बठिडा. इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ी तैयार करने वाले स्पोर्ट्स स्कूल के स्टाफ को अब प्राइवेट ए टू जेड कंपनी में शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। इसके विरोध में स्कूल स्टाफ द्वारा विभिन्न संगठनों के नेताओं के सहयोग से गांव में प्रदर्शन किया। इस दौरान स्कूल के स्टाफ को शिफ्ट करने के विरोध में संघर्ष का चेतावनी भी दी गई। पंजाब का दूसरा स्पोर्ट्स स्कूल बठिडा जिले के गांव घुद्दा में स्थित है, जिसको सरकार की तरफ से जारी होने वाली ग्रांट पिछले तीन साल से नहीं मिली। हालात तो यह हैं कि बठिडा का यह स्कूल इस समय 14 करोड़ की एफडी से आने वाले ब्याज के सहारे चल रहा है।
बठिडा के स्पोर्ट्स स्कूल को आर्थिक तंगी से जूझने के कारण इसको स्पोर्ट्स विभाग ने अपने अधीन करने के लिए योजना तैयार की है। इसके लिए जिला स्पोर्ट्स अधिकारी भी स्कूल में विजिट कर चुके हैं। इसके बाद फैसला हुआ कि स्कूल को स्पोर्ट्स विभाग टेकओवर कर लेगा। लेकिन स्कूल का स्टाफ स्पोर्ट्स विभाग के लिए काम करने वाली कंपनी ए टू जेड के अधीन कर दिया जाएगा। इस बात को लेकर अध्यापकों में रोष पाया जा रहा है। जिनका कहना है कि ऐसा करने से कोचेज के वेतन में कटौती कर दी जाएगी। जबकि हालात तो यह हैं कि उनको पिछले छह महीनों से वेतन ही नसीब नहीं हुआ। स्कूल में छठी के बाद विद्यार्थियों को गेम्स की ट्रेनिग के अलावा पढ़ाई भी यहीं करवाई जाती है। स्कूल से एक प्लेयर साउथ अफ्रीका में फुटबाल भी खेलने के लिए जा चुका है। वहीं धरने के दौरान अमनदीप कौर, अमरीक सिंह, गगनदीप सिंह, रतनजोत सिंह, अश्वनी घुद्धा, हरजिदर सिंह, हरजीत सिंह, हरजीत सिंह जीदा ने एलान किया कि 29 जनवरी को फिर से स्कूल के आगे धरना लगाया जाएगा।
स्कूल का एक महीने का खर्च ही 30 लाख रुपये
स्कूल का खर्च 14 करोड़ की एफडी से हर तीन महीने में मिलने वाले 30 लाख रुपये के ब्याज के सहारे चल रहा है। जबकि स्कूल का एक महीने का खर्च ही 30 लाख रुपये है। गत वर्ष तो स्कूल की एक करोड़ की एफडी को तुड़वा कर काम चलाया गया। इसके अलावा स्पोर्ट्स विभाग की ओर से हर साल स्कूल को 66 लाख रुपये दिए जाते हैं। अगर बात करें तो एक साल में स्कूल का खर्च 3.50 करोड़ रुपये है। जबकि ब्याज से 1.20 करोड़ व स्पोर्ट्स विभाग से मिलने वाले 66 लाख रुपये मिलाकर 1.86 करोड़ स्कूल की आमदन के बनते हैं। वहीं ग्रांट न मिलने के कारण गत वर्ष 1 करोड़ की एफडी तुड़वाई गई। इसके अलावा स्कूल में इस समय 55 के करीब टीचिग व नान टीचिग स्टाफ है। इंटरनेशनल लेवल के प्लेयर तैयार करने के लिए 2011 में 100 करोड़ रुपये की लागत से स्कूल का निर्माण किया गया था।
स्पोर्ट्स विभाग ने प्रपोजल मांगी है- डीएसओ
बठिडा के स्पोर्ट्स स्कूल घुद्दा को स्पोर्ट्स विभाग ने टेकओवर करने के लिए फिलहाल सिर्फ प्रपोजल मांगी है। इसके लिए अब विभाग द्वारा काम किया जाएगा, जिसमें स्कूल के खर्च से लेकर आमदन के पूरे ब्यौरे को तैयार किया जाएगा। हमारे द्वारा सिर्फ प्रपोजल तैयार कर भेज दी जाएगी, जिसके बाद आगे का फैसला सरकार पर निर्भर करता है।
परमिदर सिंह, जिला स्पोर्ट्स अधिकारी, बठिडा
तीन साल से नहीं मिला फंड- प्रिसिपल
स्कूल को पिछले तीन साल से फंड नहीं मिला। इस कारण अब स्कूल 14 करोड़ की एफडी से मिलने वाले ब्याज के सहारे ही चल रहा है। अध्यापकों को तो पिछले छह महीनों से वेतन हीं नहीं मिला। जबकि स्कूल में अब कोरोना के कारण विद्यार्थियों के न आने से खर्च काफी कम है। फंड के लिए सरकार से मांग की गई है।
अमरबीर कौर, प्रिसिपल, स्पोर्ट्स स्कूल घुद्दा।
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