Thursday, June 23, 2022

बठिंडा सिविल अस्पताल से प्राइवेट अस्पतालों में मरीज रैफर करने का गौरखधंधा, दलालों के मार्फत मिलता है कर्मियों को मोटा कमिशन

 


बठिंडा, हरिदत्त जोशी. 
पंजाब सरकार ने सरकारी अस्पतालों में सभी तरह के इलाज और दवाइयां मुफ्त देने की योजनाओं की घोषणा कर रखी है. प्रशासन इस बात के दावे भी करता है कि वो योजनाओं को बेहतर ढंग से लागू भी कर रहा है लेकिन बठिंडा सिविल अस्पताल में जिस तरह से दलालों के जरिए प्राइवेट अस्पतालों को फायदा पहुंचाना का खेल चल रहा है वो सरकार की योजनाओं पर पानी फेर रहा है। सिविल अस्पताल में एबुलेंस से लेकर हर तरह की सरकारी सुविधा उपलब्ध है लेकिन इसके बावजूद प्राइवेट अस्पतालों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पताल के स्टाफ विभिन्न अस्पतालों के दलालों के साथ साजगाठ कर मोटा कमिश्न हासिल कर रहे हैं। सिविल अस्पताल से मरीज रैफर करने से लेकर किसी भी तरह के टेस्ट प्राइवेट अस्पताल से करवाने की एवज में सीधे तौर पर 50 फीसदी तक का कमिशन दिया जाता है। 

इसमें सरकारी स्टाफ पर शक न जाए इसलिए अस्पताल में दलालों का टोला हर समय घूमता रहता है। इस टोले में सेहत विभाग की विभिन्न स्कीमों के साथ जुड़े कर्मी भी शामिल है। गत दिवस सिविल अस्पताल में सुप्रीम डायग्नोसिस्ट सेंटर अस्पताल की एक एबुलेस व दो कर्मियों को सुरक्षा कर्मियों ने मरीजों को गुमराह कर प्राइवेट अस्पताल में लेकर जाने का मामला सामने आया। इसमें सिविल अस्पताल प्रशासन के पास मामले की जानकारी होने के बावजूद इस गौरखधंधे को रोकने के लिए किसी तरह के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए वही न ही मामले में पकड़े दलाल व अस्पताल प्रबंधकों के खिलाफ किसी तरह की कारर्वाई की गई है।     

क्या है पूरा मामला ?

जिला सिविल अस्पताल में सरकारी इलाज लेने आ रहे मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों के दलाल अपने अस्पतालों में ले जा रहे हैं और दलालों के इस खेल में जिला अस्पताल के कर्मचारी खुद शामिल है। दो चंद पैसों के कमीशन के लालच में गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों के लूट के जाल में फंसा देते हैं। 

यही नहीं दलाल जब मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में लेकर जाते हैं तो उनके इलाज का खर्च भी दो गुणा हो जाता है क्योंकि दलाल व रैफर करने वाले डाक्टरों को सीधे तौर पर 50 से 60 फीसदी कमिशन मीरज से वसूली जाने वाली रकम से दिया जाता है। इस स्थिति में अगर एक मरीज का प्राइवेट अस्पताल में इलाज एक लाख रुपए तक में हो सकता है तो उससे सीधे तौर पर दो लाख रुपए की वसूली की जाती है। इसमें अस्पताल अपना खर्च व कमाई निकालकर बाकि अतिरिक्त वसूली रकम दलाल व रैफर करने वाले कर्मियों व डाक्टरों को भेज देता है। कमिश्न का यह धंधा किसी भी तरह के मेडिकल टेस्ट, स्कैन व उपचार में चलता है। फिलहाल सरकारी अस्पताल में पैसों की कमी से जूझ रहे लोग पहुंचते हैं लेकिन दलाल जबरन इन मरीजों की जेबे खाली करने में जुटे हुए है। मजबूरी में उक्त लोग किसी तरह उधार व कर्ज लेकर इन अस्पतालों का भुगतान करने पर मजबूर होते हैं। वही अगर कोई मरीज हेल्थ बीमा धारक होता है तो उसकी लूट का सिलसिला दूसरी कड़ी में शुरू किया जाता है। इसमें मनमाफिक राशि वसूल करने की छूट मिल जाती है। अभी हाल में आयुष्माण बीमा योजना में कुछ प्राइवेट अस्पतालों की तरफ से सरकारी खजाने की लूट करने के लिए डमी मरीज दिखाने के साथ खर्च से ज्यादा की राशि वसूल करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। इसमें सरकार को कई अस्पतालों को बीमा योजना के पैनल से बाहर निकालना पड़ा।  

सर, आप परेशान न हो। आप के पापा को कुछ नहीं होगा। सरकारी अस्पताल का हाल तो आप देख ही रही हैं, यहां मरीजों का इलाज़ ठीक से नहीं करते हैं। मैं आपको एक प्राइवेट अस्पताल ले चलता हूं। वहां आपके पापा का अच्छा इलाज हो जाएगा।” यह शब्द सरकारी अस्पताल ओपीडी सेंटर के बाहर खड़े दलाल के हैं। सरकारी अस्पतालों के बाहर प्राइवेट अस्पतालों ने अपने-अपने दलाल फिट कर रखे हैं। यह दलाल सरकारी अस्पताल के बाहर खड़े होकर मरीजों को अपनी सेटिंग वाले अस्पताल में ले जाते हैं।

संवाददाता को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने हकीकत की तलाश में परेशान तीमारदार बनकर प्राइवेट अस्पताल के लिए एम्बुलेंस तलाश करने की एक्टिंग की। तीमारदार को इधर-उधर दौड़ता भागता देख करीब एक घण्टे के बाद वह दलाल की नजरों में आ गया। फिर क्या था, एक दलाल ने दूसरे दलाल को फोन करके बुला लिया। दलाल ने मरीज को ले जाने से लेकर अपनी मर्जी के अस्पताल तक सेटिंग उसके मालिक से कर ली और अपना नम्बर देते वक्त यह भी कहा कि सर, हमको डायरेक्ट फोन कर लिजिएगा। क्योंकि अन्दर तक के कर्मचारी सब इस दलाली में मिले होते हैं अगर आप सिविल अस्पताल के कर्मचारी से कहेंगी तो वह हमसे कमीशन ले लेगा, वही पैसा हम आपका कम कर देंगे।

तीमारदार ने उससे मरीज को माल रोड स्थित अस्पताल ले जाने की बात की थी, लेकिन उसने बात को यह कहकर मना कर दिया कि सर, सबसे बड़ा स्कैनिग सेंटर यही है, यहां की हकीकत तो आप देख ही रही हैं। यहां टेस्ट की सुविधा है नही वही जो रिपोर्ट मिलेगी वह सही होती नहीं है ? तीमारदार ने कहा, यहां तो उसको कुछ भी नहीं पता। वह यहां पहली बार आया है, कौन सा अस्पताल ले जाएं। तीमारदार का बस इतना कहना था कि दलाल ने अस्पताल की पहले से बाहर खड़ी एबुलेंस के ड्राइवर के साथ सेंटर के मालिक को फोन कर दिया और तीमारदार की बात अस्पताल के मालिक से करा दी और वहीं सारी की सारी डीलिंग हो गई। 

सरकारी कर्मचारी वसूलते हैं कमीशन 

इस दलाली का काला चिट्ठा यही बंद नहीं होता है। ऐसा सिर्फ सिविल अस्पताल ही नहीं बल्कि जिले के हर सरकारी अस्पताल के बाहर और अन्दर ऐसे दलाल लगे रहते हैं। जिसके तार अन्दर बैठे सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों से जुड़े होते हैं। 

सरकारी अस्पताल मरीज को प्राइवेट अस्पताल भेजने के लिए कमीशन के रूप में मोटी रकम वसूल करते हैं। इन दलालों की हिम्मत इतनी बढ़ गयी है कि यह दलाल सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीजों को अस्पताल के अन्दर से उठा ले जाते हैं और जहां से इनका कमीशन जुड़ा होता वहां ले जाकर पटक देते हैं और बदले में मोटी रकम वसूल करते हैं।

प्रशासन से सवाल 

1. जब मरीज रजिस्ट्रेशन काउंटर पर फाइल बनवाते है, तो मरीज के नंबर दलाल तक कैसे पहुंच रहे हैं ?

2. क्या सरकारी योजना के पूर्व कार्मिक ही अब निजी अस्पतालों के दलाल बन गए है ?

3. क्या रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बैठे कार्मिक दलालों से मिले हुए है ?

4. जब मरीज ने फाइल सरकारी अस्पताल में बना ली, तो उसे वापिस क्यों जाने दिया जाता है ?

5. फाइल बनाने के बावजूद मरीज वापिस लौट रहा हो, इसकी जांच पड़ताल क्यों नहीं की जाती है ?

6. क्या निजी अस्पतालों के दलाल और सरकारी अस्पताल के स्टाफ की मिलीभगत है ?

7. क्या जिला अस्पताल का प्रबंधन अब दोषी कार्मिकों पर कार्रवाई करेगा ?

8. क्या सरकारी योजना का गलत तरीके से निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचाया जा रहा है ?

और सवाल ये भी है कि एक अस्पताल का ये मामला सामने आया है लेकिन असल में राज्य सरकार की योजना के उद्देश्यों पर पानी फेरने का ये खेल कितना बड़ा है. ऐसे में जरुरत है कि शासन और प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करे. ताकि गरीबों को लूटने वाले और गलत तरीके से निजी अस्पतालों फायदा पहुंचाने के इस खेल पर लगाम लग सके।



Wednesday, June 22, 2022

सिविल अस्पताल में प्राइवेट अस्पताल के एजेंट सुविधा के नाम पर गुमराह कर रहे मरीजों को -सिविल अस्पताल की सुविधा को गलत बताकर प्राइवेट अस्पताल में ले जाकर करते हैं लूट



-सिविल अस्पताल प्रबंधन ने कहा शिकायत मिलेगी तो करेंगे जांच, मौके पर पकड़े लोगों के बारे में साधी चुप्पी 

बठिंडा, 22 जून(जोशी). राज्य सरकार लोगों को बेहतर सेहत सुविधा देने का दावा कर रही है। वही दावा किया जा रहा है कि सिविल अस्पतालों में मरीजों की लूट रुकी है लेकिन दूसरी तरफ सिविल अस्पताल में मरीजों को सुविधा देने के नाम पर कुछ प्राइवेट अस्पताल दलाली का गौरखधंधा कर रहे हैं। इसमें सिविल अस्पताल में दी जाने वाली सुविधा के बारे में मरीजों को गुमराह कर प्राइवेट अस्पतालों में लेकर जा रहे हैं। यह धंधा सिविल अस्पताल के अधिकारियों व कर्मचारियों के सामने हो रहा है लेकिन कमिशन के नाम पर होने वाली काली कमाई के सामने सभी चुप्पी साधकर बैठे हैं। बुधवार को सिविल अस्पताल में एक मामला सामने आया है। इसमें सिविल अस्पताल के अंदर ही सुप्रीम डायग्नो सेंटर के कर्मचारी मरीजों को गुमराह कर प्राइवेट सेंटर में लेकर जाते पकड़े गए। सेंटर का एक कर्मी ओपीडी स्लिप काउंटर में बैठकर वहां आने वाले मरीजों की जानकारी जुटा रहा था व जो व्यक्ति स्कैन व किसी तरह के टेस्ट के लिए वहां पहुंच रहा था उसे रोककर कहा जा रहा था कि सिविल अस्पताल में होने वाली किसी भी जांच के लिए मशीन नहीं है वही जो टेस्ट व जांच की जा रही है वह गलत है जिससे मरीज का सही इलाज नहीं हो सकेंगा। इसके बाद वह मरीज को सुप्रीम डायग्नो सेटर के बारे में जानकारी देकर कहता है कि मरीज को सिविल अस्पताल से सेंटर तक निशुल्क लेकर जाने की सुविधा है व बाजार में टेस्ट के नाम पर ली जाने वाले चार्ज से कम रेट पर उनका टेस्ट किया जाएगा। इसके बाद उक्त व्यक्ति मरीज व उनके परिजनों को वहां से लेकर जाता है व बाहर खड़ी आल्टो गाड़ी की तरफ छोड़कर फिर से वहां आकर बैठ जाता है। उक्त हरकत को वहां तैनात सुरक्षा कर्मी देख रहा था। शक होने पर सुरक्षा कर्मी ने उक्त व्यक्ति को रोककर उसके बारे में जानकारी मांगी तो उसने बताया कि वह सिविल अस्पताल का कर्मी है व एंटी लारवा सैल में तैनात है। आज उसकी ओपीडी में ड्यटी लगी है। सुरक्षा कर्मी ने उसकी बात की जांच के लिए जब एंटी मलेरिया व लारवा सैल में संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्ति उनके पास तैनात नहीं है। मामला अला अधिकारियों के सामने लाया गया तो पता चला कि उस व्यक्ति का सिविल अस्पताल से कोई संबंध नहीं है। पोल खुलती देख व्यक्ति ने माना कि वह शहर के सुप्रीम डायग्नो सेंटर में तैनात है व सिविल अस्पताल से प्रतिदिन मरीज लेकर सेंटर में जाता है। वही उसने बताया कि बाहर एक आल्टो गाड़ी खड़ी है व इसी गाड़ी में मरीज को सेंटर में लेकर जाते हैं। जब सुरक्षा कर्मी वहां पहुंचा तो गाड़ी में एक ड्राइवर जग्गा सिंह बैठा था। उसने कहा कि उसकी सिविल अस्पताल में सेंटर के मालिक ने ड्यूटी लगा रखी है व उनके कहने पर ही प्रतिदिन मरीजों को यहां लेकर लेकर जाता है। इसके इलावा उसे किसी तरह की जानकारी नहीं है। इसके बाद मामले की जानकारी सिविल अस्पताल में स्थित पुलिस चौकी के पास दी गई। इसमें पुलिस चौकी के कर्मचारियों ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। दूसरी तरफ बताया जा रहा है कि सिविल अस्पताल में पिछले लंबे समय से उक्त खेल चल रहा है जिसमें शहर के प्राइवेट अस्पतालों की दर्जनों गाड़ियां अस्पताल में आकर खड़ी होती है व उनके करिंदे मरीजों को गुमराह कर प्राइवेट अस्पतालों में सुविधा देने के नाम पर लेकर जाते हैं व मोटी राशि वसूल की जाती है। सिविल अस्पताल में हर तरह के टेस्ट व जांच की सुविध दोने के बावजूद मरीजों की लूटपाट के लिए उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में लेकर जाने के इस गौरखधंधे के संबंध में सिविल अस्पताल प्रबंधन व जिम्मेवार लोगों ने आंखे मूंद रखी है। वही सहायक सिविल सर्जन अनुपमा शर्मा हर बार की तरह इस मामले में भी कह रही है कि उनके पास लिखित में अगर शिकायत आएगी तो वह बनती कारर्वाई करेंगी। वही सिविल अस्पताल के स्टाफ व सुरक्षा कर्मियों की तरफ से सरेआम एजेंटों को पकड़ने व मरीजों को गुमराह करने के मामले में किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।   



फोटो -सिविल अस्पताल परिसर में मरीजों को गुमराह कर प्राइवेट अस्पताल में लेकर जाने वाली गाड़ी जिसे सुरक्षा कर्मियों ने पकड़कर पुलिस चौकी को सौंपा।  


युवक की हादसे में मौत के बाद लोगों ने जाम किया बरनाला बाईपास हाईवे रोड -प्रशासन से रुके हुए पुल का काम शुरू करवाने की रखी मांग, आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी



बठिंडा. बरनाला बाईपास स्थित ग्रीन सिटी रोड नजदीक गुरुद्वारा साहिब के पास लोगों की सुविधा के लिए बनने वाले ओवरब्रिज के काम को अधर में लटकाने को लेकर लोगों का गुस्सा फिर से बढ़ गया है। इस रोड में वन वे ट्रैफिक व वाहनों के आवागमन को लेकर सही दिशा निर्देश नहीं मिलने के चलते प्रतिदिन हादसे हो रहे हैं। गत दिवस एक 30 साल का विवाहित युवक इस रोड में हादसे का शिकार हुआ था व उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद आसपास के इलाकों में रहने वाले सैकड़ों लोगों ने नेशनल हाईवे को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया व प्रशासन से उक्त पुल का काम तेजी से पूरा करवाने व बंद रोड को जल्द खुलवाने की मांग रखी वही प्रशासन को चेतावनी दी कि जब तक काम शुरू नहीं होगा उनका आंदोलन जारी रहेगा।

प्रदर्शन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एडवोकेट राजन गर्ग, एमसी बेअंत रंधावा, हैप्पी ठेकेदार ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए ग्रीन सिटी रोड पर ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना था। इसमें पुल को पिल्लर पर बनाने व मिट्टी का इस्तेमाल कर बनाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था व लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। इसी के चलते नेशनल हाईवे आथार्टी ने कुछ दिन काम शुरू करने के बाद इसे बंद कर दिया था। करीब एक साल से अधिक समय बीतने के बावजूद उक्त पुल को लेकर खोदी गई सड़क से रास्ता खस्ता हाल में पड़ा है। हाईवे होने के कारण वाहन पीछे से तेज गति से आते हैं व टूटी सड़क के नजदीक आते ही ब्रेक मारने के कारण हादसों का शिकार होते हैं। दो माह पहले भी इस रोड पर 14 साल का एक बच्चा तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ गया था व उसकी मौत हो गई वही पिछले दिनों भी दो से अधिक हादसे उक्त रोड पर हो चुके हैं। फिलहाल करीब 47 करोड़ की लागत से बनने वाले इस अंडरब्रिज से ग्रीन सिटी चौंक व बल्लाराम नगर चौंक क्रासिंग को पूरी तरह से फ्री करने की योजना थी। हाइवे के निर्माण के बाद अभी तक ग्रीन सिटी व बल्ला राम नगर चौंक पर सैकड़ों छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें कई लोगों की कीमती जान जा चुकी है।


फोटो - बठिंडा के बरनाला बाईपास में धरना देकर बैठे स्थानीय लोग व गत दिवस हुए हादसे में क्षतिग्रस्त कार जिसमें एक युवक की मौत हो गई।

Tuesday, June 7, 2022

दैनिक जागरण की पत्रकार ज्योति के पिता स्व. विजय कुमार की आत्मिक शांति के लिए रखे पाठ का भोग 10 जून को

बठिंडा। दैनिक जागरण की संवाददाता ज्योति के पिता विजय कुमार का बीती 4 जून को देहांत हो गया है। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे और अंबाला के रेलवे अस्पताल में उपचारधीन थे। बीती चार जून को अचानक उनकी तयबीत बिगड़ गई और उन्हें सांस लेने में परेशानी होनी लगी और उनक निधन हो गया। उनकी आत्मिक शांति के लिए पाठ का भोग 10 जून को गुरुद्वारा साहिब बाबा दीप सिंह जोगी नगर बठिंडा में दोपहर 12 से 1 बजे डाला जाएगा। स्वर्गीय विजय कुमार के निधन पर शहर की सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने शोक जताया है।




Monday, June 6, 2022

मलूका आईएएस इंस्टीच्यूट ने हाल ही में घोषित यूपीएससी की परीक्षा में रिकार्डतोड़ परिणाम प्रदान किए


 बठिंडा, 6 जून (जसप्रीत सिंह).
बठिंडा में पावर हाउस रोड चौक स्थित मलूका आईएएस इंस्टीच्यूट ने हाल ही में घोषित यूपीएससी की परीक्षा में रिकार्डतोड़ परिणाम प्रदान किए है। आईएएस 2021-22 में संस्थान ने 685 छात्रों को कोचिंग दी जिसमें 110 से अधिक छात्रों का बेहतर रैंक आने के साथ चयन हुआ है। मलूका आईएएस ने देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा में रिकॉर्ड तोड़ चयन कर बठिंडा ही नहीं उत्तर भारत में इतिहास रचा है। इससे पहले पिछले साल मलूका आईएएस के 78 छात्रों का चयन हुआ था। उन्होंने इस साल 100 छात्रों  का चयन करने का लक्षय रखा व इसमें कड़ी मेहनत के बाद सफलता हासिल की है। अब, जब परिणाम सामने आए तो  मलूका आईएएस ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है और दूसरों को प्रेरित किया है कि सही मार्गदर्शन और उचित परामर्श के साथ, आईएएस को आसानी से पास किया जा सकता है। मलूका आईएएस के एमडी लक्ष्मण सिंह मलूका ने कहा है कि उनका मुख्य ध्यान छात्रों को सही अध्ययन सामग्री, कोचिंग और मार्गदर्शन प्रदान करना है ताकि वे आसानी से आईएएस परीक्षा पास कर सकें। उन्होंने कहा कि मलूका आईएएस न केवल बहुत अच्छी कोचिंग पर ध्यान केंद्रित करता है बल्कि छात्रों के समग्र विकास पर भी ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने सभी टॉपर्स और उनके दोस्तों और परिवार को बधाई दी। परीक्षा में 18वां रैंक हासिल करने वाले रवि कुमार ने कहा कि वह मलूका आईएएस टीम के अद्भुत अध्ययन सामग्री प्रदान करने और तैयारी के दौरान छात्रों का पूरा सहयोग करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हैं। उन्होंने मेरे व्यक्तित्व को संपूर्ण रूप से विकसित करने में मेरी मदद की। बेहतर रैंक हासिल कर आईएएस के लिए चयनित पशुपति सिथिया, सरुति राजलक्ष्मी, शुभम शुकला, व रमिया ने कहा कि मलूका आईएएस टीम मेरे प्रदर्शन पर मूल्यवान प्रतिक्रिया प्रदान करती है और हमारे निचले चरणों में आगे बढ़ने और मार्गदर्शन करने के लिए प्रेरित करती है। मलूका सर का विशेष धन्यवाद जो हमारी परीक्षा की तैयारी के दौरान बड़े भाई के रूप में हमेशा खड़े रहे। उन्होंने बताया कि मलूका सर छाात्रों के लिए हर समय खड़े रहते हैं व जब भी किसी तरह का डाउट या फिर जानकारी हसिल करनी हो वह उपलब्ध रहे।




Tuesday, May 31, 2022

अरविंद केजरीवाल पंजाब को बनाना चाहते हैं पश्चिम बंगाल: सुखपाल सरां

 

हर रोज मर रहे नौजवान पर सरकार खामोश: सन्दीप अग्रवाल
कब तक केजरीवाल सरकार देखेगी नौजवानों की मौत का तमाशा : भाजपा

बठिंडा (हरिदत्त जोशी). पंजाब में दिन प्रतिदिन हो रहे नौजवानों की मौतों पर भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार कब तक नौजवानों की मौत का तमाशा देखेगी।  प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां ने कहा कि कभी नशे से नौजवानों की मौत हो रही है तो कभी शरेआम कत्ल किये जा रहे है। 

केजरीवाल ममता बनर्जी  की तरह पंजाब को पश्चिम बंगाल बनाना चाहते है पंजाब के गम्भीर हालातों पर बोलते हुए सरां कहा कि पंजाब की सुरक्षा भगवान भरोसे ही रह गई। पंजाब के किसी जिले में खिलाड़ियों पर गोलियां दाग कर दोषी फरार हो जाते है। तो कहीं  पंजाब का नाम रोशन करने वाले कलाकार शुभदीप सिधु मुसेवाला को शरेआम घेर कर मौत के घाट उतार कर पुलिस की नाक नीचे से दहशतगर्दी मचाने वाले निकल जाते हैं। 

लेकिन पंजाब सरकार व पुलिस कोई एक्शन लेने की बजाए सिर्फ शोक प्रकट करके अपने जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे है। सरां ने कहा कि इस मामले की जांच केंद्र की जांच एजेंसी करें तो बड़े खुलासे होने की संभावना है। केजरीवाल पंजाब में फेल साबित होने पर दिल्ली की तरह दंगे भी करवा सकते हैं। केजरीवाल के पुराने साथी कुमार विश्वास के केजरीवाल पर किये खुलासे सच साबित हो रहे है। 

   भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष सन्दीप अग्रवाल ने कहा कि पंजाब के हालात को काबू करने के लिए केंद्र सरकार को पंजाब सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति राज लगा देना चाहिए। 

अन्यथा केजरीवाल पंजाब में खून की होली खेल कर वापिस आतंकवाद के दौर में पंजाब को धकेल देंगे। अग्रवाल ने कहा कि पंजाब की सरकार को केजरीवाल चला रहे है। भगवंत मान मात्र मोहरे साबित हो रहे है। लोगो ने अच्छे बदलाव के लिए सरकार को चुना था  न कि पंजाब की धरती को खून से लाल करने के लिए। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के ढाई महीनों में 50 के करीब कत्ल होना और किसानों की खुदकुशियो में बढ़ोतरी, नशो से नौजवानों की मौत ने हर पंजाबी को चिंता में डाल दिया है। जो केजरीवाल लोगो को गारंटियों देते थे अब लोग जान की सुरक्षा की गारंटी मांग रहे हैं। पंजाब सरकार को लोगो के प्रति जिम्मेवारी लेनी होगी और बढ़ रही दहशतगर्दी और नशो पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने होंगे।



Friday, May 27, 2022

बठिंडा के आरटीओ दफ्तर में चल रहा है दो दशक से गौरखधंधा, अब परिवहन मंत्री ने आरटीए बलविंदर सिंह को किया सस्पेंड

 

बठिंडा, 27 मई(जोशी).
पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बठिंडा के आरटीए बलविंदर सिंह को सस्पेंड कर दिया है। कार्रवाई बस परमिट जारी करने के मामले में की गई है। कुछ दिन पहले ही परिवहन मंत्री ने दौरा कर ट्रांसपोर्ट प्रधान सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। परिवहन मंत्री ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे।

यहां बताते चले कि आरटीए ऑफिस में पिछले दो दशक से गाड़ियों की जाली आरसी बनाकर बेचने का खेल चल रहा था। पिछले साल इसी दफ्तर का एक कारनामा सामने आया था। बठिंडा आरटीए ऑफिस की ओर से यूपी नंबर की गाड़ी यूपी-14एफटी 6080 जिसका 2016 से टैक्स और 2018 से पासिंग पेंडिंग थी। इसका हरियाणा आरटीए ने आंध्रा प्रदेश की बस बता कर इसकी गलत तरीके से बैकलाग डाल एचआर74एस 1133 नंबर डाल बठिंडा आरटीए को एनओसी जारी कर दी। बठिंडा आरटीए ने भी जाली पेपर लगा कर हरविंदर नामक व्यक्ति के नाम पर पीबी03बीई 5375 नंबर जारी कर दिया था। जबकि गाड़ी पर अभी भी यूपी नंबर ही लगा हुआ है और वह दिल्ली में खड़ी थी। 

आरटीए दफ्तर में न सिर्फ एजेंटों का बोलबाला है, बल्कि दफ्तर में हुए घोटालों को भी आज तक हल नहीं किया गया। इस मामले में एडवोकेट विक्कर सिंह अहलुवालिया की तरफ से पिछले 8 साल में दर्जनों शिकायते ट्रांसपोर्ट मंत्री से लेकर विजिलेंस विभाग के पास की गई। मामले में राजनीतिक मिलीभगत के चलते मामलों की जांच विजिलेंस विभाग को सौंपी तो गई लेकिन इसमें आरोपी अधिकारियों, कर्मचारियों व एजेंटों के खिलाफ आज तक किसी तरह की कारर्वाई नहीं हो सकी है। 

वर्तमान में राज्य में भगवंत मान सरकार से एडवोकेट विक्कर सिंह अहलुवालिया को उम्मीद जगी है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य भर में चल रहे आरटीओ दफ्तरों में अरबों रुपए के घपलों की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग की है वही इन मामलों में जांच रिपोर्ट को दबाने वाले विजिलेंस व पुलिस विभाग के अफसरों पर भी कानूनी कारर्वाई करने की मांग की है। यहां बताते चले कि आरटीए दफ्तर में अब एजेंटों के हौंसले इतने ज्यादा बुलंद हो गए हैं कि वह खुद मुलाजिम के कमरे में जाते हैं और कागजों पर मोहरें लगाकर आ जाते हैं। यहां तक कि दफ्तर में कई बार विजिलेंस की रेड भी पड़ चुकी है, लेकिन इसके बाद भी यहां पर कोई समाधान नहीं हुआ।

अगर कुछ वर्ष पहले की बात करें तो गांव नरुआना स्थित आटोमेटेड ड्राइविग टेस्ट ट्रैक पर वाहनों की पासिग के लिए रिश्वत वसूलने व बिना टेस्ट के वाहनों की पासिग देने के मामले में जमकर हंगामा हुआ था। पिछले लंबे समय से टेस्ट ट्रैक के बाहर दलालों का कब्जा है, जो आरटीए दफ्तर के कर्मचारियों के साथ मिलकर गोरखधंधे को अंजाम देते हैं। इस समय मामला इतना बढ़ गया था कि टेस्ट ट्रैक के बाहर बैठे दुकानदारों के बीच पासिग वाले कमरे में ही जमकर लात घूंसे चले। यहां तक कि दफ्तर में पड़े कम्प्यूटर के की-बोर्ड का भी झगड़े में इस्तेमाल किया गया। इसके बाद मामला बढ़ता देख दफ्तर के स्टाफ ने किसी तरह कमरे को ताला लगाकर सभी को बाहर भेजा। मगर इसके बाद भी यहां पर कोई एक्शन लेने की बजाए, सिस्टम एजेंटों के माध्यम से ही चल रहा है। 

पासिग के नाम पर वसूले जाते हैं पैसे

नियमों के अनुसार दो बार पूरी तरह से इंस्पेक्शन होने के बाद पासिग होती है। इसके तहत नए वाहन को दो साल तो पुराने वाहन को एक साल के लिए पासिग दी जाती है। इसके लिए अलग-अलग वाहन की फीस तय की गई है, लेकिन यहां पर काम करवाने के लिए आए लोगों से पासिग के नाम पर दो से तीन हजार रुपये तक की वसूली की जा रही है। इससे पहले 15 दिसंबर 2011 को भी बठिडा के एंटी नारकोटिक्स सेल की ओर से धरे गए चोर गिरोह के दो सदस्यों से पुलिस ने 13 गाड़ियां बरामद कर जांच शुरू की तो गिरोह के सदस्यों ने माना कि जाली आरसी बनाने में डीटीओ दफ्तर के कई दलाल व कर्मचारी शामिल थे। इसके बाद 2011 में अमृतपाल सिंह नामक एक व्यक्त को गिरफ्तार किया गया, जो बाद में फिर से जाली आरसी बनाने का काम करने लगा तो पुलिस ने उसे 2016 में फिर से गिरफ्तार कर लिया। 

विजिलेंस जांच पर भी नहीं हुई कार्रवाई

विजिलेंस विभाग की तरफ से ट्रांसपोर्ट कमिश्नर पंजाब को 19 मई 2016 को एक रिपोर्ट भेजी गई थी। इसमें एक व्यक्ति की शिकायत के बाद करवाई जांच का विवरण दिया था। जिला ट्रांसपोर्ट विभाग को इसमें बनती कार्रवाई करने के साथ विजिलेंस विभाग बठिडा को आरोपी लोगों के खिलाफ केस दायर करने की सिफारिश भी की गई थी। इसमें एडीसी बठिडा ने 24 जून 2016 को जांच शुरू की थी। इसी मामले में फिर से अगस्त 2017 में जांच शुरू की गई, लेकिन इसमें आरोपितों के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई। 

रिकार्ड में भी दर्ज है गोरखधंधा

विजिलेंस ब्यूरो के संयुक्त डायरेक्टर एडमिन की तरफ से रिकार्ड नंबर 21327 दिनांक 17 मई 2016 में कहा गया था कि जिला ट्रांसपोर्ट अफसर बठिडा के अधिकारी कर्मचारी दफ्तर मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर के कर्मचारियों ने डीटीओ दफ्तर में प्राइवेट दलालों का जाल बिछा रखा है। एक गाड़ी के पीछे 20 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की चपत सरकारी खजाने को लगाई जा रही है। एक थ्रीव्हीलर बजाज नंबर पीबी-3-एजे-1511 दिनांक 9 मई 2014 को खरीदा गया था जिसके पासिग आर्डर 12 जनवरी 2015 को जारी हुए थे। इस तरह से यह गाड़ी आठ माह लेट पास करवाई गई। मिलीभगत से पासिग फीस 50 रुपये लगाई गई है, जबकि नियम अनुसार फीस एक हजार रुपये से अधिक बनती है।

आठ साल पहले गायब हुआ था 9321 वाहनों का रिकार्ड

आठ साल पहले डीटीओ आफिस में बड़ा घोटाला सामने आया था। जब यहां से 9321 वाहनों का रजिस्ट्रेशन रिकार्ड गायब कर दिया गया। गायब किए गए रिकार्ड में गड़बड़ी कर लोगों को वाहनों की फर्जी आरसी तक जारी कर दी गई थी। इसमें पूर्व डीटीओ बीएम सिंह, एसओ रमन कुमार, एजेंट गगनतेशवर सहित पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था, जबकि जिन नंबरों का रिकार्ड गायब हुआ था, वह बाद में भी वाहनों पर लगते रहे, लेकिन अब इन नंबरों को रद्द कर दिया गया है। 

कई-कई वाहनों पर लगे हैं एक ही नंबर

पंजाब सरकार ने अब वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर लगाना अनिवार्य कर दिया है। जब पुराने वाहन चालकों ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए अप्लाई किया तो नए-नए कारनामे सामने आने लगे। सबसे बड़ी बात तो यह थी कि जिनकी आरसी कापी वाली बनी हुई थी, उन वाहनों के नंबर कई-कई वाहनों पर चल रहे हैं। बठिडा के गुरु तेग बहादुर नगर के नवदीप कुमार ने जब अपनी स्कूटी पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने के लिए अप्लाई किया तो उसको पता लगा कि उसकी स्कूटी का नंबर संगरूर में किसी कैंटर पर लगा हुआ है। इसके बाद रिकार्ड जांचा तो वही नंबर एक स्कूटर पर भी बठिडा में लगा हुआ मिला। 





Thursday, May 26, 2022

आदेश मेडिकल कालेज ने छात्रों की उपस्थिति को लेकर जारी किए निर्देश, छात्रों में फैसले को लेकर आक्रोश

बठिंडा (हरिदत्त जोशी) . बठिंडा स्थित आदेश इंस्टीच्यूट आफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की तरफ से अपने सभी मेडिकल छात्रों के लिए उपस्थिति संबंधी नियमावली जारी की है। इसमें कहा गया है कि पहली उपस्थिति सुबह 8 बजे, दूसरी शाम 4.00 बजे और तीसरी शाम 7.30 बजे से रात 9 बजे तक बायोमैट्रिक्स के माध्यम से दर्ज करवाना जरूरी होगा। इसमें रविवार और सभी सरकारी छुट्टियों में भी उपस्थिति लगाना लाजमी किया गया है। 

यही नहीं इसमें कहा गया है कि उपस्थिति दर्ज करने में किसी भी तरह की देरी को तीन दिनों के लिए अनुपस्थित माना जाएगा और पोस्ट-फैक्टो मंजूरी के लिए छुट्टी आवेदन जमा करने के माध्यम से अनुपस्थिति को दूर करने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। वही लगने वाली गैरहाजिरी को पहले से मौजूद निर्णय के आधार पर ही निपटाया जाएगा। इसका मतलब यह है कि दो मिनट की देरी से भी छात्रों को तीन दिन की अनुपस्थित की सजा के साथ-साथ तीन दिन के वजीफा का नुकसान भी होगा। मेडिकल कालेज की तरफ से जारी इस आदेश का समूह छात्रों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है वही इस मामले में आईएमए के मैंबर व मानवाधिकार कार्यकर्ता डां. वितुल कुमार गुप्ता ने विरोध जताया है। उन्होंने इस बाबत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, दिल्ली, पंजाब मानवाधिकार आयोग, चंडीगढ़ और राष्ट्र चिकित्सा आयोग को लिखित शिकायत भेजकर तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है। आदेश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च बठिंडा के प्रिंसीपल की तरफ से जारी आदेश को उन्होंने अमानवीय और अनुचित करार दिया है। वही इसे छात्रों के मूल मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करार दे संस्थान से जबावतलबी मांगने को कहा है। डॉ. वितुल ने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन- 2021 में धारा 17.2 के तहत कहा गया है कि “पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल होने वाले सभी उम्मीदवार फुल वर्क करेंगे। प्रशिक्षण की अवधि के दौरान और प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष के दौरान प्रदान किए गए प्रशिक्षण के कम से कम 80 प्रतिशत वर्क में भाग लेंगे। 

इसके अलावा, गर्भवती स्नातकोत्तर छात्रों को मौजूदा नियमों और विनियमों के अनुसार मातृत्व अवकाश की अनुमति दी जाएगी। उन्हें वजीफा भी दिया जाएगा। हालांकि, मातृत्व अवकाश के कारण प्रशिक्षण कार्यक्रम में नुकसान हुए समय को पूरा करने के लिए संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा उनका कार्यकाल फिर से तय किया जाएगा। डा. वितुल ने कहा कि कालेज ने एनएमसी के खिलाफ यह बहुत कठोर उपस्थिति नियम जारी किया है। नए नियम में छात्रों को हर दिन काम करने के लिए निर्देशित किया गया है और दो मिनट की देरी से उन्हें तीन दिन का खर्च आएगा। उपस्थिति और वजीफा की हानि भी होगी। डॉ. वितुल ने एनएचआरसी, पीएचआरसी के साथ-साथ एनएमसी से तत्काल हस्तक्षेप करने, जांच का आदेश देने और प्राचार्य, एआईएमएसआर को इन अमानवीय उपस्थिति दिशानिर्देशों को वापस लेने और तार्किक उपस्थिति नियमों को जल्द से जल्द बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। 




Thursday, May 12, 2022

डॉ. अनिल श्रीवास्तव की किताब प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन माई एक्सपीरियंस की रिकॉर्डतोड़ बुकिंग ए हैंड बुक ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी की जबरदस्त सफ़लता के बाद डॉक्टर अनिल की पुस्तक को मंगवाने वालों की लंबी कतारें


बठिंडा, 12 मई ( डॉ. ऋतेश श्रीवास्तव)
. उत्तर प्रदेश के शहर बस्ती के प्रसिद्ध डॉक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव की किताब प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन माई एक्सपीरियंस की रिकॉर्डतोड़  बुकिंग हो रही है। ए हैंड बुक ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी की जबरदस्त सफ़लता के बाद डॉक्टर अनिल की पुस्तक को मंगवाने वालों की लंबी कतारें है। इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े प्रैक्टिशनियर ऑन लाइन आवेदन कर रहे हैं। पुस्तक जून के दूसरे सप्ताह तक मिलने लगेगी।  प्रेक्टिस ऑफ मेडिसिन इन माई एक्सपीरियंस की रिव्यू के लिए कॉपी इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के सीनियर डॉक्टर्स के पास भेजी गई है। तकरीबन 350   पेजेस वाली उक्त पुस्तक में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सकों के लिए बहुत ही रोचक जानकारियां हैं। उन्होंने उक्त किताब का प्रेरणा स्त्रोत अपने गुरु स्वर्गीय डा. रामा शंकर को बताया है। उक्त पुस्तक के प्रकाशक शनसाइन हेल्थ केयर ट्रस्ट अजाद नगर हिसार हरियाणा है। इस पुस्तक में डा. अनिल श्रीवास्तव ने अपने 38 वर्ष के गहन प्रेक्टिस अनुभव को शामिल किया है। इस पुस्तक में अंगवार विभाजित औषधियों की कार्यविधि, रोगी का भौतिक प्रक्षिण, इलैक्ट्रोहोम्यपैथी औषधी की कार्यप्रणाली के अलावा जायडिस, क्लोमग्रंथी शोध, कफ-खासी, रैसप्रेयटी फेलियर, पलोमनियरी, फायबरोसिस, दमा, ह्रदय रोग की पहचान, उच्च रक्त दाब, हाइपरटाइसन, एनजाइना, कार्डिक एरेस्ट, ह्रदय का बंद होना, ह्रदय का फेल होना, ह्रदय की सूजन, मूत्र संस्थान के रोग, डायबिटिस, निफरोटिक सिड्रोम, किडनी शोध, मूत्र से रक्त, मूत्र में अवरोध, यूरिमिया, एसिडिटी, कब्ज, भोजन की अनिच्छा, अफारा, योनीप्रदाह, मिनोपोज सहित सैकड़ों रोगों पर विस्तृतपूर्वक जानकारी दी है। उक्त पुस्तक में इलैक्ट्रोहोम्योपैथी औषधियों के विभिन्न शारीरिक सिस्टम पर कार्य करने बाबत बखूबी समझाया गया है। नए व पुराने प्रैक्टिसनियर्स के लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध होगी।

बताते चलें कि डॉ अनिल श्रीवास्तव, निःशुल्क आनलाईन क्लास से  इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की अलख जला रहे हैं। वे तकरीबन 550 निःशुल्क क्लास लगा चुके हैं, और इसका आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। सैकड़ो इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े प्रेक्टिशिनियर्स उनके मुरीद हैं। अनिल श्रीवास्तव कहते हैं कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति की मान्यता के लिए वह संघर्ष कर रहे है, और मरते दम तक करते रहेंगे।

 साल 1986 में कानपुर यूनिवर्सिटी से जन्तु विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएट डाक्टर अनिल कुमार श्रीवास्तव, साल 1983 से इलेक्ट्रो होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े। 1990 से एक कॉलेज में प्रिंसिपल की सेवा निभा रहे डॉ. अनिल पूर्व चीफ प्रॉक्टर के.एन.ई.एच मेडिकल कॉलेज कानपुर भी रहे हैं। पिछले 37 साल से इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रचार प्रसार में जुटे हुए डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव का नाम देश भर में किसी परिचय का अब मोहताज नहीं है।

 इलेक्ट्रो होमियोपैथी औषधियों की वैज्ञानिक समीक्षा, डायबिटीज और इलेक्ट्रो होम्योपैथी। इलेक्ट्रो होम्योपैथी औषधियां एंजाइम क्यों। आदि विषयों पर वह तकरीबन 150 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। वह हीमोफीलिया में ईएच का योगदान पर विशेष शोध कर चुके हैं।  याद रहे कि उन्हें शिक्षा और समाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री सम्मान से  2019 में सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें डॉ रमाशंकर अवार्ड,  मैटी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड,  आई.ई.एच.एम.सी की ओर से दिया जा चुका है।



Monday, May 9, 2022

अवि राजपूत द्वारा किये जा रहे कार्य की शहर वासिओ ने की जोरदार सरहाना,अवि राजपूत द्वारा कूड़े का मामला उठाने के बाद कुम्भ करनी नीद से जागा नगर निगम


कपूरथला(राजेश तलवाड़).
नगर निगम कपूरथला के कई इलाके इन दिनों संक्रामक रोगों के मुहाने पर है।जगह-जगह कूड़े के ढेर से उठने वाले सड़ांध व दुर्गंध से लोगों को दुश्वारियां झेलनी पड़ रही है। मोहल्ले में कुड़ा निस्तारण अथवा डंपिंग प्वाइंट की व्यवस्था न होने से जो जहां चाहता हैं वहीं कूड़ा फेंक देता है।आबादी के हिसाब से कूड़ेदान की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।कस्बे में मुख्य बाजार सहित जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं,जिसके कारण लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है तथा गंदगी के कारण बीमारियां फैलने का डर लोगों को सताने लगा है।ऐसा ही एक लोगो के हक़ में समय समय पर आवाज उठाने वाले समाज सेवक और यूथ अकाली दल के राष्ट्रीय उपप्रधान अवि राजपूत के ध्यान में उस समय आया जब वह सुबह सैर कर रहे थे।उन्होंने ने शहर के वीआईपी एरिया नजदीक रणधीर स्कूल के सामने लगे कूड़े के ढेर और शहर की बदहाल हुई सफाई व्य्वस्था पर नगर निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन उठाया था।जिसके बाद नगर निगम जो कुम्भ करनी नीद में सो रहा था,तुरंत  उठ पड़ा और शहर के वीआईपी एरिया नजदीक रणधीर स्कूल के सामने लगे कूड़े के ढेर की सफाई व्य्वस्था को शुचार रूप दिया और जनता चेन की साँस ली।अवि राजपूत कहा कि सफाई व्यवस्था को सुचारु ढंग से चलना नगर निगम का प्रथम कर्तव्य है,लेकिन शहर में सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम घंभीर नहीं है।उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा सफाई अभियान नहीं चलाने के कारण जीना दूभर हो रहा है।शहर के कई वार्डों में तो हालात इस कदर खराब हैं कि नालियां कचरे से भरी पड़ी हुई हैं। पानी सड़कों पर बह रहा है।इसके चलते लोगों को आने-जाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।इस दौरान शहर वासिओ ने अवि राजपूत द्वारा लोगो के हक़ के लिए समय समय पर आवाज उठाने की जोरदार सरहाना की।



देश के विभिन्न कोनों से छिपे टैलेंट को ढूंढने और तराशने की जरुरत

कपूरथला (राजेश तलवाड़). खेल हमारे सर्वांगीण विकास के लिए बहुत ही बेहतरीन टाॅनिक है।बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खेल बहुत ही आवश्यक हैं।बच्चा जब बहुत छोटा होता है,तब वह चारपाई पर लेटा हुआ अपने हाथों और पैरों को चलाता रहता है,जिससे उसकी वर्जिश होती है और उसका दूध पच जाता है।खेल-खेल में वह अपने-आपको तंदुरूस्त रखता है।खेल हमारे जीवन में शारीरिक,मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है।खेल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।यदि हम प्रतिदिन खेल खेलते हैं तो वह हमारे मानसिक कौशल को विकसित करता है।वह हमारे मनोवैज्ञानिक कौशल में भी सुधार लाता है।खेल से हमें प्रेरणा,साहस,अनुशासन और एकाग्रता मिलती है।खेल एक शारीरिक क्रिया है जो विशेष तरीके और शैली से की जाती है और सभी के उसी के अनुसार खेलों के नाम भी होते हैं।नियमित रूप से खेल खेलना हमें बहुत सी शारीरिक बीमारियों,विशेष रूप से अधिक वजन,मोटापा और हृदय रोगों से सुरक्षित रखता है। खेल हमारे शारीरिक और मानसिक व्यायाम केे लिए सबसे आसान और आरामदायक तरीका है।सरकार द्वारा बच्चों और विद्यार्थियों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा इसके माध्यम से लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए खेलों का आयोजन राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है।प्राचीन खेलों की तुलना में आधुनिक युग में खेलों में एक बेहतर भविष्य का सपना देखा जाने लगा है।बेहतर खेल प्रदर्शन करने पर खिलाड़ी को अनेक प्रकार के सुविधाजनक समानों के अलावा अच्छी नौकरी भी मिलती है।

खेल से राजनीति को हटाना होगा-दीपक सलवान 

ब्लाक कांग्रेस के प्रधान दीपक सलवान ने कहा कि भारत में हर खेल ऑर्गनाइजेशन में महत्वपूर्ण पदों पर पॉलिटिकल लीडर्स बैठे हुए हैं जिनकी खेल की समझ बिल्कुल जीरो है।उनको सिर्फ अपनी जेबें भरने से मतलब है,खिलाड़ियों को कोई सुविधा उपलब्ध कराने में उनकी खास दिलचस्पी नहीं रहती।अगर इन ऑर्गनाइजेशन्स में राजनेताओं की जगह पूर्व खिलाड़ियों को रखें तो हर खेल की स्थिति में सुधार होगा।क्योंकि एक खिलाड़ी की मानसिकता और जरूरतों को उस दौर से गुजर चुका या उससे लगाव रखने वाला व्यक्ति ही बेहतर समझ सकता है।

ग्राउंड लेवल से हो ट्रेनिंग की व्यवस्था-राजीव वालिया 

स्पोर्ट्स सेल के पंजाब प्रधान राजीव वालिया ने कहा कि चाहे चीन हो,ऑस्ट्रेलिया हो या अमेरिका इन सभी देशों में ग्राउंड लेवल से बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है।वहां प्रॉपर एकेडेमीज बनाई गई हैं।लेकिन हमारे देश में टैलेंटेड खिलाड़ियों को ना सही ट्रेनिंग मिलती है ना ही अपने यहां ढंग की एकेडेमीज हैं।अगर देश के हर कोने में विशेष एकेडमियां बनाई जाएं जहां ग्राउंड लेवल से बच्चों को प्रॉपर ट्रेनिंग दी जाए तो निश्चित ही हालात सुधरेंगे।और स्कूलों में ऐसी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएं जिससे बच्चे खेल को करियर के रूप में लेने की सोचें।

तकनीक का बेहतर प्रयोग हो-राहुल बजाज

समाज सेवक राहुल बजाज ने कहा कि अब हर खेल में टेक्नोलॉजी की दखलंदाजी काफी बढ़ गई है।क्रिकेट,फुटबॉल,हॉकी हर खेल में आज ज़रूरत ऐसी कोचिंग की है जिसमें तकनीक का बेहतर प्रयोग हो।हर खेल से जुड़ी टेक्नोलॉजी हमारे खिलाड़ियों और कोचों को उपलब्ध कराई जाए।यूरोपीय देशों में टेक्निकल ट्रेनिंग पर बहुत ज्यादा प्रेशर दिया जाता है।जिसके दम पर वो देश आज हर खेल में चैम्पियन हैं।इसके साथ ही कुश्ती,फुटबॉल,हॉकी,बॉक्सिंग जैसे खेलों के लिए उचित टर्फ की भी व्यवस्था होनी चाहिए।

स्पोर्ट्स बजट का सदुपयोग हो-राकेश भार्गव 

समाज सेवक राकेश भार्गव ने कहा कि स्पोर्ट्स बजट के नाम पर जो पैसा सरकार हर साल देती है उससे यूथ एकेडमी बनाने के साथ ही देश के विभिन्न कोनों से छिपे टैलेंट को ढूंढने और तराशने में लगाया जाए तो निश्चित रूप से हमारी स्थिति सुधरेगी।भारत सरकार को खेल बजट में भी बढ़ोतरी करनी चाहिए क्योंकि बेहतरीन खिलाड़ियों के निर्माण के लिए जिन सुविधाओं की ज़रूरत है।उनको पाने के लिए ज्यादा पैसा चाहिए।खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें बेहतर सुविधाएं देनी ही होंगी।देश के युवा खिलाड़ियों को बेहतर फॉरेन खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलना चाहिए ताकि वो अपने खेल को और बेहतर कर सकें।

खिलाड़ियों की सुविधाओं का ख्याल रखें-अनिल शुक्ला

समाज सेवक अनिल शुक्ला ने कहा कि ने कहा कि खिलाड़ी बहुत मुश्किल और संघर्ष के बाद बढ़ता है।एक खिलाड़ी का खेल करियर बहुत लंबा नहीं होता,लेकिन अपने बहुमूल्य समय खेल को देने के बाद राज्य के जियादातर खिलाड़ियों को निराशा ही मिली है।राज्य में खेलों का ऐसा वर्गीकरण होना चाहिए,जिससे ओलंपिक और विश्वस्तर पर खेले जाने वाले खेलों के खिलाड़ियों को सुविधाएं मिल सकें।यदि एक खिलाड़ी के खाते में बड़ी उपलब्धि हो तो उसे नौकरी मिलनी ही चाहिए।सभी राज्यों में ऐसे ही नियम होने चाहिए।

खेल संघों को मजबूत करने की नीति बने-दर्शन बहल

समाज सेवक दर्शन बहल ने कहा कि खिलाड़ियों की आजीविका के लिए सरकार को सोचना होगा।खेल नीति में इसका ध्यान विशेष रूप से रखा जाना चाहिए।एक खिलाड़ी की लाइफ कम होती है। उसे उपलब्धि के अनुसार रोजगार मिलना चाहिए।खेल संघों को मजबूत करने की नीति होनी चाहिए।  जिला,राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों का निबंधन खेल विभाग को करना चाहिए,ताकि एक रिकॉर्ड हो कि हमारे खिलाड़ियों के लिए क्या करना है।नियुक्ति एजेंसियों में खेल के विशेषज्ञ को भी रखना चाहिए।खेल संघों के साथ सरकार का समन्वय हो।

आप के प्रदेश संयुक्त सचिव ने कहा:उपेक्षा नहीं सम्मान के हकदार हैं पार्टी कार्यकर्ता, कार्यकर्ताओं का सम्मान व मनोबल नहीं गिरने देंगे,गुरशरण सिंह कपूर

कहा,कार्यकर्ता ही पार्टी की नींव हैं उनका सम्मान जरूरी

कपूरथला(राजेश तलवाड़).कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी की रीढ़ की हड्डी है और संगठन से ही शक्ति है।जैसे पूरा शरीर रीढ़ की हड्डी पर टिका होता है,वैसे ही आम आदमी पार्टी भी कार्यकर्ताओ के बलबूते टिकी हुई है।उक्त बातें आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयुक्त सचिव गुरशरण सिंह कपूर ने सोमवार को अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहे।गुरशरण सिंह कपूर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा करना सही नहीं है।उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सेवा करने वाले कार्यकर्ता की उपेक्षा नहीं की जा सकती है।उपेक्षा किए जाने से कार्यकर्ता को आघात लगता है।उसे कष्ट होता है।उन्होंने कहा कि वे इसके पक्ष में कभी नहीं रहे हैं।कपूर ने कहा कि जो अपना कार्यकर्ता रहा है,लगातार दरी बिछाने का काम करता रहा है और हमेशा ही पार्टी की जय जयकार करता रहा है,वह निष्कलंक है।उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यकर्ताओं का मान सम्मान किया जाना चहिए।उन्होंने कहा कि यह हमारी पार्टी की प्राथमिकता है।गुरशरण सिंह कपूर ने कहा कि आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता कार्यकर्ता हैं।हम सभी को साथ लेकर चलेंगे और किसी कार्यकर्ता के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने देंगे। सभी का मनोबल बढ़ाकर ही पार्टी की नीति का जन-जन तक पहुंचाने का काम किया जाएगा।कपूर ने कहा कि किसी भी पुराने कार्यकर्ताओं को अनदेखा नहीं किया जायेगा,कार्यकर्ताओं की बदौलत ही आम आदमी पार्टी इतनी बड़ी जित हासिल कर पाई है।उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं का सम्मान रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है।कार्यकर्ता आमजन के विश्वास को बरकरार रखते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ जनता की समस्याओं का निराकरण करने में सहयोग करें।कपूर ने बताया कि पंजाब में विजय के बाद पूरे देश में आप के प्रति एक सकारात्मक लहर चल रही है।जनता की उम्मीदों को पूरा करने के लिए अब सभी कार्यकर्ताओ को एकजुटता से कार्य करना चाहिए।कपूर ने कहा कि कार्यकर्ताओं का सम्मान पार्टी की नीतियों में है।इनके बल पर आगे की लड़ाई भी जीतेंगे।कपूर ने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी की नींव होते है और वे सभी एकजुट होकर पार्टी का प्रचार व प्रसार करें,पार्टी की सोच व नीतियों को जन-जन तक पहुंचाए। अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ जोड़े।उन्होंने कहा कि आप पार्टी का इतिहास बहुत साफ सुथा है।यह पार्टी ही हर वर्ग की हितेषी पार्टी है।उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे सभी एकजुट रहे और पार्टी की जड़ें मजबूत करें।



गुरपाल इंडियन ने शिक्षकों की ड्यूटियों दोबारा सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बहाल करवाई


कपूरथला (राजेश तलवाड़).
कपूरथला के गांव लखन कला के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के गेट पर गांववासियों ने ताला जड़ दिया और बच्चे बाहर गर्मी में खड़े रहे।गांववासियों ने यह कदम स्कूल के अधिकतर शिक्षकों की ड्यूटी ‌विभाग की ओर से एग्जाम में लगाए जाने से खफा होकर उठाया।इस की सुचना मिलते ही आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान गुरपाल सिंह इंडियन अपनी टीम के साथ मोके पर पहुंचे और शिक्षा विभाग के डीईओ बिक्रमजीत सिंह के साथ बातचीत की गेट खोलकर बच्चों को कक्षाओं में भेजा भिजवाया।इस दौरान गुरपाल सिंह ने बताया कि पिछले काफ़ी दिनों से स्कूल अध्यापकों की ड्यूटियों कहीं ओर दफ्तरों में लगाने के कारन बच्चों को पढ़ने में प्राबलम आ रही थी,जिसके बाद इंडियन ने डीईओ बिक्रमजीत सिंह के साथ बातचीत कर शिक्षकों की ड्यूटियों दोबारा इस स्कूल में बहाल करवाई।इंडियन ने कहा कि स्कूली शिक्षा को लेकर आप सरकार किसी तरह की ढील नहीं बरतेगी।उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किए जाएंगे।सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में जहां उच्च शिक्षा देने की रफ्तार तेज करेंगे।वहीं,सरकारी व निजी स्कूलों के ढांचों पर भी नजर रखेंगे।बच्चे देश का भविष्य हैं।बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए पंजाब सरकार हरसंभव प्रयास करेगी।जहाँ कही भी शिक्षकों कि कमी उसकी रिपोट तैयार कर शिक्षा मंत्री को भेजी जाएगी और शिक्षकों  की कमी को दूर किया जायेगा।उन्होने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से पोस्ट मैटिक स्कालरशिप के तहत 1.90 लाख से अधिक विद्यार्थियों के खाते में 179 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। वहीं,पढ़ाई में होशियार बच्चों को सम्मानित किया जाएगा।उन्होंने युवाओं को नशे की दलदल से निकालने व खेलों की तरफ आकर्षित करने हेतु जल्द ही पंजाब सरकार योजना बनाएगी।हर जिले में स्पोर्ट्स कैंप लगाकर,अच्छे खेल ग्राउंड अपग्रेड कर आगामी दिनों में विभिन्न खेलों में कोच भर्ती करके युवाओं को कोचिंग कैंपों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी एससी विंग के कोडिनेटर अनमोल कुमार गिल,सुरजीत सिंह विकी,आप नेता कमलप्रीत सिंह बाबा,इंदरपाल सिंह लखनकला, सरपंच सतनाम सिंह,सरपंच जीतराम,संत बाबा इंदरपाल सिंह,कुलदीप सिंह सोहल, रघबीर सिंह सोहल,अमरीक सिंह ढिलो,राजबिंदर सिंह नबरदार आदि उपस्थित थे।



Friday, May 6, 2022

कपूरथला के रोहित महाजन का मुसवेल्लब्रूक ऑस्ट्रेलिया में पार्षद बनने पर भाजपा नेताओ ने किया सम्मान


कपूरथला (राजेश तलवाड़)
. सीनियर भाजपा नेता नथूराम महाजन के बेटे रोहित महाजन को मुसवेल्लब्रूक ऑस्ट्रेलिया में पार्षद बनने पर भाजपा नेताओ की और से जिला प्रधान राजेश पासी ​के नेतृत्व में सन्मानित किया गया।इस अवसर पर भाजपा जिला प्रधान राजेश पासी ने कहा कि रोहित महाजन मुसवेल्लब्रूक ऑस्ट्रेलिया में पार्षद बनकर देश,प्रदेश के साथ साथ कपूरथला का नाम रोशन किया।एडवोकेट पियूष मनचंदा ने कहा कि रोहित महाजन के पार्षद बनने पर बहुत गर्व महसूस हुआ है।इस अवसर पर मुसवेल्लब्रूक ऑस्ट्रेलिया के पार्षद रोहित महाजन ने कहा कि जनता की सेवा करना ही राजनेता का काम होता है।उन्होंने कहा कि जितना काम किया जाएगा उतना ही फल मिलेगा और प्रदेश में भी ऐसा ही होना चाहिए।उन्होंने कहा कि देश सेवा में कोई भी पार्टी आड़े नहीं आती है,क्योंकि जनता की सेवा करना ही ध्येय होना चाहिए।रोहित महाजन ने कहा कि कोविड की वजह से हर देश की आर्थिकी पर फर्क पड़ा है।उन्होंने कहा कि हर देश के लिए महत्वपूर्ण है और किसी तरह से आर्थिकी को आगे बढाया जाए इस पर काम होना चाहिए।इस अफसर पर जिला उप प्रधान जगदीश शर्मा,जिला उप प्रधान धर्मपाल महाजन,जिला उप प्रधान अशोक माहला, जिला सचिव अश्वनी तुली,मंडल सचिव गौरव महाजन आदि उपस्थित थे।



लोगो ने कहा-जब तक पालीथिन उत्पादन बंद नहीं होगा तब तक होगा उपयोग. पॉलीथिन घोल रहा हवा में जहर,शहर में हर रोज सीवरेज जाम से लोग बेहाल

 


कपूरथला(राजेश तलवाड़)
.पॉलीथिन को लेकर कपूरथला प्रशासन गंभीर नहीं है।शहर में अभी भी बेखौफ होकर लोग पॉलीथिन और डिस्पोजेबल का इस्तेमाल कर रहे हैं।शहर में कोई धार्मिक प्रोग्राम हो या फिर शादी विवाह समारोह,पॉलीथिन और डिस्पोजेबल का इस्तेमाल निश्चिंत होकर हो रहा हैं।इसके लिए नगर निगम की ओर से कोई विशेष कार्रवाई नहीं हो रही।शहर का कोई मोहल्ला नहीं होगा जहां पर पॉलिथीन की वेस्टेज ना पड़ी हो।पॉलिथीन के लिफाफे लगातार धरती को जहरीला बनाने के साथ-साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति को भी खत्म कर रहे हैं।अभी कुछ लोग छिपकर और कुछ लोग सरेआम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।रेहड़ी वाले और दुकानदार इसका उपयोग बेखौफ कर रहे हैं।शहर में  बारिश के मौसम में जलबराव की गंभीर समस्या उत्पन होती है जिससे नेताओ से लेकर आम लोग भी बहुत परेशान होते है।सीवरेज में भारी मात्रा में पॉलिथिन,घरेलू कचरा और प्लास्टिक की बोतले फंसी रहती है,जो पानी निकासी को अवरुद्ध करती है।इसी वजह से सामान्य बरसात होने पर ही घंटों तक पानी की निकासी नहीं होती।मानसून सीजन में ये कचरा ही शहर के लिए आफत बनता है।यानि हमारी लापरवाही ही हमें भुगतनी पड़ती है।

निर्माणपर लगे पाबंदी,,अवि राजपूत

यूथ अकाली दल के राष्ट्रीय उपप्रधान अवि राजपूत ने कहा कि पॉलीथिन से वातावरण में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।कूड़ा में पड़े प्लास्टिक को खाकर पशु बीमार पड़ रहे हैं।अधिकतर की तो इसके कारण मौत हो रही है।अगर इस पर रोक नहीं लगी तो आने वाले दिनों में इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।अवि राजपूत कहते हैं कि पॉलीथिन पर पाबंदी के साथ ही जिले में इसके माकूल निस्तारण के लिए संयंत्र की स्थापना करनी चाहिए।इस्तेमाल के बजाए निर्माण पर पाबंदी लगाया जाना काफी कारगर होगा।

विशेष अभियान चलाकर दुकानदारों को पॉलीथिन रखने से मना करना होगा.पियूष मनचंदा

भाजपा जिला उपप्रधान एडवोकेट पियूष मनचंदा ने कहा कि पॉलीथिन से बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए इसके उपयोग पर रोक लगाने के लिए हम सब को संकल्प लेना होगा। साथ ही अन्य को भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की शपथ दिलानी होगी।विशेष अभियान चलाकर नगर में दुकानदारों को पॉलीथिन रखने से मना करना होगा।साथ ही उनको बताना होगा कि प्लास्टिक का जहर वातावरण में फैलता ही जा रहा है इसलिए इस पर रोग लगानी जरूरी है।

सालों साल नहीं गलता पॉलीथिन.डा.संदीप भोला

डिप्टी मैडिकल कमिश्नर डा.संदीप भोला कहते हैं कि पॉलीथिन इतना खतरनाक पदार्थ है कि सालों साल इसे धरती में दबाने के बाद भी नहीं गलता।पॉलीथिन पर प्रभावी ढंग से अंकुश तभी लग सकता है जब प्रशासन द्वारा अभियान छेड़ा जाए और इस अभियान में निरंतरता बनी रहे।साथ ही लोगों को भी जागरूक होना होगा।पॉलीथिन की बिक्री पूरी तरह बंद न होने तक लोगों को चाहिए कि वे पॉलीथिन का कचरा बजाए गली में फैंकने के कूड़ेदान में डालें,ताकि कोई पशु अकाल मौत का शिकार न हो।

पर्यावरण के लिए ज्यादा घातक है कि पॉलीथिन..रिंपी शर्मा

भाजपा जिला सचिव रिंपी शर्मा का कहना है कि पॉलीथिन प्रतिबंध होना अच्छी पहल थी,पर यह खबर पर्यावरण के लिए ज्यादा घातक है कि पॉलीथिन उत्पादन पर बैन नहीं लग रहा।क्योंकि कोई भी दुकानदार ग्राहक को पॉलीथिन देने से मना नहीं कर पाएगा।क्योंकि कंपनी तो पॉलीथिन का उत्पादन कर रही है।जनजागरण से लोग पॉलीथिन का कुछ समय के लिए उपयोग नहीं करेंगे।अगर उत्पादन बंद होता तो लोग हमेशा के लिए पॉलीथीन उपयोग करना बंद कर देते।

पॉलीथिन की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है.विशाल सोंधी

भाजपा नेता विशाल सोंधी ने कहा कि पॉलीथिन की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक होना आवश्यक है।खरीदी से पहले क्षेत्रवासी घर से ही कपड़े की थैली लेकर निकलें।दूध या अन्य पेय पदार्थ पॉलीथिन में देने से व्यवसायी को रोकें।दुकानदार कागज की थैलियों का उपयोग करें।जरूरी होने पर निर्धारित मापदंड की पॉलीथिन का ही उपयोग करें।क्षेत्र को पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए समाजसेवी संस्थाएं को आगे आना होगा।क्षेत्र सहित स्वास्थ्य अमला समय-समय पर कार्रवाई करें।

पॉलीथिन और डिस्पोजल के उपयोग से नगर की साफ-सफाई व्यवस्था बिगड़ रही.धंजल

पूर्व पार्षद राजिंदर सिंह धंजल ने कहा कि दिनोंदिन बढ़ते पॉलीथिन और डिस्पोजल के उपयोग से नगर की साफ-सफाई व्यवस्था बिगड़ रही है।डिस्पोजल और प्लास्टिक का सबसे अधिक उपयोग पार्टियों और विवाह आयोजनों में होता है।खाने की कटोरी हो या फिर चम्मच,सभी जगह डिस्पोजल का ही उपयोग किया जा रहा है।जोकि बहुत ही खतरनाक है।पॉलिथीन में सामान देने वाले दुकानदारों पर रोक लगाए जाने के लिए जागरूकता मुहीम शुरू की जानी चाहिए।



सिविल अस्पताल की जन औषधि केंद्र में मरीजों को नहीं मिल रही डाक्टरों की पर्ची पर लिखी दवाएं


 कपूरथला (राजेश तलवाड़).
सिविल अस्पताल कपूरथला के जन औषधि केंद्र में मरीजों को दवा नहीं मिल रही है। कभी कभार कुछ दवाएं मिल जाती है लेकिन अधिकांश जरुरी दवाएं जन ओषधि केंद्रों पर ना मिलने की वजह से मरीजों को बाहर के मेडिकल स्टोर से दवा लेनी पड़ती है। अस्पताल के ज्यादातर डाक्टर भी साल्ट की बजाय ब्रांड लिख रहे है। सिविल अस्पताल व जन औषधि केंद्र का दौरा करने पर देखा कि वहां पर ब्रांड की दवाईयां ज्यादा एवं साल्ट की कम थी। उधर, सूत्रों के अनुसार डाक्टर जन औषधि केंद्र की दवाईयां नहीं लिखते और कहते हैं कि उन दवाईयों में कुछ नहीं होता।सिविल अस्पताल में कहीं भी जन औषधि दवाई के बारे में कहीं कोई सूची दिखाई देती है। पिछले सात सालों से केंद्र सरकार की ओर से भेजी जा रही साल्ट दवाईयां भी स्टोर पर पूरी तरह उपलब्ध नहीं है। ऐसे में यदि डाक्टर ब्रांड ही लिखेगा, तो अन्य कंपनी की वही साल्ट वाली दवाई कैसे मिलेगी। उधर, सिविल अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को अस्पताल की ओर से मुहैया करवाई गई दवाइयां भी नहीं मिल रही है। मरीजों का कहना है कि डाक्टरों की ओर से लिखी गई अधिकतर दवा उन्हें निजी मेडिकल स्टोर से खरीदना पड़ता है क्योकि वह जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध ही नही होती। हालाकि सिविल अस्पताल में दो जन औषधि केंद्र है लेकिन मरीजों को कोई खास फायदा नहीं हो रहा है।गौरतलब है कि सिविल अस्पताल में हर रोज लगभग 750 मरीज उपचार के लिए आते हैं।अलग-अलग विभाग के ओपीडी में 11 माहिर डाक्टरों की ओर से मरीजों की जांच कर दवाइयां लिखी जाती है। डाक्टरों की ओर से लिखी गई दवा मरीजों को अस्पताल के जन औषधि केंद्र पर नहीं मिलती। सिविल अस्पताल में कुल 125 किस्म की दवाईयां उपलब्ध है। इसके बावजूद भी डाक्टरों की तरफ से लिखी जाती दवाइयां सिविल अस्पताल के अंदर से मिलने की बजाए बाहर से मिलती है। फार्मासिस्ट गुरमुख सिंह ने बताया कि जेनरिक दवाईयां लगभग 250 तरह की उपलब्ध है। जो दवाईयां नहीं है, उसे मरीज बाहर से खरीदते हैं। जिले में दो औषधि केंद्र है, जहां पर डाक्टर की लिखी साल्ट दवाईयां ही दी जाती है।सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आई गांव किशन सिंह वाला निवासी महिदर कौर व अवतार सिंह ने बताया कि चेकअप करने के बाद डाक्टर ने पर्ची पर कुल चार दवा लिखी है। इनमें से सिर्फ एक दवा अस्पताल के मेडिकल स्टोर पर मिली है। उन्हें बांकी दवाइयां निजी मेडिकल स्टोर से खरीदना पड़ा है जिसमें 700 रुपये खर्च हुए हैं।गांव नवा ठट्टा निवासी सुरिदर कौर ने बताया कि वह हार्ट की समस्या के कारण सिविल अस्पताल से इलाज करवा रही है। डाक्टर की तरफ से लिखी गई सभी दवाईयां बाहर से ही लेनी पड़ती है। अस्पताल में दवा नहीं मिलने से उन्हें अधिक पैसे खर्च कर निजी मेडिकल स्टोर से दवा खरीदना पड़ता है।फूलेवाल निवासी राम सिंह ने बताया कि वह पेट की बीमारी से पीड़ित है तथा सिविल अस्पताल में उपचार करवा रहा है। डाक्टर की ओर से लिखी गई छह दवाइयों में से सिर्फ तीन दवाईयां ही अस्पताल से मिली है। बाकी दवाइयां बाहर के मेडीकल स्टोर से खरीदनी पड़ी।इस संबंध में एसएमओ डा. संदीप धवन से बातचीत की गई, तो उन्होंने कहा कि डाक्टर साल्ट लिखते है और जन औषधि केंद्र पर सभी साल्ट की दवाईयां उपलब्ध है। यदि कोई डाक्टर ब्रांड लिखता है तो उसके खिलाफ बनती कारवाई की जाएगी।



विरासती शहर कपूरथला में ब्लडमैन के नाम के साथ जाने जाते सचिन अरोड़ा को मिलेगा स्वस्थ भारत सारथी अवार्ड

कपूरथला(राजेश तलवाड़). विरासती शहर कपूरथला में ब्लडमैन के नाम के साथ जाने जाते सचिन अरोड़ा को स्वस्थ भारत ट्रस्ट नई दिल्ली की ओर से स्वस्थ भारत सारथी अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।शिक्षा विभाग में बतौर क्लर्क काम कर रहे सचिन अरोड़ा कपूरथला में दा लाइफ हेल्पर्स के नाम के साथ संस्था चला रहे हैं।वह संस्था खूनदान कैंप लगाने के साथ साथ बच्चों में किताबें पढ़ने की आदत डालने के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट की किताबें भी वितरित करते है।सचिन अरोड़ा की संस्था की ओर से लाकडाउन दौरान जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करवाने के साथ साथ शहर के कई इलाकों को सैनिटाइज भी किया गया था।स्वस्थ भारत ट्रस्ट नई दिल्ली जेनेरिक दवाईयां की उपलब्धता की वकालत करता है।इस ट्रस्ट की ओर से कंट्रोल मेडीसन मैक्सीमम रिटेल प्राइस,जेनरिक लाओ,पैसे बचाओ,तुलसी लगाओ,रोग भगाओ,नो यूअर मेडीसीन व स्वस्थ बालिका स्वस्थ समाज व कंपेन चलाकर लोगों को जागरूक किया गया है।इन कंपेन में सहयोग देने व सेहत के साथ जुड़े क्षेत्रों में वालंटियर के तौर पर काम कर रहे समाज सेवकों को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की मेवाड़ यूनिवर्सिटी में सात व आठ मई को करवाए जा रहे दो दिवसीय समारोह के दौरान सम्मानित किया जाएगा।सारथी सम्मान पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल,पदमश्री मालिनी अवस्थी एवं अन्य शख्शियतों की ओर से दिए जाएंगे।

अब तक 43 बार रक्तदान कर चुके हैं सचिन

जिला शिक्षा अधिकारी (सें) दफ्तर में कार्यरत सचिन अरोड़ा अभी तक खुद 43 बार खून दान कर चुका है और उसकी लाइफ हेल्पर संस्था सैकड़ों लोगों की जिदगी बचा चुकी है।रियासती शहर की संस्था द लाइफ हेल्पर्स'देश के लगभग हर हिस्से में भ्रातृ संस्थाओं के साथ मिलकर पूरे देश में स्वैच्छिक तौर पर जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध करवा रही है।संस्था के ज्यादातर सदस्य शिक्षा विभाग के सरकारी कर्मचारी हैं।यह संस्था न केवल जरुरत के समय बल्कि नियमित तौर पर रक्तदान कैंप आयोजित कर ब्लड बैंक में रक्त की कमी को दूर करती है। 2016 में लगाए गए पहले कैंप में 52 यूनिट रक्त एकत्रित हुआ था। साल 2016 में कुल 155,2017 में 131 यूनिट और 2018 से अब तक 349 यूनिट अलग अलग कैंप लगाकर एकत्र किया जा चूका है।संस्था की मुहिम की सराहना कामेडियन कपिल शर्मा भी कर चुके हैं।अपने शो में भी उन्होंने संस्था का जिक्र करते हुए लोगों से रक्तदान करने की अपील की थी।

पिता को समर्पित करेंगे अवार्ड

इस अवार्ड बारे सचिन अरोड़ा का कहना है कि यह उनके और उनकी संस्था के लिए गर्व की बात है।इस अवार्ड के बाद उनकी जिम्मेदारी ओर ज्यादा बढ़ जाएगी।वह यह अवार्ड अपने पिता को समर्पित करना चाहेंगे।






तेजिंदर पाल सिंह गिरफ्तार, दिल्ली में दर्ज हुई पंजाब पुलिस के खिलाफ FIR; लगाई गई अपहरण की धारा

 


BJP Leader Tejinder Pal Singh भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय मंत्री और दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में हड़कंप की स्थिति है। भाजपा इसके खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी कर रही है।

नई दिल्ली। भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के राष्ट्रीय मंत्री और दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा को पंजाब पुलिस ने उनके निवास से गिरफ्तार किया है। तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी शुक्रवार को हुई और उन्हें पंजाब के मोहाली ले जाया जा रहा था, लेकिन हरियाणा के कुरुक्षेत्र में पुलिस ने रोक लिया। कुछ देर बाद दिल्ली पुलिस भी कुरुक्षेत्र पहुंच रही है। वहीं, तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के अपहरण मामले में पिता की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने पंजाब पुलिस के खिलाफ आईपीसी की धारा 452, 365,342,392, 395ए, 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।  

वहीं, उनकी गिरफ्तारी का भाजपा ने विरोध किया है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपराह्न तीन बजे आम आदमी पार्टी (आप) कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा की है। पार्टी के नेताओं ने कहा कि आप पंजाब में मिली सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। भाजपा इससे डरने वाली नहीं है।

उधर, जनकपुरी थाने पहुंचे दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी पर अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि  पंजाब पुलिस मिलने से बौखलाए हुए हैं। उनका   तानाशाही और हिटलरशाही भरा रवैया नजर आ रहा है। इस बीच थाने में तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के पिता की ओर से शिकायत की गई है।  उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को पंजाब पुलिस की कार्रवाई की सूचना नहीं थी। उन्होंने कहा कि तेजिंदर पाल सिंह बग्गा के लोकेशन का अभी तक पता नहीं चला है। 

वहीं, खबर आ रही है कि तेजिंदर के पिता का दिल्ली पुलिस मेडिकल कराएगी। वहीं, पंजाब पुलिस के खिलाफ जनकपुरी थाना में मामला दर्ज हुआ है जिसमें अपहरण की धारा लगी है।

वहीं, तेजिंदर पाल सिंह बग्गा की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के बाद कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता बग्गा के घर पहुंचकर उनजे स्वजनों से बात की और उन्हें हरसंभव मदद का विश्वास दिलाया। उनकी माता के अनुसार पंजाब पुलिस के लगभग 50 जवान उनके घर आकर बग्गा को साथ ले गए। उनके पिता के साथ दुर्व्यवहार किया गया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा बग्गा सहित अन्य भाजपा नेता आप की दिल्ली सरकार, पंजाब सरकार और आप नेताओं की सच्चाई जनता के सामने रख रहे हैं। उसके नेताओं, विधायकों, मंत्रियों के भ्रष्टाचार उजागर किए जा रहे हैं। इससे आप नेतृत्व परेशान और हताश है। वह विरोधियों को डराने के लिए पंजाब पुलिस का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी इस अलोकतांत्रिक कदम का विरोध करेगी।

दिल्ली भाजपा प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि पंजाब पुलिस की यह कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। पार्टी इसके खिलाफ संघर्ष करेगी। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा आप सरकार की इस तरह की अलोकतांत्रिक कदम से बग्गा व अन्य भाजपा नेता डरने वाले नहीं हैं। पूरी पार्टी बग्गा के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।



Thursday, May 5, 2022

अश्वनी शर्मा के आह्वान पर भाजपा कार्यकर्ताओ ने पंजाब भर में भगवंत मान सरकार के विरुद्ध किए प्रदर्शन


300 यूनिट मुफ्त बिजली देना तो दूर, पैसे देकर भी तीन घंटे मिलनी हुई मुश्किल: बिंटा

पंजाब में कानून-व्यवस्था की हालत बदतर, अपराधी पुलिस की नाक के नीचे कर रहे हत्याएं व लूटपाट: सिंगला

भगवंत मान अपने राज्य को राम-भरोसे छोड़ पडोसी चुनावी राज्यों में कर रहे पंजाब के नाम से झूठा प्रचार: मित्तल
 
पंजाब सरकार द्वारा लगाए जा रहे बिजली कटों को लेकर भाजपा ने किया डी.सी. कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन।
 
बठिंडा, 5 अप्रैल (हरिदत्त जोशी), भगवंत मान सरकार द्वारा पंजाब के शहरों और गाँवों में लगाए जा रहे 12 से 14 घंटे के बिजली कटों से परेशान जनता तथा किसानों की आवाज़ मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा उनकी सरकार के कानों तक पहुँचाने लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के आह्वान पर प्रदेश भर में भाजपा कार्यकर्ता जनता के हकों के लिए सड़कों पर उतर कर संघर्ष कर रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय जनता पार्टी बठिंडा के  अध्यक्ष विनोद बिंटा की अध्यक्षता में भाजपा कार्यकर्ताओं ने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए भगवंत मान सरकार के विरुद्ध धरना दिया। 
 बिंटा ने इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पंजाब में भाजपा की गठबंधन सरकार के समय सरप्लस बिजली थी और हम दूसरे राज्यों को भी बिजली देने लगे थे। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार बनते ही ऐसा क्या हो गया कि पंजाब में इतना बड़ा बिजली संकट आ खड़ा हुआ? पंजाब में जब से आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तब से पंजाब की जनता मुख्यमंत्री भगवंत मान को सिर्फ अख़बार में छपी फ़ोटोज़ में ही देख रही है। चुनाव से पहले पंजाब की जनता को 24 घंटे निर्विघन बिजली तथा हर घर को 300 यूनिट प्रति महीना मुफ्त बिजली देने का वादा करने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान जनता को निर्विघन या मुफ्त बिजली देना तो दूर, जो मिल रही थी उसे भी छीन लिया है। जनता को पैसे देकर भी बिजली नहीं मिल रही है। शहरों और गाँवों में 12 से 14 घंटे के लंबे-लंबे बिजली के कट लग रहे हैं। उपर से मौसम में आए अचानक बदलाव के कारण बड़ी भीषण गर्मी ने आम जनता का जीना दूभर कर रखा है। ऐसे में भगवंत मान सरकार द्वारा लगाए जा रहे बिजली के कटों ने जनता का तेल निकाल दिया है। किसान बिजली आपूर्ति की माँग को लेकर भगवंत मान सरकार के विरुद्ध बिजली मंत्री के घर के बाहर तथा सड़कें रोक कर प्रदर्शन करने लगे हैं। दु:खी जनता की आवाज़ भगवंत मान सरकार के कानों तक पहुँचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी अपनी विपक्ष की भूमिका निभाते हुए आज प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के दिशा-निर्देशों पर डिप्टी कमिशनर कार्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में इकट्ठे होकर जनसमर्थन से प्रदर्शन कर रही है। 
प्रदेश मीडिया इंचार्ज सुनील सिंगला ने कहा कि पंजाब में अगर इसी हिसाब से बिजली के कट लगते रहे तो फ्री मिलने वाले 600 यूनिट तो आने वाली दिवाली तक भी पूरे नहीं होंगे। आम आदमी पार्टी के झूठे वादों से तंग आ चुकी जनता भी अब कहने लगी है ‘हो देवो ओका आप नूं, ना बत्ती दिन नूं, ते ना बत्ती रात नूं’। 
 बिंटा ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चुनाव से पहले कहते थे कि यदि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी तो 1 अप्रैल के बाद पंजाब में कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा। लेकिन पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार बने हुए डेढ़ महीने से उपर हो गया है और 1 अप्रैल के बाद से अभी तक पंजाब में विभिन्न जिलों में 14 किसान खुदखुशी कर चुके हैं। लेकिन किसानों की हितैषी होने के बड़े-बड़े दावे करने वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने या उनके किसी नेता ने इन पीड़ित किसान परिवारों को मुआवज़ा देना तो दूर उनकी सुध तक नहीं ली। पंजाब में उन्हीं किसानों द्वारा भगवंत मान सरकार से अपनी खराब हुई फसलों के लिए मुआवजे की मांग करने पर भगवंत मान सरकार द्वारा उन्हीं किसानों पर लाठियां बरसाई गई हैं, जिसमें कई किसान बुरी तरह घायल हुए हैं। इसके बाद किसानों को सम्मन भेजे गए, जिससे किसान बुरी तरह डरे हुए हैं। इतना ही नहीं भगवंत मान सरकार द्वारा अब तो किसानों से बिजली के बिलों की भी रिकवरी शुरू कर दी है।
बिंटा ने कहा कि पंजाब के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी के मुख्यमंत्री बनने के दो दिन बाद ही उसके घर के बाहर पक्का धरना लग गया हो। जी हाँ भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के दो दिन बाद ही उनके घर के बाहर पुलिस भर्ती के नाम पर भगवंत मान से धोखा खाए पुलिस कर्मियों द्वारा पक्का धरना लगाया गया है और वह आज तक जारी है। इससे ज्यादा शर्मनाक बात और क्या होगी? पंजाब में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि दिन-दिहाड़े पुलिस की नाक के नीचे हत्याओं व् लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। भगवंत मान सरकार बनने के बाद अभी तक डेढ़ महीने में बेख़ौफ़ अपराधियों द्वारा 5 कब्बडी खिलाडियों सहित 35 से ऊपर लोगों की हत्याएं की जा चुकी हैं और अपराधी पुलिस के पहुँच से दूर हैं। 
वरिष्ठ नेता नरिंदर मित्तल ने कहा कि पटियाला हिंसा में अपनी नाकामी छुपाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान इस हिंसा को भाजपा व् कांग्रेस द्वारा प्रायोजित बता कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। मित्तल ने सवाल किया कि भगवंत मान तथा केजरीवाल बताएं कि जब आम आदमी पार्टी पर शुरू से खालिस्तानियों के साथ संपर्क तथा फंडिग के आरोप लग रहे हैं और खालिस्तानी पन्नू ने भी इसकी पुष्टि कर दी है, तो भगवंत मान या केजरीवाल इस पर अपना स्पष्टीकरण जनता के समक्ष क्यूँ देते? क्यूँ मुंह छुपाए फिरते हैं? आम आदमी पार्टी द्वारा अपनी नाकामियों का ठीकरा भाजपा के सिर फोड़ना केजरीवाल की बहुत पुरानी आदत है और अब मुख्यमंत्री भगवंत मान भी केजरीवाल के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। भगवंत मान ने केजरीवाल सरकार से ‘ज्ञान समझौता’ कर पंजाब को दिल्ली के हाथों बेच दिया है। 
विनोद बिंटा ने कहा कि भगवंत मान सरकार जनता के लिए करती तो कुछ नहीं सिर्फ झूठे वादे और लारे दे कर जनता को मुर्ख बना रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी जनता के साथ धोखा नहीं होने देगी। भाजपा एक ही लक्ष्य है ‘सबका साथ, सबका विश्वास और सबका विकास’ और इसी लक्ष्य को लेकर भाजपा कार्यकर्त्ता दिन-रात जनता की सेवा में जुटे हुए हैं।


Wednesday, May 4, 2022

विशेषज्ञों ने हानिकारक खाद्य उत्पादों के हेल्थ स्टार लेबलिंग पर एफएसएसएआई के फैसले को नकारा

बठिंडा, 4 मई (हरिदत्त जोशी). एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (मालवा ब्रांच) सहित बाईस भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और उपभोक्ता संगठन भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की योजना का विरोध करने के लिए एक मंच पर आए है। इसमें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को ‘हेल्थ स्टार रेटिंग’ के साथ लेबल कर डिजाइन किया गया है। इसमें उपभोक्ताओं को गुमराह करने और भ्रमित करने के लिए खाद्य व पेय उत्पादों पर फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग (एफओपीएल) का समर्थन किया गया है। इससे पहले से सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे भारत के लोगों पर असर पड़ेगा व कई ऐसे खानपान के साजों सामान को प्रोत्साहन मिलेगा जो बच्चों के लिए हानिकारक है। विशेषज्ञों ने सरकार से मांग रखी है कि वह नियमों को तय करने से पहले इसमें ऐसी व्यवस्था बनाए जिससे आम लोगों को पता चल सके कि वह जिस खानपान व पैक खानपान का इस्तेमाल कर रहा है उसमें उनकी सेहत को खराब करने वाले तत्वों की मात्रा सामान्य, कम व अधिक है। इस नीति से शूगर, हार्ट जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे लोग जागरुक हो सकेंगे व तय कर सकेंगे कि उन्हें उक्त खानपान का इस्तेमाल करना है या फिर नहीं। समूह ने मांग रखी कि सरकार ऐसे सभी खान-पान व पेय पदार्थों पर पूर्ण पाबंदी लगाए जो बच्चों के लिए हानिकारक है। 

डा. वितुल कुमार गुप्ता ने कहा कि इससे भारतीय खाद्य उत्पादों के बारे में यथार्थवादी जानकारी प्रस्तुत करके अस्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों की खपत को कम करने के उद्देश्य को पूरा किया जा सकेगा। इस ‘स्थिति में  खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों की सिफारिश करता है, जिसमें डब्ल्यूएचओ की सिफारिश के आधार पर सभी पैकेट अस्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों पर एक चेतावनी लेबल शामिल है, जो प्रकृति में अनिवार्य है और इसे विनियमित होने के एक वर्ष के भीतर लागू किया जाना चाहिए। एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया (मालवा ब्रांच) के अध्यक्ष और स्वास्थ्य एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता प्रो. डॉ. वितुल के. गुप्ता ने ‘पोजिशन स्टेटमेंट’ का समर्थन करते हुए कहा कि भारत मोटापे की महामारी के सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है, जिसका मुख्य कारण गैर- जंक फूड, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ, पोषण की दृष्टि से अनुपयुक्त खाद्य पदार्थ, कैफीनयुक्त, रंगीन कार्बोनेटेड खाद्य व पेय पदार्थ और चीनी-मीठे पेय पदार्थों से युक्त सेहत के लिए हानिकारक खाद्य व पेय उत्पादों (यूपीएफ) की बढ़ती खपत के कारण गंभीर रोग (एनसीडी) बढ़ रहे हैं। 

इन खाद्य उत्पादों के पैक लेबलिंग (एफओपीएल) के सामने चेतावनी पर सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता हेल्थ स्टार रेटिंग के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण की पहल पर सवाल उठा रहे हैं। इसमें डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित पोषक तत्व सामग्री से 2-3 गुना अधिक लेबल रखा है। इससे 4 से 5 साल की असाधारण लंबी संक्रमण की संभावना रहेगा और जो आगे भी जारी रहता है। स्वास्थ्य स्टार रेटिंग की बजाय संगठन व सरकार को प्रतीक, उच्च  या अधिक जैसे लेबल  के चेतावनी पर जोर दिए बिना भ्रामक स्थिति बनाने की कोशिश की जा रही है। खानपान के सामान की बिक्री से पहले इसे बच्चों को ट्रागेट कर डब्ल्यूएचओ सिरो पोषक तत्व प्रोफाइल के मॉडलिंग को अपनाया जाना चाहिए। वही ऐसे खाद्य पदार्थों व पेय पदार्थ को तत्काल बंद किया जाना चाहिए जो बच्चों को नुकसान पहुंचाते हैं। वही खाद्य उद्योग को नियमों की पालन करने के लिए अधिकतम 18 महीने का समय दिया जाना चाहिए और सरकार को कॉर्पोरेट हितों की बजाय सार्वजनिक स्वास्थ्य हितों पर ध्यान देना चाहिए। इस विशेषज्ञ समूह में प्रमुख तौर पर प्रो. के श्रीनाथ रेड्डी, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) के अध्यक्ष, डॉ. संजय राय, एम्स, नई दिल्ली के सामुदायिक चिकित्सा के प्रोफेसर, इंडियन पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (आईपीएचए) के अध्यक्ष और सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की डीजी सुनीता नारायण शामिल है। विशेषज्ञों के समूह ने नोट किया कि फाइबर, फल, सब्जी, नट्स जैसे खाद्य उत्पादों में जोड़े गए अलग-अलग घटक, भोजन के स्वस्थ होने का गलत प्रभाव दे सकते हैं और अधिक खपत को जन्म दे सकते हैं। इसलिए एफएसएसआई के निर्णय में बदलाव की जरूरत हैं। एनएपीआई के संयोजक डॉ अरुण गुप्ता ने कहा कि हालांकि एफएसएसएआई के अधिकांश परामर्श एक हितधारक के रूप में खाद्य उद्योग से काफी प्रभावित थे, लेकिन इसे लागू करने का निर्णय एचएसआर के लिए आश्चर्य की बात नहीं थी। सितंबर 2021 में खाद्य सुरक्षा नियामक भारतीय आबादी का अध्ययन करने के लिए आईआईएम अहमदाबाद के संक्षिप्त विवरण में एचएसआर की ओर झुका हुआ लग रहा था। 



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