बठिंडा. पंजाब में कोरोना वैक्सीन का संकट होने के कारण जहां एक मई से 18 से 45 साल के लोगों की वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो सकी है, वहीं अब 45 से लेकर 60 साल तक लोगों को लगने वाली वैक्सीन पर भी संकट छा गया है। मंगलवार को सेहत विभाग के पास बचा हुआ वैक्सीन का स्टाक भी पूरी तरह से खत्म हो गया है। विभाग के रिकार्ड अनुसार कोविडशील्ड की वैक्सीन जीरो, तो कोवैक्सीन की एक हजार डोज ही बची है। ऐसे में सिविल अस्पताल समेत जिले के तमाम सरकारी सेंटरों में टीकाकरण अभियान बंद हो जाएगा। हालांकि सिविल सर्जन बठिंडा ने तमाम सरकारी टीकाकरण केंद्रों को आदेश जारी करते हुए वैक्सीन आने तक पहली डोज नहीं लगाने के आदेश दिए है, जबकि कोवैक्सीन की जो डोज बची है, उसे सिर्फ दूसरी डोज के ही टीके लगाने के आदेश दिए है। जिला टीकाकरण आफिसर डा. मीनाक्षी सिंगला का कहना है कि उनके स्टाक में डोज पूरी तरह से खत्म हो गई है। उनकी तरफ से डिमांड भेजी गई है। डोज कब तक आएगी, उन्हें भी इसकी सही जानकारी नहीं है, लेकिन मंगलवार को टीकाकरण बंद ना हो सके, इसके लिए वह ग्रामीण क्षेत्रों में बने टीकाकरण सेंटरों पर बची हुई डोज को वापस मंगवा रहे है, ताकि उन डोज से सिविल अस्पताल में टीकाकरण चलता रहे। जबकि जमीनी सच यह भी है कि विभाग के पास सोमवार शाम तक एक भी डोज नहीं बची है।
प्राइवेट अस्पताल अब सीधे कंपनी से खरीदगे वैक्सीन
सरकार की नई गाइडलाइन अनुसार अब 45 से 60 और सीनियर सिटी जन अगले दस दिनों तक प्राइवेट अस्पतालों में अपना टीकाकरण नहीं करवा सकेंगे, चूकिं सरकार के आदेशों के बाद सेहत विभाग ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को दी गई वैक्सीन का स्टाक वापस मंगवा लिया है, जोकि अब केवल सरकारी अस्पतालों या फिर सेहत विभाग द्वारा समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से लगाएं जा रहे वैक्सीनेशन कैंप में लगाएं जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ अब प्राइवेट अस्पताल कंपनी या डीलर से सीधे तौर पर वैक्सीनेशन खरीदकर टीके लगा सकेंगे। इसके लिए सरकार की तरफ जल्द ही प्राइवेट अस्पतालों के लिए रेट भी फिक्स किए जाएंगे, ताकि प्राइवेट अस्पतालों में एक ही रेट पर वैक्सीनेशन हो सके। फिलहाल प्राइवेट अस्पतालों के पास मौजूदा समय में कोई भी वैक्सीनेशन का स्टाक नहीं होने के कारण आगामी कुछ दिनों तक प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीनेशन का काम बंद रहेगा। उम्मीद लगाई जा रही है कि सरकार के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों के पास आगामी दस से पंद्रह दिनों में वैक्सीनेशन का स्टाक पहुंच जाएगा, जिसके बाद जहां प्राइवेट अस्पतालों में दोबारा से वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा, वहीं सरकारी अस्पतालों में भी 18 से 45 साल के लोगों को टीका लगाने का चौथा चरण भी शुरू हो जाएगा। सेहत विभाग की मानने तो चाैथा चरण 15 मई के बाद ही शुरू हो सकेगा।
इतना ही नहीं अब 45 से कम किसी भी फ्रंट लाइन वर्कर केवल सरकारी कर्मचारी को छोड़कर वैक्सीनेशन नहीं की जाएगी, चूकिं सेहत विभाग ने फैसला किया कि है कि अब एनजीओ या अन्य प्राइवेट फ्रंट लाइन वर्कर जिनकी उम्र 18 से 45 साल के बीच है, अब उन्हें चौथा चरण की शुरूआत के दौरान किया जाएगा। इसका एक कारण यह भी है कि विभाग को यह शिकायतें मिली थी कि प्राइवेट अस्पतालों ने 45 साल से कम उम्र वाले लोगों को अपना हेल्थ व फ्रंट लाइन वर्कर बनाकर उनकी वैक्सीनेशन की गई है। अब सरकार 18 से 45 साल के लोगों की वैक्सीनेशन शुरू करने जा रहा है, तो अब फ्रंट लाइन का झंझट ही खत्म कर दिया गया। केवल सरकारी मुलाजिमों को छोड़कर।
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सोमवार तक 1 लाख 11 हजार 895 लोगों की हो चुकी है वैक्सीनेशन
सेहत विभाग के अनुसार 16 जनवरी से शुरू मुहिम के तहत 2 मई 2021 तक 1 लाख 11 हजार 895 लाेगों का टीकाकरण किया जा चुका है। सोमवार को केवल सरकारी सेंटरों पर 1215 लोगों को टीका लगा है। इसमें 12239 हेल्थ वर्कर, 24360 फ्रंट लाइन वर्कर, 45 से 60 उम्र वाले 31036 और 60 साल से अधिक उम्र वाले 25268 लोगों का टीकाकरण हो चुका है। सेहत विभाग के अनुसार सरकारी केंद्र में 73050 पहली डोज, 13019 दूसरी डोज, प्राइवेट अस्पताल में 19843 पहली डोज और 5983 दूसरी डोज लगवा चुके है।
सेहत विभाग को एक मई तक कोविडशील्ड की 1 लाख 76 हजार 830 डोज मिली है, जिसमें केंद्रीय इंस्टीट्यूट को 72610 डोज, प्राइवेट इंस्टीट्यूट को 13490 और पब्लिक इंस्टीट्यूट को 88570 डोज दी जा चुकी है। अब सेहत विभाग के स्टाक में 600 वाल यानि छह हजार डोज ही बची है। इसी तरह कोवैक्सीन की 15 हजार 120 डोज मिली है, जिसमें केंद्रीय इंस्टीट्यूट को 5000 डोज, प्राइवेट इंस्टीट्यूट को 2910 और पब्लिक इंस्टीट्यूट को 5980 डोज दी जा चुकी है। अब सेहत विभाग के स्टाक में 100 वाल यानि एक हजार डोज ही बची है।
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