चंडीगढ़। पंजाबभर में जियो के मोबाइल टावरों पर तोडफ़ोड़ की घटनाओं से संचार सेवाओं में आई बाधा ने शिक्षा क्षेत्र के परेशानी भी बढ़ा दी। किसानों के तोडफ़ोड़ के कदम के कारण जहां कई स्कूलों के बच्चे परीक्षाएं नहीं दे पाए तो कई स्कूल प्रबंधक कमेटियां बोर्ड परीक्षाओं के लिए आनलाइन फीस जमा नहीं करवा पाईं। यह लोग भी अब कहने लगे हैं कि दूसरों को नुकसान पहुंचाकर किया जाने वाला विरोध ठीक नहीं है।
जिला नवांशहर में 23 तारीख को बलाचौर में 12वीं कक्षा के सीबीएसई स्ट्रीम के छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यहां के एक स्कूल में 12वीं कक्षा के फिजीकल एजुकेशन की फाइल आनलाइन सबमिट होनी थी। कुछ बच्चों के पास जियो के सिम थे और वह फाइल सबमिट नहींं कर पाए। स्कूल का नाम न छापने की शर्त पर अध्यापिका अंजना ने कहा कि छात्रों की परेशानी को देखते हुए प्रैक्टिकल की परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाई गई है।
पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड से संबंधित स्कूलों को भी 23 दिसंबर और 24 दिसंबर को परेशानी का सामना करना पड़ा। नवांशहर के सरस्वती स्कूल के संचालक परमजीत ने कहा कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड की परीक्षाओं के लिए दाखिला फीस जमा करवानी थी। यह सारा काम आनलाइन होना था लेकिन जिओ का नेटवर्क बंद होने से वह फीस जमा नहीं करवा पाए। प्रदेश सरकार ने अब फीस की जमा करवाने की समयावधि बढ़ाकर सात जनवरी, 2021 कर दी है।
पटियाला के गांव बलवेड़ा के नौवीं कक्षा के प्रभनूर सिंह ने बताया कि स्कूल बंद होने के कारण आनलाइन पढ़ाई कर रहे है। उसके माता-पिता जिओ के सिम का इस्तेमाल करते हैं। उसके दिसंबर टेस्ट चल रहे थे लेकिन नेट बंद होने के कारण वह परीक्षा नहीं दे सका। बाद में पता चला कि टावर का बिजली कनेक्शन काटने के कारण उनका नेट बंद हुआ। जबकि फिरोजपुर के सरहदी गांव हजारा सिंह वाला के छिंदर सिंह ने कहा कि उनके बेटे की आनलाइन पढ़ाई हो रही है। जियो का सिम न चलने के कारण तीन दिन बच्चे को पढऩे में दिक्कत आई। बाद में उन्हेंं अपना सिम दूसरी कंपनी में पोर्ट करवाया।
फिरोजपुर के गांव टिब्बी कलां निवासी बचन सिंह ने कहा कि उन्हेंं भी ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा। रिश्तेदारों से भी बात नहीं हो पा रही थी। पुलिस के साथ कंपनी वाले कनेक्शन जोडऩे आए थे लेकिन उन्हेंं गांववासियों ने मिलकर वापस लौटा दिया। ऐसी ही समस्याएं अबोहर के गांव खुइयां सरवर के बलवंत सिंह और मानसा के आर्य स्कूल के पास रहने वाले संजीव कुमार ने बताई। इन लोगों का कहना है कि विरोध का यह तरीका ठीक नहीं है।
मोबाइल टावर पर तोडफ़ोड़ को लेकर कांग्रेस व भाजपा आमने-सामने
कृषि कानूनों के विरोध में मोबाइल टावरों को नुकसान के मामले में पंजाब में राजनीतिक पारा चढ़ गया है। भाजपा ने इस संबंध में राज्यपाल को मांग पत्र दिया तो राज्यपाल ने चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन व डीजीपी दिनकर गुप्ता को तलब किया है। वहीं, कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि राज्यपाल प्रदेश के मामलों में बिना किसी कारण दखल दे रहे हैैं। उनका कहना है कि यह देश के संघीय ढांचे के विपरीत है।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी व राज्य सभा सदस्य दुष्यंत गौतम ने कहा कि राज्य में 1500 से ज्यादा टावरों को नुकसान पहुंचाया गया। यह निंदनीय है। इससे छात्रों को पढ़ाई में नुकसान होगा। पुलिस यह सब कुछ मूकदर्शक बन कर देख रही है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि मोबाइल टावरों को ऐसी राजनीतिक पार्टियों के इशारे पर काम करने वाले लोग नुकसान पहुंचा रहे हैैं जो किसानों के शांतमयी आंदोलन को बदनाम करना चाहते हैं। उन्होंने राज्यपाल की ओर से मुख्य सचिव व डीजीपी को तलब करने के गैर जरूरी बताते हुए कहा कि कांग्रेस संवैधानिक पदों की खुद्दारी की समर्थक रही है पर राज्यपाल की ओर से प्रदेश के अधिकार क्षेत्र में बिना वजह दखल स्वीकार नहीं है। पंजाब न तो पश्चिम बंगाल है और न ही पुडुचेरी जहां राज्यपाल स्थानीय राजनीति में शामिल हो रहे हैं।
संविधान के उलट जा कर की जा रही ऐसी कार्रवाई का विरोध किया जाएगा। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल का कहना है कि वह शुरू से किसान किसानों से अपील कर रहे है कि वह अपना विरोध करें लेकिन किसी भी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाए। किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल का कहना है, विरोध करने का किसानों को हक है लेकिन कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए। ऐसे कृत्यों से किसानों का संघर्ष कमजोर हो सकता है।
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