बठिंडा. राज्य सरकार की तरफ से अंतिम समय में निर्माण कार्य में लगे 18 से 44 साल तक के कामगारों का टीकाकरण सोमवार को तालमेल के अभाव में पूरी तरह से सफल नहीं हो सका है। इस दौरान बेशक सेहत विभाग ने अपने स्तर पर तैयारी करते निर्माण कार्य में लगे कामगारों के लिए चार स्थानों में कैंपों का आयोजन किया गया लेकिन पहले से समुचित जानकारी नहीं होने के चलते यहां कोई भी कामगार टीकाकरण के लिए नहीं पहुंचा। जिला प्रशासन ने इस संबंध में रविवार को टीकाकरण संबंधी जानकारी दी थी जबकि जिला प्रशासन के पास भी रविवार की सुबह इस बाबत सरकार की हिदायतों को लेकर जानकारी मिली। उक्त निर्दश मिलने के 12 घंटे के अंदर 18 से 44 साल के कामगारों का टीकाकरण करवाने की तैयारी शुरू की गई। लेबर विभाग में रविवार की छुट्टी होने के चलते सही ढंग से कर्मचारियों व संबंधित इंडस्ट्री तक जानकारी नहीं पहुंच सकी। सोमवार को इंडस्ट्री डिपार्टमेट ने जब अपने पास रजिस्ट्रड 8500 कामगारों को संपर्क किया तो अधिकतर लोग अपने दैनिक कार्य में निकल चुके थे। इसके चलते जिले के अधिकतर वैक्सीनेशन कैंप खाली रहे।
गौरतलब है कि सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत पंजाब में 18 से 44 वर्ष के 1.12 करोड़ युवाओं को कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण की शुरूआत सोमवार से करने की हिदातें दी गई थी। सीरम इंस्टीयूट से वैक्सीन की एक लाख डोज की खेप पंजाब पहुंच गई है। रविवार को इसे विभिन्न जिलों में पहुंचा दिया गया। सभी जिलें में सोमवार से यह डोज लगनी शुरू होनी थी। हालांकि कम संख्या में वैक्सीन मिलने के चलते फिलहाल वैक्सीनेशन ड्राइव में कंस्ट्रक्शन वर्करों को ही यह डोज लगाने की हिदायत है।
वैक्सीन मिलते ही 18-45 वर्ष आयु वर्ग में कंस्ट्रक्शन लेबर, अध्यापक, सरकारी कर्मचारी और हाई रिस्क वाले लोगों को भी टीका लगेगा। संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए 20 फीसदी को टीका लगना जरूरी होता है। सरकार के अनुसार देश में मई-जून में कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कम से कम 17 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी। सभी इस्तेमाल हों तो 20% आबादी को पहली डोज लग सकती है।
योजनाबद्ध तरीके के साथ निर्माण काम में लगे लोगों का किया जाए टीकाकरन: डिप्टी कमिश्नर-कहा, समय सिर टैस्ट और टीकाकरन करवाना किया जाए लाजमी वही रोज़मर्रा का शड्यूल बनाकर की जाए सैंपलिंग और वैक्सीनेशन
बठिंडा: जिले के डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन की तरफ से कोरोना महामारी के बढ़ रहे प्रभाव को फैलने से रोकने के मद्देनजर जिले के उच्च आधिकारियों के साथ रिव्यू मीटिंग की गई। रोजमर्रा की की जाने वाली इस मीटिंग के दौरान कोविड को रोकने संबंधी गतिविधियों की समीक्षा करते आधिकारियों को जरुरी दिशा -निर्देश भी दिए। उन्होंने संबंधित आधिकारियों को आदेश दिए कि सैंपलिंग और वैक्सीनेशन में किसी तरह की कोई समस्या पेश न आने दी जाए।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि प्रदेश सरकार की हिदायतों के अनुसार और सेहत विभाग की तरफ से सोमवार से तीसरे पड़ाव के अंतर्गत मुफ़्त कोरोना टीकाकरन मुहिम शुरू की गई है। इसके अधीन 18 से 44 साल की उम्र वर्ग के निर्माण कार्यों में लगे कामगारों का मुफ्त टीकाकरण शुरू किया जा रहा है। जिले के अंदर इस समय काम विभाग में लगभग 8500 कामगार रजिस्टर्ड हैं। इसके मद्देनज़र उन्होंने सिवल सर्जन को हिदायत करते कहा कि ज़िले में इस टीकाकरन को योजनाबद्ध ढंग के साथ लागू किया जाये और कोई भी निर्माण कार्य में लगे कामगार टीकाकरण से वंचित न रहे।
इस मौके डिप्टी कमिश्नर ने संबंधित कोरोना सैल के इंचार्जों को हिदायत करते कहा कि रोज़मर्रा की शड्यूल बना कर सैंपलिंग और वैक्सीनेशन की जाए जिससे जिला निवासियों को कोरोना महामारी से सुरक्षित रखा जा सके।
इस मौके डिप्टी कमिश्नर बी.श्रीनिवासन ने आम जनता से अपील करते कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए इस टीकाकरण मुहिम को सफल बनाने में अधिक से अधिक सहयोग दिया जाये। जिससे इस बीमारी पर काबू पाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए समय सिर टैस्ट और टीकाकरन करवाना लाजिमी बनाया जाए। सरकार की तरफ से जारी हिदायतों की पालना की जाए और यदि किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण हों या कोरोना पीडित व्यक्ति के संपर्क में आए तो तुरंत नडदीक की सेहत संस्था में जा कर जांच करवाई जाए। इस मौके अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर राजदीप सिंह बराड़, सिव्ल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लों, डा. यादविन्दर सिंह, कोविड सेल के जिला इंचार्ज मनप्रीत सिंह के इलावा करोना सैलों के इंचार्ज विशेष तौर पर उपस्थित थे।
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