बठिडा : अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी किसी रैली व सरकारी संस्थाओं की ओर से चलाए जाने वाले कार्यक्रमों में भाग नहीं लेंगे। अगर किसी भी स्कूल में बच्चों से ऐसा कराया जाएगा तो स्कूल मुखी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। शिक्षा विभाग की ओर से सभी स्कूल मुखियों को आदेश जारी किए हैं कि किसी भी बच्चे को रैली में शामिल नहीं होने दिया जाए। यह फैसला परीक्षाओं के मद्देनजर लिया गया है। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने नोटिस में कहा है कि मौसम ठीक नहीं चल रहा है। जिसके कारण विद्यार्थियों की सेहत पर असर पड़ने या चोट लगने का डर बना रहता है। वहीं दूसरी ओर कोविड-19 के कारण काफी समय स्कूल बंद रहने के कारण पहले ही बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हुआ है। किसी भी अधिकारी की प्रवानगी के बिना किसी भी गैर सरकारी संस्था, एजेंसी या कंपनी के प्रोग्रामों में विद्यार्थियों को भेजने से मनाही की गई है।
कोरोना के कारण नहीं हो पाई पढ़ाई
कोरोना
के कारण आठ महीने तक विद्यार्थी पढ़ाई नहीं कर पाए। वहीं परीक्षाएं भी आने वाली
है। इसलिए यह समय विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए शिक्षा विभाग ने
विद्यार्थियों को बस पढ़ाई करवाने के निर्देश जारी किए हैं। दूसरी ओर सरकारी
स्कूलों के अध्यापक सुबह, शाम और
छुट्टी वाले दिन भी विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए अधिक समय लगा रहे हैं। इसी तरह
अगर अब कोई संस्था या एजेंसी आकर स्कूली विद्यार्थियों का समय नष्ट करती है तो स्कूल
मुखियों की योजनाबंदी प्रभावित होती है। विद्यार्थियों का पूरा ध्यान परीक्षा की
तैयारी की तरफ है, ताकि
वार्षिक परीक्षा में अच्छे नंबर प्राप्त कर सकें। मिशन शत प्रतिशत को सफल बनाने के
लिए विद्यार्थियों की पढ़ाई की तरफ ध्यान बहुत जरूरी है। पढ़ाई पर दिया जा रहा जोर
- हमारी तरफ से विद्यार्थियों की सिर्फ पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। हमारी कोशिश है कि विद्यार्थियों को इस समय सिर्फ पढ़ाई पर ही जोर दिया जाए। इसलिए कोई भी विद्यार्थी किसी रैली में शामिल नहीं होगा।
-- इकबाल
सिंह बुंट्टुर, उपजिला
शिक्षा अधिकारी।
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