बठिंडा. कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते ऑक्सीजन की मांग कई गुणा बढ़ गई है। कोरोना की दूसरी लहर से हर तरफ हाहाकार है। संकट की इस घड़ी में भी कुछ लोग, कुछ संस्थाएं बिना किसी हानि-लाभ के लोगों की मदद में जुटी हैं। वही कुछ समाज सेवी व शहर की हस्तियों ने आक्सीजन जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए अपने वाहन बेचने का प्रस्ताव रखा है। इन सज्जनों ने सोशल मीडिया में पोस्ट डालकर कोरोना संक्रमितों की इस संकट की घड़ी में तन, मन व धन से हर तरह की सहायता करने के लिए हाथ बढ़ाएं है। एक-एक सांस के लिए जूझते मरीजों के सगे-संबंधी अस्पतालों के सामने ऑक्सीजन के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। अस्पताल कभी भी ऑक्सीजन खत्म होने की घोषणा कर मरीज को दूसरी जगह ले जाने के लिए कह देते हैं। 'सांसों के इस आपातकाल' में शहर के सामाजिक संगठन अपने स्तर पर मरीजों की सहायता के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं वही जिला प्रशासन ने भी आक्सीजन की किसी आपात स्थित से निपटने के लिए कमर कस ली है।
इसी बीच शहर की नौजवान वैलफेयर सोसायटी ने कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए निशुल्क एबुलेंस सेवा को 24 घंटे तक काम करने के लिए कहा है। वही संस्था कोरोना पीड़ितों के घरों में जहां कही भी भोजन की समस्या आ रही है वहां तीन समय खाना पहुंचा रहे हैं। संस्था की यह सेवा पिछले क साल से लगातार जारी है। संस्था ने किसी भी तरह की सहायता के लिए हैल्प लाइन नंबर भी सोशल मीडिया में जारी किए है। इसमें एमरजेंसी नंबर 98724-60007, 98156-87280, 98887-60007 दिए है। संस्था के प्रधान सोनू महेश्वरी का कहना है कि संकट की इस घड़ी में उनकी संस्था हर जरूरतमंद तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
कोरोना मरीजों को घरों से अस्पताल लेकर जाने की एबुलेंस सेवा निशुल्क दी जा रही है। वही समाज सेवी अवतार सिंह ने आक्सीजन की किल्लत को देखते अपनी महिंदरा कार चार लाख रुपए में सेल करने व इससे मिलने वाली राशि से आक्सीजन की खरीद कर जरूरतमंद मरीजों का उपचार करने को कहा है। समाज सेवी संदीप सिंह ढल्ला ने भी आक्सीजन की किल्लत को देखते इनोवा कार को पांच लाख रुपए में सेल करे व इससे मिलने वाली राशि आक्सीजन व जरूरतमंद कोरोना मरोजों के उपचार में खर्च करने को कहा है।
वही समाज सेवी गुरविंदर शर्मा ने आक्सीजन की किल्लत को देखते अपनी आई-20 कार तीन लाख रुपए में सेल कर मरीजों के उपचार में पैसा लगाने के लिए कहा है। यह पहली बार नहीं है जब बठिंडा की समाज सेवी संस्थाओं ने संकट की घड़ी में आगे होकर काम किया है बल्कि नौजवान वैलफेयर सोसायटी के साथ सहारा जन सेवा जैसी संस्थाओं ने पिछले एक साल से कोरोना से प्रभावित लोगों की सहायता का क्रम जारी रखा है। सहारा जन सेवा के प्रधान विजय गोयल कहते हैं कि करीब एक साल से कोविड के कारण मरने वाले लोगों के संस्कार का काम वह कर रहे हैं। इस दौरान वह किसी से किसी तरह का अनुदान नहीं लेते हैं बल्कि अपने साधनों से कोरोना से मृत लोगों का रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करवा रहे हैं। वही कोरोना को लेकर जागरुकता फैलाने, मास्क बांटने, लंगर लगाने जैसे कार्य भी किए जा रहे हैं। आसरा वैलफेयर सोसोयटी के प्रधान रमेश मेहता कहते हैं कि कोरोना जागरुकता के साथ जरूरतमंदों को सहायता देने व स्कूल, घरों को सेनिटाइज करने जैसे काम उनकी तरफ से किए जा रहे हैं। यह सेवा वह निशुल्क करते हैं।