लुधियाना। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के समर्थन में दिल्ली में धरना दे रहे लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू पर रविवार को दिल्ली स्थित गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में जन संसद के दौरान हुए हमले के बाद पंजाब में सियासत गरमा गई है। बिट्टू को बड़ी मुश्किल से वहां से सुरक्षित निकलना पड़ा था।कांग्रेस ने बिट्टू पर हमले के पीछे आम आदमी पार्टी का हाथ बताया है, जबकि भाजपा व शिअद ने भी घटना की निंदा की है। साथ ही बिट्टू को नसीहत भी दी।
बता दें, बिट्टू अपने तीन वरिष्ठ कांग्रेसी साथियों के साथ गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में पहुंचे थे। जब उन पर हमला हुआ उस समय उनके साथ कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था। भीड़ ने बिट्टू की पगड़ी उतार दी और मारपीट की। बिट्टू ने कहा कि वे किसानों के साथ खड़े हैं और खड़े रहेंगे। हमलावरों का क्या लक्ष्य था, वह नहीं समझ पाए।
आम आदमी पार्टी की साजिश की बू : कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि यह एक निंदनीय घटना है। किसान कभी भी इस तरह की हरकत नहीं कर सकते। भाजपा पहले से ही किसानों के आंदोलन को बदनाम करना चाहती थी। घटना में आम आदमी पार्टी की साजिश की बू आ रही है।
लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं: भाजपा
भाजपा के प्रदेश महामंत्री सुभाष शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई जगह नहीं है। रवनीत बिट्टू जनता की ओर से चुने हुए सांसद हैंं। भाजपा उनके साथ हुए दुर्व्यवहार की निंदा करती है। वहीं यह उम्मीद भी करती है कि किसी भी तरह की हिंसा का समर्थन करने के क्या परिणाम हो सकते हैं, बिट्टू शायद इस बात को समझेंगे।
घटना निंदनीय, ड्रामेबाजी न करते बिट्टू : शिअद
शिअद के प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि किसान संगठन नहीं चाहते कि उनके आंदोलन में कोई राजनीति पार्टी हस्तक्षेप करे तो बिट्टू को इस तरह की ड्रामेबाजी नहीं करनी चाहिए थी। ये निंदनीय घटना है। इसे टाला भी जा सकता था। किसान आंदोलन में सभी पार्टियों के किसान कार्यकर्ता शामिल हैं, लेकिन कोई यह नहीं चाहता कि उनके आंदोलन को राजनीतिक रंगत दी जाए। ऐसे में बिट्टू को भी ये समझना चाहिए था।
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