फरीदकोट. पंजाब के फरीदकोट में युवा कांग्रेस नेता गुरलाल पहलवान की हत्या के मामले में रविवार को दिल्ली पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया। ये कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई ने करीब तीन महीने पहले चंडीगढ़ में अपने एक साथी की हत्या का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिलवाया है। यह वारदात CCTV में भी कैद हो गई थी, वहीं इसकी जिम्मेदारी राजस्थान की अजमेर जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई गैेंग की तरफ से लीगई थी।
बता दें कि 18 फरवरी की शाम को फरीदकोट के जुबली सिनेमा चौक पर यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गुरलाल सिंह पहलवान की अंधाधुंध फायरिंग करके हत्या कर दी गई थी। इसके कुछ देर बाद ही राजस्थान की अजमेर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर गुरलाल सिंह पहलवान की हत्या की जिम्मेदारी ली गई थी। इसके बाद से ही पंजाब पुलिस इस वारदात के आरोपियों को तलाशने में जुटी थी। इसी बीच रविवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बड़ी कामयाबी मिली है। टीम ने बिश्नोई गैंग से जुड़े तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों की पहचान कोटकपूरा निवासी गुरिंद्र पाल उर्फ गोरा भाऊ, फरीदकोट निवासी सुखविंदर सिंह सन्नी और सौरव वर्मा के रूप में हुई है। दिल्ली पुलिस की प्राथमिक पड़ताल में सामने आया है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने अपने एक साथी फरीदकोट जिले से संबंधित गुरलाल सिंह बराड़ की नवंबर 2020 में चंडीगढ़ में हुई हत्या का बदला लेने के लिए गुरलाल पहलवान की हत्या कराई है।
पता यह भी चला है कि गुरिंद्र पाल गोरा भाऊ चंडीगढ़ में मारे गए गुरलाल बराड़ का बहनोई है। पुलिस सूत्रों का दावा है कि हत्या की साजिश कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ और राजस्थान जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने रची और इसे अंजाम तक पहुंचाने में गुरलाल बराड़ के बहनोई गुरिंद्र पाल गोरा ने अहम भूमिका निभाई। तीनों आरोपियों ने गुरलाल पहलवान की हत्या में शामिल होने की बात कबूल कर ली है, लेकिन अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि गुरलाल सिंह पहलवान पर गोलियां किसने चलाई थी। फरीदकोट पुलिस की तरफ से भी अभी तक इस केस के बारे में आधिकारिक रूप से कोई खुलासा नहीं किया गया है। आशंका है कि इस हत्याकांड की साजिश में कई लोग शामिल हैं।
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