बठिडा। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने नगर निगम बठिडा की नई वार्डबंदी को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। हाई कोर्ट की ओर से इसी तरह की राज्य की एक अन्य याचिका को भी खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के न्यायधीश एजी मसीह और अशोक कुमार के बैंच ने यह फैसला सोमवार को सुनाया है। बठिडा से याचिकाकर्ता के वकील केएस डडवाल ने इसकी पुष्टि की।
उन्होंने बताया कि बठिडा से शिअद के प्रधान एवं पूर्व पार्षद राजबिदर सिंह सिद्धू की ओर से याचिका दायर करने के बाद फिर से पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। आठ जनवरी से शुरू हुई बहस 12 जनवरी को ही संपन्न हुई थी और बैंच की तरफ से इस पर फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। आखिर बैंच की तरफ से सोमवार को यह फैसला सुना दिया गया।
नगर निगम चुनाव को लेकर स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से सितंबर 2020 में जारी की गई नई वार्डबंदी के खिलाफ पूर्व पार्षद एवं शिअद के शहरी प्रधान राजबिदर सिंह सिद्धू ने अपने वकील केएस डडवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि विभाग की तरफ से वार्डबंदी सही नहीं की गई। एक-एक मोहल्ले के कई टुकड़े कर दिए गए हैं। ऐसा राज्य सरकार ने अपने राजनीतिक हितों के लिए किया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने निकाय विभाग को एतराज दूर करने के निर्देश दे दिए थे। इस निर्देश के बाद स्थानीय निकाय विभाग ने अदालत में दावा पेश कर दिया था कि उसने जो एतराज आए थे, उन्हें दूर कर दिया है। लेकिन राजबिदर सिद्धू सिद्धू ने अदालत में फिर से रिव्यू पिटीशन दायर कर कहा था कि उनके एतराज दूर नहीं किए गए हैं। इस पर बीती चार जनवरी को हुई सुनवाई पर अदालत ने निकाय विभाग का रिकार्ड तलब कर लिया था। फिर बीती 8 जनवरी को पटीशन पर बहस शुरू हुई। जोकि 12 जनवरी को मुकम्मल हुई। जिसके बाद बैंच ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। याचिका खारिज होने से न केवल शिरोमणि अकाली दल को बल्कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी गहरा झटका लगा है।
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