चंडीगढ़ । नगर निगम में मेयर और नगर काउंसिल में अध्यक्ष बनने की इच्छुक महिलाओं के लिए बुरी खबर है। पंजाब सरकार महिलाओं को मेयर या अध्यक्ष बनाने के लिए रिजर्वेशन देने के हक में नहीं है। रिजर्वेशन को लेकर ब्यूरोक्रेसी और राजनेताओं में खींचतान शुरू हो गई है। ब्यूरोक्रेसी रिजर्वेशन के पक्ष में है तो राजनेता इसके खिलाफ हैं। वहीं, बड़ी संख्या में कांग्रेस के विधायक भी इसके विरोध में है, जिस कारण सरकार महिलाओं को रिजर्वेशन नहीं देना चाहती। जिसका मुख्य कारण 2022 के विधानसभा चुनाव को बताया जा रहा है।
सरकार के सामने यह चुनौती भी है कि अगर मेयर या अध्यक्ष पद के लिए महिलाओं को 50 फीसद रिजर्वेशन देना है तो इसके लिए बिल में संशोधन करना होगा, क्योंकि बिल इस तरह की रिजर्वेशन को लेकर खामोश है। बिल में महिलाओं को चुनाव में 50 फीसद रिजर्वेशन देने की बात कही गई थी, लेकिन अध्यक्ष या मेयर बनाने के लिए रिजर्वेशन का कोई प्राविधान नहीं किया गया है।
पंजाब सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि नगर निगम व नगर काउंसिल में पहली बार महिलाओं को 50 फीसद सीटें मिली हैं। परंतु कुछेक फीसद ही ऐसी महिलाएं हैं जो राजनीतिक रूप से सक्रिय हैंं, जबकि बड़ी संख्या में वह विजेता महिलाएं हैं जिनका न तो कोई राजनीतिक अनुभव है और वह अपने पति या किसी अन्य की सपोर्ट के साथ विजेता बनी हैं। वहीं, राजनीतिक रूप से सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती भी यह है कि वह रिजर्वेशन कैसे करेे। अगर वह किसी काउंसिल को महिला अध्यक्ष के लिए रिजर्व करती है और वहां पर कांग्रेस की मजबूत उम्मीदवार न जीती हो या उसका राजनीतिक अनुभव न हो तो सरकार को दिक्कत आ सकती है।
एक पहलू यह भी है कि विधायकों को 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर चिंता सता रही है। विधायकों ने अपने-अपने स्तर पर कई स्थानीय नेताओं को अध्यक्ष बनाने के वादे किए हुए हैैं। अगर वह रिजर्वेशन के चक्कर में पड़े तो उनके लिए विधानसभा चुनाव में परेशानी खड़ी हो सकती है। हालांकि ब्यूरोक्रेसी अब भी 50 फीसद रिजर्वेशन देने के हक में है, लेकिन राजनीतिक पूर से यह तय माना जा रहा है कि निगम में मेयर व काउंसिल के अध्यक्ष पद के लिए पहले वाली व्यवस्था ही लागू रहेगी।
माना जा रहा है कि पंजाब कांग्रेस भी इसी के हक में है, क्योंकि अगर नए प्रयोग करने में 2022 में नुकसान हुआ तो इसकी भरपाई करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने के मूड में है। सूत्रों का कहना है कि बजट सत्र निकलने के बाद सरकार के पास यह कह सकती है कि रिजर्वेशन के लिए बिल में संशोधन करना पड़ेगा और एक बिल में संशोधन के लिए विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया जा सकता।
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