बठिडा। सिविल अस्पताल में एक बार फिर आंख-नाक-कान, हार्निया, नसबंदी जैसे आपरेशन बंद हो गए हैं। जिले में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते सेहत विभाग ने यह कदम उठाया है। हालांकि,गर्भवती की सीजेरियन डिलीवरी सहित गंभीर मरीजों की सर्जरी जारी रहेगी। विभाग के आदेश पर सिविल अस्पताल में मरीजों के आपरेशन (ऐसे जिन्हें टाला जा सके) बंद कर दिए गए है। कोरोना के केस कम हुए तो करीब तीन माह पहले अस्पताल में सर्जरी शुरू हो गई थी। अब जिले में फिर केस बढ़ने लगे तो सर्जरी बंद करने का निर्णय लिया गया है।
20 से 25 इलेक्टिव सर्जरी की जाती है प्रतिदिन
अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 20 से 25 इलेक्टिव सर्जरी की जाती रही हैं। अब कोरोना के प्रकोप की वजह से सर्जरी की प्रक्रिया बंद कर संक्रमितों की तीमारदारी पर विभाग जोर लगा रहा है। दूसरा बड़ा कारण यह भी है कि इलेक्टिव सर्जरी से पहले हर मरीज का कोविड टेस्ट करवाया जाता है। इसमें कई कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं। इससे स्टाफ के भी संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है। विभाग ने अस्पताल की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या सीमित कर दी है। अति जरूरी होने पर ही मरीज ओपीडी में डाक्टर के पास आ सकेगा। इसके अतिरिक्त अस्पताल की सभी इनडोर वार्ड्स में कोरोना मरीजों को ही रखा जाएगा।
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इस तरह समझें, क्या है इलेक्टिव सर्जरी
इलेक्टिव सर्जरी से अभिप्राय उन मरीजों से है जिन्हें सर्जरी की जरूरत है, पर इमरजेंसी नहीं है। उदाहरण के तौर पर पित्ते की पत्थरी, बच्चेदानी रिमूव करना, घुटना बदलना अदि। इन सर्जरी को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है। हालांकि इमरजेंसी केसों मसलन, किसी हादसे में हड्डी टूट जाना, दिमाग पर चोट लगना, आंत फट जाना, गर्भवती महिलाओं की सर्जरी सहित किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में अस्पताल के डाक्टर सर्जरी करेंगे। अस्पताल में पहले प्रति माह 500 के करीब सर्जरी होती थी। कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा जारी आदेश के कारण प्लानिग संबंधी सभी आपरेशन अगले आदेशों तक बंद हैं।
हर आपरेशन से पहले कोरोना टेस्ट
सिविल सर्जन डा. तेजवंज सिंह ढिल्लो ने कहा कि कोविड-19 की एक्टिविटी पहले की भांति बढ़ गई हैं। उन्होंने लोगों को अनावश्यक बाहर नहीं घूमने, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, दो गज की शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपील की है। गर्भवती महिलाओं का सीजेरियन डिलीवरी हो या किसी गंभीर मरीज की सर्जरी करना, इससे पहले मरीज का रैपिड एंटीजन किट से सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी। पाजिटिव रिपोर्ट आने पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी। पाजिटिव महिला के गर्भ से जन्मे शिशु का भी कोरोना टेस्ट होगा।
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