बुधवार, 24 फ़रवरी 2021

प्रख्यात पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर का निधन, किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हो गया था कोरोना संक्रमण

 


मोहाली । पंजाब के प्रख्यात गायक सरदूल सिकंदर (Sardool Sikander) का मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि एक माह पहले किडनी की दिक्कत के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आपरेशन सफल रहा, लेकिन इस बीच वह कोरोना से संक्रमित हो गए। इसके कारण उनकी मौत हो गई। सरदूल सिकंदर ने बुधवार सुबह अंतिम सांस ली।

सरदूल सिकंदर के निधन का समाचार सुनते ही पंजाब कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनके दोस्त, रिश्तेदार व चाहने वाले अस्पताल पहुंच रहे हैं। सरदूल ने पंजाबी गायकी को एक मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने बहुत छोटे स्तर से गायन शुरू किया और फिर देश विदेश में नाम कमाया। सरदूल सिकंदर भाषा के लोक और पॉप संगीत से जुड़े रहे। 1980 के दशक में सरदूल ने अपनी पहली अलबम “रोडवेज दी लारी” निकाली थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सरदूल सिकंदर ने कई हिट गाने दिए। इसके अलावा फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। 15 अगस्त 1961 को जन्मे सरदूल सिकंदर ने पंजाबी फिल्म जग्गा डाकू में शानदार अभिनय से अपनी अभिनय कला का लोहा मनवाया।

सरदूल के पिता स्व. सागर मस्ताना एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। उन्होंने एक विशेष प्रकार के तबले का आविष्कार किया था जो एक पतली बांस की छड़ी से बजाया जाता था। सरदूल की शादी अमर नूरी से हुई, जो एक कुशल गायिका और अभिनेत्री भी हैं। उन्होंने अपने पति की तरह ही कई पुरस्कार हासिल किए। जिला फतेहगढ़ साहिब में खेरी नौध सिंह में जन्मे सरदूल सिकंदर का संगीत के पटियाला घराने से संबंधित रहा।

सरदूल ने कई अलबम निकाली। 1991 में रिलीज़ हुई उनकी उनके अलबम ‘हुस्ना दे मल्को’ ने दुनियाभर में धमाल मचाया। इसकी 5.1 मिलियन प्रतियां बेचीं गई। सरदूल के सारंग सिकंदर और अलाप सिकंदर नाम के दो बेटे हैं। सारंग बड़ा बेटा है। वह गायक और संगीत निर्माता है।

बठिंडा में सड़क हादसों में 50 दिनों में 23 लोगों की गई जान, वही मोटर एक्सीडेंट क्लेम देने के मामलों में सरकारें नहीं गंभीर, हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ से मांगा जवाब


बठिंडा।
 जिले में हर तीसरे दिन सड़क हादसे में एक व्यक्ति की जान जा रही है। पिछले 50 दिनों में ही जिले में 23 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा बैठे। मरने वालों में ज्यादातर युवा हैं। इन लोगों की जान वाहनाें की ओवरस्पीड और लापरवाही सामने आई है। अधिकतर मामलों में लोगों को कुचलने वाले वाहनों की पहचान तक नहीं हो सकी। जिसमें पुलिस ने अज्ञात वाहन चालकों पर केस दर्ज किया है। अधिकतर सड़क हादसे नेशनल हाइवे पर घटित हुए। 15 लोगों की मौत के अलावा दो दर्जन से अधिक जख्मी भी हुए हैं जो अलग-अलग अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। लगातार हादसे और कीमती जान जाने के बावजूद वाहन चालकों की लापरवाही जारी है और पुलिस और प्रशासन भी इसहाय नजर आता है।

पिछले दो महीनों में इन लोगों ने सड़क हादसों में गंवाई अपनी कीमती जानें, बर्बाद हो रहे परिवार-

22 दिसंबर गोनियाना रोड पर अज्ञात वाहन ने मोटरसाइकिल को टक्कर मारी, बाइकसवार की मौत। 23 दिसंबर गांव दियोण के पास बोलेरो गाड़ी ने मोटरसाइकिल को टक्कर मारी, बाइक सवार की मौत। 23 दिसंबर मुक्तसर रोड पर तेज रफ्तार कार ने सड़क पर जा रहे दो भाइयों को टक्कर मारी, एक की मौत। 24 दिसंबर गोनियाना रोड पर एक बाइक-ट्रैक्टर ट्राली की टक्कर में बाइक सवार की मौत। 24 दिसंबर नेशनल कालोनी नहर के पास एक तेज रफ्तार बाइक सब्जी रेहड़ी में टकरा गया, मौत। 25 दिसंबर मलोट रोड पर अज्ञात वाहन ने मोटरसाइकिल को टक्कर मारी, एक की मौत एक गंभीर। 26 दिसंबर डबवाली रोड पर स्थित गणपति इन्क्लेव के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से कार सवार की मौत। 4 जनवरी लहरा मोहब्बत के पास बाइक सवार दंपती को बाइक ने टक्कर मारी। पति की मौत, पत्नी गंभीर। 10 जनवरी भुच्चो मंडी में 85 वर्षीय बुजुर्ग महिला को अज्ञात वाहन ने टक्कर मारी, मौत। 10 जनवरी तलवंडी साबो में बाइक सवार को ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी, मौत। 13 जनवरी बालियांवाली में सड़क पार कर रही एक सात साल की बच्ची को अज्ञात कार ने टक्कर मारी, मौत। 13 जनवरी चेतक पार्क के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से 26 साल के अनमोल की मौत हो गई। 22 जनवरी गांव भाेखड़ा के पास अज्ञात वाहन की चपेट में अाने से गुरदीप सिंह की मौत हो गई। 24 जनवरी भाई बख्तौर के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से पिकअप सवार बीरबल सिंह व प्रेम सिंह की मौत हो गई। 24 जनवरी को 18 साल की कुलदीप कौर को सड़क पार करते समय अज्ञात वाहन ने कुचल दिया। 4 फरवरी को गांव कराड़वाला के पास एक पुलिस मुलाजिम के बाइक की टक्कर से बाइक सवार मलकीत सिंह की जान चली गई। 10 फरवरी को संगत कैंचियां के पास अज्ञात ट्रक की टक्कर से बाइक सवार जसप्रीत सिंह की मौत। 13 फरवरी को रामां मंडी में एक ट्रक की टक्कर से बाइक सवार युवक 28 साल के कुलदीप सिंह की जान चली गई।

मुआवजे का प्रावधान- अगर सड़क हादसे में किसी व्यक्ति की जान चली जाए और उसकी मौत का कारण बने वाहन की पहचान न हो सके तो परिवार को पंजाब विक्टिम कंपनसेशन स्कीम-2017 के तहत दो लाख रुपए की मुआोवजा राशि दी जाती है। हादसे में व्यक्ति 40 प्रतिशत अपंग हो जाए तो एक लाख का मुआवजा देने का प्रावधान है।

जागरूक कर रहे-ट्रैफिक पुलिस लोगों को नियमों के बारे में जागरूक कर रही है। ओवरस्पीड वाहन चलाने व शराब पीकर वाहन चलाने पर चालान कर रहे हैं।

-इकबाल सिंह, ट्रैफिक इंचार्ज

वही मोटर एक्सीडेंट क्लेम देने के मामलों में सरकारें नहीं गंभीर, हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ से मांगा जवाब


चंडीगढ़। मोटर एक्सीडेंट क्लेम के मामलों में बीमा कंपनियों द्वारा जारी मुआवजा बिना किसी परेशानी के पीड़ितों को मिलना सुनिश्चित करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ से जवाब तलब किया है। कोर्ट के आदेश के दो महीने के बाद भी किसी भी राज्य ने इस मामले में कोर्ट में पक्ष नहीं रखा।

हाई कोर्ट के जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यह एक जनहित का मामला है। सरकार ऐसे मामलों को गंभीरता से नहीं ले रही। कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ को इस मामले में जवाब दायर करने का अंतिम अवसर देते हुए साफ कर दिया कि अगर मामले की अगली सुनवाई से पहले उचित जवाब दायर नहीं किया गया तो मामले की अगली सुनवाई पर 24 मार्च को दोनों राज्यों के मुख्य सचिव और चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार को हाई कोर्ट में खुद पेश होकर जवाब देना होगा।

याचिका दाखिल करते हुए एचडीएफसी एग्रो जनरल इंश्योरेंस कंपनी ने मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को खामियों से भरा बताते हुए इसमें बदलाव की मांग की है। कंपनी ने कहा कि वर्तमान प्रक्रिया एक ओर तो कंपनियों के लिए परेशानी पैदा करती है, दूसरी ओर अनावश्यक याचिकाओं को भी जन्म देती हैं। वर्तमान में चेक बनाकर बीमा कंपनी इसे मुआवजा राशि के रूप में जारी करती है। कई बार ऐसा होता है कि चेक किसी और नाम से होता है, जिसे राशि का भुगतान करना होता है उसके नाम में फर्क आ जाता है। ऐसे में मामला लटक जाता है और फिर से अर्जियां दाखिल करनी पड़ती हैं।

साथ ही कई बार एमएसीटी (मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल) के पास चेक पड़ा रह जाता है और इसकी तारीख निकल जाती है। फिर से याचिकाओं का दौर आरंभ हो जाता है। कई बार मुआवजा किसी और का होता है और नाम एक होने के चलते चेक किसी और के पास पहुंच जाता है जो विवाद को जन्म देता है।

याची ने कहा कि इस प्रक्रिया को आसान बनाने की जरूरत है। सुझाव देते हुए कहा गया कि एमएसीटी और मुआवजा तय करने वाले ट्रिब्यूनल अपना अकाउंट खोलें, जिसमें बीमा कंपनियां मुआवजे की राशि जमा करवाएं। मुआवजा याचिका दाखिल करने वाले अपने खाते से जुड़ी जानकारी याचिका में शामिल करें और मुआवजा तय होने के बाद राशि को सीधा उनके खाते में डाल दिया जाए तो विवादित याचिकाओं में कमी आएगी।



बठिंडा में अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी किसी भी रैली में नहीं लेंगे भाग, परीक्षाओं के मद्देनजर लिया फैसला


बठिडा :
अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी किसी रैली व सरकारी संस्थाओं की ओर से चलाए जाने वाले कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगे। अगर किसी भी स्कूल में बच्चों से ऐसा कराया जाएगा तो स्कूल मुखी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूल मुखियों को आदेश जारी किए हैं कि किसी भी बच्चे को रैली में शामिल नहीं होने दिया जाए। यह फैसला परीक्षाओं के मद्देनजर लिया गया है। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने नोटिस में कहा है कि मौसम ठीक नहीं चल रहा है। जिसके कारण विद्यार्थियों की सेहत पर असर पड़ने या चोट लगने का डर बना रहता है। वहीं दूसरी ओर कोविड-19 के कारण काफी समय स्कूल बंद रहने के कारण पहले ही बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हुआ है। किसी भी अधिकारी की प्रवानगी के बिना किसी भी गैर सरकारी संस्था, एजेंसी या कंपनी के प्रोग्रामों में विद्यार्थियों को भेजने से मनाही की गई है।

कोरोना के कारण नहीं हो पाई पढ़ाई

कोरोना के कारण आठ महीने तक विद्यार्थी पढ़ाई नहीं कर पाए। वहीं परीक्षाएं भी आने वाली है। इसलिए यह समय विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को बस पढ़ाई करवाने के निर्देश जारी किए हैं। दूसरी ओर सरकारी स्कूलों के अध्यापक सुबह, शाम और छुट्टी वाले दिन भी विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अधिक समय लगा रहे हैं। इसी तरह अगर अब कोई संस्था या एजेंसी आकर स्कूली विद्यार्थियों का समय नष्ट करती है तो स्कूल मुखियों की योजनाबंदी प्रभावित होती है। विद्यार्थियों का पूरा ध्यान परीक्षा की तैयारी की तरफ है, ताकि वार्षिक परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त कर सकें। मिशन शत प्रतिशत को सफल बनाने के लिए विद्यार्थियों की पढ़ाई की तरफ ध्यान बहुत जरूरी है। पढ़ाई पर दिया जा रहा जोर

  • हमारी तरफ से विद्यार्थियों की सिर्फ पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि विद्यार्थियों को इस समय सिर्फ पढ़ाई पर ही जोर दिया जाए। इसलिए कोई भी विद्यार्थी किसी रैली में शामिल नहीं होगा।

-- इकबाल सिंह बुंट्टुर, उपजिला शिक्षा अधिकारी।

एडीआर सेंटर में सात मार्च को करवाई जा रही बठिडा हाफ मैराथन. मुख्य उद्देश्य लोगों में नशे व कैंसर के खिलाफ जागरूकता फैलाना


बठिडा :
सिविल जज सीजेएम सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अशोक कुमार की ओर से एडीआर सेंटर में सात मार्च को करवाई जा रही बठिडा हाफ मैराथन के चौथे एडिशन का पोस्टर जारी किया गया।

उन्होंने बताया कि हाफ मैराथन का मुख्य उद्देश्य लोगों में नशे व कैंसर के खिलाफ जागरूकता फैलाना है, जबकि लोगों को अपनी सेहत को तंदरुस्त बनाने के लिए अधिक से अधिक गिनती में भाग लेना चाहिए।

उन्होंने बताया कि 10 अप्रैल को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हर प्रकार के केसों का निपटारा किया जाएगा। अगर किसी व्यक्ति को मुफ्त कानूनी सहायता की जरूरत है तो वह टोल फ्री नंबर 1968 पर संपर्क कर सकता है। इस मौके पर राकेश नरूला, संजीव सिगला, तरुण बजाज, जतिदर कुमार, जसवंत कौशिक, मेहर, जोरावर सिंह, तजिदर सिंह आदि उपस्थित थे।

पंजाब में महंगे डीजल से 20 फीसद तक बढ़ी ट्रांसपोर्टरों की लागत, माल भाड़े में 12 से 15 फीसद तक का इजाफा, ट्रांसपोर्टर आंदोलन की राह पर

 


लुधियाना। पिछले कुछ माह से पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे जहां आम आदमी परेशान है, वहीं ट्रांसपोर्टर भी दिक्कत में हैं। उनकी आपरेशन कास्ट में लगभग पचास फीसद हिस्सेदारी पेट्रो उत्पादों की है। ट्रांसपोर्टरों का तर्क है कि उनकी कुल लागत में करीब बीस फीसद तक का इजाफा हुआ है, जबकि किराया 12 से 15 फीसद तक ही बढ़ पाया है। ऐसे में ट्रासंपोर्टरों के मार्जिन पर दबाव आ रहा है। साथ ही ट्रांसपोर्टरों ने सरकार को 14 दिन का अल्टीमेटम दिया है कि डीजल पर टैक्स घटाया जाए, नहीं तो देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल की जाएगी।

पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान मनजीत सिंह का कहना है कि 27 अक्टूबर 2020 को पेट्रोल की कीमत 82.74 रुपये प्रति लीटर एवं डीजल की 72.58 रुपये प्रति लीटर थी। आज पेट्रोल के रेट उछल कर 92.46 रुपये प्रति लीटर एवं डीजल के रेट 83.55 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गए हैं। प्रीमियम पेट्रोल 95.23 रुपये और प्रीमियम डीजल 86.65 रुपये प्रति लीटर में मिल रहा है। साफ है कि चार माह में ही पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में 10 से 12 रुपये प्रति लीटर तक का उछाल दर्ज किया गया है।

फेडरेशन आफ इंडस्ट्रियल एंड कामर्शियल आर्गनाइजेशन के चेयरमैन एवं नीलम साइकिल्स के एमडी केके सेठ ने कहा कि माल भाड़े में करीब 15 फीसद तक का इजाफा हो चुका है। इसे मैनेज करने में दिक्कत आ रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रो उत्पादों की महंगाई से पेंट समेत तमाम पेट्रो आधारित उत्पादों की कीमतें बढ़ रही हैं। इसका असर उत्पादन लागत पर आ रहा है। यदि सरकार ने शीघ्र ही कदम नहीं उठाए तो महंगाई भी बेलगाम हो जाएगी।

लुधियाना गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव जेपी अग्रवाल का कहना है कि डीजल एवं पेट्रो उत्पादों की महंगाई ने इस कारोबार की कमर तोड़ दी है। इसे मैनेज करना कठिन हो रहा है। लुधियाना से कानपुर तक 25 टन लोड ले जाने वाले ट्रक के एक चक्कर का भाड़ा पहले 75 हजार रुपये था, जो कि अब बढ़कर 82 हजार से 83 हजार रुपये के बीच हो गया है। अग्रवाल ने कहा कि हकीकत यह है कि लागत इससे भी अधिक बढ़ी है। लुधियाना से कानपुर का एक चक्कर का टोल टैक्स ही आठ हजार रुपये बनता है। उन्होंने कहा कि हालत यह है कि ट्रांसपोर्टरों ने नए ट्रक डालने से तौबा कर ली है।

ट्रांसपोर्टर करेंगे देशव्यापी चक्का जाम

आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने सरकार को चौदह दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि केंद्र एवं राज्य सरकार पेट्रो उत्पादों को भारी भरकम टैक्स के बोझ से मुक्त करें, अन्यथा देश भर के ट्रांसपोर्टर मजबूरन अनिश्चिकालीन देशव्यापी हड़ताल शुरू करेंगे। इस संबंध में संगठन के राष्ट्रीय प्रधान कुलतरण सिंह अटवाल ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है। ट्रांसपोर्टरों ने डीजल पर केंद्रीय टैक्स कम करने एवं राज्यों को वैट कम करने के निर्देश देने की मांग की है। इसके अलावा पूरे देश में डीजल के रेट एक समान करने एवं इसे जीएसटी के तहत लाने की वकालत की गई है। एसोसिएशन की मांग है कि डीजल की कीमतों का निर्धारण तिमाही आधार पर किया जाए। 

 

पिपलांवाला में फर्जी बाबा ने बुजुर्ग दंपति को बीमार बेटा ठीक करने का दिया झांसा, कहा-गहने लाओ मंत्र फूंक देता हूं ,4 तोले सोने के गहने लेकर फरार


होशियारपुर। फर्जी बाबा बनाकर एक नौसरबाज ने बुजुर्ग दंपति को टारगेट कर उनसे 4 तोले सोने के गहनों पर हाथ साफ कर लिया। पीड़ितों की पहचान पिपलांवाला के परगट सिंह और उनकी पत्नी हरमिंदर कौर के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार पीड़ित दंपति मंगलवार सुबह करीब 8 बजे सैर करके जब घर लौट रहे थे। तभी पूर्व मंत्री संतोष चौधरी के निवास स्थल के पास एक व्यक्ति ने उन्हें रोककर एक धार्मिक स्थल का पता पूछा।

इस दौरान जब उन्होंने कहा कि उन्हें अमुक स्थल के बारे में जानकारी नहीं है तो तभी एक मोटरसाइकिल सवार आया और कहने लगा कि यह बहुत पहुंचे हुए बाबा हैं। यह किसी से बात नहीं करते, आप किस्मत वाले हैं, जो आपके पास रुके। आप इनसे कुछ मांग लो। इस तरह बुजुर्ग दंपति उस नौसरबाज बाबा के झांसे में आ गए और बाबा के कहने पर घर के सारे जेवरात मंत्र मारने के लिए दे दिए। बाबा ने रूमाल में गहने की जगह पत्थर भरकर चार तोले सोने के गहने लेकर फरार हो गया। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 और 42 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

नौसरबाज बाबा ने धार्मिक स्थल का पता पूछने के बहाने सुबह सैर करने गए पीड़ित दंपति से बढ़ाया था मेलजोल - पीड़ित बुजुर्ग दंपति ने बताया कि मंगलवार को सुबह करीब 8 बजे जब वे सैर करके घर लौट रहे थे। इसी दौरान वह बाबा उनके साथ साथ चल पड़ा और कहने लगा कि उनके बेटे की हालत ठीक नहीं है, जिसका इलाज वह कर सकता है। बातें करते-करते वह उनके घर तक आ गया। उन्होंने बताया कि इस

दौरान बाबा ने पीड़ित की सोने की अंगूठी ली और उस पर फूंक मार कर कहा कि इसको रख लें, आपके सारे काम सही हो जाएंगे। इसी दौरान बाबा ने उन्हें कहा कि घर में जो और सोने के गहने हैं उनको भी लाओ, वह उसको भी मंत्र मारकर देता है। इसके चलते वह उसके झांसे में आ गए और उसको अपनी बहु के गहने भी दे दिए, जिन पर उसने फूंक मारी और एक रूमाल से कुछ कंकर और पत्थर उठाए और अंगूठी समेत लपेट कर दे दिए। बाबा ने कहा कि इसको घर में पूजा की जगह रख दो, इससे यह सोना भी बढ़ जाएगा और उनके सारे काम भी हो जाएंगे।

जब रुमाल खोला तो कंकर देख ठनका माथा- पीड़ित दंपति ने बताया कि जब वह उस रुमाल को रखने कमरे में गए, तो उनको ख्याल आया कि देख लें कि इसमें और कुछ भी है या नहीं। जब उस रुमाल को खोल कर देखा तो उसमे सिर्फ कंकर और पत्थर ही निकले। उन्होंने कहा कि जैसे ही वह घर के बाहर आए, तो वह जाली बाबा फरार हो चुका था। इसकी सूचना उन्होंने थाना मॉडल टाउन पुलिस में दर्ज करवाई।

सीसीटीवी में कैद आरोपी की तस्वीर के आधार पर पुलिस कर रही मामले की जांच - मामले की जांच कर रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगाली है, जिसमें आरोपी कथित फर्जी बाबा की तस्वीर कैद थी। उसे कब्जे में लेकर अगली कानूनी कार्रवाई जारी रखी गई है। दंपति की शिकायत पर नामालूम व्यक्ति के खिलाफ धारा 406 और 42 के तहत केस दर्ज कर लिया है। जल्द ही नौसरबाज फर्जी बाबा का पता लगा लिया जाएगा।
-करनैल सिंह, एसएचओ थाना मॉडल टाउन


आचार संहिता खत्म, बठिंडा नगर निगम ने खोले 2.68 करोड़ के विकास कार्यों के टेंडर


बठिडा :
निकाय चुनाव को लेकर लगी हुई आचार संहिता सोमवार की रात को खत्म होते ही नगर निगम की ओर से शहर में नए विकास कार्य शुरू करने की तैयारी कर ली है। मंगलवार को निगम की ओर से 2.68 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के टेंडर खोल दिए गए। हालांकि यह टेंडर पहले लगाए गए थे, लेकिन इनके खुलने से पहले ही पंजाब चुनाव आयोग की तरफ से निकाय चुनाव की तिथि की घोषणा करते हुए आचार संहिता लागू कर दी गई थी। जिसके चलते इन टेंडरों की खोलने की तिथि स्थगित कर दी गई थी।

इन योजनाओं को लेकर जारी किया टेंडर 

नगर निगम ने राम बाग के नजदीक कैनाल कालोनी में 39.10 लाख रुपये की लागत से इंटरलाकिग टाइलें लगाने, जोन नंबर पांच स्थित शक्ति विहार की गलियों में 17.59 लाख रुपये से ईंटों के फर्श लगाने, 1.15 लाख से लाल सिंह बस्ती स्थित सुविधा केंद्र का नवीनीकरण करने, 2.2 करोड़ रुपये की लागत से डबवाली रोड पर कबिरस्तान बनाने, उसमें टायलेट ब्लाक बनाने, कम्युनिटी हाल का निर्माण करने व चारदिवारी करने के टेंडर लगाए थे। इसके अलावा 8.6 लाख रुपये की लागत से फायर ब्रिगेड स्टाफ के लिए गर्मी और सर्दी की यूनिफार्म के टेंडर भी गए थे। इन सभी टेंडरों की टेक्नीकल बिड मंगलवार की शाम को खोल दी गई है। हालांकि इस दौरान लाल सिंह बस्ती के सुविधा केंद्र की रेनोवेशन के लिए किसी का टेंडर प्राप्त नहीं हुआ। लेकिन अन्य कार्यों के लिए 2 से 8 तक फर्मो के टेंडर प्राप्त हुए। सुविधा केंद्र के नवीनीकरण के लिए निगम को फिर से टेंडर लगाना पड़ेगा।

वित्तमंत्री ने क्रिसमिस डे पर की थी घोषणा

राज्य के वित्तमंत्री एवं क्षेत्र के विधायक मनप्रीत सिंह बादल की ओर से क्रिशचियन भाईचारे के लिए दो करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत से कब्रिस्तान को जगह देने। इसके करीब एक सप्ताह बाद ही उनकी ओर से नींव पत्थर रख दिया गया था। इसके साथ ही नगर निगम ने टेंडर लग दिया। लेकिन खुलने से पहले ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। नगर निगम के सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर हरपाल सिंह भुल्लर ने बताया कि टेंडर खोल दिए गए हैं। जल्द ही अन्य प्रक्रिया मुकम्मल करके विकास कार्य चालू कर दिए जाएंगे।

हाई-वोल्टेज ड्रामा:गली बनाने की शुरुआत को लेकर भिड़े कांग्रेसी-अकाली पार्षद, विधायक के विरोध पर पुलिस ने टाला टकराव


लुधियाना।
 वॉर्ड 26 में लगते जीटीबी नगर में मंगलवार को 1.70 करोड़ रुपए की लागत से गलियों के निर्माण कार्य के उद्घाटन समागम के दौरान हंगामा हो गया। इस विकास कार्य का श्रेय लेने की होड़ में अकाली-कांग्रेसी आपस में भिड़ गए। माहौल बिगड़ता देख मौके पर पहुंची 4 थानों की पुलिस ने किसी तरह टकराव टाला। हालांकि पुलिस के समझाने-बुझाने के बाद इलाका पार्षद ने कांग्रेसियों के साथ सड़क पर टक लगा उद्घाटन किया तो फिर दोनों पक्षों में खींचतान हुई। इसके बाद कांग्रेसी लौट गए तो पार्षद ने शिअद विधायक ढिल्लों के साथ फिर से टक लगा उद्घाटन की रस्म अदा की।

पुलिस के समझाने-बुझाने के बाद शिअद कौंसलर ने कांग्रेसियों के साथ सड़क पर टक लगा उद्घाटन किया तो दोनों पक्षों में हुई खींचतान- दरअसल विवाद यूं हुआ कि यह वॉर्ड विधानसभा क्षेत्र साहनेवाल में लगता है। लिहाजा इलाके के अकाली पार्षद ने सुरजीत राय ने स्थानीय विधायक शरणजीत सिंह ढिल्लों को खास मेहमान बतौर बुलाया था। साथ ही उद्घाटन समागम के निमंत्रण पत्र में मेयर बलकार संधू का नाम बतौर मुख्य मेहमान दिया था। उद्घाटन समागम में ढिल्लों तो आ गए, मगर मेयर नहीं पहुंचे। इसके बावजूद वहां हलका साहनेवाल की कांग्रेस प्रभारी सतविंदर कौर बिट्टी और स्थानीय नेता हरदीप सिंह मुंडियां भी समर्थक लेकर पहुंच गए। उन्होंने समागम रुकवाने का प्रयास किया तो दोनों पक्ष में गर्मागर्मी हो गई। माहौल बिगड़ा तो एक-एक कर चार थानों मोती नगर, जमालपुर, फोकल पॉइंट और डिवीजन सात की पुलिस मौके पर आ गई। तब कहीं जाकर दोनों पक्षों में टकराव टाला जा सका।

अकालियों ने इलाका निवासियों को गुमराह कर इस विकास कार्य का श्रेय लेने की साजिश रच मेयर का नाम भी निमंत्रण-पत्र में छपवाया था। हकीकत में यह कार्य राज्य की कांग्रेस सरकार की पहल पर होना है। कुछ दिनों बाद ही मेयर से कांग्रेसी इस काम का उद्घाटन कराने वाले थे। -सतविंदर बिट्टी, हलका प्रभारी, कांग्रेस

अकालियों ने लंबे समय संघर्ष कर मेयर से इस विकास कार्य के लिए मंजूरी लेने का काम किया था। मेयर होने के नाते ही उनको सम्मान के तौर पर समागम में अतिथि बनाया था, विरोध करने वाली कांग्रेस की हलका प्रभारी और उनके समर्थक बेवजह माहौल खराब करने आए थे। -शरणजीत सिंह ढिल्लों, विधायक

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

पंजाब में डिग्री गिरवी है:50 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स की डिग्रियां नहीं दे रहे कॉलेज, स्कॉलरशिप के 1850 करोड़ रुपए हैं बकाया



  •  एससी-एसटी स्टूडेंट्स की 2017 से रुकी पोस्ट मैट्रिक स्काॅलरशिप की हकीकत
  • कॉलेज प्रशासन सर्टिफिकेट रिलीज करने के लिए स्टूडेंट्स से ब्लैंक चेक मांग रहा

जालंधर। क्या आप कभी सोच सकते हैं कि डिग्री भी गिरवी हो सकती है? जी हां, पंजाब में करीब 50 हजार एससी-एसटी स्टूडेंट्स की डिग्रियां विभिन्न प्राइवेट कॉलेजों में गिरवी रखी हुईं हैं। कारण- इन छात्रों को पोस्ट मैट्रिक स्काॅलरशिप का पैसा न मिलना है। सर्टिफिकेट पास न होने से ये छात्र न तो सरकारी जॉब के लिए अप्लाई कर पा रहे हैं और न ही पीजी के लिए दाखिला ले पा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कॉलेज वालों ने उनकी डिग्रियां और सर्टिफिकेट रोक रखे हैं। दसवीं के सर्टिफिकेट पहले ही गारंटी के तौर पर रख लिए थे।

वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि सरकार पर फीस का पैसा 2017 से बकाया है, जो करीब 1850 करोड़ है। यदि उन्हें सरकार पैसा नहीं दे सकती तो स्टूडेंट्स फीस अदा करके सर्टिफिकेट ले सकते हैं। छात्रों का कहना है कि फीस सरकार को देनी है। उनके पास इतना पैसा नहीं है। उल्लेखनीय है कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में केंद्र 60% और राज्य 40% का योगदान देती है। हाल ही में 15 जनवरी को सीएम कैप्टन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में निर्देश दिया गया था कि 3 दिन के अंदर सभी कॉलेज डिग्रियां दे दें। नहीं देने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

पीड़ित छात्र बोले- सर्टिफिकेट न होने से आगे की पढ़ाई भी रुकी - प्राइवेट कॉलेज के स्टूडेंट परमिंदर कुमार ने कहा कि वे सर्टिफिकेट कॉलेज से न मिलने के कारण सरकारी जॉब तक अप्लाई नहीं कर पा रहे हैं यही नहीं वे पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहते थे लेकिन दूसरे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला। सीमा रानी कहती हैं कि 2018 में एमए करने के बाद अभी तक उन्हें डिग्री नहीं मिली। मान्यता प्राप्त कॉलेज की लड़के व लड़कियों ने कहा कि पैसे का मामला कॉलेज व सरकार का है, उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है। उनसे ब्लैंक चेक मांगा जा रहा है।

इस योजना के तहत कैसे मिलता है लाभ - एससी-एसटी छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप (पीएमएस) स्कीम 1944 से अस्तित्व में आई थी। इस योजना के तहत एससी छात्रों को मैट्रिक के बाद कोई भी कोर्स करने पर सरकार छात्रवृत्ति देती है। इसमें छात्र की नान रिफंडबल फीस, यूनिवर्सिटी फीस और 230 रुपए से लेकर 550 रुपए प्रति माह भत्ता देने का प्रवधान है। पंजाब में 2017 से पीएमएस स्कॉलरशिप फंड रुकी हुई है। इस दौरान सूबे से करीब 10 लाख बच्चे विभिन्न कॉलेजों से पढ़ाई कर चुके हैं।

31 मार्च तक सूबा सरकार ने यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं दिया तो सभी फंड होंगे लैप्स - कन्फेडरेशन ऑफ अनएडिड स्कूल एंड कॉलेजेस के अनुसार निजी कॉलेजों का सरकार पर 1850 करोड़ रुपये बकाया है। 31 मार्च 2021 तक अगर सूबा सरकार ने केंद्र सरकार की तरफ से जारी फंड का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं दिए और संशोधित पॉलिसी के अनुसार 40 फीसदी हिस्सा नहीं दिया तो सभी फंड लैप्स हो जाएंगे। दूसरी तरफ, कॉलेजों को मजबूर होकर एससी छात्रों के एडमिशन या बंद करना पड़ेगा या फिर छात्रों को पूरी फीस देनी पड़ेगी। कई कालेज तो बंद भी हो चुके हैं।

1650 अनएडेड कॉलेजों का 1850 करोड़ बकाया

सूबे में 1650 निजी कॉलेज का 1850 करोड़ रुपए बकाया है। अगर सूबा सरकार के पास पैसा नहीं है तो 25 मार्च 2020 को केंद्र से आए 309 करोड़ रुपए वह कॉलेजों को रिलीज करे, ताकि कॉलेज बंद होने बच सकें।’ -विपिन शर्मा, उप प्रधान, जाइंट एसोसिएशन ऑफ कॉलेज

पंजाब के मंत्री का तुगलकी फरमान:सिद्धू बोले- 'कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे और उसके बाद बीमार होने पर छुट्‌टी लेंगे तो तनख्वाह काटी जाएगी'; कर्मचारियों ने कहा- माफी मांगें


मोगा।
पंजाब की सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी राज्य सरकार के उनके प्रति अनदेखी के रवैये को लेकर रोष में हैं। वर्कर्स ने सीधे तौर पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू पर निशाना साधा जिनका हाल ही में एक बयान आया है जिसके मुताबिक जो हेल्थ वर्कर्स कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाएंगे और उसके बाद यदि बीमार होने पर छुट्‌टी लेंगे तो उनकी तनख्वाह में से पैसे काट लिए जाएंगे। इसके अलावा अन्य मुद्दों को लेकर भी ये वर्कर्स गुस्से में हैं और अपनी अन्य मांगों को लेकर पूरे पंजाब में लगातार प्रदर्शन भी कर रहे हैं।

मंगलवार काे भी पंजाब भर से आए मल्टीपल हेल्थ वर्कर्स ने सेक्टर 34 स्थित परिवार कल्याण भवन में धरना दिया और डायरेक्टर सेहत और परिवार भलाई पंजाब का घेराव किया और राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। वर्कर्स का कहना था कि सिद्धू को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए। इसके साथ ही उनकी मांगों को जल्द पूरा न किया गया तो वे अपना आंदोलन और तेज कर देंगे। कमेटी की मुख्य मांगों में पिछले 10-15 साल से काम कर रहे कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना,2163 नवनियुक्त मल्टीपर्पज वर्कर्स के प्रोबेशन पीरियड की शर्त को खत्म करना,कोविड-19 के दौरान दी सेवाओं के लिए स्पेशल इंसेंटिव देना आदि शामिल है।

मोगा से सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी के कंवीनर कुलवीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि अपनी इन मांगों को पूरा करवाने के लिए जब हम बठिंडा जाते हैं तो हम पर झूठे केस दर्ज करवाए जाते हैं। बोले, 21 जनवरी को इन मांगों को लेकर हमारी भूख हड़ताल शुरू हुई थी जो आज अपने 34वें दिन पहुंच गई है। सरकार और उसके मंत्री हमें गीदड़ धमकियां दे रहे हैं कि हमने कोरोना का टीका नहीं लगवाया तो न मेडीकल क्लेम और मेडीकल छुट्‌टी नहीं मिलेगी।


ढिल्लो ने कहा कि हम किसी से भीख नहीं मांगते, ये हमारे संघर्षों की प्राप्तियां हैं। पर स्वास्थय मंत्री ने जो तुगलगी फरमान सुनाया है उसकी हम निंदा करते हैं। साथ ही ये भी कहते हैं कि जब तक स्वास्थय मंत्री अपने बयान के लिए माफी नहीं मागते तब तक न उन्हें और न ही उनसे संबंधित लोगों को पंजाब में कहीं भी घुसने नहीं देंगे और घुस भी गए तो उन्हें निकलने नहीं देंगे। संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक अपनी एक-एक मांग पूरी न करवा लें।

जालंधर की बहादुर बेटी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार:मोबाइल छीनकर भाग रहे लुटेरों से अकेली भिड़ गई थी कुसुम; कलाई कटने के बाद एक को पकड़ लिया था


जालंधर।
कलाई कटने के बाद भी मोबाइल छीनकर भाग रहे लुटेरों से भिड़कर चर्चा में आई जालंधर की 15 साल की कुसुम को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिलेगा। भारतीय बाल कल्याण परिषद (ICCW) की तरफ से कुसुम को इस अवार्ड के लिए चुना गया है। अगले महीने राष्ट्रीय स्तर के समारोह में कुसुम को यह पुरस्कार दिया जाएगा। DC घनश्याम थोरी ने कुसुम को बधाई देते हुए कहा कि पिछले साल सितंबर में कुसुम का नाम वीरता पुरस्कार के लिए भेजा गया था।

बहादुर बेटी:भाई ने पढ़ाई के लिए मोबाइल दिया, लुटेरे छीनकर भागे, दौड़ाकर पकड़ा तो कलाई काट दी, भिड़ी रही पर मोबाइल नहीं जाने दिया। लुटेरों से भिड़ते वक्त कुसुम को चोटें आ गईं थीं। 


ट्यूशन से लौटते वक्त छीना था मोबाइल, ताइक्वांडों खिलाड़ी कुसुम भिड़ गई थी लुटेरे से

अगस्त महीने में कुसुम जब ट्यूशन क्लास से लौट रही थी तो अचानक बाइक सवार दो लुटेरों ने उसका मोबाइल छीन लिया। यह मोबाइल भाई ने उसे ऑनलाइन पढ़ाई के लिए दिया था। कुसुम ताइक्वांडों की खिलाड़ी थी और NCC की कैडेट भी, इसलिए बिना डरे वह लुटेरों से भिड़ गई। इस दौरान धारदार हथियार से एक लुटेरे ने उस पर हमला किया और कुसुम की कलाई कट गई। इसके बावजूद वह लुटेरे से भिड़ती रही और एक लुटेरे को काबू करने में कामयाब रही। कुसुम की यह बहादुरी CCTV फुटेज में कैद हो गई।

सरकार दे चुकी एक लाख का इनाम

ससे पहले कुसुम की बहादुरी को देखते CM कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कुसुम को एक लाख का इनाम दे चुके हैं। इसका चैक DC घनश्याम थोरी ने उन्हें सौंपा था। इसके अलावा पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत भुल्लर ने भी कुसुम को 50 हजार की राशि व नया मोबाइल लेकर दिया था। कुसुम की बहादुरी के प्रति लोगों को प्रेरित करने के मकसद से PAP फ्लाईओवर के नीचे उसकी ग्राफिटी भी बनाई गई है। वहीं, प्रशासन ने कुसुम को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था।

पंजाब में 1 मार्च से फिर लगेंगी पाबंदियां, नाइट कर्फ्यू का अधिकार डीसी को, पंजाब में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए नई गाइडलाइन जारी की गई


चंडीगढ़। 
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कोरोना के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सख्त निर्देश जारी किए है। मंगलवार को हुई एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए है कि 1 मार्च से इनडोर फंक्शन्स के दौरान अधिक से अधिक 100 तथा आउटडोर में 200 तक मेहमान ही शामिल हो सकते है। इसके साथ ही 1 दिन में कोरोना टेस्ट की संख्या 30 हजार तक करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने जारी किए है।

पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य में बढ़ते केसों को देखते हुए अलग-अलग जिलों के DC को निर्देश दिए है कि जरूरत के अनुसार वह नाइट कर्फ्यू लगा सकते है। खासकर माइक्रो कंटेनमेंट जोन व्यवस्था को लागू करने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को भी निर्देश दिए है कि सभी रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस पर विशेष नजर रखी जाएं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि सिनेमा हाल में गैदरिंग को लेकर 1 मार्च को फैसला लिया जाएगा।

उन्होंने प्राइवेट दफ्तरों तथा रेस्टोरेंट में स्टाफ के कोरोना टेस्ट को लेकर भी डिस्पले करने के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री ने एक कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में रहने वाले कम से कम 15 लोगों को टेस्ट के दायरे में शामिल करने को कहा है। उन्होंने पुलिस फोर्स को हिदायत की कि वह मास्क पहनने को सख़्ती से लागू करें।

एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब सरकार ने राज्य में नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इनडोर में 100 व आउटडोर में 200 से ज्यादा लोगों की भीड़ एकत्र नहीं हो पाएगी। यह  फैसला एक मार्च से लागू होगा। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में कोरोना सैंपलिंग का लक्ष्य 30 हजार प्रतिदिन कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरत पड़ने पर रात का कर्फ्यू भी लगाया जा सकता है। इसके लिए जिला उपायुक्त अधिकृत होंगे। उन्होंने माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने के निर्देश भी दिए हैं। मास्क पहनना व शारीरिक दूरी का पालन करना सुनिश्चित किया जाएगा। सभी रेस्टोरेंट्स व मैरिज पैलेस को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। सिनेमा हाल में भी लोगों की मौजूदगी को सीमित करने के लिए कहा गया है।


एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पुलिस को मास्क पहनने, सभी रेेस्टोरेंटों और मैरिज पैलेसों की तरफ से कोविड नियमों को लेकर जारी नोटिफिकेशन का सख़्ती के साथ पालन करवाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिनेमाघरों में संख्या कम करनेे का फ़ैसला एक मार्च के बाद लिया जाएगा।

डीडी मित्तल के पास दोपहर बाद बड़ी हलचल, तीन आपराधियों को पुलिस ने लिया हिरासत में, मामले की हो रही जांच


बठिंडा.
जालंधर में पिछले दिनों एक लीडर की हत्या के तीन संदिग्धों को बठिंडा में मुलतानिया रोड स्थित कालोनी से हिरासत में लिया गया है। मंगलवार की दोपहर बाद बठिंडा के डीडी मित्तल फ्लैट के पास पुलिस की तरफ से उक्त कारर्वाई को अंजाम दिया गया। इसमें आरोपियों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है जबकि कोई भी अधिकारी इनके संबंध में किसी तरह की जानकारी देने से गुरेज कर रहे हैं। मंगलवार की दोपहर मुलतानिया रोड स्थित डीडी मित्तल में पुलिस की एकाएक गतिविधियां तेज हो गई जिसमें पुलिस टीम ने एक फ्लैट में रह रहे तीन लोगों को हिरासत में लिया। बताया जा रहा है कि उक्त लोग जालंधर में हुई एक हत्या में वांछित थे व काफी दिनों से इस फ्लैट में किराये पर रह रहे व्यक्ति के साथ रह रहे थे। इस मामले में पुलिस फ्लैट के किरायेदार की भी तलाश कर रही है जो कुछ दिनों से गायब बताया जा रहा है। उक्त व्यक्ति वहां रह रहे लोगों को एक स्थानीय अस्पताल का कर्मचारी बताता था लेकिन अब शुरू हुई जांच में मामले की पर्ते खुल रही है। 

  


दिल्ली पुलिस के एक सौ के करीब जवान लक्खा सिधाना को गिरफ्तार करने पहुंचे पर भारी भीड़ के बीच रहे नाकाम



लक्खा शार्टकट रास्तों से पहुंचा रैली में, भीड़ से अलग होने से बचता रहा

बठिंडा. जिले के गांव मेहराज में लक्खा सिधाना की रैली को लेकर दिल्ली पुलिस के पास चार दिन पहले ही सूचना थी क्योंकि सिधाना ने सोशल मीडिया में लाइव होकर रैली के संबंध में जानकारी दी थी व पुलिस को चुनैती देकर गिरफ्तार करने के लिए कहा था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने करीब एक सौ लोगों की टीम तैयार कर 23 फरवरी को बठिंडा भेज दी थी। इसके बावजूद लक्का सिधाना भारी भीड़ के बीच से पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल रहा। पुलिस इस मामले को बिना किसी विरोध व पब्लिक को नुकसान किए बिना सफल करना चाहती थी लेकिन लक्खा सिधाना रामपुरा व मेहराज में पहुंचने से पहले ही भीड़ के बीच घिर गया था व सैकड़ों समर्थकों को लेकर साथ चल रहा था। वही रैली में भी भारी भीड़ मौजूद थी जिसके चलते दिल्ली पुलिस की मुहिम सफल नहीं हो सकी। पुलिस को उम्मीद थी कि लक्खा रैली के बाद भीड़ से बाहर निकलेगा व इस दौरान उसे बिना किसी विरोध के गिरफ्तार करना आसाम होगा लेकिन यह संभव नहीं हो सका। दूसरी तरफ रैली के दौरान स्थनीय पुलिस तैनात थी लेकिन कोई भी अधिकारी लक्खा सिधाना के बारे कुछ बोलने को तैयार नहीं हुआ व सभी उच्चाधिकारी इस मामले में मूक रहे व दिल्ली पुलिस के एक्शन का इंतजार करते रहे। रैली में सुरक्षा को लेकर बठिंडा पुलिस प्रशासन की ओर से बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई। मौके पर दंगा रोधक वाहन व वाटर कैनन आदि भी तैनात रहे। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की ओर से 26 जनवरी की दिल्ली हिंसा के बाद दीप सिद्धू व अन्य नेताओं के साथ साथ लक्खा सिधाना को भी पुलिस ने संगीन धाराओं के तहत नामजद किया है व दिल्ली पुलिस की ओर से उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा भी की गई है। लेकिन इसके बावजूद रैली के दौरान लक्खा बेखौफ होकर रैली में शामिल हुआ। लगभग डेढ़ बजे लक्खा सिधाना स्टेज पर एकाएक प्रगट हो गया इस दौरान उसे रैली स्थल तक लाने के लिए समर्थकों ने शार्टकट रास्ता रखा ताकि वह भीड़ के बीच रहे व दिल्ली पुलिस उस तक पहुंच न कर सके। लक्खा सिधाना ने स्टेज में आते ही वहां उपस्थित लोगो को कहना शुरू कर दिया कि अगर कोई भी पुलिस किसी को गिरफ्तार करने के लिए आती है तो उसका घेराव कर ले व उन्हें वहां से जाने न दे। इस दौरान बड़ी संख्या में युवक उत्साहित होकर शोर मचाने लगे व स्टेज प्रबंधकों की बात सुनने को भी तैयार नहीं हुए। स्टेज प्रबंधकों ने बाद में लक्खा सिधाना से अपील की कि वह युवाओं को शांत करे। इस पर लक्खा सिधाना ने स्टेज पर खड़ा होकर युवाओं से शांत रहने की अपील की जिसके बाद नौजवान शांत हुए। इसके बाद लक्खा सिधाना लगभग 2 घंटों तक स्टेज पर रहा व लोगों को संबोधित किया। संबोधन करने के बाद लक्खा सिधाना जैसे स्टेज पर प्रकट हुआ था ठीक उसी प्रकार वहां से निकल भी गया व पुलिस देखती रह गई। किसी को इसकी जानकारी नहीं मिली कि लक्खा सिधाना कहां गया है। पुलिस अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे रहे।

 

ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਪੰਜਾਬ ਟੈਕਨੀਕਲ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਵਿਖੇ "ਸੈਂਸਰ ਟੈਕਨਾਲੋਜੀ" ਵਿਸ਼ੇ 'ਤੇ 5 ਰੋਜ਼ਾ ਆਨਲਾਈਨ ਅਟਲ ਐਫ.ਡੀ.ਪੀ. ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦਾ ਆਯੋਜਨ


ਬਠਿੰਡਾ.
ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਪੰਜਾਬ ਟੈਕਨੀਕਲ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ (ਐਮ.ਆਰ.ਐਸ.ਪੀ.ਟੀ.ਯੂ.), ਬਠਿੰਡਾ ਦੇ ਰਸਾਇਣ (ਕੈਮਿਸਟਰੀ) ਵਿਭਾਗ ਵਲੋਂ ਆਲ ਇੰਡੀਆ ਕੌਂਸਲ ਆਫ਼ ਟੈਕਨੀਕਲ ਐਜੂਕੇਸ਼ਨ (ਏ.ਆਈ.ਸੀ.ਟੀ.ਈ.) ਵਲੋਂ ਸਪਾਂਸਰ “ਸੈਂਸਰ ਟੈਕਨਾਲੋਜੀ” ਵਿਸ਼ੇ 'ਤੇ 5 ਰੋਜ਼ਾ ਅਟਲ ਆਨ ਲਾਈਨ ਫੈਕਲਟੀ ਡਿਵਲਪਮੈਂਟ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ (ਐੱਫ.ਡੀ.ਪੀ.), ਦਾ ਆਯੋਜਨ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ, ਜਿਸਦੀ  ਅੱਜ ਇਥੇ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਹੋਈ।

ਡਾ. ਰਵਿੰਦਰ ਕੁਮਾਰ ਸੋਨੀ, ਡਾਇਰੈਕਟਰ ਅਟਲ ਅਕੈਡਮੀ ਨੇ ਐਫ.ਡੀ.ਪੀ. ਦਾ ਉਦਘਾਟਨ ਕੀਤਾ। ਉਹਨਾਂ ਨੇ ਰੋਜ਼ਾਨਾ ਜੀਵਨ ਵਿਚ ਸੈਂਸਰਾਂ ਦੀ ਭੂਮਿਕਾ ਬਾਰੇ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਸਮਾਜ ਦੀ ਉੱਨਤੀ ਲਈ ਅਕਾਦਮਿਕ ਵਿਗਿਆਨੀਆਂ ਦੇ ਗਿਆਨ ਨੂੰ ਅਪਗ੍ਰੇਡ ਕਰਨ ਵਿਚ ਐੱਫ.ਡੀ.ਪੀ. ਦੀ ਮਹੱਤਤਾ' ਤੇ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਸਾਂਝੇ ਕੀਤੇ।

ਪੂਰੇ ਭਾਰਤ ਵਰਸ਼ ਦੀਆਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਤੋਂ ਲਗਭਗ 200 ਪ੍ਰਵਾਨਿਤ ਡੈਲੀਗੇਟ ਐੱਫ.ਡੀ.ਪੀ. ਵਿਚ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋਣਗੇ। ਪ੍ਰੋਫੈਸਰ ਮਨੋਜ ਕੁਮਾਰ ਸ਼ਰਮਾ, ਪ੍ਰੋ. ਵੰਦਨਾ ਭੱਲਾ, ਦੋਵੇਂ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ, ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਤੋਂ, ਪ੍ਰੋ. ਪ੍ਰਣਬ ਗੋਸਵਾਮੀ, ਆਈ.ਆਈ.ਟੀ. ਗੁਹਾਟੀ ਅਤੇ ਡਾ. ਧਨੰਜੈ ਬੋਦਾਸ, ਅਗਰਕਰ ਰਿਸਰਚ ਇੰਸਟੀਚਿਊਟ ਮੌਜੂਦਾ ਐਫ.ਡੀ.ਪੀ. ਵਿੱਚ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਬੁਲਾਰੇ ਹੋਣਗੇ।  ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਦੇ ਉਪ-ਕੁਲਪਤੀ, ਪ੍ਰੋ. ਬੂਟਾ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ ਨੇ ਫੈਕਲਟੀ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਅਜਿਹੇ ਸਿਖਲਾਈ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮਾਂ ਲਈ ਗ੍ਰਾਂਟ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕਰਨ ਲਈ ਏ.ਆਈ.ਸੀ.ਟੀ.ਈ.ਦੀ ਸ਼ਲਾਘਾ ਕੀਤੀ।

ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਦੇ ਰਜਿਸਟਰਾਰ, ਡਾ. ਗੁਰਿੰਦਰਪਾਲ ਸਿੰਘ ਬਰਾੜ, ਡੀਨ ਅਕਾਦਮਿਕ ਮਾਮਲੇ ਅਤੇ ਕੈਂਪਸ ਡਾਇਰੈਕਟਰ ਪ੍ਰੋ. (ਡਾ.) ਸਵੀਨਾ ਬਾਂਸਲ ਅਤੇ ਡੀਨ ਰਿਸਰਚ ਐਂਡ ਡਿਵੈਲਪਮੈਂਟ, ਪ੍ਰੋਫੈਸਰ (ਡਾ.) ਜਸਬੀਰ ਸਿੰਘ ਹੁੰਦਲ ਨੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਮਹਿਮਾਨਾਂ ਵਜੋਂ ਸ਼ਿਰਕਤ ਕੀਤੀ।  ਐੱਫ.ਡੀ.ਪੀ. ਦੇ ਕੋਆਰਡੀਨੇਟਰ ਡਾ. ਮੀਨੂੰ ਨੇ ਮੌਜੂਦਾ ਐੱਫ.ਡੀ.ਪੀ. ਪ੍ਰੋਗਰਾਮਾਂ ਬਾਰੇ ਵਿਸਥਾਰ ਵਿਚ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੱਤੀ। ਕੈਮਿਸਟਰੀ ਵਿਭਾਗ ਦੀ ਮੁਖੀ ਡਾ. ਸੀਮਾ ਸ਼ਰਮਾ ਨੇ ਆਏ ਮਹਿਮਾਨਾਂ ਅਤੇ ਭਾਗ ਲੈਣ ਵਾਲਿਆਂ ਦਾ ਸਵਾਗਤ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਵਿਭਾਗ ਦੀਆਂ ਪ੍ਰਾਪਤੀਆਂ ਅਤੇ ਟੀਚਿਆਂ ਬਾਰੇ ਵਿਚਾਰ ਸਾਂਝੇ ਕੀਤੇ।

ऐसे तो न पढ़ेंगी बेटियां, न बढ़ेंगी बेटियां:दो लड़के अक्सर करते थे छेड़खानी, तंग आकर 17 साल की लड़की ने जहर खाकर जान दी


होशियारपुर. 
होशियारपुर में 17 साल की एक लड़की ने जहर खाकर जान दे दी। माता-पिता के मुताबिक उसने बताया था कि स्कूल में जाते वक्त और घर लौटते वक्त दो लड़के उसे रास्ते में घेर लेते हैं। विरोध करती तो धमकियां देते हैं, वह इतनी परेशान है कि अब जीना नहीं चाहती। मामला होशियारपुर जिले के तलवाड़ा इलाके में पड़ते गांव भंबोताड़ भबोत पत्ती का है। उसके पिता ने बताया कि सोमवार शाम जब बेटी स्कूल से घर लौटी तो काफी परेशान थी। कारण पूछने पर कोई जवाब नहीं दिया। सोचा, शायद पेपरों की तैयारी को लेकर परेशान है। उसे समझाया कि पेपरों की तैयारी अच्छे तरीके से करे, इसमें परेशान होने की कोई बात नहीं है।

उल्टी हुई तो जहर खाने का हुआ शक

मंगलवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे उसे अचानक उल्टियां शुरू हो गई। बदबू भी आ रही थी, जिससे अंदाजा लग गया कि उसने जहर खाया है। बेसुध हालत में उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। इसी दौरान लड़खड़ाती जुबान में उसने बताया कि करीब आठ माह से गांव के ही साहिल और रोहित परेशान कर रहे हैं। जब भी वह स्कूल जाती है तो दोनों उसे रास्ते में घेर लेते हैं और फ्रेंडशिप करने का दबाव बनाते हैं। विरोध करने पर धमकियां देते हैं। मैं बहुत परेशान हूं और जीना नहीं चाहती।

दोनों आरोपी फरार

मृतक किशोरी के पिता ने बिलखते हुए बताया कि दो-तीन दिन पहले उसका पीछा करते हुए साहिल को देखा था, लेकिन उन्हें इस बात की कोई भनक नहीं थी। अब सारी बात साफ की कि दो तीन दिन पहले भी साहिल उसे जबरदस्ती बाइक पर राहुल के घर लेकर गया था। बेटी को पहले तलवाड़ा BBMB अस्पताल लेकर गए थे, पर गंभीर हालात देखते हुए डाक्टरों ने रेफर कर दिया। इसके बाद उसे मुकेरियां सिविल अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। दोनों आरोपी फरार हैं। जांच अधिकारी हरमिंदर सिंह ने बताया कि मृतक लड़की के पिता के बयान पर धारा 306 तहत मामला दर्ज कर लिया है और दोषियों की तलाश की जा रही है।

अमेरिका में भारतीय की हत्या :लुधियाना से वर्क परमिट पर USA गए युवक की सैक्रामेंटो में हत्या; मामूली बहस के बाद मारी गई गोली


लुधियाना।
 भारतीय युवक की अमेरिका में हत्या हो गई है। वारदात किसी बात को लेकर हुई बहस के चलते अंजाम दी गई थी। मृतक की पहचान पंजाब के लुधियाना जिले के खन्ना कस्बा के गांव चकोही निवासी गुरप्रीत सिंह (31) पुत्र जसवंत सिंह के रूप में हुई है। परिजन उसका शव वतन लाने की जुगत में लग गए हैं।

गांव चकोही के सरपंच गुरदर्शन सिंह ने बताया कि गुरप्रीत सिंह दो साल पहले वर्क परमिट पर अमेरिका गया था। वहां वह अमेरिका के शहर सैक्रामेंटो में सेवन इलेवन स्टोर में नौकरी करता था। गुरप्रीत की शादी 6 साल पहले ही हुई थी और उसकी एक बच्ची भी है। सोमवार स्टोर में एक युवक सामान खरीदने आया था।

इस दौरान युवक की गुरप्रीत के साथ किसी बात को लेकर बहस हो गई। बहस करते-करते युवक ने पिस्तौल निकाल ली और गुरप्रीत को गोली मार दी। गुरप्रीत को तुरंत अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। बहस होने से पहले गुरप्रीत अपनी पत्नी सुखप्रीत से फोन पर बात कर रहा था। लेकिन, विवाद के कारण उसने फोन भी काट दिया था। उसके बाद गुरप्रीत का फोन नहीं आया। सुखप्रीत ने कई बार फोन किया, लेकिन गुरप्रीत ने फोन उठाया नहीं गया। किसी अनहोनी की आशंका के चलते परिजनों ने किसी अन्य परिचित के जरिए घटना का पता लगा।

बठिंडा में तलवंडी साबो की गुरु काशी यूनिवर्सिटी की तीसरी मंजिल से छात्र ने लगाई छलांग; मैनेजमेंट पर आरोप- छुट्टी मांगी तो सस्पेंड कर दिया


बठिंडा। पंजाब के बठिंडा में तलवंडी साबो की गुरु काशी यूनिवर्सिटी की तीसरी मंजिल से विश्वविद्यालय के ही छात्र ने छलांग लगाकर खुदकुशी करने का प्रयास किया। घटना की खबर मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायल छात्र को तुरंत अस्पताल ले गए। हालांकि उसे मामूली चोटें आई हैं, लेकिन इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। मामला पुलिस तक भी पहुंचा है। बताया जा रहा है कि युवक ने कूदने से पहले एक पत्र लिखा था, जिसमें उसने मैनेजमेंट पर आरोप लगाए हैं।

छात्र ने कूदने से पहले लिखे पत्र में मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
छात्र ने कूदने से पहले लिखे पत्र में मैनेजमेंट पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

छलांग लगाने वाले छात्र की पहचान यूनिवर्सिटी के कृषि विभाग के छात्र मिथुन निवासी केरल के रूप में हुई है। वह अपनी मां के साथ रहता है। उसे किसी कारण से छुटटी चाहिए थी, लेकिन यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने उसे छुटटी नहीं दी। युवक ने आरोप लगाया है कि उसे छुट्टी देने के बजाय एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया।

मिथुन ने कहा कि उसका भविष्य अंधकारमय हो गया है। अगर वह एक साल कॉलेज नहीं आएगा तो पढ़ाई कैसे करेगा और पेपर कैसे देगा‌? मैनेजमेंट ने सस्पेंड करने का कारण भी नहीं दिया है। इससे दुखी होकर उसने खुदकुशी करने का प्रयास किया। मामले में थाना तलवंडी साबो के सब इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह जांच कर रहे हैं। पुलिस मिथुन के बयान दर्ज करने गई थी, लेकिन वह सिटी स्कैन कराने गया हुआ था। पुलिस यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट से भी बात करने का प्रयास कर रही है। अगर यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट युवक के खिलाफ कोई पत्र लिखकर देती है तो उसके खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा।

खबर एक नजर में देखे

लेबल

पुरानी बीमारी से परेशान है तो आज ही शुरू करे सार्थक इलाज

पुरानी बीमारी से परेशान है तो आज ही शुरू करे सार्थक इलाज
हर बीमारी में रामबाण साबित होती है इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा

फ़ॉलोअर

संपर्क करे-

Haridutt Joshi. Punjab Ka Sach NEWSPAPER, News website. Shop NO 1 santpura Road Bathinda/9855285033, 01645012033 Punjab Ka Sach www.punjabkasach.com

देश-विदेश-खेल-सेहत-शिक्षा जगत की खबरे पढ़ने के लिए क्लिक करे।

देश-विदेश-खेल-सेहत-शिक्षा जगत की खबरे पढ़ने के लिए क्लिक करे।
हरिदत्त जोशी, मुख्य संपादक, contect-9855285033

हर गंभीर बीमारी में असरदार-इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा

हर गंभीर बीमारी में असरदार-इलैक्ट्रोहोम्योपैथी दवा
संपर्क करे-

Amazon पर करे भारी डिस्काउंट के साथ खरीदारी

google.com, pub-3340556720442224, DIRECT, f08c47fec0942fa0
google.com, pub-3340556720442224, DIRECT, f08c47fec0942fa0

यह ब्लॉग खोजें

Bathinda Leading NewsPaper

E-Paper Punjab Ka Sach 23 Nov 2024

HOME PAGE