चंडीगढ़। पंजाब के मुख्मयंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में कोरोना वैक्सीन लगाने की मुहिम का आगाज करने से पूर्व कहा कि वह चाहते थे कि पहली वैक्सीन उन्हें लगाई जाए, लेकिन केंद्र सरकार के निर्देशों के कारण ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा है कि पहले चरण में केवल फ्रंट लाइन पर काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को ही डोज दी जाएगी, इसलिए वह नहीं लगवा पाए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मोहाली के किसान विकास चैंबर में कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
कैप्टन ने कहा कि मैं पिछले कई दिनों से वैक्सीन के बारे में फैलाई रही भ्रांतियों की खबरों को देख रहा हूं। उन्होंने ऐसी अफवाएं फैलाने वालों को चेताते हुए कहा कि कोई भी वैज्ञानिक तब तक कोई चीज आम लोगों के लिए रिलीज नहीं करता जब तक वह खुद संतुष्ट नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि कई बार वैक्सीन लगाने के बाद हलकी सी एलर्जी हो जाती है पर इसका अर्थ यह नहीं है कि वैक्सीन ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। कुछ लोगों को कुछ खास खाद्य वस्तुओं से भी एलर्जी हो जाती है पर इससे घबराने की जरूरत नहीं होती। मुख्यमंत्री ने वैक्सीन मुहिम की शुरूआत करते हुए प्रधानमंत्री से अपील की कि गरीब लोगों को यह निशुल्क लगाई जाए।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के लोगों को कोरोना से चेताते हुए कहा कि इसके प्रति वे लापरवाह न हों। अभी ये बीमारी खत्म नहीं हुई है, बल्कि इसके नए और गंभीर लक्ष ण देखे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल पंजाब में केस आने की शुरूआत होते ही हमने 22 मार्च से पंजाब में कर्फ्यू लगा दिया था और ऐसा करने वाला पंजाब पहला राज्य था।
उन्होंने स्वास्थ्य और पुलिस विभाग की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी हिम्मत और मेहनत के चलते ही इसे कंट्रोल किया जा सका है। उन्होंने बताया कि पंजाब में किसी समय 3700 मरीज रोजाना आ रहे थे आज 242 आ रहे हैं। एक समय जहां रोजाना 150 लोग मर रहे थे अब 12 पर रह गए हैं। हम 30 हजार टेस्टिंग रोज कर रहे हैं।
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