बठिंडा. बीबी वाला रोड पर सेना की सरकारी जगह पर लोगों की तरफ से कब्जा कर उसपर कमर्शियल दुकानें बनाने के मामले में बठिंडा के एडिशनल सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत ने सेना के एडवोकेट आरपी शर्मा की दलीलों से सहमत होते हुए सात लोगों को समन जारी किया है। अदालत द्वारा जारी समन में प्रापर्टी डीलर सुनील कुमार के अलावा दर्शन सिंह, बनदीप सिंह गिल, शुभप्रीत कौर, कुलदीप कौर, जगसीर सिंह और गुरदित्त सिंह के नाम शामिल है। इस मामलें पर अदालत ने सभी को 31 अगस्त को पेश होने के आदेश दिए है। सेना के वकील एडवोकेट आर पी शर्मा के अनुसार दो माह पहले बीबी वाला रोड पर आर्मी एरिया के साथ लगती खसरा नंबर 2316 के अधीन आती 925 वर्ग गज जगह पर प्रार्पटी डीलर सुनील कुमार व कुछ सिविल लोगों द्वारा दुकाने बनाने के लिए निर्माण कार्य शुरू किया गया था। जिसका पता चलने पर सेना ने मौके पर पहुंचकर उक्त निर्माण का काम रोक दिया गया था और सेना कर्मियों को उक्त जगह पर डिफेंस लेंड सरकारी जगह होने के बारे में बोर्ड लगा दिए गए।
एडवोकेट आरपी शर्मा ने बताया कि उक्त मामलें को लेकर सेना अधिकारियों की ओर से जगह की पैमाइश करने के लिए कई बार जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया, लेकिन उस पर प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके चलते सेना ने बीबी 11 अगस्त सिविल के लोगों पर सेना की जगह पर अबैध कब्जा करने के मामले में बठिंडा की एडिशनल सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में याचिका दायर कर की। जिस पर अदालत ने 11 अगस्त को सुनवाई के दौरान सेना के वकील की दलीलों से सहमत होते हुए प्रार्पटी डीलर सुनील कुमार, दर्शन सिंह, बनदीप सिंह गिल, शुभप्रीत कौर, कुलदीप कौर, जगसीर सिंह और गुरदित्त सिंह को समन जारी कर 31 अगस्त को अदालत में पेश होने के आदेश दिए। वहीं दूसरी तरफ प्रार्पटी डीलर सुनील कुमार का कहना है कि सेना ने अपने 2390 खसरा नंबर के बारे में अदालत अंदर याचिका दायर की थी। लेकिन उनके नाम पर जिस जमीन की रजिस्ट्री है वो खसरा नंबर 2316 की है। उन्होंने कहा कि वो अदालत में अपना पक्ष रखेगें।
नक्शा पास करने वाले अधिकारी सवालों के घेरे में
निगम के एक्सईएन व एमटीपी दविंदर जौड़ा ने उक्त जगह के रिहायाशी नक्शे पास किए है, जबकि उक्त जगह रिहायशी की बजाए कमर्शयिल दुकानें बनाई जा रही थी। इसके अलावा जिस जगह के नक्शे निगम अधिकारियों की ओर से पास किए गए उस जगह के पीछे नक्शे में खाली प्लाट दिखा दिया गया जबकि उक्त जगह के पीछे बिजली ग्रिड है। जिस के चलते निगम अधिकारी भी सवालों के घेरे में आ चुके है। वहीं निगम अधिकारी दविंदर सिंह जोडा का कहना था कि उन्होंने कागजात देखने के बाद ही नक्शा पास किया है।
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