बठिंडा। सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करने में सहयोग देने वालों की समाज में विशिष्ट पहचान और वाहवाही होगी, स्कूल प्रांगण में ऐसे दानियों के नाम डिस्प्ले बोर्ड पर सार्वजनिक किए जाएंगे ताकि स्कूल में आने वाले प्रत्येक विशिष्ट मेहमान के अलावा अभिभावकों व बच्चे भी इनके बारे में अवगत हों। समाज की दाद मिलने से ऐसे सहयोगियों का स्कूल से लगाव बढ़ेगा और ऐसा प्रोत्साहन आगामी दिनों में भी फायदेमंद साबित होगा।
दानी लोगों-संस्थाओं को मिलेगा उचित मान-सम्मान
स्कूलों का जीर्णोद्धार करने में ग्राम पंचायत, एनआरआई, दानी सज्जनों व एनजीओ के अलावा स्कूल मैनेजमेंट कमेटी ने खुले दिल से आर्थिक योगदान दिया लेकिन इन्हें उचित मान-सम्मान नहीं मिल सका। भले ही इनकी ओर से दिए गए आर्थिक योगदान अथवा अन्य सहयोग संबंधी पूरा ब्यौरा स्कूल के रिकार्ड में दर्ज है। इस गंभीर मसले पर शिक्षा विभाग ने मंथन करके समाज में इनकी देन को सार्वजनिक करने के लिए स्कूलों के डिस्प्ले बोर्ड पर ग्राम पंचायत, दानी सज्जन, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी, एनआरआई व एनजीओ का नाम लिखने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा सचिव के अनुसार ऐसा करने से दानियों को प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं स्कूलों से उनका लगाव भी बना रहेगा।
स्कूलों को स्मार्ट बनाने की होड़
दो साल से प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करके क्वालिटी एजुकेशन देने के नाम पर स्मार्ट स्कूल बनाने की होड़ मची है। स्मार्ट क्लास कल्चर की ओर कदम बढ़ाते हुए आडियो-विजुअल की आधुनिक तकनीक से पढ़ाने के लिए एलईडी प्रोजेक्टर लगाए जा रहे हैं, वहीं मुख्य गेट को खूबसूरत बनाने के अलावा रंगाई-पुताई व बाला पेंटिंग से स्कूलों की लुक आकर्षक बनाई गई हैं।
अधिकारी बोले...दानियों को सम्मान अच्छी पहल
^शिक्षा विभाग की हिदायत पर तमाम स्कूल मुखियाओं को अपने स्कूल का कायाकल्प करने में योगदान देने वाले लोगों के नाम डिस्प्ले बोर्ड में लिखने के निर्देश दे दिए हैं हालांकि कुछ स्कूलों ने अपने स्तर पर पहले से ही बोर्ड पर सहयोग देने वालों का उल्लेख कर रखा है। इस परंपरा से दानियों को उचित सम्मान मिलेगा।
इकबाल सिंह, डिप्टी डीईओ सेकंडरी
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