चंडीगढ़। पंजाब के आठ नगर निगमों में जीत के बाद अब इनके लिए मेयर के चयन को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची शुरू हो गई है। स्थानीय मंत्री और विधायक अपनी पसंद का मेयर बनाने की कोशिश में जुटे हैं। संवैधानिक तौर पर मेयर का चयन हाउस में जुड़ने वाले पार्षदों को करना है लेकिन असल में मुहर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से ही लगनी है। ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सोच-समझ कर ऐसे लोगों को मेयर बनाएंगे जिससे भविष्य में कोई चुनौती ने पैदा करे और सारा कुछ नियंत्रण में रहे।
Thursday, February 18, 2021
पंजाब में अपनी पसंद के मेयर बनाएंगे कैप्टन, ताकि आगे काेई चुनाैती न दे, जानें कौन-कौन हैं दावेदार
चंडीगढ़। पंजाब के आठ नगर निगमों में जीत के बाद अब इनके लिए मेयर के चयन को लेकर कांग्रेस में माथापच्ची शुरू हो गई है। स्थानीय मंत्री और विधायक अपनी पसंद का मेयर बनाने की कोशिश में जुटे हैं। संवैधानिक तौर पर मेयर का चयन हाउस में जुड़ने वाले पार्षदों को करना है लेकिन असल में मुहर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से ही लगनी है। ऐसे में कैप्टन अमरिंदर सोच-समझ कर ऐसे लोगों को मेयर बनाएंगे जिससे भविष्य में कोई चुनौती ने पैदा करे और सारा कुछ नियंत्रण में रहे।
बठिंडा नगर निगम चुनावों में धांधली के आरोप लगा चुनाव फिर से करवाने की मांग, राजनीतिक दलों ने सड़कों पर किया प्रदर्शन
बठिंडा. नगर निगम चुनाव नतीजों में धांधली के आरोप लगा समूह विपक्षी दलों ने सड़कों में उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने सत्ताधारी दल पर चुनावों में धक्केशाही करने व ईवीएम मशीनों से छोड़खानी करने के आरोप लगाए। मामले में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट के साथ पंजाब चुनाव आयोग, राष्ट्रीय चुनाव आयोग को लिखित शिकायत भेजकर मामले में चुनाव रद्द करने की मांग की गई। प्रदर्शन में आप, भाजपा, आजाद व अकाली दल से संबंधित उम्मीदवारों के साथ उनके समर्थक हाजिर रहे। उन्होंने कहा कांग्रेस ने चुनाव प्रचार से लेकर चुनाव संपन्न होने तक लोगों को धमकाने, उन्हें प्रचार करने से रोकने, मतदान वाले दिन जाली वोट डलवाने व बाद में चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए मशीनों के साथ छोड़खानी की। इस बाबत मौके पर उम्मीदवारों ने विरोध जताया लेकिन उनकी एक न सुनी गई व उन पर मामले दर्ज करने की धमकी दी गई। इस संबंध में राजनीतिक दलों ने निष्पक्ष चुनाव फिर से करवाने व पहले घोषित नतीजों को रद्द करने की मांग रखी। नगर निगम चुनावों में कांग्रेस की हुई गुंडागर्दी के बाद मतगणना के दिन बड़ी धांधली सामने आने पर सभी पार्टियों में आजाद उम्मीदवारों द्वारा सांझे रूप से चुनाव कमीशन व कांग्रेस सरकार का पुतला दहन किया गया। 200 से करीब पार्टियों सेे जुुुड़े और आजाद उम्मीदवारों द्वारा इस मतगणना के खिलाफ माननीय उच्च अदालत में पिटीशन भी दायर की गई। सभी ने एक स्वर में कहा कि पहले तो चुनावों के दिन मौजूदा सरकार द्वारा जमकर गुंडागर्दी की गई और फिर मतगणना के समय सरेआम अबजर्वरो द्वारा व मौजूदा सरकार द्वारा लोकतंत्र की हत्या की गई किसी भी उम्मीदवार व काउंटिंग एजेंट को मशीनों की सीले चैक नहीं करवाई गई और मशीन में चुनाव की तारीख के बदले 16 फरवरी क्लोजिंग दिन दिखाया जा रहा था। जिसका एतराज करने पर मौजूदा अफसरों द्वारा कोई कार्रवाई करने की बजाय कैंडिडेट व उनके काउंटिंग एजेंट को वहां से बाहर निकलने के लिए कहा गया। जिसके खिलाफ उन्होंने तुरंत एतराज भी दर्ज कराया लेकिन मौजूदा प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। भाजपा के प्रदेश सचिव सुखपाल सिंह सरां ने कहा के प्रदेश प्रदेश सरकार बेनकाब हो चुकी है और गुंडागर्दी व सरकारी मशीनरी के बल पर निगम में कब्जा जमाने के लिए तैयारी कर रही है जो की सरेआम लोकतंत्र की हत्या है। जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरां ने कहा कि धांधली का इस बात से स्पष्ट होता है कि स्ट्रांग रूम में कोई सीसीटीवी कैमरों से निगरानी नही की गई, और न ही मतगणना की कोई वीडियोग्राफी हुई, जबकि उम्मीदवार बार बार एतराज जता रहे थे। उन्होंने मांग की की सभी मशीनों को केंद्र सरकार कब्जे में लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाएं। सरां ने कहा उन्होंने पहले ही शंका जाहिर की थी कि इस तरह पंजाब पुलिस साफ सुथरे चुनाव नही करवा सकेगी सोो केंद्रीय सुरक्षा बल लगाए जाएं लेकिन कांग्रेस के दबाब में ऐसा नही हुआ। अब इसके खिलाफ माननीय हाईकोर्ट में केस किया जाएगा और इसे लेकर आजाद उम्मीदवारों सहित सभी पार्टियों के कैंडिडेट द्वारा पिटीशन दायर कर चुके हैं और इस पर सख्त नोटिस लिया जाएगा। अकाली दल के राकेश काका ने कहा कि चुनावो के समय जो गुंडागर्दी की गई व नतीजों में जो गड़बड़ की गई वो असहनीय है जिसने समाज को शर्मसार किया है। बठिण्डा सोशल ग्रुप के डॉक्टर तरसेम गर्ग ने कहा कि लोकतंत्र के लिए काला दिन है अगर ऐसे ही चुनाव धांधली करके जीतने थे तो चुनाव की जरूरत ही क्या थी। आजाद उम्मीदवार अलका चावला ने कहा कि उनकी आवाज दबाई गई बार बार शोर मचाने पर भी किसी ने कोई सुनवाई की गई।
Bathinda-कांग्रेस के विकास एजेंडे के सामने अकाली दल रहा कमजोर तो आप व भाजपा नहीं कर सके मुकाबला
-अकाली दल से कई दिग्गज नेता कांग्रेस में गए जिससे कांग्रेस हुई मजबूत वही चुनाव प्रचार में भी मारी बाजी
वहीं आम आदमी पार्टी (आप) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपना खाता तक नहीं खोल पाए। बठिडा के पचास वार्डों में से 1, 7, 8, 13, 19, 20 व 22 में शिअद ने जीत दर्ज कराई है, जबकि बाकी के वार्डों में कांग्रेस ने जीत प्राप्त की है। फिलहाल अकाली दल की हार के लिए जहां कांग्रेस का चुनाव से काफी पहले शुरू हुआ प्रचार जिम्मेवार रहा वही अकाली दल में पिछले चार साल से लगातार हो रहे बिखराव ने भी उन्हें पराजय की तरफ धकेला। अकाली दल के दर्जनों धुरंधर जो पार्टी को खड़ा करने में अहम रहे वह कांग्रेस ज्वाइन कर गए। वही कांग्रेस के पास एक दर्जन से अधिक उम्मीदवार ऐसे थे जो अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में आए थे। इस उथलपुथल ने अकाली दल को कमजोर व कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया। यही नहीं अकाली दल का भाजपा के साथ गठजोड़ टूटना व किसानों के आंदोलन को मजबूती से पकड़ने में नाकामी ने शहर के जाट वोट व अग्रवाल वोट को अपने खेमे में करने में नाकाम रही। हालांकि दलित वोट ने अकाली दल को काफी स्पोर्ट किया। इसके पीछे लाइन पार इलाके में तत्कालीन मेयर बलवंत राय नाथ का प्रभाव माना जा रहा है।
डी.टी.एफ.पंजाब ने 21 फरवरी की बरनाला किसान-मजदूर रैली और पैंशन बहाली के लिए पटियाला रैली का समर्थन
बठिंडा. देश भर चल रहे किसान आंदोलन की हिमायत में संगठनों की एकता को मजबूत करने के लिए किसान-मज़दूर संगठनों की तरफ से बरनाला में 21 फरवरी को महा रैली की जा रही है। डी.टी.एफ के ज़िला बठिंडा के प्रधान रेशम सिंह, कार्यकारी सचिव गुरप्रीत सिंह खेमोआना, उपप्रधान परविन्दर सिंह और सचिव अनिल भट्ट ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से पास किए तीन खेती कानूनों, लेबर कानूनों में संशोधन और नई शिक्षा नीति के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट पंजाब पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। इसमें पंजाब भर के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों की तरफ से 21 फरवरी को बरनाला में होने जा रही बरनाला किसान -मजदूर महा रैली में शामिल होने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि इसी तरह 28 फरवरी को पुरानी पैंशन बहाल करवाने के लिए पटियाला में हो रही प्रदेश स्तरीय रैली में भी डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट शामिल होगा। साल 2004 के बाद भर्ती हुए समूचे मुलाजिमों पर नई पैंशन स्कीम लागू कर सरकार ने मुलाजिमों के भविष्य के साथ खीलवाड़ किया है। पुरानी पैंशन के लिए लड़ना अब ज़रूरत है जिसके लिए डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट नई पैंशन के अधीन आते समूचे मुलाजिमों के संघर्ष में कंधे के साथ कंधा जोड़कर संघर्ष करेगी। प्रदेश स्तर के नेताओं जसविन्दर सिंह, नव चरनप्रीत कौर, ब्लाक प्रधान भुपिन्दर सिंह माईसरखाना, कुलविन्दर सिंह विर्क, भोला राम, राजविन्दर जलाल, अंग्रेज़ सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति रद्द करवाने, अहलूवालिया कमेटी की सभी सिफारश रद्द करवाने, तीनों खेती कानून और दूसरे लोक विरोधी कानून रद्द करवाने, बिजली एक्ट 2020 रद्द करवाने, पुरानी पैंशन बहाल करवाने और वेतन आयोग की रिपोर्ट तुरंत जारी कराने, सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली और सार्वजनिक वितरण प्रणाली बहाल कराने वाले सभी संघर्षों में संगठन की तरफ से हिस्सा लिया जाएगा।
बठिंडा। सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी पंजाब की मीटिंग वीरवार को प्रदेश नेता गगनदीप सिंह की अगुआई में सिविल अस्पताल बठिंडा में हुई। इस मीटिंग में कमेटी की तरफ से अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए किए जा रहे संघर्ष ओर तेज करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। इसके तहत 23 फरवरी चंडीगढ़ में स्थित डायरेक्टर सेहत विभाग के दफ्तर का घेराव करने का फैसला वीरवार को हुई मीटिंग में लिया गया और इस घेराव को सफल बनाने के लिए सेहत कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई गई। कमेटी के नेता गगनदीप सिंह ने बताया कि पूर्व 21 जनवरी से डायरेक्टर दफ्तर चंडीगढ़ में लगातार सेहत कर्मियों की हड़ताल चल रही है। हररोज दफ्तर के बाहर सेहत कर्मियों द्वारा हड़ताल की जा रही है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है, जिसके चलते कमेटी ने संघर्ष ओर तेज करने का मन बनाया है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार भी केंद्र सरकार की तर्ज पर सरकारी विभागों का निजीकरण करने की तैयारी कर रही है। लोगों को रोजगार देने की बजाय उन्हें बेरोजगार करने का योजना बना रही है। लोगों को मिलने वाली सेहत सुविधाएं खत्म करने की तैयारी भी पंजाब सरकार की तरफ से की जा रही है। कमेटी के जसविंदर शर्मा और रंजीत कौर ने बताया कि जब तक सरकार कच्चे कर्मियों को पक्का नहीं करने,नवनियुक्त मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों का प्रवेशन पीरियड 2 साल नहीं करने और कोविड कर्मियों को स्पेशल इंक्रीमेंट नहीं देने के अलावा बठिंडा में शांतिमाई रोष मार्च करने वाले सेहत कर्मियों पर दर्ज किए गए पुलिस केस रद्द नहीं किए जाते, तब तक इसी तरह से संघर्ष जारी रहेगा। कमेटी की भूपिंदर कौर तलवंडी और राजेश कुमार मौड़ ने बताया कि सेहत मुलाजिम संघर्ष कमेटी पंजाब की तरफ से 23 फरवरी को सेहत डायरेक्टर दफ्तर का घेराव किया जाएगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है और बठिंडा जिले से बड़ी संख्या से सेहत कर्मी डायरेक्टर दफ्तर का घेराव करने के लिए शामिल होंगे, इस बाबत सेहत कर्मियों की ड्यूटी भी लगाई लगाई गई है। राजविंदर सिंह, जगदीश सिंह, मनप्रीत सिंह ने बताया मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रहेगा, वही जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता तब तक कोविड वैक्सीन का बायकाट भी जारी रहेगा। इस मौके पर सुरिंदर कौर, अमरजीत कौर, शिवपाल सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, निर्मल सिंह, किरणजीत आदि उपस्थित थे।
शादी समारोह में महिलाओं के साथ नाचने से रोका तो 12 लोगों ने मिलकर सुबह सैर करने जा रहे व्यक्ति से की मारपीट, सोने की चैन छीनकर फरार
बठिंडा. विवाह समारोह में डीजे पर महिलाओं के साथ नाचने से रोकने पर करीब 12 लोगों ने मिलकर एक व्यक्ति को रास्ते में रोककर मारपीट की व उसके गले में डाली सोने की चैन छीनकर फरार हो गए। तलवंडी साबों पुलिस के पास गगनदीप सिंह वासी रामगढ़ भूदड़ गांव ने शिकायत दर्ज करवाई कि कुछ दिन पहले वह एक विवाह समागम में गए थे। वहां गुरप्रीत सिंह, जसबीर सिंह, गग्गी सिंह, अमरिक सिंह, कृष्ण सिंह, हरमन सिंह वासी नसीबपुरा भी आए हुए थे। विवाह में उक्त लोग उनकी घर की महिलाओं के साथ डीजे चलने पर जानबूझकर बीच में आकर नाचने लगे। उन्होंने उन्हें ऐसा करने से रोका तो उक्त लोग देख लेने की धमकी देकर वहां से चले गए। इसके बाद गत दिवस जब वह सुबह के समय नसीबपुरा गांव में सुबह की सैर करने जा रहा था तो उक्त छह लोगों ने अपने छह अन्य साथियों के साथ उसे रास्ते में रोक लिया व गाली गलोच करने लगे। इसके बाद उसके साथ मारपीट करने लगे। यही नहीं जाते समय उक्त हमलावरों ने उसके गले में डाली सोने की चैनी भी छीन ली व जाते हुए जान से मारने की धमकियां दी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
10 महीने पहले वट्सएप पर दी गालियां अब जाकर पुलिस ने दर्ज किया केस
बठिंडा। वट्सएप मैसेज में एक व्यक्ति को जातिसूचक शब्द लिखने व गाली गलोच करने के मामले में कनाल पुलिस थाना ने श्री गंगानगर वासी एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कनाल कालोनी पुलिस के पास जसदीप सिंह वासी सुरखपीर रोड बठिंडा ने शिकायत दी कि करीब 10 माह पहले 6 अप्रैल 2020 को अवतार सिंह वासी गली नंबर एक शिवम कालोनी सद्भावना रोड श्री गंगानगर वासी ने उसे वट्सएप पर एड किया व इसके बाद उसमें जाति सूचक शब्द लिखने लगा जब उसने विरोध किया तो उसने उसके साथ गाली गलोच की। इस मामले में पुलिस के पास पहले ही लिखित शिकायत दे दी गई थी लेकिन मामले में करीब 10 माह तक जांच करने के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया है इसमें अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
बठिंडा नगर निगम चुनाव में आप के आठ, बीजेपी के दो व आजाद चार वार्डो में रहे दूसरे नंबर पर, ज्यादातर वार्डों में मुकाबला अकाली दल व कांग्रेस का ही रहा
बठिडा। नगर निगम चुनाव में ज्यादातर वार्डों में मुकाबला अकाली दल व कांग्रेस का ही रहा। यानि कि दूसरे स्थान पर शिअद या कांग्रेस केउम्मीदवार ही रहे। जबकि आम आदमी पार्टी महज आठ वार्डों में ही दूसरा स्थान प्राप्त कर पाई और भाजपा के उम्मीदवार केवल दो वार्डों में ही फाइट दे पाए। चार 4 वार्डों में जीतने वाले उम्मीदवार का नजदीकी मुकाबला आजाद उम्मीदवारों से हुआ।
Wednesday, February 17, 2021
किसान आंदोलन का 84वां दिन:किसान कल देशभर में 4 घंटे तक रेल रोकेंगे; रेलवे ने अतिरिक्त फोर्स तैनात की, पंजाब-हरियाणा-यूपी पर फोकस
इधर, रेलवे ने भी सुरक्षा के लिहाज से रेलवे प्रोटेक्शन स्पेशल फोर्स की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनाती की हैं। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के डायरेक्टर जनरल अरुण कुमार ने कहा, 'हम चाहते हैं कि किसान यात्रियों के लिए असुविधा पैदा न करें। हम चाहते हैं कि वे 4 घंटे शांति से बीत जाएं। मुख्य फोकस पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर रखा गया है।'
SHO पर हमला करने वाला अरेस्ट
84 दिन से किसान दिल्ली की सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने मंगलवार रात पुलिस अधिकारी पर तलवार से हमला कर दिया था। इसके बाद वह पुलिस अधिकारी की गाड़ी लेकर भाग गया। घायल SHO को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि आरोपी का नाम हरप्रीत सिंह है। उसने रात करीब 8 बजे सिंघु बॉर्डर पर यह वारदात की। पुलिस के जवानों ने PCR वैन से उसका पीछा किया। हरप्रीत ने मुकरबा चौक के पास फुटपाथ पर गाड़ी चढ़ा दी। इसके बाद वह एक व्यक्ति से बाइक छीनकर फरार हो गया। पुलिस ने करीब 8.30 बजे उसे पकड़ लिया।
सूत्रों का कहना है कि आरोपी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है। एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने बताया कि आरोपी पर कानूनी कार्रवाई चल रही है।
26 जनवरी हिंसा मामले में 1 और गिरफ्तारी
26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान कथित तौर पर तलवार घुमाते दिखे मनिंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बुधवार को बताया कि 30 साल का मनिंदर कार मैकेनिक है। उसे मंगलवार शाम करीब 7.45 बजे दिल्ली के पीथमपुरा से पकड़ा गया। उसके घर से 2 तलवारें भी बरामद हुई हैं।
DCP (स्पेशल सेल) प्रमोद सिंह कुशवाह ने बताया कि मनिंदर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह दोनों हाथों से तलवार घुमाकर भीड़ को उकसा रहा था। मनिंदर स्वरूप नगर में अपने घर के पास खाली प्लॉट में तलवार चलाने की ट्रेनिंग देता है। सोशल मीडिया की पोस्ट से उसके कट्टरपंथी होने का खुलासा हुआ है। वह अक्सर सिंघु बॉर्डर पर आता था और वहां के नेताओं के भाषणों से प्रेरित था।
किसान आंदोलन के राजनीतिक नुकसान से भाजपा चिंतित
किसान आंदोलन राजनीतिक रंग लेता जा रहा है, इससे भाजपा की चिंता बढ़ रही है। उसका मानना है कि इसका जल्द हल नहीं निकला तो उसे चुनावो में जाट बहुल इलाकों में बड़ा नुकसान हो सकता है, खासकर पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में पार्टी की स्थिति कमजोर हो सकती है।
इन क्षेत्रों के सांसदों और विधायकों के फीडबैक के आधार पर पार्टी अब अपनी रणनीति बनाने में जुट गई है। शीर्ष नेतृत्व ने इसके लिए इन नेताओं को अपने-अपने क्षेत्र खासतौर पर जाट किसानों से लगातार संपर्क में रहने को कहा है।
जाट वोट बैंक पर पकड़ बनाए रखने के लिए रणनीति बनाई
किसान आंदोलन से राजनीतिक नुकसान की आशंका को देखते हुए दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में मंगलवार को बैठक हुई। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव (संगठन) बीएल संतोष शामिल हुए। इन नेताओं ने विधायकों और स्थानीय नेताओं से आग्रह किया कि वे इन क्षेत्रों में स्थानीय खापों, पंचायतों और सामुदायिक समूहों के साथ संपर्क करें ताकि पार्टी और सरकार की स्थिति को समझाया जा सके।
किसान आंदोलन के जारी रहने और पार्टी के जमीनी कैडर से मिले फीडबैक के बाद पार्टी नेतृत्व को यह बैठक करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटों ने 2014 से ही प्रधानमंत्री मोदी के पक्ष में एकतरफा मतदान किया है। अब विपक्षी पार्टियां खासकर कांग्रेस जाटों को लुभाने का प्रयास कर रही है। प्रियंका गांधी लगातार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान पंचायतों में शामिल हो रही हैं।
पंजाब निकाय चुनाव एनालिसिस:कांग्रेस को सत्ता का लाभ; अकाली दूसरा बड़ा दल बना लेकिन गढ़ बठिंडा खोया; किसान आंदोलन में BJP ने होशियारपुर-पठानकोट गंवाया
- 6 नगर निगमों व 78 नगर काउंसिल पर कांग्रेस को मिला बहुमत, मोगा में भी सबसे बड़ी पार्टी
- 5 नगर काउंसिल पर जीत हासिल करने में कामयाब रहा अकाली दल
- किसानों के विरोध की वजह से होशियारपुर, पठानकोट व बटाला में BJP चंद सीटों पर सिमटी
चंडीगढ़। पंजाब में होने वाले अगले साल विधानसभा चुनाव को सेमीफाइनल माने जा रहे निकाय चुनाव परिणाम बुधवार को आ गए। इसमें कांग्रेस को सत्ता का फायदा मिला। कांग्रेस ने 8 नगर निगमों में से 6 में बहुमत हासिल कर दिया। जबकि 50 वार्ड वाले मोगा 20 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गई। वहीं, मोहाली का परिणाम कल आएगा।
नगर काउंसिल और पंचायतों में भी 78 पर जीत हासिल कर कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर रहा। इस चुनाव की सबसे बड़ी बात यह रही कि भाजपा से गठजोड़ तोड़ने के बाद भी अकाली दल (SAD) 5 नगर परिषद में जीत हासिल करने वाली दूसरी पार्टी बन गई। हालांकि, अकाली दल ने अपना गढ़ बठिंडा खो दिया, जहां पिछले दो साल से लगातार निगम में उनका ही मेयर था। अब 53 साल बाद यहां कांग्रेस मेयर बनेगा। किसान आंदोलन की वजह से पंजाब में विरोध झेल रही भाजपा पठानकोट, होशियारपुर और बटाला जैसे अपने गढ़ खो दिए।
सबसे बड़ा झटका अगले साल पंजाब में सरकार बनाने का दावा ठोकने वाली AAP को लगा है, जिनके दिल्ली मॉडल को पंजाब के लोगों ने इन चुनावों में पूरी तरह से नकारते हुए कहीं भी बहुमत के काबिल नहीं बनाया।
किसान आंदोलन: भाजपा का विरोध लेकिन किसी एक दल को समर्थन नहीं
पंजाब निकाय चुनावों में किसान आंदोलन राजनीतिक असर को लेकर अब चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं। कृषि सुधार कानूनों के विरोध में किसानों ने पूरे पंजाब में BJP का बहिष्कार किया था। इसका बड़ा असर भी दिखा लेकिन भाजपा अपने गढ़ पठानकोट, होशियारपुर व बटाला में कुछ सीटें पाने में जरूर कामयाब रही। कांग्रेस व अकाली दल के साथ AAP ने खुलकर किसानों के संघर्ष का समर्थन किया लेकिन फायदा किसी एक को नहीं मिला। कांग्रेस जरूर ज्यादा सीटें जीती हैं लेकिन इसके लिए उनका पंजाब में सरकार होना अहम कारण माना जा रहा है। अकाली दल ने किसान हित की बात कह केंद्र में मंत्री पद छोड़ने के बाद गठजोड़ तोड़ा व 5 बार CM रहे प्रकाश सिंह बादल ने पद्म विभूषण भी लौटा दिया लेकिन इन चुनावों में उन्हें ज्यादा फायदा नहीं मिला। आप किसानों के साथ दिल्ली के विकास मॉडल को लेकर चुनाव में आई थी लेकिन फिसड्डी साबित हुई।
अकाली दल को मिला वापसी का रास्ता
पंजाब निकाय चुनाव में शिराेमणि अकाली दल को बहुत कामयाबी तो नहीं मिली लेकिन पिछले विस चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने व फिर भाजपा से गठजोड़ टूटने के बाद वो राजनीतिक हाशिए पर जाते नजर आ रहे थे। अब निकाय चुनावों में आम आदमी पार्टी की हार से जहां अकाली दल दूसरे नंबर पर आई है। वहीं, कांग्रेस विधायक हरजोत कमल की पत्नी व कैबिनेट मंत्री चरणजीत चन्नी के भाई के हारने से अकाली दल को राजनीतिक तौर पर इसे भुनाने का मौका मिल गया है।
...लेकिन विस चुनाव से अलग निकाय चुनाव
पंजाब निकाय चुनावों को भले ही अगले विस चुनावों का ट्रेलर या सेमीफाइनल कहा जा रहा हो लेकिन इनका मूल अंतर भी समझना होगा। विस चुनाव जहां पार्टी की छवि व नीति पर लड़े जाते हैं वहीं निकाय चुनाव ज्यादातर उम्मीदवार व मतदाता के आपसी संबंध पर निर्भर हो जाते हैं। इन चुनावों में लोग पार्टीबाजी से ऊपर उठकर मतदान करते हैं। जीत के लिहाज से कांग्रेस जरूर इन्हें भुना रही है लेकिन सच्चाई यह भी है कि इन चुनावों में कई उम्मीदवारों ने पार्टी का चुनाव चिन्ह छोड़ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा।
संगरूर में जीत की खुशी मना रहे थे दो आजाद प्रत्याशी, प्रशासन ने पराजित घोषित किया तो घेरा ईवीएम का ट्रक
लहरागागा (संगरूर)। बुधवार को घोषित हुए नगर कौंसिल चुनाव के परिणाम में पहले पराजित हुए लहरागागा के दो उम्मीदवारों को बाद में विजेता घोषित करने से लोगों में नाराजगी फैल गई। विरोध में समर्थकों ने ईवीएम लेकर जा रहे ट्रक काे घेर लिया। उन्होंने नहर के पुल पर धरना लगाकर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि पुनः मतगणना करके पूरे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी किया जाए।
Punjab Local Body Election: जीत से उत्साहित कांग्रेस ने लांच किया कैप्टन फार 2022, जाखड़ बोले- अमरिंदर ही होंगे चेहरा
चंडीगढ़। Punjab Local Body Election Results: पंजाब के स्थानीय निकाय चुनावों में भारी जीत से कांग्रेस बेहद उत्साहित है। पार्टी को इसके बाद 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी जोश मिला है। इस जीत से उत्साहित पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया। उन्होंने 'कैप्टन फार 2022' (Captain For 2022) अभियान लांच कर दिया। जाखड़ ने साफ कहा कि 2022 में होनेवाले विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।
ਬਠਿੰਡਾ ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਸਮੇਤ 5 ਨਗਰ ਕੌਂਸਲਾਂ ਅਤੇ 6 ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤਾਂ ’ਤੇ ਕਾਂਗਰਸ ਦਾ ਹੋਇਆ ਕਬਜ਼ਾ 224 ’ਚੋਂ 220 ਵਾਰਡਾਂ ਦੇ ਐਲਾਨੇ ਨਤੀਜ਼ੇ ਜ਼ਿਲੇ ਅੰਦਰ ਭਾਜਪਾ ਦਾ ਨਹੀਂ ਖੁੱਲਿਆ ਖ਼ਾਤਾ
ਨਗਰ ਨਿਗਮ, ਨਗਰ ਕੌਸਲਾਂ ਤੇ ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਚੋਣਾਂ ਦੇ ਐਲਾਨੇ ਨਤੀਜੇ-ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ
ਬਠਿੰਡਾ, 17 ਫ਼ਰਵਰੀ : ਸਥਾਨਕ ਚੋਣਾਂ ਦੇ ਐਲਾਨੇ ਗਏ ਨਤੀਜਿਆਂ ’ਚ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਨੇ ਬਠਿੰਡਾ ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ 14 ਨਗਰ ਕੌਂਸਲਾਂ ਤੇ ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤਾਂ ਵਿਚੋਂ 5 ਨਗਰ ਕੌਂਸਲਾਂ ਤੇ 6 ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤਾਂ ’ਤੇ ਭਾਰੀ ਬਹੁਮਤ ਨਾਲ ਕਬਜ਼ਾ ਰਿਹਾ ਹੈ, ਜਦਕਿ 1 ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਲਹਿਰਾ ਮੁਹੱਬਤ ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰਾਂ ਦੇ ਖ਼ਾਤੇ ਰਹੀ ਹੈ। ਇਹ ਜਾਣਕਾਰੀ ਜ਼ਿਲਾ ਚੋਣ ਅਫ਼ਸਰ-ਕਮ-ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਸ਼੍ਰੀ ਬੀ.ਸ੍ਰੀਨਿਵਾਸਨ ਨੇ ਸਾਂਝੀ ਕੀਤੀ।
ਬਠਿੰਡਾ ਨਗਰ ਨਿਗਮ, ਨਗਰ ਕੌਂਸਲਾਂ ਅਤੇ ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤਾਂ ਦੇ ਕੁੱਲ 224 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 220 ਵਾਰਡਾਂ ਦੇ ਐਲਾਨੇ ਗਏ ਨਤੀਜਿਆਂ ਅਨੁਸਾਰ 153 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, 33 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ, 3 ਉਮੀਦਵਾਰ ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ, 1 ਉਮੀਦਵਾਰ ਬਹੁਜਨ ਸਮਾਜ ਪਾਰਟੀ ਅਤੇ 30 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਹੇ ਹਨ।
ਐਲਾਨੇ ਗਏ ਨਤੀਜਿਆਂ ਬਾਰੇ ਵਿਸਥਾਰਪੂਰਵਕ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਜ਼ਿਲਾ ਚੋਣਕਾਰ ਅਫ਼ਸਰ-ਕਮ-ਡਿਪਟੀ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਸ਼੍ਰੀ ਬੀ.ਸ੍ਰੀਨਿਵਾਸਨ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਬਠਿੰਡਾ ਨਗਰ ਨਿਗਮ ਦੇ 50 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 43 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਅਤੇ 7 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਜੇਤੂ ਰਹੇ।
6 ਨਗਰ ਕੌਂਸਲਾਂ ਦੇ ਐਲਾਨੇ ਗਏ ਨਤੀਜਿਆਂ ਅਨੁਸਾਰ ਮੌੜ ਦੇ 17 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 13 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, 1 ਸ਼ੋ੍ਰਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਅਤੇ 3 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ, ਰਾਮਾਂ ਨਗਰ ਕੌਂਸਲ ਦੇ 15 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 11 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, 2 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਅਤੇ 2 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਹੇ। ਇਸੇ ਤਰਾਂ ਗੋਨਿਆਣਾ ਦੇ 13 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚ 7 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਅਤੇ 6 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ, ਕੋਟਫੱਤਾ ਦੇ 11 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚ 9 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਤੇ 2 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਹੇ, ਜਦਕਿ ਸੰਗਤ ਨਗਰ ਕੌਂਸਲ ਦੇ 9 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋ 2 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਅਤੇ 7 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼ੋ੍ਰਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਜੇਤੂ ਰਹੇ ਅਤੇ ਨਗਰ ਕੌਂਸਲ ਭੁੱਚੋਂ ਮੰਡੀ ਦੇ 13 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 10 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, 2 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਅਤੇ 1 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਿਹਾ।
ਇਸੇ ਤਰਾਂ 8 ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤਾਂ ਦੇ ਐਲਾਨੇ ਗਏ ਨਤੀਜਿਆਂ ਅਨੁਸਾਰ ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਕੋਠਾਗੁਰੂ ਦੇ 11 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚ ਸਾਰੇ ਹੀ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਦੇ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਹੇ। ਇਸੇ ਤਰਾਂ ਭਗਤਾ ਭਾਈਕਾ ਦੇ 13 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 9 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, 3 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼ੋ੍ਰਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਅਤੇ 1 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਿਹਾ। ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਮਲੂਕਾ ਦੇ 11 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 9 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ ਅਤੇ 2 ਸ਼ੋ੍ਰਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਹੇ। ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਭਾਈਰੂਪਾ ਦੇ 13 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 8 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, 4 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼ੋ੍ਰਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਅਤੇ 1 ਬਹੁਜਨ ਸਮਾਜ ਪਾਰਟੀ ਦਾ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਿਹਾ।
ਇਸੇ ਤਰਾਂ ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਮਹਿਰਾਜ ਦੇ 13 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 10 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, 1 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਤੇ 2 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਹੇ। ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਕੋਟਸ਼ਮੀਰ ਦੇ 13 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 10 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, 1 ਉਮੀਦਵਾਰ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਅਤੇ 2 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਹੇ। ਇਸੇ ਤਰਾਂ ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਨਥਾਣਾ ਦੇ 11 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 1 ਉਮੀਦਵਾਰ ਕਾਂਗਰਸ ਪਾਰਟੀ, ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਤੇ ਆਮ ਆਦਮੀ ਪਾਰਟੀ ਦੇ 3-3 ਉਮੀਦਵਾਰ ਅਤੇ 4 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਜੇਤੂ ਰਹੇ।
ਇਸੇ ਤਰਾਂ ਨਗਰ ਪੰਚਾਇਤ ਲਹਿਰਾ ਮੁਹੱਬਤ ਦੇ ਕੁੱਲ 11 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚੋਂ 7 ਅਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਬਿਨਾਂ ਮੁਕਾਬਲਾ ਜੇਤੂ ਰਹੇ ਜਦਕਿ 4 ਵਾਰਡਾਂ ’ਚ ਉਮੀਦਵਾਰਾਂ ਦੇ ਕਾਗਜ਼ ਰੱਦ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਅਤੇ ਹੋਰ ਕੋਈ ਉਮੀਦਵਾਰ ਚੋਣ ਮੈਦਾਨ ’ਚ ਨਾ ਹੋਣ ਕਰਕੇ ਖਾਲੀ ਰਹਿ ਗਏ ਹਨ ਜਿੱਥੇ ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਦੀਆਂ ਹਦਾਇਤਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਭਵਿੱਖ ਵਿਚ ਪੋਿਗ ਹੋਵੇਗੀ।
बठिंडा नगर निगम व 14 नगर कौंसिल व पंचायत चुनावों के 224 वार्डों में से 154 पर कांग्रेसी जीते
मात्र 33 वार्डों में जीत हासिल कर अकाली दल रहा दूसरे नंबर पर, आम आदमी पार्टी ने तीन सीट जीतकर नथाना में खोला खाता
कांग्रेस ने बठिंडा में 85 फीसदी सीटें हासिल कर रचा इतिहास, 50 में से 43 सीटों पर हासिल की जीत-मनप्रीत सिंह बादल
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने इतिहासिक जीत दिलवाने के लिए वोटरों का जताया अभार
बठिंडा. नगर निगम बठिंडा के चुनाव परिणाम में कांग्रेस ने बठिंडा नगर निगम में 50 सीटों में से 43 सीटें जीतकर एक शानदार जीत दर्ज की है। बठिंडा से भी कांग्रेस को रोमांचित करने वाली खबर आ रही है, जहां नगर निगम में पार्टी पहली बार अपना मेयर बनाने की स्थिति में पहुंच चुकी है।
इसमें शिरोमणि अकाली दल को सात सीटे मिली है। इन चुनावों में आम आदमी पाप्टी और भाजपा को लोगों को पूरी तरह से नकार दिया। 53 साल में यह पहली बार है कि पूर्व में बठिंडा नगर कौंसिल व वर्तमान में नगर निगम में मेयर कांग्रेस पार्टी का बनने जा रहा है।
वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने इस जीत के लिए जहां लोगों का अभार जताया वही इसे साल 2022 के विधानसभा चुनावों का फतवा भी करार दिया। उन्होंने कहा कि पिछले चार साल में जो विकास कार्य उन्होंने नगर निगम क्षेत्र में करवाएं उसे लेकर ही लोगों ने कांग्रेस को सत्ता की चांबी सौंपी है व अब एक साल बाद होने जा रहे फरवरी 2022 के चुनावों में भी कांग्रेस फिर से सत्ता हासिल करेगी। मनप्रीत सिंह बादल ने जीत के बाद मीडिया से बात करते बताया कि पार्टी ने 85 प्रतिशत सीटें जीती हैं। अकाली दल को केवल सात सीटे मिली और आम आदमी पार्टी (आप) और बीजेपी का खाता तक नहीं खुला है। मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि यह जीत इस बात का भी समर्थन करती है कि लोगों ने खेती कानूनों का पूरी तरह से नकार दिया है। लोग इन तीनों कानूनों को रद्द करवाना चाहते हैं।
यही कारण है कि भाजपा की अधिकतर सीटों में जमानते तक जब्त हुई है। वही अकाली दल की नीतियों को भी लोगों ने सिरे से नकारते संकेत दिया है कि एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस फिर से सत्ता हासिल करने जा रही है। अब उनका ध्यान बठिंडा शहर के रुके हुए कार्यों को पूरा करवाने की तरफ है। बठिंडा को राज्य में सबसे विकसित शहर बनाया जाएगा। यहां शत प्रतिशत पानी, सीवरेज, सड़कों, स्ट्रीट लाइटों की सुविधा देने की तरफ चल रहे काम को गति प्रदान की जाएगी।
निकाय चुनाव में सत्ता पक्ष की आंधी में उड़ा विपक्ष, निगम के साथ काउंसिल पर कांग्रेस का कब्जा
स्थानीय निकाय चुनाव में जिला बठिंडा में वैसा ही हुआ, जैसी संभावना थी। सत्ता पक्ष की आँधी में विपक्ष पूरी तरह उड़ गया। ऐसे परिणामों में विपक्ष का विरोध भी लाजमी था। खासकर बठिंडा नगर निगन में कांग्रेस ने 50 में से 43 सीटें जीत विपक्ष को करारा झटका दिया। शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी सहित अन्य छोटे दलों ने सत्ता पक्ष पर धांधली का आरोप भी लगाया।
पंजाब के निकाय चुनाव नतीजों में कांग्रेस को कृषि कानूनों की पुरजोर मुखालफत का फल मिलता दिखा है. यहां शहरी निकायों में पार्टी शानदार प्रदर्शन करती दिख रही है. वहीं शिअद और आप का प्रदर्शन उनकी उम्मीदों और दावों के मुताबिक नहीं दिख रहा, जबकि बीजेपी को इन कृषि कानूनों का खामियाज़ा होता दिख रहा है.
इन परिणामों की खास बात यह है कि बठिंडा नगर निगम कांग्रेस के खाते में 53 साल बाद आई है। बठिंडा लोकसभा का प्रतिनिधित्व शिरोमणी अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल करती हैं। राज्य में केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ किसानों के विरोध के बाद उन्होंने खुद को सरकार से अलग कर लिया था। बठिंडा शहर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के मनप्रीत सिंह बादल विधायक हैं। वह राज्य के वित्त मंत्री भी हैं। फिलहाल इन चुनावों में अकाली दल को भाजपा से गठजोड़ तोड़ने का भी नुकसान हुआ है। इससे पहले साल 2015 के नगर निगम चुनाव में आकाली दल-भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था व मेयर की कुर्सी पर काबिज हुए थे। शहर में अग्रवाल वोट अधिक है जिसमें भाजपा का जनाधार भी है। फिलहाल भाजपा ने इन चुनावों में बेशक खाता नहीं खोला है लेकिन वह हर वार्ड में वोट खराब करने की स्थिति में जरूर रहे। वही आम आदमी पार्टी नगर निगम चुनावों में पहली बार उतरी थी लेकिन इनके खाते भी कोई सीट नहीं मिली वही सोशल मीडिया ग्रुप व आजाद उम्मीदवारों को भी इन चुनावों में कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। शहर में विकास कार्यों के बलबूते पर चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने 85 प्रतिशत सीटों पर जीत हासिल कर इस बात पर मोहर लगाने का काम किया है। इसमें अकाली दल शुरू से ही कांग्रेस पर हमलावर रही कि वह नींव पत्थरों को विकास बता रही है। अकाली दल के पूर्व विधायक सरुपचंद सिंगला ने तो चुनाव से एक दिन पहले कांग्रेस पार्टी व वित्त मंत्री को सवाल किया था कि वह किस आधार पर लोगों से वोट मांग रहे हैं जबकि उन्होंने शहर में एक भी नया काम नहीं करवाया है। इसमें कांग्रेस ने पलटवार नहीं किया जिससे स्पष्ट हो गया कि वह इन आरोपों को तरजीह नहीं देती है। फिलहाल चुनाव परिणामों ने कांग्रेस की डवल्पमेंट पालटिक्स को समर्थन देते उन्हें भारी बहुमत से जीत दिलवाई है।
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