गुरुवार, 6 मई 2021

Bathinda- दो कोरोना संदिग्ध सहित 22 लोगों की मौत, सहारा जन सेवा ने 20 को नौजवान सोसायटी ने दो मृतकों का करवाया अंतिम संस्कार


बठिंडा.
जिले में दो कोरोना संदिग्ध सहित 22 लोगों की मौत हो गई। मृतकों का सहारा जनसेवा व नौजवान वेलफेयर सोसायटी के वर्करों ने अंतिम संस्कार करवाया। सहारा जन सेवा की कोरोना वारियर्स टीम विजय गोयल, पंकज सिंगला, गौरव कुमार, गौतम, हरबंस सिंह, टेक चंद, जग्गा सहारा, विजय कुमार विक्की, राजेंद्र कुमार, सुमीत ढींगरा, संदीप गोयल, कमल गर्ग, अर्जुन कुमार, सिमर गिल, संदीप गिल, मनी कर्ण, राजेंद्र कुमार, षिवम राजपूत, तिलकराज, सूरजभान गुनी ने 20 लोगों का जिला बठिंडा की विभिन्न शमशान भूमियों में पीपीई किटें पहन कर पूर्ण सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया।

मृतकों की सूची

1 रनजीत कौर पुत्र श्रीचंद 25 वर्ष निवासी मौड़ मंडी जो दिल्ली हार्ट में दाखिल था

2 राजेंद्र पाल गुप्ता पुत्र लक्षमण दास निवासी फरीदकोट जो मैक्स अस्पताल में दाखिल था

3 दलीप सिंह पुत्र वचन सिंह 85 निवासी बठिंडा जो सिविल अस्पताल में दाखिल था

4 बलविंद्र सिंह 60 वर्ष निवासी डबवाली जो सिविल अस्पताल में दाखिल था

5 नारायण दत्त पुत्र खान चंद 74 वर्ष निवासी दिल्ली जो दिल्ली हार्ट में दाखिल था

6 संदीप कुमार पुत्र कालू राम निवासी बठिंडा जो फरीदकोट मेडिकल कालेज में दाखिल था

7 अमरजीत कौर पत्नी बलदेव सिंह 61 वर्ष निवासी जस्सी बागवाली जो प्रेगमा अस्पताल में दाखिल था

8 माया देवी 65 वर्ष निवासी बठिंडा जो सिद्धू अस्पताल में दाखिल था

9 आशु बांसल पत्नी दीपक गोयल 32 वर्ष निवासी रामपुरा फूल जो लाईफ लाईन अस्पताल में दाखिल थी

10 परमजीत कौर पत्नी इंद्रजीत सिंह 60 वर्ष निवासी बठिंडा जो सिविल अस्पताल में दाखिल थी

11 प्रकाशो देवी पत्नी ओम प्रकाश 65 वर्ष निवासी परसराम नगर बठिंडा जो सिविल अस्पताल बठिंडा में दाखिल थी

12 नीषा रानी पत्नी सुरेंद्र कुमार 46 वर्ष निवासी बठिंडा जो दिल्ली हार्ट में दाखिल

थी

13 सुखमंदर सिंह 52 वर्ष निवासी कोटली नजदीक संगत जो बडियाल अस्पताल में दाखिल थी

14 सरोज गर्ग पत्नी अशोक कुमार गर्ग 65 वर्ष निवासी रामपुरा फूल जो आदेश अस्तपाल में दाखिल थी

15 सस्पेक्टेड मरीज परमजीत कौर 45 वर्ष निवासी रामपुरा फूल जो मिल्टरी अस्पताल में दाखिल थी

16 कोरोना पाजिटिव प्रिथी चंद पुत्र कृष्ण चंद 75 वर्ष जो बाम्बे गेस्टरो में दाखिल था

17 धातू सिंह पुत्र फत्ता सिंह 85 वर्ष निवासी जग्गा राम तीर्थ जो सिविल अस्पताल में दाखिल था

18 सस्पेक्टड कोरोना महिला परमीता पत्नी सतिंदर कुमार 62 वर्ष जो घर में एंकातवास में थी

19 गुरमेल सिंह पुत्र भगवान सिंह 47 वर्ष निवासी मेहमा सर्जा जो मैक्स अस्पताल में दाखिल था

20 बंत सिंह पुत्र गुरनाम सिंह 64 वर्ष निवासी पित्थो तहसील रामपुरा फूल जो सिविल अस्पताल में दाखिल था

21. बलवंत सिंह वासी पंचवटी नगर बठिंडा उक्त मरीज घर पर एकांतवास में था जिसकी रात मौत हो गई।

22.दलीप कुमार उम्र 84 साल वासी भगता भाईका उक्त कोरोना पोजटिव मरीज घर पर मौत हो गई। 


वैक्सीनेशन करने वाले व्यक्ति अब 28 की जगह 14 दिन बाद कर सकेंगे रक्तदान-ब्लड बैंक में नियम को लेकर चल रही थी ब्लड की भारी कमी अब मिलेगी एमरजेंसी में राहत


बठिंडा.
केंद्रीय सेहत मंत्रालय की तरफ से कोविड-19 के मद्देनजर चल रहे टीकाकरण को लेकर जारी कुछ हिदायतों में संशोधन किया है। इसी के मद्देनजर सबसे राहत वही बात यह है कि अब टीकाकरण करवाने वाले लोग 28 दिन की बजाय 14 दिन बाद रक्तदान कर सकेंगे। इससे पहले तय 28 दिन की समय सीमा को लेकर जहां ब्लड बैंकों में रक्त की भारी कमी देखने को मिल रही थी वहीं एमरजेंसी में दाखिल लोगों को उपचार के लिए रक्त हासिल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। फिलहाल सरकार के इस निर्देश के बाद ब्लड बैंकों में रक्तदान मुहिम को बल मिलेगा। गौरतलब है कि सरकार ने 16 जनवरी 2021 से देश भर में हेल्थ वर्करों व बाद में फ्रंट लाइन वर्करों के लिए वैक्सीनेशन की मुहिम शुरू की थी। इसमें जिले की अधिकतर समाज सेवी संस्थाओं के वर्करों को भी शामिल किया गया। इस दौरान सरकार की हिदायते थी कि वैक्सीनेशन करवाने वाले 28 दिन से पहले रक्तदान नहीं करें। इससे बठिंडा के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में खूनदान करने वाले लोगों की कमी रही जिसके चलते जनवरी 2021 से लेकर अप्रैल तक ब्लड बैंकों में जरूरत से कही कम ब्लड यूनिट बचे थे। फिलहाल नई गाइडलाइन में कहा गया है कि सरकार ने 5 मार्च, 2021 को नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की तरफ से जारी अधिसूचना में कहा था कि रक्तदान के उद्देश्य को लेकर कोविड-19 टीकाकरण के बाद 28 दिनों की एक डिफरल अवधि तय की गई थी। इस बाबत सभी ब्लड बैंकों को हिदायते जारी कर इसका पालन करने के लिए कहा गया था। हाल ही में सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी सामान्य लोगों के लिए कोविड-19 टीकाकरण उपलब्ध कराया है। इसके बाद कोविड वैक्सीनेशन को लेकर किए जा रहे अवलोकन व रिसर्च को लेकर देश में एक विशेषज्ञ टीम डीजीएचएस डा. सुनील कुमार की अध्यक्षता में गठित की गई थी। इस टीम ने कोविड को लेकर पहले जारी हिदायतों व वैक्सीनेशन के परिणामों पर विचार करने के बाद नई गाइडलाइन जारी की है। टीम के बीच विस्तृत विचार-विमर्श के बाद  वर्तमान में उपलब्ध कोविड-19 वैक्सीन की कोई भी खुराक व टीका लगाने के बाद रक्त दाताओं के लिए अलग-अलग अवधि को 14 दिनों तक कम करने का निर्णय लिया गया है। रक्तदान के लिए अन्य पहले से तय मापदंड व दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी।

नहर के पास कोरोना मरीजों का उपचार कर प्राइवेट अस्पतालों ने फैंका मेडिकल वेस्टेज, प्रदूषण विभाग की टीम ने शुरू की जांच, होगा मामला दर्ज, प्राइवेट अस्पताल खुले में फैंक रहे मेडिकल वेस्टेज, महामारी के दौरान संक्रमण बढ़ने का खतरा बना


बठिंडा.
शहर के कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल खुले में अस्पताली कचरा फेंक लोगों को बीमारी बांट रहे हैं। बठिंडा शहर में सर्वाधिक आवाजाई वाले गोनियाना रोड पर नहर के पास क्विंटलों के हिसाब से हॉस्पिटल से निकलने वाली सिरिंज, दवाइयां, ब्लड, काटन, एवं गंदे व खून से सनी पट्टी फैंकी जा रही है। पहले से कोरोना की मार झेल रहे लोगों के लिए इस तरह की लापरवाही किसी खतरे से कम नहीं है बल्कि खुली जगह पर डले मेडिकल वेस्ट से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता हैँ। वीरवार की सुबह वहां से गुजरने वाले लोगों ने नहर के पास भारी तादाद में फैके गए इस मेडिकल वेस्टेंज को लेकर अपना विरोध जताया व इस बाबत सेहत विभाग व जिला प्रशासन से मामले की जांच कर इस तरह की घोर लापरवाही करने वाले अस्पताल के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कारर्वाई करने की मांग की है। वही दोपहर बाद जिला प्रदूषण बोर्ड की टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। इसमें प्रदूषण बोर्ड की जांच टीम ने खुलासा किया है कि मौके पर दो तरह की वाइनेशन मिली है जिसमें पहली कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने के बाद इस्तेमाल होने वाली मेडिकल साजों सामान को खुले में फैंका गया जिससे दूसरे लोगों को संक्रमण होने का खतरा बना वही दूसरी वाइलेशन मेडिकल सामान को तय प्लाट में देने की बजाय सार्वजनिक स्थानों में फैंका गया। इसमेें सैंपल लेकर सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है व मामले में लापरवाही करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कानूनी कारर्वाई करवाई जाएगी। इस बाबत पुलिस के पास लिखित में शिकायत भी दी जा रही है।   

उक्त मेडिकल वेस्ट किस अस्पताल की तरफ से फैंका गया है इसका खुलासा नहीं हो सकी है लेकिन माना जा रहा है कि उक्त काम गोनियाना रोड में स्थित अस्पताल या फिर वहां से कचना बिनने वाले किसी कर्मी का हो सकता है। इस बाबत आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर असल आरोपी के बारे में खुलासा हो सकता है। फिलहाल हवा चलने या फिर किसी जानवर की तरफ से उक्त वेस्टेंज को उठाने से नहर का पानी भी दूषित हो रहा है। नहर की तरफ रास्ते पर बनी पुलिया व आसपास मेडिकल वेस्ट डला रहता है। गोनियाना रोड, नामदेव रोड व भट्टी रोड पर ही करीब 30 से अधिक नर्सिंग होम और मेडिकल की दुकानें हैं। इन अस्पतालों और दवाइयों की दुकानों से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट मटेरियल इस क्षेत्र में बिना किसी रोक-टोक के फेंका जा रहा है कई बार इसे जलाते हुए भी देखा जा सकता है। अस्पतालों से निकल रहे मेडिकल वेस्ट के नष्ट करने के लिए तय मापदंडों का पालन नहीं हो रहा है, निगरानी में कमी इसकी वजह है। अस्पताल संचालक यह मानने को तैयार नहीं हैं कि वेस्ट उनके अस्पताल का है, लेकिन यह तो तय है कि मेडिकल वेस्ट नर्सिंग होम्स से ही निकल रहा है।

नियम का पालन नहीं

अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट के निष्पादन के लिए नियम तय है, जिनका पालन नहीं हो रहा है। ब्लड, मवाद की पट्टियां, सीरिंज, ग्लूकोज की बोतलें, रक्त और यूरीन की थैलियां, हाथों के दस्ताने आदि के लिए डस्टबिन रखने का प्रावधान है। बायो मेडिकल वेस्ट को इंसिनेटर तक पहुंचाने का भी नियम है ताकि इसे तय मापदंडों के अनुरूप निष्पादित किया जा सके। राजधानी के कुछ अस्पतालों ने भोपाल इंसिनेटर से अनुबंध किया है, लेकिन संतनगर के अस्पताल संचालक शुल्क बचाने के चक्कर में कचरे को खुले में डलवा रहे हैं।

संक्रमण का खतरा, अस्पताल संचालक मानने को तैयार नहीं

आसपास बायो मेडिकल वेस्ट फैंकने से आसपास के रहवासियों और सडक़ से गुजरने वालों में बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है। दरअसल लोग यहां सुबह शाम टहलने भी आते है। मेडिकल वेस्ट से उठने वाली दुर्गंध के कारण लोगों का यहां से निकलना तक मुश्किल हो रहा है। नर्सिंग होम्स संचालक यह मानने को तैयार नहीं है कि उनके द्वारा मेडिकल वेस्ट खुले फेंका जा रहा है। उनका कहना है सेंटर के वाहन मेडिकल वेस्ट उठाने रोजाना आते है और अस्पताल का नॉन मेडिकल वेस्ट कंटेनरों में डाला जाता है। पर सच्चाई खुले में पड़ा मेडिकल वेस्ट बयां कर रहा है।

बॉयोमेडिकल वेस्ट के नियम

  • ब्लड और मानव अंग जैसी चीजों को लाल डिब्बे में डालना होता है।
  • काटन, सिरिंज और दवाइयों को पीले डिब्बे में डाला जाता है।
  • मरीजों के खाने की बची चीजों को हरे डिब्बे में डाला जाता है। इन डिब्बों में लगी पॉलीथीन आधी भरने के बाद इसे पैक कर अलग रख दिया जाता है। जिसे मेडिकल वेस्ट नष्ट करने वाली एजेंसियां ले जाती हैं।


 

कोरोना महामारी के बीच बठिंडा सिविल अस्पताल के दो एमडी मेडिसन डाक्टरों ने दिया इस्तिफा, पहले से डाक्टरों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे अस्पताल के लिए मरीजों का उपचार बना परेशानी का सबब


बठिंडा.
सेहत विभाग कोरोना काल में जहां कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है व लोगों को सेहत सुविधा लेने के लिए मारो मारी करनी पड़ रही है वही एमडी मेडिसन दो डॉक्टरों ने बठिंडा सिविल अस्पताल से पिछले चार दिनों के भीतर अपना इस्तीफा दे दिया है। कोविद -19 की दूसरी लहर के बीच डाक्टरों की तरफ से नौकरी छोड़ने के रुझान ने सेहत विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है।

कोरोना मरामारी में सबसे महत्वपूर्ण काम एमडी मेडिसन डाक्टरों का होता है। वर्तमान में सिविल अपताल की ओपीडी में चार डाक्टर काम कर रहे थे जिसमें दो डॉक्टरों के छोड़ने के बाद मरीजों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। वायरस को रोकने के लिए सबसे आगे अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे इन डाक्टरों की भूमिका अहम थी। जिले में कोविड-19 रोगियों का पता लगाने और उनका उपचार करने की जिम्मेवारी जिला नोडल अधिकारी को सौंपी गई थी। फिलहाल इन दोनों डाक्टरों के रिजाइन डालने से न केवल मौजूदा कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ डाला है, बल्कि रोगियों को दिए जा रहे उपचार के भी प्रभावित होने की संभावना है। फिलहाल डा.जयंत अग्रवाल और डा. रमनदीप गोयल ने अपना इस्तीफा सेहत प्रशासन को सौंप दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया है कि कई अन्य डॉक्टर और कर्मचारी नौकरी छोड़ने की योजना बना रहे थे। इस्तीफा देने के व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए  डा. रमनदीप गोयल ने कहा कि इसका कोविड-19 से कोई लेना-देना नहीं है। मैंने छह महीने पहले भी इस्तीफे के लिए आवेदन किया था।

सूत्रों ने कहा कि बड़े पैमाने पर काम के बोझ के बीच कई अन्य दूसरे कारण डॉक्टर नौकरी छोड़ने के कारण बता रहे है।  कुछ इसे निजी अस्पतालों में अधिक पैसा कमाने के लिए बुला रहे थे, क्योंकि सरकार की तरफ से भुगतान किए गए निश्चित वेतन की तुलना में यह कही ज्यादा है।

इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए सिविल सर्जन डा.तेजवंत सिंह ढिल्लों ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि डॉक्टर ऐसे समय में छोड़ रहे हैं जब उनकी सेवाओं की सबसे अधिक आवश्यकता होती है। उन्हें सरकारी अस्पतालों में प्रशिक्षित किया जाता है और जब सेवा करने का समय होता है, तो वे अपनी सुविधा के अनुसार नौकरी छोड़कर जाते हैं। अभी के लिए, हमने तलवंडी साबो अस्पताल से एक डॉक्टर को स्थानांतरित कर दिया है।

  

मंगलवार, 4 मई 2021

बठिंडा में जल सेवा समिति के प्रधान मोहित बंसल सहित 20 लोगों की कोरोना से मौत, सहारा जनसेवा व नौजवान सोसायटी के वर्करों ने किया अंतिम संस्कार

बठिंडा. मंगलवार को जिले में कोरोना से 20 लोगों की मौत हो गई। कोरोना पोजटिव 48 वर्षीय व्यक्ति प्यारे लाल उम्र 48 साल वासी पावर हाउस रोड बठिंडा की मौत हो गई। उक्त मरीज निवारण अस्पताल में 21 अप्रैल से दाखिल था जिसकी आज सुबह 4 बजे के करीब मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के वालंटियर साहिब सिंह, भरत सिंगला, जनेश जैन एम्बुलेंस सहित मौके पर पहुंचे तथा मृतक का शव दाना मंडी स्थित श्मशान भूमि में पहुंचा कर मृतक का अंतिम संस्कार पीपीई किट्स पहनकर करवा दिया। इस मौके पर मृतक के परिजन भी उपस्थित थे

वही दूसरे मरीज तेज सिंह वासी हरबंस नगर बठिंडा की कोरोना संक्रमण के बाद मौत हुई। उक्त मरीज बठिंडा के निवारण अस्पताल में दाखिल था। वही तीसरी मौत बृज मोहन वासी नाहल यूपी की हुई। 86 साल के उक्त मरीज को बठिंडा के कालड़ा अस्पताल में दाखिल करवाया था। 

चौथी मौत बठिंडा के जल सेवा समिति के प्रधान मोहित बांसल उम्र 36 वर्ष की कोरोना के चलते हुई।मोहित बांसल निवासी पुखराज कलोनी बठिंडा की कुछ दिन पहले तबियत खराब हुई तथा सांस लेने में तकलीफ के चलते 3 मई को जांच करवाने पर ओक्सिजन लेवल बहुत कम मिला तथा कोरोना पोजटिव पाए गए। बठिंडा के डीडीआरसी सेंटर में दाखिल करवाने के बाद मोहित को प्राइवेट अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया जहां आज मोहित की मौत हो गई। मोहित के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। मोहित अपने पीछे अपनी पत्नी तथा दो छोटे बच्चों को छोड़ गया। वही पांचवीं मौत हरि सिंह उम्र 72 साल वासी जंगीराणा बठिंडा की हुई है। उक्त सभी मृतकों का समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के हाइवे इंचार्ज सुखप्रीत सिंह, मेजर सिंह, मोनू शर्मा ने गांव जंगिराना श्मशान भूमि में मृतक का अंतिम संस्कार पीपीई किट्स पहनकर करवा दिया।

वही हरदेव सिंह वासी गांव सिंगों तलवंडी साबों की सिविल अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई। मृतक का अंतिम संस्कार समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के वालंटियर राकेश जिंदल, अंकित, मोनू शर्मा ने गांव सींगों (तलवंडी साबो की श्मशान भूमि में शव ले जा कर मृतक का अंतिम संस्कार पीपीई किट्स पहनकर करवा दिया।

वही समाज सेवी संस्था सहारा जन सेवा ने कोरोना से मरे 14 लोगों में से 12 अंतिम संस्कार किया जबकि 2 का शव मिलने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा सहारा जन सेवा की कोरोना वारियर्स टीम संदीप गोयल, मणिकरण शर्मा, हरदीप कुमार, राजिंदर कुमार, हरबंस सिंह, तिलक राज  सिमर गिल, संदीप गिल, हर्षित चावला, कमल गर्ग, टेक चंद, जग्गा सहारा, शिवम राजपूत, सुमित ढींगरा, गौतम गोयल, विजय गोयल ने आज कुल 14 कोरोना पॉजिटिव हुई मौतों में से 12 लाशों का संस्कार किया सहारा कोरोना वारियर्स टीम ने पी.पी.ई. किटस पहन कर अलग-अलग श्मशान भूमि में मृतकों का पूर्ण सम्मान के साथ संस्कार किया

अन्य मृतकों की सूची जिनका सहारा ने अंतिम संस्कार किया-

  • -कल्याण राय पुत्र जालंधर राय उम्र 63 वासी ज्ञानी जैल सिंह कॉलेज जो आदेश मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव के कारण दाखिल था।
  • - कुलविंदर कौर पत्नी अंग्रेजी 65 वासी गाट वाली जो सिविल अस्पताल में दाखिल थी
  • - बृजलाल पुत्र कौर चंद 73 वासी रामपुरा फूल जो सिविल अस्पताल में दाखिल था
  • - राजवंत कोर पत्नी बलतेज सिंह वासी खोखर जो फरीदकोट मेडिकल कॉलेज में दाखिल थी
  • - रमेश चंद्र जोशी 55 वासी गुड़गांव जो आई. वी. वाई. अस्पताल बठिंडा में दाखिल थे
  • - राजीव कुमार मेहरा 68 वासी दिल्ली जो ग्लोबल अस्पताल में दाखिल था
  • - बलवीर कौर वासी मेसरखाना जो सिविल अस्पताल में दाखिल थी
  • - प्रेमा देवी पत्नी बसंत लाल 83 वासी रामा मंडी जो दिल्ली हार्ट अस्पताल में दाखिल थी
  • - रवि कुमार 40 वासी रामपुरा फूल जो बडियाल अस्पताल में दाखिल था
  • - राजिंदर चौधरी 59 वासी संगत कला जो सिविल अस्पताल में दाखिल था
  • - रूप सिंह 58 वासी मानसा जो 174 मिलिट्री अस्पताल बठिंडा में दाखिल था
  • - अजैब सिंह पुत्र जसवंत सिंह वासी मल्ला कोठे जो फरिदकोट मेडिकल कॉलेज में दाखिल था
  • - अमनदीप सिंह पुत्र दर्शन सिंह वासी बलाराम नगर जो टैगोर अस्पताल में दाखिल था का संस्कार बाकी है
  • - सुरेंद्र कुमार पुत्र अमृतलाल वासी सराभा नगर जो डी.एम.सी. लुधियाना में दाखिल था का संस्कार बाकी है अपडेट खबर---इसे इस्तेमाल कर ले


Bathinda-जल सेवा समिति के प्रधान मोहित बंसल सहित पांच लोगों की कोरोना से मौत

बठिंडा. मंगलवार को जिले में कोरोना से पांच लोगों की मौत हो गई। कोरोना पोजटिव 48 वर्षीय व्यक्ति प्यारे लाल उम्र 48 साल वासी पावर हाउस रोड बठिंडा की मौत हो गई। उक्त मरीज निवारण अस्पताल में 21 अप्रैल से दाखिल था जिसकी आज सुबह 4 बजे के करीब मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के वालंटियर साहिब सिंह, भरत सिंगला, जनेश जैन एम्बुलेंस सहित मौके पर पहुंचे तथा मृतक का शव दाना मंडी स्थित श्मशान भूमि में पहुंचा कर मृतक का अंतिम संस्कार पीपीई किट्स पहनकर करवा दिया। इस मौके पर मृतक के परिजन भी उपस्थित थे

वही दूसरे मरीज तेज सिंह वासी हरबंस नगर बठिंडा की कोरोना संक्रमण के बाद मौत हुई। उक्त मरीज बठिंडा के निवारण अस्पताल में दाखिल था। वही तीसरी मौत बृज मोहन वासी नाहल यूपी की हुई। 86 साल के उक्त मरीज को बठिंडा के कालड़ा अस्पताल में दाखिल करवाया था। 

चौथी मौत बठिंडा के जल सेवा समिति के प्रधान मोहित बांसल उम्र 36 वर्ष की कोरोना के चलते हुई।मोहित बांसल निवासी पुखराज कलोनी बठिंडा की कुछ दिन पहले तबियत खराब हुई तथा सांस लेने में तकलीफ के चलते 3 मई को जांच करवाने पर ओक्सिजन लेवल बहुत कम मिला तथा कोरोना पोजटिव पाए गए। बठिंडा के डीडीआरसी सेंटर में दाखिल करवाने के बाद मोहित को प्राइवेट अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया जहां आज मोहित की मौत हो गई। मोहित के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। मोहित अपने पीछे अपनी पत्नी तथा दो छोटे बच्चों को छोड़ गया। वही पांचवीं मौत हरि सिंह उम्र 72 साल वासी जंगीराणा बठिंडा की हुई है। उक्त सभी मृतकों का समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसाइटी बठिंडा के हाइवे इंचार्ज सुखप्रीत सिंह, मेजर सिंह, मोनू शर्मा ने गांव जंगिराना श्मशान भूमि में मृतक का अंतिम संस्कार पीपीई किट्स पहनकर करवा दिया।


ठीक हुए कोरोना मरीज़ आक्सीमीटर सेहत विभाग के पास वापिस जमा करवाए: डा. अश्वनी कुमार

बठिंडा: पंजाब सरकार और सेहत विभाग पंजाब की तरफ से एक लाख से अधिक घरेलू एकांतवास किए कोरोना पॉजिटिव मरीजों को बढ़िया सेहत सुविधा देने के लिए पिछले एक साल से ‘करोना फतेह किट’ दी जा रही हैं, जिसमें डिजिटल थर्मामीटर, स्टीमर, आक्सीमीटर, ज़रूरी दवा शामिल थे। परन्तु अब करोना महामारी की दूसरी लहर आने के साथ कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में एकदम विस्तार होने के कारण मरीजों के शरीर की आक्सीजन का लेबल मापने वाले यंत्र आक्सीमीटर की भारी कमी आ गई है। सीनियर मेडीकल अफ़सर डा. अश्वनी कुमार ने ब्लाक बालियावाली के कोरोना से ठीक हुए मरीजों से अपील की है कि वह अपना पहला फर्ज समझते हुए ओर कीमती जानें बचाने के लिए घर में पड़े आक्सीमीटर सेहत विभाग के मुलाजिमों को वापस कर दे, जिससे नए पॉजिटिव मरीजों को घरेलू एकांतवास दौरान दिए जा सकें। उन्होंने कहा कि आप सबके सहयोग से ही सेहत विभाग इस महामारी पर काबू पाने में कामयाब हो सकता है।

ब्लाक ऐजूकेटर लखविन्दर सिंह ने बताया कि घरेलू एकांतवास हुए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की सेहत मुलाजिमों की तरफ से रोज़मर्रा की शरीर के आक्सीजन लेबल की जांच की जाती है, जिसके आधार पर ही मरीज़ की सेहत स्थिति और रिकवरी का पता लगता है परन्तु आक्सीमीटर न होने के कारण यदि मरीज़ के शरीर के आक्सीजन लेबल का सही पता न लग सके तो मरीज़ की स्थिति गंभीर हो सकती है। इससे जान को भी ख़तरा हो सकता है। इसलिए जो कोरोना पॉजिटिव मरीज़ घरेलू एकांतवास पूरा करके सेहतमंद हो गए हैं, उनको आक्सीमीटर की अब कोई ज़रूरत नहीं, इसलिए आक्सीमीटर अपने नज़दीक सरकारी सेहत संस्था में जमा करवाकर इस महामारी पर काबू पाने में अपना बनता योगदान डाले।

बीते 24 घंटों दौरान 2986 के लिए सैंपल और 1215 व्यक्तियों के लगाई करोना वैक्सीन: डिप्टी कमिश्नर

बठिंडा: डिप्टी कमिशनर .श्रीनिवासन ने बताया कि करोना के बढ़ रहे प्रकोप को रोकने के मद्देनज़र पंजाब सरकार की तरफ से जारी दिशा -निर्देशों अनुसार ज़िला प्रशाशन की तरफ से विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। करोना के प्रभाव को फैलने से रोकने के लिए सेहत विभाग के सहयोग के साथ अलग -अलग टीमें से तरफ से सरकारी दफ़्तर, सेवा केंद्र और सुविधा केन्द्रों, तहसील कंपलैक्स, पुलिस नाकों और औद्योगिक इकाईयों में जा कर कोरोना वैकसीनेशन और सैंपलिंग कैंप लगाए जा रहे हैं। इन कैंपों की लड़ी के अंतर्गत बीते 24 घंटों दौरान 2986 सैंपल लिए गए और 1215 लोगों की वैक्सीनेशन हुई। डिप्टी कमिशनर ने बीते 24 घंटों दौरान सेहत विभाग की टीमें से तरफ से गई सैंपलिंग बारे जानकारी देते बताया कि 937 अलग -अलग पुलिस नाकों द्वारा, 268 अलग -अलग दफ़्तरों में आने वाले व्यक्तियों, 205 सरकारी आधिकारियों और कर्मचारियों, 989 सेहत विभाग और 587 प्राईवेट अस्पतालों की तरफ से सैंपल लिए गए। इसी तरह जिले के अंदर की गई वैकसीनेशन बारे जानकारी देते डिप्टी कमिशनर ने बताया कि 1215 सरकारी अस्पतालों और सेहत केन्द्रों में लगाए गए अलग -अलग कैंपों दौरान वैक्सीनेशन की गई। डिप्टी कमिशनर श्री बी.श्रीनिवासन ने आम लोगों को पुरज़ोर अपील करते कहा कि वह सरकार की तरफ से समय -समय पर जारी हिदायतें की पालना करना यकीनी बनाए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया और फैल रही झूठी अफ़वाहों से गुरेज़ करे। मुँह पर हमेशा मास्क और बार -बार साफ़ पानी और सैनीटाईज़र के साथ हाथ साफ़ करते रहने। इस महामारी से सिर्फ़ परहेज़ के साथ ही छुटकारा पाया जा सकता है।

Bathinda-कोरोना महामारी के मद्देनज़र प्राइवेट अस्पतालों में बैंडों में किया विस्तार, लेबल टू के 868 और लेबल थ्री के 186 बैड तैयार रखने के आदेश

बठिंडा: डिप्टी कमिश्नर बी. श्रीनिवासन ने जिले के 39 प्रमुख अस्पतालों को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र आइसोलेशन सुविधा तैयार करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने यह आदेश डायसेस्टर मैनेजमेंट 2005 की धारा 34 के अंतर्गत दिए हैं। इसके अंतर्गत ऐसे प्रांइवेट अस्पतालों को लेबल टू के बैड 767 से बढ़ाकर 868 और लेबल थ्री के बैड 177 से बढ़ाकर 186 करने के आदेश दिए हैं।

जिला मैजिस्ट्रेट बी. श्रीनिवासन ने कहा कि एम्ज बठिंडा में लेबल टू के 55 बैड और थ्री के 10 बैड, डीएच अस्पताल में लेबल 2 के 50 बैड, डीएच घुद्दा में लेबल 2 के 50 बैड,  डी.डी.आर.सी में लेबल 2 के 25, एडवांस्ड कैंसर इंस्टीट्यूट में लेबल 2 के 25 बैड, आदेश अस्पताल में लेबल 2 के 110 बैड और लेबल 3 के 60 बैड, मैक्स अस्पताल लेबल 2के 36 बैड और लेबल 3 के 15 बैड, इन्द्रानी अस्पताल में लेबल 2 के 15 बैड और लेबल 3 के 10 बैड, निवारण अस्पताल में लेबल 2 के 10 बैड और लेबल 3 के 3 बैड, सत्या हार्ट और सुपर स्पैशलिट्स अस्पताल में लेबल 2 के 5 बैड और लेबल 3 के 3 बैड, प्रेगमा अस्पताल में लेबल 2 के 16 बैड, अरुना अस्पताल को लेबल 2 के 18 बैड, दिल्ली हार्ट अस्पताल में लेबल 2 के 100 बैड और लेबल 3 के 30 बैड, आई.वी.वाई अस्पताल में लेबल 2 के 27 बैड और लेबल 3 के 8 बैड, लाइफ लाईन अस्पताल के लिए लेबल 2 के 11 बैड और लेबल 3 के 3 बैड, मेडीविन अस्पताल के लिए लेबल 2 के 15 बैड और लेबल 3 के 5 बैड, गोल्ड मेडिका अस्पताल के लेबल 2 के 17 बैड और लेबल 3 के 5 बैड, न्यू लायफ मैडीसिटी अस्पताल में लेबल 2 के 27 बैड तैयार रखने के आदेश दिए हैं।

इसी तरह जिला मैजिस्टे्रट ने कोविड 19 के मद्देनजर मरीजों की सुविधा के लिए ग्लोबल हैल्थ केयर सेंटर में लेबल 2 के 20 बैड और लेबल 3 के 7 बैड, मान अस्पताल में लेबल 2 के 11 बैड और लेबल 3 के 3 बैड, चंडीगढ़ नर्सिंग होम में लेबल 2 के 14 बैड, बडियाल मल्टीसपैशलिटी एंड ट्रोमा सैंटर को लेबल 2 के 15 बैड और लेबल 3 के 5 बैड, गैस्टरो कैंसर इंस्टीट्यूट अस्पताल में लेबल 2 के 18 बैड, खालसा मिशन अस्पताल लेबल 2 के 10 बैड, गुरदेव मल्टीसिटी अस्पताल को लेबल 2 के 7 बैड, पंजाब कैनीर केयर और मल्टीस्पैशलिस्ट अस्पताल को लेबल 2 के 22 और लेबल 3 के 10 बैड, बांसल अस्पताल एंड कैनीर सैंटर को लेबल 2 के 20 बैड, मेट्रो अस्पताल को लेबल 2 के 10 बैड, कालडा मल्टीस्पैशलिस्ट अस्पताल को लेबल 2 के 8 बैड, सिद्धू अस्पताल और डायलासिस सैंटर अस्पताल को लेबल 2 के 10 बैड, छाबड़ा अस्पताल और टैस्ट ट्यूब बेबी सैंटर को लेबल 2 के 15 बैड और लेबल 3 के 5 बैड, कोसमो सुपर स्पैशलिटी अस्पताल और रवीन्द्र अस्पताल को लेबल 2 के 10 -10 बैड, बठिंडा न्यूरो सपाईन और ट्रोमा सैंटर को लेबल 2 के 13 बैड और लेबल 3 के 4 बैड, एम.जी अस्पताल को लेबल 2 के 8 बैड, जीवी मल्लटीस्पैशलिटी अस्पताल को लेबल 2 के 8 बैड, नवजीवण नर्सिंग अस्पताल को लेबल 2 के 10 बैड, न्यू सीटी अस्पताल को लेबल 2 के 10 बैड और सिंगला न्यूरो एंड मैटरनिटी अस्पताल को लेबल 2 के 7 बैड लगाने के पाबंद होंगे। यह हुक्म अगले हुक्मों तक लागू रहेंगे।


Bathinda- 45 से 60 साल तक के वैक्सीनेशन पर भी छाया संकट, स्टाक खत्म होने से पहली डोज लगानी बंद, प्राइवेट अस्पतालों को सीधा कंपनी से करनी होगी वैक्सीन की खरीद, अस्पतालों से मंगवा चुके हैं सभी डोज वापिस


बठिंडा.
पंजाब में कोरोना वैक्सीन का संकट होने के कारण जहां एक मई से 18 से 45 साल के लोगों की वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो सकी है, वहीं अब 45 से लेकर 60 साल तक लोगों को लगने वाली वैक्सीन पर भी संकट छा गया है। मंगलवार को सेहत विभाग के पास बचा हुआ वैक्सीन का स्टाक भी पूरी तरह से खत्म हो गया है। विभाग के रिकार्ड अनुसार कोविडशील्ड की वैक्सीन जीरो, तो कोवैक्सीन की एक हजार डोज ही बची है। ऐसे में सिविल अस्पताल समेत जिले के तमाम सरकारी सेंटरों में टीकाकरण अभियान बंद हो जाएगा। हालांकि सिविल सर्जन बठिंडा ने तमाम सरकारी टीकाकरण केंद्रों को आदेश जारी करते हुए वैक्सीन आने तक पहली डोज नहीं लगाने के आदेश दिए है, जबकि कोवैक्सीन की जो डोज बची है, उसे सिर्फ दूसरी डोज के ही टीके लगाने के आदेश दिए है। जिला टीकाकरण आफिसर डा. मीनाक्षी सिंगला का कहना है कि उनके स्टाक में डोज पूरी तरह से खत्म हो गई है। उनकी तरफ से डिमांड भेजी गई है। डोज कब तक आएगी, उन्हें भी इसकी सही जानकारी नहीं है, लेकिन मंगलवार को टीकाकरण बंद ना हो सके, इसके लिए वह ग्रामीण क्षेत्रों में बने टीकाकरण सेंटरों पर बची हुई डोज को वापस मंगवा रहे है, ताकि उन डोज से सिविल अस्पताल में टीकाकरण चलता रहे। जबकि जमीनी सच यह भी है कि विभाग के पास सोमवार शाम तक एक भी डोज नहीं बची है।

प्राइवेट अस्पताल अब सीधे कंपनी से खरीदगे वैक्सीन

सरकार की नई गाइडलाइन अनुसार अब 45 से 60 और सीनियर सिटी जन अगले दस दिनों तक प्राइवेट अस्पतालों में अपना टीकाकरण नहीं करवा सकेंगे, चूकिं सरकार के आदेशों के बाद सेहत विभाग ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को दी गई वैक्सीन का स्टाक वापस मंगवा लिया है, जोकि अब केवल सरकारी अस्पतालों या फिर सेहत विभाग द्वारा समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से लगाएं जा रहे वैक्सीनेशन कैंप में लगाएं जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ अब प्राइवेट अस्पताल कंपनी या डीलर से सीधे तौर पर वैक्सीनेशन खरीदकर टीके लगा सकेंगे। इसके लिए सरकार की तरफ जल्द ही प्राइवेट अस्पतालों के लिए रेट भी फिक्स किए जाएंगे, ताकि प्राइवेट अस्पतालों में एक ही रेट पर वैक्सीनेशन हो सके। फिलहाल प्राइवेट अस्पतालों के पास मौजूदा समय में कोई भी वैक्सीनेशन का स्टाक नहीं होने के कारण आगामी कुछ दिनों तक प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन का काम बंद रहेगा। उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों के पास आगामी दस से पंद्रह दिनों में वैक्सीनेशन का स्टाक पहुंच जाएगा, जिसके बाद जहां प्राइवेट अस्पतालों में दोबारा से वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा, वहीं सरकारी अस्पतालों में भी 18 से 45 साल के लोगों को टीका लगाने का चौथा चरण भी शुरू हो जाएगा। सेहत विभाग की मानने तो चाैथा चरण 15 मई के बाद ही शुरू हो सकेगा।

इतना ही नहीं अब 45 से कम किसी भी फ्रंट लाइन वर्कर केवल सरकारी कर्मचारी को छोड़कर वैक्सीनेशन नहीं की जाएगी, चूकिं सेहत विभाग ने फैसला किया कि है कि अब एनजीओ या अन्य प्राइवेट फ्रंट लाइन वर्कर जिनकी उम्र 18 से 45 साल के बीच है, अब उन्हें चौथा चरण की शुरूआत के दौरान किया जाएगा। इसका एक कारण यह भी है कि विभाग को यह शिकायतें मिली थी कि प्राइवेट अस्पतालों ने 45 साल से कम उम्र वाले लोगों को अपना हेल्थ व फ्रंट लाइन वर्कर बनाकर उनकी वैक्सीनेशन की गई है। अब सरकार 18 से 45 साल के लोगों की वैक्सीनेशन शुरू करने जा रहा है, तो अब फ्रंट लाइन का झंझट ही खत्म कर दिया गया। केवल सरकारी मुलाजिमों को छोड़कर।

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सोमवार तक 1 लाख 11 हजार 895 लोगों की हो चुकी है वैक्सीनेशन

सेहत विभाग के अनुसार 16 जनवरी से शुरू मुहिम के तहत 2 मई 2021 तक 1 लाख 11 हजार 895 लाेगों का टीकाकरण किया जा चुका है। सोमवार को केवल सरकारी सेंटरों पर 1215 लोगों को टीका लगा है। इसमें 12239 हेल्थ वर्कर, 24360 फ्रंट लाइन वर्कर, 45 से 60 उम्र वाले 31036 और 60 साल से अधिक उम्र वाले 25268 लोगों का टीकाकरण हो चुका है। सेहत विभाग के अनुसार सरकारी केंद्र में 73050 पहली डोज, 13019 दूसरी डोज, प्राइवेट अस्पताल में 19843 पहली डोज और 5983 दूसरी डोज लगवा चुके है।

सेहत विभाग को एक मई तक कोविडशील्ड की 1 लाख 76 हजार 830 डोज मिली है, जिसमें केंद्रीय इंस्टीट्यूट को 72610 डोज, प्राइवेट इंस्टीट्यूट को 13490 और पब्लिक इंस्टीट्यूट को 88570 डोज दी जा चुकी है। अब सेहत विभाग के स्टाक में 600 वाल यानि छह हजार डोज ही बची है। इसी तरह कोवैक्सीन की 15 हजार 120 डोज मिली है, जिसमें केंद्रीय इंस्टीट्यूट को 5000 डोज, प्राइवेट इंस्टीट्यूट को 2910 और पब्लिक इंस्टीट्यूट को 5980 डोज दी जा चुकी है। अब सेहत विभाग के स्टाक में 100 वाल यानि एक हजार डोज ही बची है।


Bathinda-शहीद नंद सिंह चौक में दुकाने खोलने को लेकर हंगामा, पुलिस ने कुछ दुकानदार लिए हिरासत में


-दुकानदारों ने सड़क जाम कर किया विरोध प्रदर्शन, सरकार पर लगाया दुकानों को खोलने में पक्षपात करने का आरोप 

बठिंडा.बठिंडा के शहीद नंद सिंह चौक के पास मंगलवार की दोपहर टायरों की दुकानें खोलने को लेकर पुलिस व दुकानदारों के बीच जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान पुलिस ने कुछ लोगों को सरकार की तरफ से लगाई पाबंदियों की अवहेलना करने के मामले में हिरासत में लिया है। दुकानदार सरकार की तरफ से दुकानों को खोलने व बंद करने के फरमान को पक्षपाती करार देते विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार व प्रशासन की तरफ से जो हिदायते जारी की गई है उसमें कई ऐसी दुकानों को जरूरी करार दिया है जिसका कोई मायना नहीं है जबकि ट्रांसपोर्ट के लिए जरूरी टायरों व स्पेयरपार्ट की दुकानों को सरकार बंद करने के लिए कह रही है जबकि उनकी दुकानों में ज्यादा भीड़ नहीं होती है।


इसी के विरोध में मंगलवार की सुबह सभी दुकानदारों ने अपनी दुकाने खोलने का फैसला लिया। इसके बाद मामले की जानकारी थाना कोतवाली पुलिस को लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर दुकानदारों से दुकाने बंद करने की अपील की लेकिन वह नहीं माने व विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद इंस्पेक्टर बलजीत सिंह बराड़ ने मौके पर कुछ दुकानदारों को पाबंदी की अवहेलना करने के आरोप में हिरासत में ले लिया। इससे दुकादर भड़क उठे व उन्होंने सड़क पर जाम लगा दिया। इसके बाद बठिंडा-गोनियाना मुख्यमार्ग पर वाहनों की लंबी कतारे लग गई व जाम की स्थिति पैदा हो गई। पुलिस टीम को इस प्रदर्शन के बीच दोहरी मश्कत करनी पड़ी। वही इंस्पेक्टर बराड़ ने कहा कि वह सरकार व प्रशासन की तरफ से जारी हिदायतों की पालना करवा रहे हैं व इसमें अगर कोई व्यक्ति व दुकानदार नियमों की अवहेलना करेगा तो उसके खिलाफ बनती कानूनी कारर्वाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया है व उनके खिलाफ केस दर्ज किया जा रहा है।



एबीवीपी कोलकाता कार्यालय पर ममता बनर्जी के गुंडों का हिंसक हमला निंदनीय-एवीबीपी संभाग संगठन मंत्री सौरभ कपूर

पटियाला। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के संभाग संगठन मंत्री व पूर्व प्रदेश मंत्री पंजाब सौरभ कपूर ने कहा कि विधानसभा चुनावों के परिणाम आने के तुरंत बाद से पूरे बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की हिंसक प्रवृत्ति और गुंडागर्दी खुलेआम देखने को मिल रही है। रविवार (पिछले कल) से ही ममता बनर्जी के गुंडे विरोधियों को चिन्हित कर उनपर बम फेंकने से लेकर तमाम तरीकों से पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल बना रहे हैं। आज तृणमूल के 15-20 गुंडों ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, कोलकाता में स्थित प्रांत कार्यालय पर हमला करते हुए वहाँ मौजूद कार्यकर्ताओं से गाली-गलौज, मारपीट एवं तोड़फोड़ की। उन्होंने उक्त घटना की सख्त शब्दों में निंदा करते इसे गुंडागर्दी करार देते मामले में बिना किसी देरी के सख्त कारर्वाई की मांग रखी है। 

श्री कपूर ने कहा कि कार्यालय में मौजूद अभाविप कार्यकर्ताओं राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री श्री श्रीनिवास, क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री गोविंद, सह-क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री अपांशु शेखर शील, केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य श्री सुमनचंद्र दास तथा 5-6 अन्य कार्यकर्ताओं से मारपीट करते हुए तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने कार्यालय में रखी माँ काली तथा हनुमान जी की प्रतिमा को फेंक कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके साथ ही रविन्द्र नाथ टैगोर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सुभाष चंद्र बोस एवं अन्य महापुरुषों की तस्वीरों को भी इन गुंडों ने लात से मार मार कर क्षतिग्रस्त कर दिया। जोर जोर से धमकी देते हुए ममता बनर्जी के गुंडों ने मुख्यमंत्री का नाम लेते हुए कहा कि ममता बनर्जी की हार से उनके मुँह पर कालिख पुती है तथा इसके लिए जिम्मेदार और ममता के विरोध में खड़े होने वाले गद्दार हैं, ऐसे किसी भी गद्दार को अब बंगाल में नहीं रहने दिया जाएगा। 

लगभग एक बजे दोपहर में 15-20 मिनट तक चले इस तांडव की तैयारी में तृणमूल कांग्रेस के गुंडे कल से ही लगे थे तथा रात में लगभग 150 ऐसे लोगों को बाइक से अभाविप प्रांत कार्यालय के बाहर उपद्रव करते देखा गया था। प्रेस विज्ञप्ति लिखे जाने तक भी 100 से अधिक ममता के गुंडे अभाविप कार्यालय के आसपास घेराबंदी कर खड़े हैं, जिसकी जानकारी स्थानिक कार्यकर्ताओं ने दी।

एबीवीपी के संभाग संगठन मंत्री व पूर्व प्रदेश मंत्री ने कहा कि, "तृणमूल के गुंडों द्वारा अभाविप कार्यालय पर हुए हिंसक हमले में हमारे प्रमुख कार्यकर्ता सुरक्षित हैं, लेकिन जिस प्रकार का हिंसक व्यवहार मुख्यमंत्री तथा उनके गुंडों द्वारा विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद से दिखाया जा रहा है वह अत्यंत निंदनीय है। आने वाले समय में अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए एकजुट रहकर तथा हर परिस्थिति में हमें राष्ट्रवाद की मशाल को जलाए रखना है। आने वाले समय में बंगाल में परिस्थितियाँ कैसी होने वाली हैं इसका उदाहरण ममता और उनके गुंडों ने पेश कर दिया है, हमें लंबे संघर्ष के लिए तैयार रहना होगा।"


बस में तय क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने वाले मंदीप ट्रांसपोर्ट बस के ड्राइवर व कंडक्टर पर केस


बठिंडा.
राम नगर कैचियों के पास बस में तय क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने के आरोप में मौड़ पुलिस ने बस के ड्राइवर न कंडक्टर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मौड़ पुलिस के सहायक थानेदार कुलविंदर सिंह ने बताया कि महिंदर सिंह वासी सेखा जिला बरनाला व लखबीर सिंह वासी बजेआना मंदीप बस सर्विस में ड्राइवर व कंडक्टर का काम करते हैं। गत दिवस उक्त लोग बस में सरकार की तरफ से तय क्षमता से अधिक सवारियां बिठाकर ले जा रहे थे। सरकार ने कोरोना वायरस के चलते बसों में क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने पर रोक लगा रखी है लेकिन इसके बावजूद बस चालक व कंडक्टर नियमों की अवहेलना कर रहे थे। पुलिस ने आरोपी पर केस दर्ज कर लिया है लेकिन अभी किसी कि गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

नशे की पूर्ति के लिए लोगों से मोबाइल फोन छीनने वाले दो नौजवान गिरफ्तार

बठिंडा. तलवंडी साबों पुलिस ने नशे की पूर्ति के लिए हथियारों की नोक पर लोगों से मोबाइल फोन छीनने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है। तलवंडी साबों पुलिस के सहायक थानेदार सुरजीत सिंह ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि गगनदीप सिंह व जसप्रीत सिंह वासी कोटसमीर नशे के आदी है व उसकी पूर्ति के लिए वह रास्ते में जाते लोगों को हथियार दिखाकर उनसे मोबाइल फोन छीनते थे व इसे आगे बेचकर नशा खरीद लेते थे। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी का एक ओपो कंपनी का फोन बरामद किया है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है।

पुरानी रंजिश में गांव तियोणा पुजारियां में छह लोगों ने किया एक व्यक्ति को घायल

बठिंडा. पुरानी रंजिश को लेकर हुए झगड़े में छह लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति को गांव तियोणा पुजारिया में मारपीट कर घायल कर दिया। तलवंडी पुलिस के पास अमनदीप सिंह वासी तियोणा पुजारिया ने शिकायत दी कि उसका जगपाल सिंह, सुक्खी सिंह, गुरजीवन सिंह, मिंट सिंह, गुरजीत सिंह वासी तियोणा पुजारिया, गगन सिंह वासी संगत खुर्द के साथ एक पुरानी रंजिश को लेकर झगड़ा चल रहा था। इसी रंजिश में उक्त लोगों ने गत दिवस उसे रास्ते में रोककर मारपीट की व घायल कर दिया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है लेकिव किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

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