मोहाली । पंजाब के प्रख्यात गायक सरदूल सिकंदर (Sardool Sikander) का मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि एक माह पहले किडनी की दिक्कत के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आपरेशन सफल रहा, लेकिन इस बीच वह कोरोना से संक्रमित हो गए। इसके कारण उनकी मौत हो गई। सरदूल सिकंदर ने बुधवार सुबह अंतिम सांस ली।
सरदूल सिकंदर के निधन का समाचार सुनते ही पंजाब कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई। उनके दोस्त, रिश्तेदार व चाहने वाले अस्पताल पहुंच रहे हैं। सरदूल ने पंजाबी गायकी को एक मुकाम तक पहुंचाया। उन्होंने बहुत छोटे स्तर से गायन शुरू किया और फिर देश विदेश में नाम कमाया। सरदूल सिकंदर भाषा के लोक और पॉप संगीत से जुड़े रहे। 1980 के दशक में सरदूल ने अपनी पहली अलबम “रोडवेज दी लारी” निकाली थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। सरदूल सिकंदर ने कई हिट गाने दिए। इसके अलावा फिल्मों में भी अपने अभिनय का लोहा मनवाया। 15 अगस्त 1961 को जन्मे सरदूल सिकंदर ने पंजाबी फिल्म जग्गा डाकू में शानदार अभिनय से अपनी अभिनय कला का लोहा मनवाया।
सरदूल के पिता स्व. सागर मस्ताना एक प्रसिद्ध तबला वादक थे। उन्होंने एक विशेष प्रकार के तबले का आविष्कार किया था जो एक पतली बांस की छड़ी से बजाया जाता था। सरदूल की शादी अमर नूरी से हुई, जो एक कुशल गायिका और अभिनेत्री भी हैं। उन्होंने अपने पति की तरह ही कई पुरस्कार हासिल किए। जिला फतेहगढ़ साहिब में खेरी नौध सिंह में जन्मे सरदूल सिकंदर का संगीत के पटियाला घराने से संबंधित रहा।
सरदूल ने कई अलबम निकाली। 1991 में रिलीज़ हुई उनकी उनके अलबम ‘हुस्ना दे मल्को’ ने दुनियाभर में धमाल मचाया। इसकी 5.1 मिलियन प्रतियां बेचीं गई। सरदूल के सारंग सिकंदर और अलाप सिकंदर नाम के दो बेटे हैं। सारंग बड़ा बेटा है। वह गायक और संगीत निर्माता है।
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