चंडीगढ़। पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को केंद्र सरकार की ओर से देहाती विकास फंड (आरडीएफ) को रोकने के पीछे सियासी बू आ रही है। उन्होंने कहा, यह कोई ग्रांट नहीं है बल्कि स्टेचुरी टैक्स है जो पंजाब सरकार ने लगाया हुआ है। इसे रोका नहीं जा सकता।
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि जब उन्होंने इस बारे में केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से बात की तो उनकी बातों से लगा कि यह रंजिशन रोका गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि तीन कृषि कानूनों का जिस प्रकार से पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं और राज्य सरकार उन्हें सपोर्ट कर रही है, उससे केंद्र सरकार नाराज है और वह हमारा नुकसान कर रही है। उन्होंने कहा कि लंबे संघर्षाें में छोटे-मोटे नुकसान नहीं देखे जाते।
वित्त मंत्री मनप्रीत बादल आज यह मीडिया कर्मियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह अकेला ऐसा मामला नहीं है। यूएई सरकार की ओर से देश में सात बिलियन डालर के निवेश से तीन बड़े फूड पार्क स्थापित करने थे जिसका सबसे पहले दावेदार पंजाब था और यूएई सरकार भी चाहती थी कि एक प्रोजेक्ट पंजाब में लगे, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐसा नहीं होने दिया।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक जीएसटी का 8500 करोड़ रुपये बकाया अदा नहीं किया है। छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट पर देरी पर मनप्रीत बादल ने कहा कि मुझेे खुद उस रिपोर्ट का इंतजार है, क्योंकि मैंने साल 2021-22 का बजट तैयार करना है। उन्होंने बकाया डीए के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। पंजाब को घाटे से बाहर लाने के लिए उठाए कदमों के बारे में मनप्रीत बादल ने कहा कि 200 रुपये प्रति महीना विकास टैक्स लगाने से 2019-20 में 138.07 करोड़ रुपये राजस्व मिला।
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