अस्पताल पहुंच रहे 30 प्रतिशत लोग फ्लू, खांसी, बुखार आदि से ग्रस्त
बठिंडा: बठिंडा में सर्दी का प्रकोप लगातार जारी है व यह सप्ताह दशकों में सर्वाधिक ठंड भरा सप्ताह रहा हैं और इस दौरान एक के बाद एक रिकॉर्ड टूटने का सिलसिला लगातार जारी रहा। वर्ष 2020 के आखिरी दिन यहाँ तापमान माइन्स में जाने से यहाँ वो विभाग के पास मौजूद रिकॉर्ड में सर्वाधिक ठंडा दिन था वहीं वर्ष 2021 की शुरुयात में ही पहले दिन तापमान एक बार फिर से माइन्स में रहा और दिन भर शीत लहर से लोक जकड़ते रहे और ठंड में ठिठुरते हुए लोक मुश्किलों का सामना करते हुए अपना काम धंधा कर रहे थे। बठिंडा में जनवरी महीने के पहले दिन कम से कम तापमान -0.2 डिग्री रहा जबकि अधिकतर तापमान 15.2 डिग्री आंका गया।
इसके इलावा हवा की गति 0.5 किमी प्रति घंटा पाई गई। गौरतलब है कि पहाड़ों पर हुई भारी बर्फबारी और चली शीत लहर से पूरा उत्तरी भारत ठंड की लपेट में चल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार पंजाब के अन्य जिलों अमृतसर और पटियाला में भी न्यूनतम तापमान माइन्स में पहुंच गया है जिसमें अमृतसर में -5 डिग्री तापमान आँका गया। इसके इलावा राजधानी शहर चंडीगढ़ में भी पारा -4 डिग्री तक नीचे गिरा। मौसम विभाग अनुसार आने वाले दिनों में भी सर्दी का प्रकोप इसी प्रकार से बना रहेगा हालाकिं तापमान में मामूली बढ़ोतरी होने की ज़रूर उम्मीद है। इसके इलावा 5 तरीक तक बारिश होने की भी संभावना है जिसके बाद मौसम के सामान्य होने की उम्मीद भी जताई जा रही है। अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों करीब 700 से अधिक मरीज इलाज व चेकअप करवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इसमें से 30 प्रतिशत लोग खांसी, बुखार, जुकाम, गले में दर्द व चमड़ी के रोग से ग्रस्त हैं। इससे यह साबित होता है कि बढ़ती ठंड ने लोगों की समस्या को भी बढ़ा दिया है।
कोरोना के साथ साथ स्वाइन फ्लू से भी रखना होगा बचाव
इसी दौरान लगातार जारी कोरोना काल के बीच मौसम में हो रहे बदलाव से स्वाइन फ्लू का संक्रमण बढ़ने की भी आशंका है। जिसके मद्देनजर सेहत विभाग पंजाब ने लोगों को सचेत किया है कि कोरोना के साथ इन दिनों फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्क्रब टाइफस सहित कई तरह की बीमारियों का संक्रमण हो सकता है। लिहाजा, बचाव, जांच व इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी किया है। हालाकिं स्वाइन फ्लू से बचाव की दवा उपलब्ध है, जबकि कोरोना वैक्सीन का इंतजार जारी है। फ्लू से बचाव के लिए टीका उपलब्ध है। इसलिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों व जोखिम वाले लोगों को फ्लू का टीका लगवाने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों के अलावा बुजुर्गो, गर्भवती महिलाओं, मधुमेह, अस्थमा सहित पुरानी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को फ्लू का टीका लगवाने की सलाह दी गई है। क्योंकि, फ्लू के साथ कोरोना का संक्रमण होने पर बीमारी गंभीर हो सकती है। स्वाइन फ्लू के लक्षणों में सर्दी-खांसी, बुखार, नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना, गले में खराश, सिरदर्द, शरीर दर्द, ठंड लगना, थकान, पेटदर्द, कभी-कभी दस्त उल्टी आना।
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