का मामला एस.एस.पी. के पास रखा, होगी जांच 

बठिंडा. नजदीक गांव कोटफत्ता में तीन साल पहले बली दिए गए दो दलित मासूम बहन व भाई के मामले में बठिंडा अदालत ने आरोपियों के खिलाफ कारर्वाई की मांग को लेकर दायर याचिका पर 19 मार्च को सुनवाई तय कर दी है। इस मौके अदालत में गवाहों को जान से मारने की धमकी देने का मामला भी एसएसपी बठिंडा के पास रखा गया है। दलित बहन-भाई की बली को लेकर गठित एक्शन कमेटी की तरफ से जारी प्रैस नोट में बताया गया कि बच्चों की बुआ अमनदीप कौर ने औलाद की ख़ातिर 5 साल के मासूम रणजोध सिंह और उसकी तीन सालों की बहन अनामिका कौर की बली दे दी थी। बली देने के मामले में कोटफ़त्ता निवासी राम सिंह ने अपनी गवाही भुगताते कातिल आरोपियों की पहचान की थी। एडीशनल जिला एंड सैसन जज बठिंडा में अपनी गवाही के दौरान गवाह राम सिंह ने तांत्रिक लखविन्दर सिंह के खिलाफ बयान दर्ज करवाए थे कि किस तरह से उसने लोगों को गुमराह कर दो मासूम बच्चों की बली दी। गवाही देने के बाद अदालत में मुखत्यार सिंह ने गवाहों को धमकाते कहा था कि वह उन का कत्ल कर देगा। एक्शन कमेटी ने इस बाबत तुरंत बैठक करते इस बाबत लिखित रूप में एसएसपी बठिंडा डा. नानक सिंह को जानकारी दी। जिन्होंने मामलो की गंभीरता को देखते हुए थाना सिविल लाइन को आरोपी लोगों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करने की हिदायत दी है।

वही पंजाब ला फार्म की तरफ से प्रसिद्ध वकील चरनपाल सिंह बराड़ और टीम मैंबर गुरसेवक सिंह की तरफ से जिला अदालत में दी दरख़ास्त में कानूनी दायरे से बाहर रहे मुलजिम अमनदीप कौर, गगनदीप कौर, जसवीर सिंह आदि को तलब करने की माँग की है। एक्शन कमेटी की तरफ से अदालत में पहुँचे बाबा हरदीप सिंह महराज, भाई परनजीत सिंह कोट फ़त्ता, बलजिन्दर सिंह कोटभारा, किसान नेता सुरजीत सिंह भुच्चों, नछत्तर सिंह छत्ता, पंच गुरचरन सिंह कोटभारा आदि ने कहा कि वह दोषियों को फांसी की सजा दिलाने तक संघर्ष करते रहेंगे व कानूनी लड़ाई जारी रखेगें।


गली विवाद में बयान दर्ज करवाने गई पुलिस ने फौजी से की मारपीट, गर्भवती पत्नी को धक्का मारा


-घायल महिला को उपचार के लिए सिविल अस्पताल में करवाना पड़ा दाखिल, पुलिस ने लगाए आरोपों को बताया बेबुनियाद 

-गांव में गली को लेकर हुए झगड़े में जांच के लिए गई थी बलुआना पुलिस  

बठिंडा. बलुआना में रहने वाले एक फौजी ने पुलिस पर उसे व उसकी पत्नी के साथ बेवजह मारपीट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसकी गर्भवती पत्नी के साथ धक्कामुक्की की जिससे वह घायल हो गई व उसे उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा है। वहू पुलिस ने इस मामले में लगाए जा रहे आरोपों को निराधार बताते कहा कि फौजी ने नशे की हालत में पुलिस के साथ धक्का मुकी की है जबकि पुलिस एक झगड़े की जांच के लिए गांव में गई थी।
अस्पताल में उपचाराधीन गांव बल्लुआणा की रहने वाली महिला के फौजी पति कुलदीप सिंह ने बताया कि उसकी ड्यूटी जालंधर में है, लेकिन वह अब 40 दिन की छुट्टी लेकर घर आया हुआ था। गांव में गालियां पक्की होने के कारण मोहल्ले के कुछ घरों का आपस में विवाद चल रहा है। जिसका बाद में पंचायती समझौता भी हो गया था।
कुलदीप सिंह के मुताबिक रविवार की देर शाम को गांव बल्लुआणा पुलिस चौंकी इंचार्ज जसपाल सिंह पुलिस टीम समेत उसके घर आए और गली पक्की होने संबंधी हुए झगड़े के बारे में पूछताछ करने लगे। पीड़िता ने बताया कि जब उसने चौकी इंचार्ज को बताया कि उसका इस विवाद के साथ कोई लेन देन नहीं है, तो पुलिस ने बेवजह उसके साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। कुलदीप सिंह ने बताया कि इस दौरान उसकी पत्नी रीना कौर जोकि छह माह की गर्भवती है, उसने उसका बीच बचाव करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उसके साथ भी धक्का मुक्की की। जिसके कारण उसकी पत्नी जमीन पर गिरकर घायल हो गई। जिसे उपचार के लिए सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया।
उधर, एसआई जसपाल सिंह का कहना है कि गांव बल्लुआणा में कुछ घरों का आपस में झगड़ा हुआ था। रविवार रात को सूचना मिलने के बाद वह मामले की जांच करने के लिए गए थे। जब वह मौके पर पहुंचे, तो फौजी कुलदीप सिंह ने शराबी हालत में पुलिस टीम के साथ धक्का मुक्की करनी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि कुलदीप सिंह की पत्नी द्वारा लगाएं जा रहे सभी आरोपित बेबुनाद है। पुलिस टीम ने महिला के साथ कोई भी धक्का मुक्की नहीं की है।

दो करोड़ खर्च करने के बावजूद हररायपुर गोशाला बनी जानवरों के लिए कालगाह


-प्रतिदिन 10 से 15 जानवरों की भूख व प्यास से हो रही मौत, मरे जानवरों को नहीं उठाने से फैल रही बीमारियां 

-समाज सेवी संस्थाएं जिला प्रशासन को मिलकर स्थिति में सुधार की कर चुके हैं कई बार मांग पर नहीं हो रही स्थिति में सुधार  

बठिंडा . नगर निगन व जिला प्रशासन की देखरेख में चल रही हररायपुर गोशाला में दो करोड़ रुपए से अधिक खर्च करने के बावजूद लावारिस जानवरों की देखभाल नहीं हो पा रही है। इस गौशाला में एक तरफ नगर निगम शहर के लावारिस जानवरों को पकड़कर भेज रहा है वही आए दिन भूख व प्यास से ग्रस्त जानवरों की मौत हो रही है। हालात यह है कि इस बारे में शहर की समाज सेवी संस्थाओं की तरफ से कई बार जिला प्रशासन को गौशाला की बदहाल स्थिति के बारे में अवगत करवाया जा चुका है लेकिन जमीनी स्तर पर गायों के मरने का सिलसिला बंद नहीं हो रहा है। अब तो समाज सेवी संस्थाओं ने सवाल खड़े करना शुरू कर दिए है कि जब शहर के लोग हर साल तीन करोड़ रुपए से अधिक का काउ सेस टैक्स के तौर पर प्रशासन व नगर निगम को दे रहा है। इसके बावजूद गौशाला में पशुधन सुरक्षित नहीं है।


गौशाला के निर्माण से लेकर 15गौशाला के निर्माण से लेकर 1500 के करीब जानवर इन गोशाला में मर चुके हैं जबकि पिछले तीन माह में तीन सौ से अधिक जानवर दम तोड़ चुके हैं व अभी भी भूख व प्यास के कारण बीमार होकर प्रतिदिन 10 से 16 जानवरों की मौत हो रही है। इस बारे में समाज सेवी संजीव सिंगला ने 28 फरवरी से लेकर 1 मार्च तक के तीन दिन गौशाला का दौरा अपनी टीम के साथ किया तो वहा की बदहाल स्थिति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गौशाला में करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद जानवरों को हरा चारा व तूड़ी वहां की जरूरत से काफी कम मात्रा में दिया जा रहा है। वही जनवरों को देने के लिए नमक भी नहीं मिल रहा है। हालात यह है कि जो जानवर मर रहे हैं उन्हें पास के खाली स्थान पर फैंक दिया जाता है जिससे आसपास बदबू मार रही है व प्रदूषण के कारण दूसरे जानवर भी बीमार होकर मर रहे हैं। बदबू व गंदगी के कारण गायों की सेवा करने वाले लोग भी वहां जाने से कतराने लगे हैं। गोशाला पूरी तरह से मरे जानवरों की हड्डियों से भरी पड़ी है। वहां रखे जानवरों के लिए डाक्टर की व्यवस्था नहीं की जा रही है जो जानवर पड़े हैं उनके पेट फूल रहे हैं व चमड़ी गलने लगी है। इसके चलते जानवरों के मरने का सिलसिला लगातार चल रहा है।


इस बाबत वहां काम कर रहे कर्मचारियों से जब जानकारी हासिल की गई तो उन्होंने बताया कि डाक्टर कई दिनों तक यहां आते ही नहीं है। बीमार गायों के शव शैड के अंदर ही पड़े हैं व 6 जानवर मरने की कगार पर खड़े थे। हालत यह है कि तीन से पांच दिनों तक मरे जानवर दूसरी गायों के पास ही पड़े रहते हैं। इस दौरान पशुओं को उठाने वाले एक व्यक्ति रंजीत सिंह ने बताया कि बठिंडा में हड्डा रोडी नहीं है इसके चलते उन्हें मरे जानवरों को फिरोजपुर या फिर कालियावाली में फैंककर आना पड़ता है। इन लोगों के पास किसी तरह की जानवर उठाने की कोई अनुमति व ठेका नहीं है। यही लोग गाड़ी लेकर आते हैं जिन्हें प्रति पशु के हिसाब से पैसा दिया जाता है लेकिन वह एक दो जानवर वहां से उठा लेते हैं व बाकि जानवरों को गौशाला के अंदर ही खाली जगह में फैक देते हैं। इस बाबत गौशाला में तैनात मैनेजर बलजीत से बात की गई तो उसने किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। फिलहाल समाज सेवी संस्थाओं ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन व नगर निगम लोगों से भारी भरकम टैक्स वसूल करने के बावजूद गायों की देखभाल करने में लागातार लापरवाही कर रहा है। इसमें शहर से जानवरों को पकड़कर गोशाला में मरने के लिएओ छोड़ दिया जाता है जिससे शहर की धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं में भारी रोष है। उन्होंने प्रशासन से समय रहते हररायपुर गोशाला की स्थिति में सुधार करने की मांग रखी।

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