चंडीगढ़। पंजाब पुलिस में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर मनीष कुमार के खिलाफ चंडीगढ़ सेक्टर 3 थाना पुलिस ने धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। मनीष पंजाब पुलिस हेडक्वार्टर में अकाउंट ब्रांच में तैनात था। इस ठगी का खुलासा इसी अकाउंट ब्रांच में तैनात सीनियर कांस्टेबल वीरेंद्र सिंह ने किया है। वीरेंद्र के बयानों पर ही पुलिस ने केस दर्ज किया है।
मिली जानकारी के मुताबिक घटना कुछ समय पहले की है जब सीनियर कांस्टेबल मनीष कुमार छुट्टी पर गया हुआ था। इस दौरान सीनियर कांस्टेबल वीरेंद्र कुछ फाइल स्कोर चेक कर रहे थे। जिसमें उन्हें पता लगा कि एक ASI के अकाउंट में 1 लाख 96 हजार रुपए मेडिकल बिल के जरिए लिए गए हैं।
ASI के नाम और साइन में नाम में फर्क
दरअसल सीनियर कांस्टेबल वीरेंद्र जब फाइल चेक कर रहे थे तो उन्होंने पाया कि उसमें ASI का नाम सुरिंदर कुमार लिखा हुआ था जबकि साइन में ASI सुरिंदर सिंह लिखा हुआ था। इसके बाद वीरेंद्र ने ASI को फोन किया । उनसे पूछा कि क्या उन्होंने कभी मेडिकल देकर रुपए लिए हैं। इस पर ASI ने वीरेंद्र को बताया कि एक बार उसे मनीष कुमार का फोन आया था।
जिसने उसे बोला कि गलती से उनके अकाउंट में रकम डल गई है जो कि किसी अन्य के अकाउंट में डाली जानी थी। इस पर मनीष ने उन्हें बोला कि वह रुपए वापस कर दे। इसके बाद उन्होंने मनीष को चेक काट कर दे दिया था। इस पर वीरेंद्र ने तुरंत उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इसके बाद उच्च अधिकारियों ने मामले की जांच करवाई करवाई। जिसके पास सेक्टर-3 थाना पुलिस को लिखित में एक शिकायत दी गई है।
गिरफ्तारी के बाद होंगे खुलासे
वहीं टीमें अब आरोपी मनीष कुमार को गिरफ्तार करने में जुटी हुई है। उसकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ की जाएगी कि उसने अस्पताल से मेडिकल बिल कैसे तैयार करवाए जबकि सुरेंद्र ने तो कभी इलाज करवाया ही नहीं। इसके अलावा किसी अन्य के नाम पर तो उसने ठगी नहीं की है।
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